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गुन्दली

गुन्दली की उन्नत किस्में

उन्नत प्रभेद

तैयार होने का समय (दिन)

औसत उत्पादन (क्विं. हें.)

अन्य गुण

बिरसा गुन्दली-1

60

7-8

रोग-रहित

कृषि कार्य

(क) जमीन की तैयारी: दो-तीन बार खेत की अच्छी तरह जुताई करके पाटा चला दें। गोबर की सड़ी खाद 5 गाड़ी प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह मिला दें। गुन्दली ऊँची टांड जमीन की फसल है, इसलिए खेत में पानी नहीं रहना चाहिए।

(ख) बुआई का समय: गुन्दली की बुआई अंतिम मई से जून के तीसरे सप्ताह तक कर देनी चाहिए। कतार से कतार की दूरी 20 सें.मी. होनी चाहिए।

(ग) बीज दर: 8 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।

(घ) उर्वरक का प्रयोग: 60:20:10 किग्रा. एन.पी.के./हें. ।

उर्वरक

बोने के समय

रोपनी के समय

यूरिया

48 कि./हें.

66 कि./हें.

डी.ए.पी.

44 कि./हे.

-

म्यूरेट ऑफ़ पोटाश

17 कि./हें.

-

 

(ङ) निकाई-गुड़ाई: एक या दो बार निकाई-गुड़ाई की आवश्यकता है। पहली निकाई-गुड़ाई के 3-4 दिन बाद 30 कि./हें. की दर से यूरिया खड़ी फसल में डाल दें।

(च) कटनी तथा दौनी: फसल पक जाने पर फसल को जड़ से काटा जाता है। दो-तीन दिन धूप में सूखाकर बालों की दौनी कर दाना अलग किया जाता है। इसके बाद अनाज को ठीक से हवा में उड़ाकर दाना अलग कर लिया जाता है।

स्त्रोत एवं सामग्रीदाता: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार

 

 

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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