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सुगंधित व औषधीय पौधे की खेती से बदल रही जिंदगी

परिचय

सीवान के बड़हरिया के किसान पारंपरिक खेती के घाटे का सौदा साबित होने की स्थिति में नकदी फसल की ओर तेजी से बढ़ रहे है। इस कड़ी में व्यवसायी तौर पर खेती करनेवाले किसानों का रुझान सुगंधित व औषधीय पौधों की खेती की ओर हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जैसे ही औषधीय पौधे तैयार होते हैं, बड़ी-बड़ी दवा कंपनियां खेत से ही खरीद ले रही है। इतना ही नहीं इन पौधों की खेती के लिए मजदूरों की जरूरत भी कम पड़ रही है।

कौशल्या कंपनी ग्रुप का मिला साथ

साथ ही इन फसलों को जंगली जानवर भी बरबाद नहीं कर पाते हैं। सब्जी की खेती कर आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रहे किसानों ने भी सब्जी की खेती छोड़ कर अपना रुख औषधीय पौधों की खेती की ओर किया है। सुगंधित व औषधीय पौधों की खेती करने को प्रोत्साहित कर रही कौशल्या कंपनी ग्रुप के प्रबंध निदेशक सह नव प्रवर्तन परिषद के सदस्य ने सुगंधित पौधों में तुलसी की खेती के लिए जगह चिह्न्ति कर वहां की मिट्टी की जांच करायी है। उनका कहना है कि तुलसी की करीब 60 प्रजातियां होती हैं, लेकिन जो प्रमुख प्रजाति है उसकी खेती के लिए प्रखंड के राछोपाली, विशुनपुरा, रामपुर आदि गांवों को चिह्न्ति किया गया है, जहां कुछ ही दिनों बाद खेती शुरू करने की योजना है। बहरहाल, प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में औषधीय पौधों की व्यापक पैमाने पर खेती हो रही है।

एक हेक्टेयर में आर्टमिशिया की खेती

प्रखंड के चंदन छपरा गांव के लाल बाबू साह ने एक हेक्टेयर में आर्टमिशिया की खेती की है व अगली बार और बड़े पैमाने पर खेती करने की योजना है। वहीं रामपुर के प्रगतिशील किसान सत्येंद्र साहनी दो हेक्टेयर, चौकी हसन के सत्येंद्र कुमार सिन्हा तीन हेक्टेयर, रामपुर गांव के राजेश पाल एक हेक्टेयर व बैजनाथ साह ने एक हेक्टेयर में आर्टमिशिया की खेती की थी, जो बिक चुकी है। वहीं परंपरागत खेती छोड़ कर औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती करने में जुटे किसान सत्येंद्र साह का कहना है कि पारंपरिक खेती घाटे का सौदा साबित हो चुकी है। भारी लागत के बावजूद कृषि उत्पादन पर्याप्त नहीं होने से प्रखंड के कुछ किसानों ने औषधीय व सुगंधित खेती करने की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की खेती में बार-बार व्यापारी को तलाशने की जरूरत नहीं होती है। बहरहाल प्रखंड के दर्जनों किसान पारंपरिक खेती की जगह औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने व मजबूत करने में जुट गये हैं।

 

स्त्रोत : संदीप कुमार,स्वतंत्र पत्रकार,पटना बिहार ।

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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