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कृषि बीमा

क्या करें?

  • फसल बीमा अपनाकर अपने आप को अनजाने जोखिमों,अनिश्चताओं, प्राकृतिक आपदाओं, कीट-व्याधि प्रकोप, प्रतिकूल मौसम आदि से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करें।
  • अपने क्षेत्र में लागू उचित फसल बीमा योजना का लाभ उठायें। इस समय राज्य में दो बीमा योजना-संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एम.एन.ए.आई.एस) तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यू.बी.सी.आई.एस.) क्रियान्वित की जा रही हैं।
  • यदि आप अधिसूचित फसलों के लिए फसल ऋण ले रहे हैं तो आप के लिए एम.एन.ए.आई.एस. डब्ल्यू.बी.सी.आई.एस. के अन्तर्गत फसल बीमा कवरेज़ अनिवार्य है। ऋण नहीं लेने वाले किसानों के लिए यह कवरेज़ स्वैच्छिक है। फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए अपने निकटतम बैंक शाखा/ बीमा कम्पनी से संपर्क कर सकते हैं।

क्या पायें?

क्र.सं.

योजना

सहायता का प्रकार

1

संशोधित राष्ट्रीयकृषि बीमा योजना

(एम.एन..आई ।एस)

    • अधिसूचित खाद्य फसलें, तिलहन एवं वार्षिक बागवानी/ वाणिज्यिक फसलों के लिए बीमा सुरक्षा।
    • अधिसूचित फसलों के लिए बीमांकिक प्रीमियम दर वसूल की जाती है।
    • प्रीमियम के स्तर के आधार पर सभी प्रकार के किसानों को प्रीमियम में 40 से 75 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। (2 प्रतिशत तक-शून्य, >2 से 5 प्रतिशत-40 प्रतिशत-कम से कम 2 प्रतिशत न्यूनतम प्रीमियम की शर्त के साथ, >5 से 10 प्रतिशत-50 प्रतिशत-कम से कम 3 प्रतिशत न्यूनतम प्रीमियम की शर्त के साथ, >10 से 15 प्रतिशत-60 प्रतिशत-कम से कम 5 प्रतिशत न्यूनतम प्रीमियम की शर्त के साथ, >15 प्रतिशत-75 प्रतिशत कम से कम 6 प्रतिशत न्यूनतम प्रीमियम की शर्त के साथ)
    • यदि प्रतिकूल मौसम/ जलवायु के कारण बुआई नहीं हो पाती है तो बुआई में रूकावट/ रोपाई जोखिम के लिए बीमितराशि का 25 प्रतिशत तक का दावा/ क्षतिपूर्ति भुगतान किया जाता है।
    • यदि अधिसूचित फसल की उपज गांरटी उपज से कम होती है तो सभी बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति का भुगतान उपज में हुई कमी के आधार किया जाता है।
    • तथापि संभावित दावे का 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के रूप में तत्काल राहत के लिए किया जायेगा।

2

मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यू.बी.सी.आई. .एस.)

    • अधिसूचित खाद्य फसलें, तिलहन एवं बागवानी/ वाणिज्यिक फसलों के लिए बीमा सुरक्षा उपलब्ध।
    • अधिसूचित फसलों के लिए बीमांकिक प्रीमियम दर,खरीफ फसलों के लिये अधिकतम 10 प्रतिशत और रबी फसलोंके लिये 8 प्रतिशत एवं उद्यानिकी फसलों के लिये 12 प्रतिशत तक प्रीमियम वसूल की जाती है।
    • सभी प्रकार के किसानों को प्रीमियम दर में 25 से 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। (वास्तविक प्रीमियम के भुगतान को एन..आई.एस. के समतुल्य रखने के लिए)
    • यदि मौसम सूचकांक (वर्षा/ तापमान/ आपेक्षिक आर्द्रता/ हवा की गति आदि) में अधिसूचित फसल के गारन्टीशुदा मौसम सूचकांक से परिवर्तन (कमी या वृद्धि) होता है, तो अधिसूचित क्षेत्र के सभी बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति भुगतान अन्तर अथवा कमी के समतुल्य किया जाता है।

किससे सम्पर्क कर?

निकटतम बैंक शाखा, जनरल इन्शोरेन्स कम्पनी, सहकारी समिति, कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी, सहायक निदेशक कृषि अथवा जिले के कृषि/ उद्यान विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करें।

स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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