অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

मांस प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी

मांस प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी

मांस प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के लिए सुझाव

  1. मांस मुख्यत: भेड़, बकरी, सुअर तथा कुक्कुट आदि (मुर्गी, बत्तख, बटेर) से प्राप्त किया जाता है।
  2. सजीव भार के आधार पर भेड़, बकरियों से 40-45%, सूकर और कुक्कुटा आदि से 65-70% प्रसाधित मांस प्राप्त होता है।
  3. अच्छी किस्म का मांस प्राप्त करने के लिए पशुओं को वध करने से पहले लगभग 12-२४ घंटा तक भूखा रखकर प्रर्याप्त मात्रा में पीने का पानी देना और आराम कराना आवश्यक है।
  4. पशुओं का वध वैज्ञानिक आधार पर निर्मित कसाई खाने अथवा पशु वध गृह में करना चाहिए। वध गृह में पक्का फर्श, गंदे पानी की निकासी केलिए नाली, जंगली पशु-पक्षी से बचाव, शुद्ध वायु के आवागमन के लिए उचित प्रबंध होना चाहिए। यंत्रों और पशु वध गृह की सफाई के लिए गर्म पानी (82 0 सें. ताप से अधिक) होना चाहिए।
  5. वध करने से पहले पशु-चिकित्सक द्वारा पशु का निरीक्षण और काटने के बाद शव परीक्षण करना आवश्यक है। वध करने के बाद पशु के शव से ज्यादा से ज्यादा खून निकालना चाहिए।
  6. वैज्ञानिक विधि में वध करने से पहले पशु को बेहोश करना जरूरी है। ऐसा करने से पशु की शव से ज्यादा खून निकलता है।
  7. मांस उच्च कोटि के प्रोटीन का उत्तम स्त्रोत है। इसमें सभी तरह के आवश्यक अमिनों अम्ल जरूरी मात्रा में पाए जाते है। मांस विभिन्न प्रकार के खनिज (मिनरल) एवं विटामिन विशेषकर फ़ॉस्फोरस,लोहा, ताम्बा एवं बी-विटामिनों का अच्छा स्त्रोत है। मांस के छिछड़ों (यकृत, ह्रदय) में विटामिन ए, विटामिन बी एवं लोहा अधिक मात्रा में पाया जाता है।
  8. मांस का परिरक्षण, प्रशीतन, हिमीकरण, संसाधन, धूमन, निर्जलीकरण, गर्मी द्वारा प्रसंस्करण (खौलाना), डिब्बाबन्दी, परीक्षक एवं योगज मिलाकर तथा किरण जैसी विधियों से किया जाता है।
  9. मांस का प्रशीतन 0 0 से 4 0 सें. तापमान और 88-92% आपेक्षित आर्द्रता पर करना चाहिए।
  10. मांस के हिमांक (-1.5 0 से – 2.2 0 सें. तापमान) से निम्न ताप पर संचयन को हिमीकरण संचयन कहते है। लंबी अवधि के संचयन के लिए – 18 0 सें. उपयुक्त तापमान हैं। इस तापक्रम पर मटन को छ: महीने, पोर्क और कुक्कुट मांस को चार महीने तक संरक्षित किया जा सकता है।
  11. सूकर मांस के विभिन्न भागों (हैम, बेकन) का प्रसंस्करण संसाधन और धूमन द्वारा किया जाता है। संसाधन के लिए लवण (नमक) सोडियम नाइट्रेट, शर्करा, फोस्फेत को मांस में मिश्रित कर के 2-4 0 सें. तापक्रम पर रखा जाता है।
  12. बेकन के प्रसंस्करण के लिए धूमन-गृह का तापमान 60-65 सें. तथा आपेक्षित आर्द्रता 30-40 प्रतिशत होनी चाहिए। धूमन करते समय बेकन का तापमान 55 0 सें. पहुंचना जरूरी है।
  13. मांस की डिब्बाबंदी के लिए मांस को छोटे टुकड़ों में काटकर डिब्बों में बंद करते हैं तथा 100 सें. एवं उससे भी अधिक ताप कर प्रोसेसिंग करते है।
  14. भारतीय मांस उत्पादों में कबाब, तन्दूरी चिकन, चिकन टिक्का, कोफ्ता, मीट, समोसा, मीट का आचार प्रमुख है।
  15. वध किए हुए पशुओं से मांस के अलावा खाद्य एवं अखाद्य उपजात भी मिलते हैं। खाद्य उपजातों में वसा (चर्बी), आहार नलियाँ, रक्त एवं खाद्य छिछड़ी (यकृत, हृदय, जीभ) प्रमुख है। अखाद्य उपजातों में खाल तथा चर्म, अस्थियाँ अखाद्य रक्त एवं वसा, सींग और खुर प्रमुख हैं।

स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखंड सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate