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बागवानी

अधिक आप के लिए फलों, सब्जियों एंव फूलों की काश्त

क्या करें ?

  • बागवानी फसलें अपनायें और कम क्षेत्र से ज्यादा उत्परदन पायें।
  • स्वस्थ फसल के लिए उच्च गुणवत्ता की पौध लगायें।
  • शीत भंडारण अपनाकर फल सब्जियां लम्बे समय तक ताजा रखें।
  • सही कटाई विधि, सफाई, ग्रेडिंग, प्रसंस्करण व पैकेजिंग अपनाकर अधिकतम लाभ उठायें।
  • पॉलीहाउस, शेडनेट, लो-टनल द्वारा बिना मौसम की सब्जियां भी पैदा करें।

क्या पायें ?

कृषि विभाग, भारत सरकार व हरियाणा सरकार द्वारा संचालित विभिन्न बागवानी योजनाएं निम्न प्रकार से हैं-

क्र.सं.

सहायता के प्रकार

उपदान

अधिकतम प्रति इकाई मूल्य (हेक्टेयर)

1

नये बागों की स्थापना

आम अमरूद तथा आंवला (उच्च घनत्व की रोपाई) रोपण सामग्री व समेकित नाश प्रबंधन के लिए सामग्री की लागत का 50 प्रतिशत या प्रति हैक्टेयर 40000 का अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान 60:20:20 की तीन किस्तों में दिया जाता है। बशर्तें कि दूसरे वर्ष 75 प्रतिशत पौधे व तीसरे वर्ष 90 प्रतिशत जीवित बचें।

राष्ट्रीयबागवानीमिशन भारत सरकारकेन्द्र सरकार व राज्य सरकार का 85 प्रतिशत व 15प्रतिशतयोगदान स्कीम

 

 

आम अमरूद तथा आंवला (सामान्य घनत्व की रोपाई) रोपण सामग्री व समेकित नाश प्रबंधन के लिए सामग्री की लागत का 75 प्रतिशत या प्रति हैक्टेयर 30000 का अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान 60:20:20 की तीन किस्तों में दिया जाता है। बशर्तें कि दूसरे वर्ष 75 प्रतिशत पौधे व तीसरे वर्ष 90 प्रतिशत जीवित बचें। नींबू वर्गीय व चीकू रोपण सामग्री व समेकित नाश प्रबंधन के लिए सामग्री की लागत का 75 प्रतिशत या प्रति हैक्टेयर २६५०० का अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान 60:20:20की तीन किस्तों में दिया जाता है। बशर्तें कि दूसरे वर्ष 75 प्रतिशत पौधे व तीसरे वर्ष 90 प्रतिशत जीवित बचें।

 

 

 

 

 

 

 

-सम-

 

 

बेर रोपण सामग्री व समेकित नाश प्रबंधन के लिए सामग्री की लागत का 75 प्रतिशत या प्रति हैक्टेयर 13500 का अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान 60:20:20 की तीन किस्तों में दिया जाता है।बशर्तें कि दूसरे वर्ष 75 प्रतिशत पौधे व तीसरे वर्ष 90 प्रतिशत जीवित बचें।

 

 

-सम-

2 (i )

खुम्बी की खेती खुम्ब बीज उत्पादन इकाई का बुनियादी ढांचे पर कर्ज

कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान। यह राशि 7.50 लाख।

-सम-

(i i )

कम्पोस्ट खाद इकाई

कुल लागत का 50 प्रतिशत व राशि 10.00 लाख रूपये।

-सम-

 

पुष्प उत्पादन कार्तित फूल (२ हैक्टेयर के लिए)

छोटे व सीमांत किसानों के लिए लागत का 50 प्रतिशत व अन्य किसानों का 33 प्रतिशत अनुदान जो क्रमश: अधिक से अधिक 35000 व 23100 प्रति हैक्टेयर दिया जाता है।

-सम-

 

बल्बदार फूल

छोटे व सीमांत किसानों के लिए लागत का 50 प्रतिशत व अन्य किसानों का 33 प्रतिशत अनुदान जो क्रमश: अधिक से अधिक 45000 व 29700 प्रति हैक्टेयर दिया जाता है।

-सम-

 

भिन्न-2 फूल (लूज फ्लावर)

छोटे व सीमांत किसानों के लिए लागत का 50 प्रतिशत व अन्य किसानों का 33 प्रतिशत अनुदान जो क्रमश: अधिक से अधिक12000 व 7920 प्रति हैक्टेयर दिया जाता है।

-सम-

4

बीज, मसाले व प्रकंदप्रजातियां (4 हैक्टेयर के लिए) लहसुन, अदरक और हल्दी आदि

रोपण सामग्री समेकित नाशजीवी प्रबंधन तथा पोषक तत्व प्रबंधन लागत का 50 प्रतिशत जो अधिक से अधिक 12500 रूपये प्रति हैक्टेयर है की सहायता दी जाती है।

-सम-

5

जल संसाधन का सृजन प्लास्टिक एवं आर.सीसी की परत के उपयोग वाले सामुदायिक तालाब या खेत

10 हैक्टेयर के कमान क्षेत्र के लिए लागत का 100 प्रतिशत या अधिक से अधिक 15 लाख रूपये। तालाब का आकार 100मीटर×100 मीटर×3मीटर या इससे कम हो सकता है। गैरचिनाई वाले तालाबों व जलाशय की लागत का 33 प्रतिशत या इससे कम अनुदान दिया जाता है।

-सम-

6

व्यक्तिगत जल संचयन प्रणाली

छोटे आकार के तालाबों एवं खोदे गये कुओं की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान। जिसमें परत बिछाने की लागत भी शामिल है। अधिकतम राशि 60000 रूपये।

-सम-

7

संरक्षित खेती

फेन- पेक के साथ-2 हाईटैक पॉली ग्रीन हाउस के निर्माण के लिए लागत का 65 प्रतिशत जो अधिकतम राशि 952.25 रूपये प्रति वर्ग मीटर अनुदान दिया जाता है। जी.आई पाईपों से निर्मित प्राकृतिक हवादार व बांस से निर्मित पॉली ग्रीन हाउस पर 65 व प्रतिशत अनुदान जो कि अधिकतम 607.75, 334.75 व 243.75 रूपये प्रति वर्ग मीटर बनती है। 4000वर्ग मीटर/प्रति लाभार्थी तक सीमित है।

-सम-

8

केंचुआ खाद इकाई

30×8×2.5 इकाई संरचना के लिए लागत का 50 प्रतिशत 30000अधिक से अधिक प्रति यूनिट अनुदान दिया जाता है।12×4×2इकाई के लिए लागत का 50 प्रतिशत व अधिक से अधिक 5000 रूपये प्रति युनिट अनुदान दिया जाता है।

-सम-

09

मधु मक्खी पालन

मधु मक्खी पालक को कम से कम 2000 मक्खी कॉलनियां प्रति वर्ष उत्पन्न करने के लिए लागत का 50 प्रतिशत अधिक से अधिक 300000 लाख रूपये अनुदान दिया जाता है।

 

10

बागवानी फसलों के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई

ड्रिप व सूक्ष्म स्प्रिंकलर लगाने के लिये कुल लागत का 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

 

11

अनुसूचित जाति के किसान परिवारों के लिये समेकित बागवानी विकास

अनुसूचित जाति के किसान परिवारों को सब्जियों की मिनी किट फूलों की मिनी किट प्लास्टिक के क्रेटस खरीदने, खुम्बी की ट्रे खरीदने, कंद फसलों, जिमीकंद और खुम्ब के लिए छायागृहों के निर्माण हेतु 75-100 प्रतिशत की सहायता प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति के परिवारों को बागवानी से संबंधित नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।

 

किस से संपर्क करें

बागवानी विकास अधिकारी/ जिला बागवानी अधिकारी /बागवानी निदेशक

स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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