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धान में क्षेत्रवार मान्यकृत समेकित नाशीजीव प्रबंधन प्रौद्योगिकियां

दूधली, देहरादून

  • हरी खाद के लिए ढैंचा रोपण
  • कार्बोंदाज़िम से बीज उपचार
  • पौधे की जड़ को सुडोमोनास (5 मिलीलीटर प्रति पानी) से उपचारित करें
  • 2-3 पौधे प्रति हिल रोपण करें
  • उर्वरक एवं जिंक सल्फेट का उचित मात्रा में प्रयोग करें
  • पौधे की जड़ को सुडोमोनास (5 मिलीलीटर प्रति पानी) से उपचारित करें
  • पीला तना बेधक के लिए फेरोम़ोन ट्रेप स्थापित करें
  • आवश्यकता के अनुसार ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम छोड़ें
  • प्रध्वंस के लिए ट्रीसैक्लोजोल छिडकें
  • हाथ से खरपतवार प्रबंधन करें
  • नियमित रूप से कीटों, रोगों व मित्र कीटों की निगरानी करें

सबोली

  • डेंचा का हरी खाद के रूप में प्रयोग करें
  • कार्बोंदाज़िम से बीज उपचार
  • पौधे की जड़ को सुडोमोनास  (5 मिलीलीटर प्रति पानी) से उपचारित करें
  • 2 पौधे प्रति पहाड़ी रोपण करें
  • उर्वरक एवं जिंक सल्फेट का उचित मात्र में प्रयोग करें
  • पीला तना बेधक के लिए फेरोम़ोन ट्रेप स्थापित करें (5 प्रति हेक्टेयर)
  • मकड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए घासपात के बण्डल स्थापित करें (20 प्रति हेक्टेअर)
  • पीला तना बेधक और पत्ती मोङक के लिए परजीवी ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम छोड़ें
  • प्रध्वंस के लिए ट्रीसैक्लोजोल छिडकें
  • भूरा फुदका के लिए बुप्रोफेजिम व थयोमेथ्क्साम का छिडकाव करें
  • फसल की नियमित रूप से निगरानी करें

लुधियाना

  • अनुमोदित किस्म को बोयें
  • रोग रहित सवस्थ्य बीज का प्रयोग करें
  • कार्बोंदेज़िम व स्त्रेप्तोसिएक्लिन से बीज उपचारित करें
  • पौध को कार्बोंदाज़िम के घोल से उपचारित करें
  • उर्वरकों की अनुमोदित मात्रा का प्रयोग करें
  • संक्रमित पौधों को उखाड़ दें
  • पीला तना बेधक की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रेप स्थापित करें
  • ट्राईको कार्ड रिलीज़ करना
  • कीटनाशकों और फफूंदीनाशकों का आवश्यकता अनुसार प्रयोग

फैजाबाद

  • मेंढों की छंटाई, ग्रीष्मकालीन जुताई व पौधों के अवशेषों को नष्ट करें
  • जुताई से पहले बीज उपचारित करें
  • कार्बनडेजिम व स्त्रेप्तोसेक्लिन से बीज उपचारित करें
  • अच्छी तरह से पोखर किये खेत में संस्तुतित दूरी पर समय से रोपाई करें (15 जुलाई से पहले)
  • बोने से पहले पौध की टिप की कट्टिंग करें
  • खेतों, मेंढों व सिंचाई के आसपास के स्थानों से खरपतवार को नष्ट करें
  • जिंक व अन्य उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करें व जल का उचित प्रबंधन करें
  • फसल की साप्ताहिक अन्तराल पर निगरानी करें
  • तना बेधक के लिए फेरोम़ोन ट्रेप  स्थापित करें व ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम रिलीज़ करें
  • गुन्धी बग के लिए कीटनाशकों का प्रयोग करें

छाजपुर खुर्द, पानीपत, हरियाणा

  • गेहूं के पश्चात डेंचा बोयें
  • कार्बनडेजिम फफुन्दिनाशक से बीज सोधित करें
  • एक हिल पर 2 से 3 पौधों की रोपाई करें
  • उचित मात्र में खाद डालें (नाईट्रोजन : 80% , फास्फोरस 50%, पोटाश 30%)
  • तना बेधक कीटों की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रेप स्थापित करें
  • ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम परजीवी को खेतों में दो बार छोड़ें
  • प्रध्वंस रोग के लिए ट्राईसाईंक्लोजोल, जीवाणू अंगमारी के लिए स्त्रेप्तोसाईंक्लीन व पर्णछद विगलन के लिए कार्बनडेजिम घोल का प्रयोग करें

सरूरपुर जिला, बागपत, उत्तरप्रदेश

  • कार्बनडेजिम फफुन्द्नाशी से 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीज शोधित करें
  • कीट पतंगों व उनसे होने वाले रोगों पर निगरानी रखें
  • तनाबेधक व पत्ती लपेटक कीटों के लिए परजीवी कीट ट्राईकोग्रामा जापोनिकम 1 से 5 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से खेतों में छोड़ें
  • आर्थिक हानि के अधिक होने पर ही रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें

तिलवाडी, देहरादून, उत्तराखंड

  • ढेंचा को हरी खाद के रूप में प्रयोग करें
  • ट्राईकोडरमा से बीज उपचार करें
  • एक हिल पर 2 से 3 पौधों की ही रोपाई करें
  • उचित मात्रा में खाद डालें
  • नाईट्रोजन 60% फास्फोरस 50%, पोटाश 40% और जिंक सल्फेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल करें
  • तना बेधक की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रेप स्थापित करें
  • जीवाणू जनित अंगमारी के लिए स्टरेपटोसाईंक्लीन का प्रयोग करें
  • हाथ से खरपतवार हटायें
  • नियमित रूप से कीटों, उनसे होने वाले रोगों एवं कीटों की निगरानी करें

कैथल

  • स्वच्छ उन्नत एवं सुरक्षित गोबर खाद से खेत तैयार करें
  • सेस्बेनिया/ मूंग/ उड़द से पल्वारें
  • रॉक फास्फेट का प्रयोग करें
  • तना बेधक कीट की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रेप स्थापित करें
  • मकड़ा व अन्य मित्र कीटों के संरक्षण के लिए ट्राईकोग्रामा जेपोनिकम परजीवी छोड़ें
  • फसल को ऊपर से काटें

स्त्रोत: राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र, नई दिल्ली

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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