इस भाग में अश्वगंधा, सतावर एवं सर्पगंधा के औषधीय गुण, आर्थिक महत्व एवं खेती की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में आँवला की सफल खेती की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में औषधीय एवं सुगंधित पौधों का कृषि हेतु वर्गीकरण का क्या है महत्व की जानकारी दी गयी है।
इस भाग में औषधीय पौधों की खेती में जैव उर्वरक का महत्व की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में औषधीय पौधों की जैविक खेती की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में जैविक उत्पादन का महत्व एवं विपणन व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में जड़ी-बूटी पौधों के रोग एवं उनका जैविक निदान की विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस पृष्ठ में झारखण्ड राज्य में किस प्रकार नींबू घास की खेती की जा सकती है, इसकी जानकारी दी गयी है।
इस भाग में पपीता से पपेन कैसे बनायें इसकी जानकारी दी गयी है।
इस पृष्ठ में मानव एवं पशु-पक्षी के पारम्परिक इलाज में औषधीय पौधों के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में सफेद मूसली की खेती से अधिक मुनाफा कैसे कमाएँ इसकी विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में सुगन्धित पौधे – ‘लेमन ग्रास’ एवं सेन्ट्रोनेला का उत्पादन एवं प्रसंस्करण के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी है।
इस भाग में स्टीविया के बारे में जानकारी दी गयी है।
इस भाग में हल्दी एवं अदरख के औषधीय गुण एवं खेती की विस्तृत जानकारी दी गयी है।