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मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना

परिचय

मध्यप्रदेश के किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के लिये राज्य शासन के द्वारा पायलट पर खरीफ - 2017 के लिए अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में किसान द्वारा विक्रय किये जाने पर शासन द्वारा विहित प्रक्रिया अपनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि को मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना अंतर्गत किसान के बैंक खाते में जमा किया जाएगा ।

योजना का संक्षिप्त नाम, विस्तार, परिधि और लागू होना

1)योजना खरीफ – 2017 से लागू की जाएगी। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान द्वारा 11 सितम्बर, 2017 से 11 अक्टूबर 2017 तक पंजीयन मुख्यमंत्री भावान्तर योजना के पोर्टल पर कराया जा सकेगा ।

2)योजना का लाभ केवल मध्यप्रदेश के किसान को उसके द्वारा उत्पादित कृषि उपज पर प्रदेश की अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में विक्रय राज्य शासन के द्वारा घोषित की गई अवधि में किये जाने पर खरीफ- 2017 की चयनित फसलों के लियेजिले की उत्पादकता की निश्चित सीमा तक विक्रय की गई फसल पर दिया जाएगा ।

3)मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत लाभ करने हेतु किसान द्वारा लगभग 3500 प्राथमिक कृषि सहकारी सहकारी समितियाँ (जो कि गेहूं तथा धान के ई- उपार्जन का पंजीयन करती हैं) में 11 सितम्बर, 2017 से 11 अक्टूबर, 2017 तक मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना हेतु तैयार किए गए पोर्टल पर पंजीयन किया जाना अनिवार्य होगा। धान/ज्वार/बाजरा तथा गेहूँ ई- उपार्जन के समस्त ई- उपार्जन केन्द्रों को मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के लिए एक्टिवेट किया गया है ।

इसके उपरांत भी मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के लिए नवीन पंजीयन केन्द्र की आवश्यकता होगी तो जिला कलेक्टर ई-उपार्जन के अतिरिक्त केन्द्र की मांग के फारमेंट/प्रपत्र के साथ केन्द्र खोलने के लिए आयुक्त खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को विधिवत प्रस्ताव भेजे सकेंगे ।

मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना लागू की गयी फसल

4)मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना निम्न फसलों पर लागू होगी –

क्र.स.

फसल

मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के लिए मण्डियो में विक्रय की अवधि

मंडियों की मॉडल (wholesale) विक्रय दर गणना हेतु म.प्र. के अलावा नियत दो अन्य राज्य

तिलहन फसलें

1

सोयाबीन

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

महाराष्ट्र, राजस्थान

2

मूंगफली

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

गुजरात, राजस्थान

3

तिल

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

उड़ीसा,छतीसगढ़

4

रामतिल

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

पश्चिम बंगाल,राजस्थान

खाद्यान्न फसल

5

मक्का

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

कर्नाटक, महाराष्ट्र

दलहनी फसलें

6

मूंग

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

राजस्थान, महाराष्ट्र

7

उरद

16 अक्तूबर से 15 दिसम्बर तक

राजस्थान, उत्तरप्रदेश

8

तुअर

1 फरवरी से 30 अप्रैल तक

महाराष्ट्र, गुजरात


उक्त समस्त फसलों का पंजीयन 11 सितम्बर, 2017 से 11 अक्तूबर, 2017 तक किसान द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर निःशुल्क कराया जा सकेगा। प्रत्येक किसान को पोर्टल पर पंजीयन उपरांत पंजीयन क्रमांक उपलब्ध कराया जाएगा तथा एस.एम.एस. के माध्यम से पंजीयन किसान को मोबाइल पर भी पंजीयन क्रमांक की सूचना प्रदान की जाएगी ।

मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के लिए मंडियों की मॉडल विक्रय दर की गणना

5) मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के लिए मंडियों की मॉडल विक्रय दर की गणना कण्डिका- 4 में वर्णित फसलों के लिए उल्लेखित अवधि समाप्ति उपरांत करने की निम्न प्रक्रिया नियत की जाती है -

  • मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडियों में संदर्भित कृषि जिन्स का संदर्भित अवधि का भारत के AGMARKNET पोर्टल के आधार पर मॉडल (wholesale) विक्रय दर।
  • राज्य शासन के द्वारा चिन्हित दो अन्य उपरोक्त नियत राज्यों का संदर्भित कृषि जिन्स का भारत सरकार के पोर्टल AGMARKNET के आधार पर मॉडल विक्रय दर ।
  • उपरोक्तानुसार मध्यप्रदेश एवं अन्य दो उपरोक्त अंकित राज्यों के संदर्भित कृषि जिन्स की प्राप्त मॉडल (wholesale) विक्रय दरों का औसत निकाला जाएगा। मॉडल विक्रय दर गणना में प्रत्येक राज्य को एक तिहाई वेटेज दिया जाएगा ।इसे किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म.प्र. शासन की वेबसाइट पर तथा मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर कण्डिका(4.1) की अवधि समाप्ति पर अपलोड कर प्रदर्शित किया जाएगा ।
  • दैनिक आवक एवं भाव की जानकारी भारत शासन के वेबपोर्टल  एगमार्कनेट पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी ।

    योजना हेतु अर्हताएं

    • मध्यप्रदेश के मूल निवासी होने के साथ ही किसान का पंजीयन मुख्यमंत्री भावान्तर योजना के पोर्टल पर दर्ज होना अनिवार्य है। जिन कृषकों का नाम एवं जानकारी उक्त पोर्टल पर  उपरांकित अवधि में दर्ज नहीं होगी, उन्हें योजना में लाभ प्राप्त नहीं होगी। पोर्टल पर पंजीयन के समय किसान के द्वारा स्वयं का आधार कार्ड क्रमांक/समग्र क्रमांक, बैंक खाता क्रमांक तथा मोबाइल नम्बर दर्ज कराया जाना अनिवार्य होगा ।
    • कृषि उत्पाद प्रदेश में ही उत्पादित होना चाहिए।
    • योजना का लाभ अधिसूचित मण्डी परिसर में कंडिका (4.1) में अंकित अवधि में ही विक्रय पर देय होगा ।
    • योजना का लाभ जिले में विगत वर्षोँ की फसल कटाई प्रयोगों पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन की सीमा तक ही देय होगा। जिलावार फसलवार औसत उत्पादकता परिशिष्ट - एक पर संलग्न है ।

    7) मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर कृषक द्वारा 11 सितम्बर से 11 अक्टूबर, 2017 तक दर्ज कराई गई 8 फसलों की जानकारी तथा ई- उपार्जन में धान, ज्वार,बाजरा की एकजाई जानकारी (कुल 11 फसल की) कृषकवार राजस्व विभाग को प्राप्त हो सकेगी। इनमे से कितनी भूमि पर कौन-सी (उपरोक्त 11 में से )बोई गई है कलेक्टर द्वारा राजस्व अमले से भौतिक सत्यापन कराया जाएगा । मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना की 8 फसलों के संबंध में 30 अक्टूबर, 2017 तक मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर सत्यापन में पात्र पाए जाने की पुष्टि राजस्व विभाग द्वारा दर्ज की जाएगी।

    8) राज्य शासन के द्वारा योजना का लाभ प्रदान करने हेतु प्रदेश की अधिसूचित कृषि उपज मंडी समितियों के प्रांगण में 8 चयनित फसलों का विक्रय उपरांकित अवधि में किए जाने पर ही योजना में लाभ देय होगा।

    9) निर्धारित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में मंडी समिति के द्वारा उप विधियों के प्रावधान के अनुसार विधिवत विक्रय संपन्न कराया जाएगा -

    • कृषक को 11 सितम्बर,2017 से 11 अक्टूबर, 2017 तक की अवधि में मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराने पर प्राप्त पंजीयन क्रमांक कृषि उपज मंडी समिति में समय उपलब्ध कराया अनिवार्य होगा।
    • कृषि उपज मंडी समिति के नामांकित कर्मचारी/अधिकारी के द्वारा नीलामी/विक्रय उपरान्त जारी किये जाने वाले अनुबंध पर्ची,तौल पर्ची एवं भुगतान पत्रक में किसान का पंजीयन क्रमांक, नाम, पता, विक्रय की गई मात्रा एवं विक्रय दर आदि का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा ।
    • मंडी सचिव द्वारा प्रत्येक दिवस कृषि उपज मंडी प्रांगण में सम्पन्न नीलामी का कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत कृषि जिन्स- वार विक्रय की दैनिक आवक एवं भाव की जानकारी केंद्र शासन के AGMARKNET PORTAL पर सांय 6 बजे तक अपलोड की जाएगीं ।
    • कृषि उपज मंडी समिति के द्वारा दैनिक जानकारी का संग्रहन कर किसान के पंजीयन क्रमांकवार मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर उपलब्ध कॉलम में अनुबंध पर्ची,तौल पर्ची एवं भुगतान पत्रक की संबंधित जानकारी किसान के पंजीयन क्रमांक अनुसार मंडी फ़ीस जमा कर दिए जाने तथा किसान को लायसेंसी व्यापारी द्वारा भुगतान कर दिए जाने के उपरांत उक्तानुसार मात्रा आदि का इंद्राज किया जाएगा। मूल अभिलेखों पर किसान का पोर्टल पर दर्ज पंजीयन क्रमांक दर्ज कर मंडी समिति में सुरक्षित रखा जाएगा । सौदा पत्रक के माध्मय से विक्रय की गई कृषि उपज योजना में मान्य नहीं होगी ।

    योजनान्तर्गत देय राशि की गणना

    10) मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना की अवधि समाप्ति होने पर आगे अंकित प्रक्रिया अपनाकर किसान के बैंक खाते में अंतरित किए जाने का कार्य संबंधित संस्था म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ/म.प्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा भुगतान किया जाएगा। योजना हेतु जिलावार एजेंसी परिशिष्ट-दो अनुसार नियत रहेंगी ।

    योजनान्तर्गत देय राशि की गणना निम्नानुसार की जाएगी –

    • यदि किसान द्वारा मंडी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा ।
    • यदि किसान द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम, किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के उस खाते में ही अंतरित की जाएगी, जो किसान द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन के समय इंद्राज किया गया ।
    • यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मंडियों की विक्रय दर से कम हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि उस बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी, जो किसान द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल के समय इन्द्रज किया गया । परन्तु यदि उपरोक्त में से किसी फसल उत्पाद के मॉडल विक्रय दर का औसत (तीन राज्यों का) यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर रहे तो उक्त फसल उत्पाद के लिए मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जाएगी ।
    • उक्तानुसार अंतर की राशि किसान द्वारा मण्डी के परिसर में विक्रय मात्रा जो बोए गए रकबे पर जिले की औसत उत्पादकता के आधार पर होने वाले उत्पादन की सीमा तक की मात्रा की सीमा तक, पर देय होगा। जिले की औसत उत्पादकता प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्ड के आधार आयुक्त, भू-अभिलेख के मार्गदर्शन में फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर गणना कर ।

    जिलावार, फसलवार औसत उत्पादकता परिशिष्ट-एक पर उल्लेखित है ।

    • मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर इंद्राज जानकारी राजस्व विभाग के अमले द्वारा त्रुटिपूर्ण पाई जाने पर उक्त भुगतान कलेक्टर द्वारा जांच उपरान्त मान्य किए जाने तक देय नहीं होंगे ।
    • भावान्तर की राशि किसान द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल 11 सितम्बर से 11 अक्टूबर,2017 को पंजीयन के समय इन्द्रज  किए गए बैंक खाते में ही जमा कराई जाएगी ।

    11) किसान Distress sale नहीं करें तथा उचित समय पर फसले बेचने को प्रोत्साहित करने के लिए योजनान्तर्गत लायसेंसी गोदाम में कृषि उपज रखने के लिए, जिन  किसानों ने मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर पंजीयन कराया है, जिसको गोदाम भंडारण अनुदान प्रदान किया जाएगी ।

    • प्रत्येक अधिसूचित फसल पर कण्डिका-4 में अंकित मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना की अवधि के उपरांत सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का,मूंग तथा उरद के लिए 1 जनवरी 2018 से 30 अप्रैल, 2018 तक चार माह के लिए तथा अरहर (तुअर) के लिए 1 मई से 30 अगस्त,2018 तक चार माह के लिए किसान द्वारा लायसन्सी गोदान में अपने कृषि उत्पाद रखे जाने पर, रूपये 7 प्रति क्विंटल प्रतिमाह अथवा जो वास्तविक भुगतान किया गया है, दोनों में से भी कर हो, उसकी दर से ऐसे किसानों के इस बैंक खाते में गोदान भंडारण अनुदान की राशि जमा कराई जाएगी, जो मुख्यमंत्री भावान्तर योजना के पोर्टल पर पंजीयन के समय किसान द्वारा दर्ज कराया गया ।
    • उक्त राशि तब ही देय होगी जब उक्त अधिसूचित फसल विक्रय के समय भुगतान पत्रक में उल्लेखित विक्रय दर्रे न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम रहती है । ऐसी स्थिति में लाभान्वित किसान को मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना में न्यूनतम समर्थन मूल्य से विक्रय दरों के अंतर की राशि का भुगतान देय नहीं होगी, अपितू केवल गोदाम भंडारण के अनुदान की देय होगी । किसान द्वारा भण्डारित कृषि उत्पाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय किए जाने पर भावान्तर अथवा गोदाम भंडारण अनुदान में से कोई भी राशि देय नहीं होगी।
    • भंडारण के चार माह उपरांत अथवा भंडारण के चार माह के मध्य में किसान द्वारा भंडारित कृषि उत्पाद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम बेचे जाने पर मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना अंतर्गत गोदाम भंडारण अनुदान के अलावा अन्य कोई राशि देय नहीं होगी ।
    • पंजीकृत किसान जो इस प्रावधान का लाभ लेना चाहते है,वे WHR की प्रति संलग्न कर जिलावार (परिशिष्ट-दो अनुसार) नियत एजेन्सी के जिला कार्यालय में कण्डिका(4.1) में इंगित अवधि में ही आवेदन किया जाना होगा। आवेदन में किसान को मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन क्रमांक अंकित किया जाना अनिवार्य होगा ।
    • जिला कलेक्टर द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन लिमिटेड अथवा इस बावत गठित समिति या अन्य शासकीय/ अर्ध्दशासकीय एजेंसी के माध्यम से उक्त प्रदान जानकारी का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। चार माह के भंडारण की अवधि की समाप्ति उपरांत कृषक से बिक्री का प्रमाण प्राप्त किया जाकर विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक नहीं जाने स्थिति में उपरोक्त दर पर भुगतान उसके बैंक खाते में किया जाएगा ।

    12) मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना के नियमों/ प्रक्रियानुसार किसान के खाते मेंनियत एजेंसी(परिशिष्ट-दो के अनुसार) द्वारा डी. बी. टी.(DBT) के माध्यम से जमा कराई जाएगी तथा नियत एजेंसी का यह दायित्व होगी कि वह किसान को भुगतान को गई राशि की जानकारी किसान के मोबलाइ नम्बर पर एस.एम.एस.के माध्यम से आवश्यक रूप से प्रदान करें ।यह भावान्तर राशि किसान के उस ही बैंक खाते में जमा की जाएगी जो किसान द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर योजना के पोर्टल पर पंजीयन के समय दर्ज कराया गया ।

    13) राशि के वितरण उपरांत भुगतान की पूर्ण जानकारी नियत एजेंसी (परिशिष्ट-दो)द्वारा संधारित की जाएगी तथा इसका प्रत्येक वर्ष आवश्यक रूप से ऑडित कराया जाएगा ।

    14) राज्य शासन द्वारा ख्याति प्राप्त शासकीय/अर्धशासकीय संस्था का चयन कर उसके माध्यम से योजना का कॉन्करेन्ट इवैल्यूएशन कराया जाएगा ।

    15) राज्य स्तर से योजना की जानकारी कृषकों को प्रदान किये जाने हेतु राज्य एवं जिला स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार तथा जनजागरूकता अभियान आयोजित किए जाएगे ।

    16) योजना के क्रियान्वयन हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में गठित कृषि कैबिनेट के द्वारा समस्त नीतिगत निर्णय लिए जाएगे तथा योजना की सतत समीक्षा की जाएगी ।

    17) योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किया जाएगा -

    1. मुख्य सचिव                                           –अध्यक्ष
    2. कृषि उत्पादन आयुक्त                                   -उपाध्यक्ष
    3. अतिरिक्त मुख्य,वित्त विभाग                              –सदस्य
    4. प्रमुख सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विभाग              –सदस्य
    5. प्रमुख सचिव, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग         –सदस्य
    6. प्रमुख सचिव, खाद्य, उपभोक्ता संरक्षण एवं

    नागरिक आपूर्ति विभाग                                  –सदस्य

    1. प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग                              –सदस्य
    2. प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग                           –सदस्य
    3. कुलपति, जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर       –सदस्य
    4. कुलपति, राजमाता विजयाराजे सिंधिया

    कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर                            –सदस्य

    1. संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी                     –सदस्य
    2. प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश स्टेट सिविल

    सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड                            –सदस्य

    1. प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी

    विपणन संघ,भोपाल                                   –सदस्य

    1. प्रबंध संचालक, म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक

    कार्पोरेशन, भोपाल                                    –सदस्य

    1. एस.आई.ओ. (राष्टीय सुचना केंद्र –NIC)                  –सदस्य
    2. संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास              -सदस्य
    3. प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड             –सदस्य सचिव

     

    राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति के द्वारा योजना के प्रदेश में क्रियान्वयन, प्रगति तथा दैनिक क्रियान्वयन में आने वाले गतिरोधों की समीक्षा की जाएगी तथा योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए आवश्यक निर्णय लिए जाएगे। नीतिगत विषयों पर लिए जाने हेतु समिति के द्वारा अनुशासित एजेण्डा को कृषि कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा ।

    18)   जिला स्तर पर निम्नानुसार जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाता है :-

    1. जिला कलेक्टर                                   –अध्यक्ष
    2. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत             –सदस्य
    3. उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास         –सदस्य
    4. उपयुक्त, सहकारिता                               –सदस्य
    5. उप/सहायक संचालक, उद्यानिकी                     –सदस्य
    6. लीड बैंक अधिकारी                                –सदस्य
    7. प्रभारी वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र                   –सदस्य
    8. जिला मुख्यालय पर स्थित कृषि उपज मंडी

    समिति का सचिव                                –सदस्य

    1. जिला सूचना अधिकारी (D.I.C.-NIC)                -सदस्य
    2. जिला खाद्य अधिकारी                          –सदस्य सचिव

    जिले के समस्त माननीय विधायक जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक में विशेष आमंत्रित होंगे। माननीय प्रभारी मंत्री जी अनुमोदित चार किसान भी इस समिति की बैठकों में विशेष आमंत्रित होंगे। समिति के द्वारा जिले में योजना का सुचारू संचालन, प्रगति, किसानों को भुगतान, योजना से संबंधित विवाद एवं इनका निराकरण, राज्य शासन को योजना के क्रियान्वयन हेतु अनुशंसाएं भेजने इत्यादि के कार्य किए जाएगे। समय- समय पर जमा राज्य शासन द्वारा दिए गए निर्देश के अनुक्रम में जिला स्तरीय द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी ।

    योजना की विस्तार से जानकारी व परिशिष्टों के लिए नीचे दी गयी स्रोत लिंक में देखें

     

    स्रोत: किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मध्य प्रदेश

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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