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मत्स्य शीतगृह की मॉडल योजना

मत्स्य शीतगृह की मॉडल योजना

भूमिका

विश्व में मछली उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है और यह विश्व मछली उत्पादन में लगभग 6% योगदान करता है| भारत का वर्तमान मछली उत्पादन में लगभग 9.3 मिलियन टन है जिसके 2015 तक 12 मिलियन टन से अधिक होने की सम्भावना है|

भारत का सीफूड उद्योग दुनिया के सभी बड़े बाजारों को गुणवत्तापूर्ण सीफूड की आपूर्ति करने में आपूर्ति  करने में अग्रणी हो गया है| भारत में विश्व स्तरीय सीफूड प्रसंस्करण संयंत्र हैं जोकि कठोर अन्तर्राष्ट्रीय विनियामक आवश्यकताओं के गुणवत्ता नियंत्रण रिजीम का अनुपालन करते हैं, वर्ष 2013-14 में निर्यात से आमदनी सबसे अधिक होकर यूएस$ 5 बिलियन (लगभग रु०30,213  करोड़) तक पहुंच गई| वन्नामेई श्रिम्प, ब्लैक टाइगगर श्रिम्प कैटल फिश,  लॉब्सटर, क्लैम्स, फिश फ्लेट्स और सिक्वड प्रमुख निर्यात उत्पाद हैं

सम्पूर्ण विश्व में भारतीय सीफूड उत्पादों की मांग बढ़ने के साथ ही भारत में सीफूड व्यवसाय के गणित में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं, आज भारतीय सीफूड उद्योग में संसाधनों और मुलभुत सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है, 447 स्टेट ऑफ़ आर्ट प्रसंस्करण संयंत्रों, जिनमें से 60% यूरोपियन यूनियन अनुमोदित हैं के साथ देश में 18,520 मिलियन टन की स्थापित प्रसंस्करण क्षमता है, लगभग सभी संयंत्रों ने एचएसीसीपी को लागू किया है और सर्वोच्च गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए विश्व के सबसे अच्छी गुणवत्ता प्रणाली अपनाई है|

समुद्री मछली प्रसंस्करण क्षेत्र, शीतगृहों और निजी क्षेत्र के लिए समुद्री मछली के निर्यात में निवेश की अत्यधिक सम्भावनाएं हैं क्योंकि इस क्षेत्र में अत्यधिक निर्यात संभाव्यता के साथ दोहन हेतु शेष समुद्री संसाधनों की विराट संभावनाएं हैं

मत्स्य शीतगृह की मॉडल योजना

मछली को एक बार फ्रोजेन करने के बाद दीर्घ शेल्फ लाइफ और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसका भंडारण लगातार-230 से (-100 फे)  अथवा इससे कम तापमान पर करना होगा है ताजी मछली का एक बड़ा भाग पानी है चूँकि मछली में निहित पानी में बहुत से घुले हुए अवयव होते हैं इसलिए शुद्ध पानी के जमने के स्तर पर यह एकसमान रूप से नहीं जमते हैं इसके विपरीत, मछली में उन्मुक्त पानी लगभग –20 से 280 फे)  से शुरू होकर तापमान की एक बड़ी श्रृंखला में जमता है उन्मुक्त पानी की मात्रा कम होती जाती है जब तक कि उत्पाद लगभग -400 से के तापमान पर नहीं पहुँच जाता है, मछली को इस तापमान पर रखने और इस तरह डिब्बा बंद करने जिससे वाष्पीकरण से पानी की हानि न हो पाए तो मछली को असमिति अवधि तक भंडार में रखा जा सकता है, दुर्भाग्यवश बिजली की लागत में अत्यंत विविधिता के कारण बहुत कम संख्या में केवल कुछ वाणिज्यिक फ्रीजर है जिनमें मछली को -400 से कम तापमान पर रखने की क्षमता है, अतः मछली को सामान्य रूप से -18 से 290 (0 से 200 फे) के तापमान पर रखा जाता है जिससे उसकी शेल्फ लाइफ कुछ सप्ताह से लेकर लगभग एक वर्ष तक होती है|

अन्तर्राष्ट्रीय रेफ्रिजरेशन संस्थान लीन फिश जैसे कॉड और हैडडॉक के भण्डारण के लिए -180 और चर्बी युक्त प्रजातियों जैसे हेरिंग और मैकरल के भंडारण के लिए -240 से की संस्तुति करता है|

शीतगृह के लिए तकनीकी आवश्यकताएं

शीतगृह के स्थान के चयन के मानदंड

शीतगृह के स्थान के चयन निम्नलिखित तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए:

  1. पर्याप्त मात्रा में फ्रोजन उत्पाद प्राप्त करने के लिए प्रसंस्करण केंद्र से नजदीकी सर्वाधिक महत्वपूर्ण
  2. निर्बाध बिजली आपूर्ति
  3. कच्चे माल और तैयार उत्पाद प्रवाह के लिए सहज पहुँच
  4. ताजे पानी की पर्याप्त आपूर्ति
  5. कुशल और अकुशल श्रमिकों की उपलब्धता

शीतगृह के लिए सामान्य नक्शा

उत्पादन शीतगृह सामान्य रूप से फ्रोजन तैयार माल के भंडारण हेतु मत्स्य प्रसंस्करण इकाई का हिस्सा होता है, थोक शीतगृह सामान्यतः व्ही सेवाएं देते हैं जैसी कि उत्पादन शीतगृहों द्वारा दी जाती है किन्तु यह सामान्यतः वास्तविक प्रसंस्करण उद्योग से कुछ दूरी पर होते हैं और यह सामान्य रूप से उत्पादन भंडारों से आकार में बहुत बड़े होते हैं जोकि अन्य प्रसंस्करण संयत्रों की आवश्कताओं को पूरा करने के साथ-साथ कस्टम किराया आधार पर फ्रोजन सीफूड के भंडारण की सेवाएं भी होते हैं

शीतगृहों की क्षमता सामान्यतः 1000 एमटी और 10000 एमटी के बीच होती है, तथापि शीतगृह का आकर अन्य बहुत से कारकों जैसे किराये की राशि, औसत भंडारण अवधि, वस्तुओं की संख्या के साथ-साथ ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है”

शीतगृह एकमंजिलें अथवा बहुमंजिलें भवन हो सकते हैं आजकल बहुमंजिलें शीतगृह केवल घने इलाकों अथवा भूमि की कीमत अधिक होने वाले क्षेत्रों में बनाये जाते हैं और ये भवन सामान्यतः दो मंजिल से अधिक ऊँचे नहीं होते हैं|

एकमंजिलें शीतगृह का डिज़ाइन स्टेकिंग और हैंडलिंग उपकरणों की विशेष आवश्यकता को  पूरा करने के लिए आसानी से तैयार किया जा सकता है, दीवाल और छत का निर्माण हल्का रखा जा सकता है क्योंकि इन पर भंडारित माल के वजन को वहन नहीं करना होता है जैसा कि बहुमंजिलें भवन में होता है|

एकमंजिलें भवन का नक्शा तुलनात्मक रूप से सरल होता है, आकर के आधार पर यह एक कमरे वाला हो सकता है अथवा कई कमरों में बाँटा जा सकता है| सामान्यतः रूप से सभी कमरों को अधिमान्यतः- -200 से -240 से के तापमान पर परिचालित किया जाता है प्री-फेब्रिकेटेड छोटे स्टोरों को छोड़कर अधिकांश स्टोर आसपास के क्षेत्र से उंचे स्थान पर बनाये जाते हैं और उनमें एक तरफ अथवा कई तरफ से विशेष लोडिंग रैम्प होता है, लोडिंग रैम्प की ऊंचाई अधिकांश सामान्यतः उपयोग किये जाने वाले वाहनों की ऊंचाई के अनुसार होता है भंडार में एयर कुलिंग संयंत्र की स्थिति के अनुसार इंजिन रूम जितना नजदीक हो सके होना चाहिए| इससे कभी-कभी भविष्य में विस्तार की योजना के लिए समस्या पैदा होती है| अतः इसे शीतगृह के अंत में ऐसे स्थान में रखा जाना चाहिए ताकि इसका भविष्य के विस्तार के लिए आसानी से उपयोग किया जा सके| विकल्पतः इंजिन रूम शीतगृह संकुल से दूर रखा जा सकता है और  यह पाइप ब्रिज के माध्यम से एयर कूलर का काम करता है ताकि किसी भी दिशा में विस्तार किया जा सके|

शीतगृह के लिए निर्माण प्रणाली

वर्तमान बड़े और माध्यम आकर के शीतगृहों के निर्माण एकमंजिलें भवन के रूप में होता है जिनका डिज़ाइन मशीनी सार-संभाल अर्थात् फोर्कलिफ्ट ट्रकों और ऑटोमेटिक स्टेकर क्रेनों के लिए बनाया जाता है, छोटे आकर के अधिकांश भंडारों में अब भी मैनूअल हैंडलिंग की जाती है:

शीतगृह का निर्माण परम्परागत निर्माण सामग्री जैसे ईंटों, कंक्रीट अथवा कंक्रीट प्रोसेस सेक्शनों का उपयोग करके किया जा सकता है जिनमें अंदर से वेपर बैरियर और इंसुलेशन फिट किया जाता है, आजकल सभी आकार के शीत कक्षों के लिए उपयुक्त पॉलीयुरेथेन पैनल डिजायन का उपयोग किया जाता है| आयातित फैक्ट्री निर्मित इंसुलेशन पैनल कार्यस्थल पर पहुँचाया जाते हैं जोकि वेपर बैरियर और इंटरनल क्लाडिंग युक्त होते हैं जिससे कार्यस्थल पर कार्य न्यूनतम हो जाता है, इस व्यवस्था में प्रयोग किये जाने वाले पैनल सामान्यतः या तो पॉलीयुरेथेन अथवा पॉलिस्टिंग के इंसुलेटेड फ्रेम सहित अथवा बिना फ्रेम के होते हों इनका निर्माण सैंडविच पैनल के रूप में होता है जिसमें एक स्तर हल्के गेज की गाल्वनाएज्ड स्टील शीट का वेपर बैरियर के रूप में होता है और दूसरा स्तर प्लास्टिक कोटेड गाल्वनाएज्ड शीट अथवा अल्मुनियम शीट आंतरिक फिनिश वाला होता है, कालमों के बाहर की ओर सज्जा युक्त बाहरी क्लाडिंग बनाई जाती है| छत में इंसुलेशन का निर्माण सस्पेंड सीलिंग के रूप में किया जाता है, सिद्धांत छत क्र पैनल वैसे ही होते हैं जैसे दीवाल के पैनल होते हैं किन्तु उनमें कभी-कभी लकड़ी के फ्रेम लगे होते हैं|

वाल-पैनलों को खड़ा अथवा क्षैतिज रूप से कालमों के बीच विशेष बोल्टों के माध्यमों से फिट किये जाते हैं इनके जोड़ों को टेप अथवा सील करने वाले मास्टिक से सील किया जाता है और आंतरिक जोड़ों को कवर स्ट्रिप से जोड़ा जाता ही, छत के पैनल बाहर निर्मित छत में लगे हुए हैंगर रॉड्स से लटके हुए होते हैं और दांतेदार बंधों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े होते हैं छत के पैनल में विशेष रूप से उस जगह पर ध्यान दिया जाना चाहिये जहाँ हैंगर रॉड वाष्प अवरोधक के माध्यम से जाता है नम जलवायु में संघनन से बचने के लिए उष्मारोधी छत के उपर बनी ऊँची जगह में हवा आने की पर्याप्त व्यवस्था  होनी चाहिए इस समस्या का निदान उस जगह बंद करके किया जा सकता है और किसी प्रकार के एअर ड्रायर से हवा को सुखाया जा सकता है|

एक मंजिल वाले शीतगृह के मामले में सामान्यतः दो प्रकार के फ्रेम प्रयोग में लाये जाते हैं धातु के बने फ्रेमवर्क 60 मीटर तक आंतरिक खंबों के बिना लगाये जा सकते हैं उन्हें फैक्ट्री में पहले से तैयार किया जा सकता है और कार्य स्थल पर खंडों में लाया जा सकता है और आसानी से खड़ा किया जा सकता है, इसकी न्यूनतम दूरी अनुमानतः 15 मीटर हो सकती है इस पर न्यूनतम भार रहेगा क्योंकि रूफ फ्रेम केवल जलरोधी कवरिंग को और उष्मारोधी कवरिंग का बोझ ही वहन रहेगा| कुछ डिजाईनों में यह कक्ष अंदर के एअर कूलरों का वजन भी उठाता है अतः इसके वजन को बीच की जगह के बजाए खम्बे के पास केन्द्रित करना अपेक्षित होगा, बिजली की अर्थिंग के कनेक्शन के लिए बाहर धातु के एक फ्रेम का उपयोग किया जा सकता है|

मजबूत कंक्रीट के फ्रेमवर्क में कक्ष के आकार भर के कंक्रीट के शहतीर को शामिल किया जा सकता है अथवा यह धातु के बने पुश्तों और कंक्रीट कालम दोनों को मिलाकर बनाया जा सकता है ऊपर की पत्री प्रणाली को मुख्य ढांचे  के फर्श का वजन अलग खंबों पर डाला जा सके|

शीतगृह के लिए उष्मारोधन

उष्मारोधक का चयन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कुल निर्माण लागत का बहुत बड़ा हिस्सा होता है, उर्जा की दृष्टि से ऊष्मारोधन की सामग्री और उसकी सघनता भी अत्यंत महत्वपूर्ण है ऊष्मारोधन सामग्री गंध रहित, जल्दी ख़राब न होने वाली और कृमि तथा अग्नि रोधी होनी चाहिए तथा उसमें जलवाष्प का प्रवेश नहीं हो सकना चाहिए कुछ सामान्य सामग्री है पोलिस्टायरिन, स्ताय्रोफोम एफआर और पालियुरिथेन |

किसी भी ऊष्मारोधी की श्रेष्ठ गुणवत्ता उस सामग्री के गुण ही नहीं होते हैं बल्कि यह भी होता है कि उसे किस तरह से भवन के बाहरी ढांचे में खड़ा किया जाता है यह फिट किया जाता है पाइपों या केवल ज्वाइटों के माध्यम से बनाये जाने वाले हीट-ब्रिजों से बचना चाहिए| कम दबाब वाले रेफ्रिजरेंट अथवा कम तापमान वाले अन्य द्रवों को ले जाने वालो पाइपिंग की जरूर लगाया जाना चाहिए| अच्छी तरह से बंद किया हुए जोड़ों से तैयार ऊष्मारोधी के बाहर सक्षम वाष्पवाहक की व्यवस्था का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि ऊष्मारोधी में जाने वाले वाष्प से वर्फ बनेगी और वह धीरे-धीरे उष्मारोधी वाष्प को नष्ट कर देगी| उष्मारोधी की सघनता, आंतरिक तापमान, ऊष्मारोधी सामग्री की ऊष्माचालकता और सम्बन्धित परिवेश की हवा के ओसांक पर निर्भर होता है, ऊष्मारोधी सामग्री को नमी और यांत्रिक छत से बचाया जाना चाहिए, जहाँ खुले ऊष्मारोधी सामग्री का प्रयोग किया जाता है वहां आंतरिक दीवारों और छतों को अल्युमिनियम या जस्ता चढ़ी स्टील या मजबूत प्लास्टिक इत्यादि व सीमेंट जैसी वस्तुओं से सुरक्षित रखा जा सकता है, सामग्री का चयन शीतगृह के उपयोग की वस्तु से सम्बन्धित होना चाहिए अर्थात जिससे उसे पानी से धोया जा सके| प्लास्टर की गई दीवारों को पेंटिंग तभी की जानी चाहिये जब किसी विशेष पेंट का प्रयोग किया जाये क्योंकि यह आसानी से झड़ जायेगा|

शीतगृह का ऊष्मारोधन स्टोर की दीवारों के मानकों के अनुरूप होना चाहिए दरवाजों के लिए सबसे प्रमुख ऊष्मारोधी सामग्री पोलियूरिथेन है और सील के पास बर्फ जमने से रोकने के लिए डोर हीटर को लगाया जाना चाहिये क्योंकि सील के पास बर्फ जम सकती है और अंततः दरवाजे को क्षति पहुंचा सकती है|

वाष्प रोधक

शीतगृह के भीतर की हवा की तुलना में कम जलवाष्प होता है, जलवाष्प हवा में दवाब बनाता है और वहां मौजूद अन्य गैसों अर्थात ऑक्सीजन, नाइट्रोजन के साथ वायुमंडल के दबाव को बनाता है, जलवाष्प द्वारा उत्पन्न आंशिक दबाव मौजूद वाष्प के अनुपात में होता है और हवा की वाष्प उच्च आंशिक दबाव के क्षेत्र से कम आंशिक दबाव के क्षेत्र की ओर जाना चाहती है, अतः आसपास की हवा में व्याप्त नमी के ऊष्मारोधक के माध्यम से स्टोर के अंदर के कम आंशिक दबाव क्षेत्र के ओर से निकलती है जब यह वाष्प ठंडी जो जाती है तो उस बिंदु पर संघनित हो जाती है जहाँ का तापमान 00 है जमकर बर्फ बन जाती है यह प्रक्रिया लम्बी अवधि तक चलती रहती है और अंततः बर्फ के जमने से कोल्ड स्टोर की दीवारों के उष्मारोधी गुण प्रभावित होते हैं और दीवार अथवा भवन के ढांचे को भी कमजोर कर देते हैं दुर्भाग्य से, यदि कुछ समय तक बर्फ के जमने का प्रभाव नहीं दिखता है तो कुछ समय बाद निर्माता की गारंटी अवैध हो जाती है|

स्टोर के ऊष्मारोधक को इस प्रकार से नष्ट होने से बचाने के लिए ऊष्मारोधक की गर्म हो जाने वाले जगह की ओर एक वाष्प अवरोधक दिया जा सकता है| यह अवरोधक सम्पूर्ण होना चाहिए जो सभी दीवारों, छत, अंदर की छत और फर्श को ढक ले| भवन की दीवार पर निर्मित स्टोरों के लिए उपयुक्त बीटोमाइनस सीलिंग कम्पाउंड के कम से दो कोट लगाने चाहिए, पहले से तैयार स्टोरों में, प्रत्येक खंडों में पहले से ही वाष्प अवरोधक दिया रहता है जो सामान्यतः बाहर धातु की शीट का होता है और केवल इसके जोड़ों को बंद करने की आवश्यकता होती है|

फाउंडेशन और फ्रोस्ट हीव: सीधे जमीन पर बनाये गये कम तापमान स्टोरेज के सम्बन्ध में कोल्ड स्टोर तल के नीचे बर्फ के निर्माण को रोकने के लिए विशेष सावधानी की आवश्यकता हो सकती है| बर्फ के गठन से “फ्रोस्ट हीव” के रूप में विरूपण और विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित होते हैं इससे स्टोर और इमारत की संरचना को पूरी तरह नुकसान पहुँच सकता है फ्रोस्ट हीव रोकने के दो तरीके आमतौर पर इस्तेमाल किये जाते हैं| कोल्ड स्टोर फाउंडेशन में स्टोर के नीचे की जमीन एक कम वोल्टेज की बिजली मैट द्वारा या फाउंडेशन में निर्मित एक पाइप ग्रिड के माध्यम से ग्लाइकोल जैसे एक गर्म लिक्विड को संचारित करके गर्म किया जा सकता है फ्रोस्ट हीव को रोकने का एक अन्य तरीका है स्टोर के नीचे वेंटिलेशन के लिए जगह छोड़ना| इस सुविधा के लिए आवश्यक अतिरिक्त ऊंचाई से इंसुलेशन के नीचे हवा के वेंटिलेशन जगह के लिए अच्छी ऊंचाई बनी रहती है| इस वेंटिलेशन व्यवस्था को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए न कि वायु स्थान के रखने की प्रमुख अपेक्षा को किसी बाद की तारीख पर रोके रखा जाए|

कोल्ड स्टोर के निर्माण में भाप बाधा के लिए प्रावधान और फ्रोस्ट हीव की रोकथाम है

कोल्ड स्टोर के निर्माण में दो सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताएं, भाप बाधा के लिए प्रावधान और फ्रोस्ट हीव की रोकथाम है”

वायु प्रवेश: बाहर से आनेवाली हवा से स्टोर में गर्मी और नमी बढ़ती है यह नमी किसी भी ठण्ड सतह पर फ्रोस्ट के रूप में जमा होगी और अंततः कूलर की सतह पर ही ख़त्म होगी कोल्ड स्टोर तापमान को स्थिर रखने और डीफ्रोस्टिंग की वारंवारता की कम करने के लिए हवा के अत्यधिक रूप बदलते रहने को रोका जाना चाहिये|

जब दरवाजा खुला है तब नीचे की ओर अथवा दरवाजा की तरफ से जा रहा एअर कर्टन हवा को बदलने  को कम कर सकता है| स्टोर के दरवाजे पर कम तापमान एक उपयोग लिया जा सकने वाला उपयुक्त सिंथेटिक सामग्री के ओवरलैपिंग स्ट्रिप्स से बना इनर कर्टन लगाया जा सकता है यह हवा के आवागमन के साथ बहुत ज्यादा हस्तक्षेप किये बिना हवा के आवागमन को कम कर देता है लेकिन कर्टन को अच्छी हालत में बनाये रखा जाना चाहिये|

बड़े स्टोर में बिजली संचालित दरवाजे लगे होते हैं जिन्हें आमतौर दरवाजा के अंदर और बाहर लगे स्थापित वाहन सेंसर या पेंडन्ट स्विच फोर्क लिफ्ट ट्रक से भी संचालित करने के लिए आसान है दरवाजा खोलने का समय न्यूनतम रखा गया है|

तल

एक कोल्ड स्टोर से जमीन भार-5500 8000 किलो.एम२ हैं इसमें माल, संरचना और फोर्कलिफ्ट ट्रकों और अन्य हैंडलिंग उपकरणों के माध्यम से प्रेषित रोलिंग भार के कारण स्थिर भार शामिल हैं यह महत्वपूर्ण है की प्रत्येक विशेष परियोजना के लिए इन लोड की विस्तार से जाँच की जाती है|

एक मंजिला इमारत के मामले में, संरचनात्मक फ्रेम के लिए किनारों या नीव पर ग्राउंड बीम सहित रिइन्फोर्सडी राफ्ट सामान्य है इसे मौजूदा जमीन या एक सहायक स्लैब पर सीधे रखा जा सकता है|

सतह मंजिल के विशेष देखभाल की आवश्यकता है सामान्यतः सतह मंजिल 150-100 मिमी की मोटाई की मंजिल इंसुलेशन पर डाली गई एक कंक्रीट स्लैब होती है यदि गहन आवाजीही का मामला है तो एक विशेष टॉप फिनिश की सिफारिश की जाती है सतह की कास्टिंग से पहले मजिल इंसुलेशन को बीटोमाइन्स कागज या प्लास्टिक की चादर से संरक्षित किया जाना चाहिये, मंजिल के जोड़ों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए तापमान को कम करने के बाद यदि जोड़ बहुत ज्यादा खुलते हैं तो उन्हें एक उपयुक्त जोईटिंग घटक से भरा जाना चाहिए|

उत्पाद हैंडलिंग और भंडारण (एंटे रूम)

गर्म देशों में, कम तापमान स्टोरेज जगह के बाहर जमी हुई मछली के हैंडलिंग से खोल कर रखी हुई मछली जल्दी गर्म हो सकती है और गल भी सकती है इसलिए लदान के लिए भंडारण पूर्व छंटाई और भार को एकत्र करने के लिए एक प्रशीतित क्षेत्र और लोडिंग डॉक के प्रावधान की सिफारिश की है यह लोडिंग डॉक पूरी तरह से बंद, अछूता  और प्रशीतित किया जाना चाहिए इस गोदी का क्षेत्र यातायात के मात्रा और स्टोर के परिचालन के प्रकार पर निर्भर करेगा| सावर्जनिक स्टोर में जहाँ अच्छी छंटाई की आवश्यकता है यह क्षेत्र स्टोर के फर्श क्षेत्र के 25% हो सकता है|

बड़े स्टोर में लोडिंग प्लेटफार्म होता है जिसे वाहनों के बदलती ऊँचाइयों के साथ समायोजित किया जा सकता है इस प्लेटफार्म पर भण्डारण के आवक और जावक की त्वरित छंटाई और माल के तरतीब से रखने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध होनी चाहिये| इस उद्देश्य के लिए प्लेटफार्म की 8 से मीटर 10 की चौड़ाई आवश्यक है उतराई क्षेत्र में छत होनी चाहिए ताकि स्टोर में लाया जा रहा है और स्टोर से बाहर ले जाया जा रहे माल की सीधे धूप और बारिश से सुरक्षा की जा सके|

प्रशीतन

प्रशीतन संयंत्र की क्षमता प्रत्येक परियोजना के लिए एक समग्र उष्णता लोड की गणना के आधार पर होनी चाहिये| एक ही क्षमता वाले स्टोरों के लिए व्यापक रूप से प्रशीतन लोड डिज़ाइन, स्थानीय परिस्थितियां, उत्पाद मिश्रण आदि का आधार पर भिन्न हो सकत है प्रशीतन उपकरण राष्ट्रीय प्रक्रिया कोड, बीमा कंपनियों तथा अन्तर्राष्ट्रीय सिफारिशों में निर्धारित अपेक्षाओं के अनुरूप होना चाहिये|

अधिकांश बड़े कोल्ड स्टोर-2 चरण अमोनिया प्रशीतन स्थापनाओं से लैस हैं छोटे पौधों, आम तौर पर 6000 केसीएएल एच/प्रशीतन क्षमता से कम, के लिए थर्मोस्टेटिक विस्तार वाल्व के साथ एकल चरण प्रणालियों में सम्भवतः अनुमोदित रेफ्रीजरंट का इस्तेमाल किया जायेगा|

प्रशीतन प्रणाली उच्च विश्वसनीयता और सरल तथा उचित रखरखाव के लिए तैयार की जानी चाहिए एक बार कोल्ड स्टोर संयंत्र में तापमान नीचे लाया जाता है तो इससे हमेशा के लिए इस तापमान को बनाये रखने की उम्मीद है केवल, हर साल 10-5 में रखरखाव का कार्य किये जाने की जरूरत है|

शीत स्टोरेज के प्रकार

यूनिट कूलर के साथ स्टोर: आधुनिक कोल्ड स्टोर को ठंडा करने के लिए सबसे व्यापक रूप से प्रयोग की जाने वाली विधि हवा के अच्छे परिसंचरण के लिए बनाये गये फैन के साथ यूनिट कूलर के माध्यम से है इस प्रकार के कूलर आमतौर पर स्थापित करने के लिए सबसे सस्ते होते हैं इसमें रेफ्रीजरंट का अपेक्षाकृत छोटा होता है, स्टोर की स्थिति के साथ बहुत ज्यादा हस्तक्षेप किया बिना डीफ्रोस्ट किया जा सकता है और इसे सहायता के लिए के भारी संरचना की आवश्यकता नहीं होती है तथापि, मुख्य असुविधा यह है कि इस प्रकार की कूलिंग इकाई का उपयोग कर कई डिज़ाइन स्टोर के भीतर हवा के समान वितरण के लिए अनुमति नहीं देते हैं इकाई कूलर को छत से हटाने अथवा स्टोर के बाहर इकाई स्थापित  करने और यह सुनिश्चित करने कि उपयुक्त हेड स्पेस के साथ पलेट्स स्टैक हैं एक समान हवा वितरण प्राप्त किया जा सकता है|

कई इकाइयां

कई कारणों से आमतौर पर बहु इकाइयां बड़ी एकल इकाइयों की तुलना में बेहतर होती है बहु इकाई प्रणाली ब्रेकडाउन मामले में कुछ संरक्षण देती है कोल्ड स्टोर को सभी इकाइयों के परिचालन में लेने की आवश्यकता के बिना आमतौर पर उसके डिजाइन मूल्य पर बनाए रखा जा सकता है बशर्तें उत्पाद और स्टोर में आने जाने के लिए भारी आवक की वजह से अधिक अतिरिक्त प्रशीतन लोड नहीं है बहु इकाइयां प्रत्येक इकाई को अनुक्रम में डिफ्रोस्ट करने के लिए अनुमति देते हैं और इस व्यवस्था का स्टोरेज की स्थिति पर कम से कम प्रभाव पड़ता है यदि गर्म गैस डीफ्रोस्ट प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है, तो बहु इकाई प्रणाली आवश्यक है ताकि उपयोग में आ रही इकाइयां प्रशीतन कंप्रेसर के लिए आवश्यक प्रशीतन भार प्रदान करती हैं|

ठण्ड हवा का वितरण

ठन्डे कमरे में हवा अनिवार्य रूप से संवहन द्वारा गर्मी को स्थानांतरित करती हैं वास्तिवक कूलिंग दो मुख्य प्रकार के हीट एक्सचेंजेर्स, प्राकृतिक संवहन कॉइल और फोर्सड  एयर कूलर से प्रभावित है प्राकृतिक संवहन कॉइल का उच्च सापेक्ष आर्द्रता और कम हवा के वेग को बनाये रखने के लिए फायदा हैं लेकिन इन फायदों की भरपाई डिफ्रोस्टिंग की कठिनाइयों जैसे नुकसान कर रहे हैं ऊष्मा अन्तराल की उच्च दर के कारण फोर्सड हवा परिसंचरण से अधिक से अधिक प्रशीतन क्षमता बनती है एयरकूलरों को सामान्य रूप से पंखे के साथ एकल इकाई के रूप में लगाया जाता है जिसे कक्ष के भीतर आसानी से लगाया जाता है वायु के आवागमन हेतु इसमें स्पेशियल एयर डक्ट होते हैं, इस प्रकार के एयरकूलरों से संस्थापन लागत में कमी होती है और इसका आसानी से रखरखाव किया जा सकता है

डिफ्रोस्टिंग

जब रेफ्रीजरेटर का तापमान -3 से कम हो जाता है तब कॉयल पर बर्फ जम जाने से गर्म तापमान को ठंडा करने में अधिक समय लगता है कोल्ड स्टोर के सुचारू कार्य करने में नियमित रूप से डिफ्रोसिंग, वाटर डिफ्रोसिंग, और इलेक्ट्रिक डिफ्रोसिंग, कभी-कभी इन तरीकों को एक साथ मिलकर डिफ्रोसिंग, किया जाना है, उदाहरणार्थ-हॉट गैस डिफ्रोसिंग के बाद पानी का छिड़काव अथवा इलेक्ट्रिक ट्रे हिटिंग से कॉयल का हॉट गैस डिफ्रोसिंग, नए एयरकूलरों में इसका व्यापक उपयोग किया जाता है| अन्य नवोन्मेषी कार्यों में सेंसर शामिल हैं जो कूलर फिन में विशिष्ट स्थानों पर बर्फ जमा होने का पता लगाता है या कूलर में विभिन्न स्थानों पर तापमान के अंतर को नापता है उच्चतर रेफ्रिरेशन अवधि के दौरान ऑटो डिफ्रोस्ट को टालने के लिए इसे टाइमर के साथ जोड़ा जा सकता है|

प्रयुक्त उपकरण

कोल्ड स्टोरेज में उपयोग में लाये जा सकने वाले उपकरणों की सूची निम्नानुसार है:

  1. प्लेटफार्म ट्रोली (मैनुअल या सेल्फ प्रोपेल्ड)
  2. मैनुअल या सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रक
  3. बोल्ट, चेन या रोलर कन्वेयर्स, ग्रेविटी या सेल्फ प्रोपेल्ड
  4. विभिन्न प्रकार के एलिवेटर्स
  5. क्रेन
  6. हैंड स्टेकिंग उपकरण
  7. फोर्क लिफ्ट ट्रक (हैण्ड या पॉवर चालित)
  8. एडजेस्टबल मेकेनाइज्ड कन्वेयर्स

जहाँ तक सम्भव हो, उत्पाद के भंडारण हेतु पेलेट्स (बांस की पट्टियों) का उपयोग किया जाए, इससे उत्पाद के भारी वजन के छोटे-छोटे वजन में बांटा जा सकता है जिसे आसानी से इसकी ढुलाई की जा सकती है, कहीं पर इसका ढेर लगाया जा सकत है और न्यूनतम प्रयासों से इसे दोबारा अपने स्थान पर लाया जा सकता है| निर्धारित आकार के बांस की पटियों से निर्धारित आकार के पैकेनिस या ब्लॉक आसानी से बनाये जा सकते हैं|

पेलेट्स (बांस की पट्टियों) का ढेर ना लगाया जाये| मछलियों के फ्रोजन ब्लॉक्स या ठोस उत्पाद जिसे कुचला नहीं जा सकता है, को छोड़कर उत्पाद के ऊपर पट्टियाँ होनी चाहिए| बड़े भण्डारगृहों में, पट्टियों की रैक को मशीनीकृत किया गया है ताकि भंडारगृह में आने जाने के रास्ते ज्यादा देने की आवश्यकता नहीं हो, एकल पंक्तियों तक पहुँचने के लिए रैक्स को चलाया जाता है|

रैक सहित पुर्णतः पहुंचनीय पटियां प्रणाली का उपयोग नहीं होने पर, उत्पाद को भंडारगृह में रखा जाये ताकि “पहले आओ-पहले पाओ’ प्रणाली को लागू किया जा सके| इससे उत्पादों को सही तरीके से अदला-बदला जाना सुनिश्चित किया जाता है और अनावश्यक रूप में उत्पाद को भंडारगृह में अधिक अवधि के लिए नहीं रखा जाता है| उत्पाद की ढुलाई और संग्रहण हेतु प्रयुक्त उपकरणों पर आने-जाने के रास्तों की चौड़ाई निर्भर करती है| भंडारणगृह के आकार पर निर्णय लेने से पहले उपकरणों हेतु आवश्यक स्थान का निर्धारित किया जाए|

कोल्ड रूम में उत्पादों को रखने से पूर्व सुनिश्चित किया जाए कि उत्पाद और छत, बाहरी दीवार के बीच एयर स्पैस हो अन्यथा इन्स्यूलेशन द्वारा भंडारगृह में आ रही गर्म हवा कूलर में जाने से पहले ही उत्पाद में चली जायेगी| पटियों के लगाने में उत्पाद और सतह के बीच स्वतः ही एयर स्पैस हो जाता है|

श्रमशक्ति

कोल्ड स्टोरेज  में ज्यादा श्रमशक्ति की आवश्यकता नहीं है| ट्रक और स्टैकर जैसे उपकरणों के माध्यम से कोल्ड स्टोर में उत्पाद की ढुलाई और रखने का कार्य यांत्रिक रूप से किया जाना है| उत्पाद को उतारने और चढ़ाने हेतु मजदूरों की आवश्यकता होती है| अन्य श्रमशक्ति में मैनेजर, सुपरवाइजर और एकाउंटेंट, टेक्नीशियन, वॉचमेन शामिल है| 1000 मीट्रिक टन, 2000 मीट्रिक टन और 3000 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज हेतु अपेक्षित श्रमशक्ति का विवरण निम्नानुसार हैं|

विवरण

1000 मीट्रिक टन,

2000 मीट्रिक टन

3000 मीट्रिक टन

 

सं

वेतन/माह

कुल वेतन

सं

वेतन/माह

कुल वेतन

सं

वेतन/माह

कुल वेतन

मैनेजर

1

15000

18000

1

20000

240000

1

25000

300000

सुपरवाइजर

 

 

 

1

15000

180000

1

20000

240000

एकाउंटेंट

1

8000

96000

1

8000

96000

1

10000

120000

कार्यालय परिचालक

 

 

 

1

8000

96000

1

10000

120000

टेक्नीशियन

1

8000

96000

2

 

 

2

20000

240000

हेल्पर

1

5000

60000

1

5000

60000

1

5000

60000

सिक्यूरिटी

1

5000

60000

1

5000

60000

2

10000

120000

दिहाड़ी मजदूर

5

5000

60000

10

10000

120000

16

16000

192000

संभावित कार्यान्वयन कार्यक्रम

ऋण की स्वीकृति के बाद कोल्ड स्टोर का निर्माण, मशीनरी का संस्थापन और ट्रायल परीक्षण में अधिकतम 05 माह लग सकते है जिसका विवरण निम्नानुसार हैं

संभावित कार्यान्वयन कार्यक्रम

विवरण

लगनेवाला समय

परियोजना तैयार करना

1 माह

आवेदन पत्र और ऋण की मंजूरी

2 माह

निर्माण कार्य पूरा करना और मशीनरी हेतु आदेश देना

4 माह

मशीनरी का संस्थापन

1 माह

वित्तीय व्यवहार्यता और बैंक सहायता

परियोजना लागत

प्रमुख लागत में स्थान को समतल करना, भवन का निर्माण करना, इंजिन कक्ष उपकरणों, मशीनरी, बिजली संस्थापन, अन्य उपकरणों और सेवाएँ आदि शामिल हैं कोल्ड स्टोरेज के स्थान पर ये लागत निर्भर करती है भूमि, मशीनरी और अन्य उपकरणों सहित 1000 एमटी, 2000 एमटी और 3000 एमटी की क्षमता वाले भंडारगृहों की लागत क्रमशः 175लाख, 395 लाख और 600.50 लाख होगी| उक्त लागत औसत निर्दशनीय है| स्थानीय परिस्थितियों और भंडारणगृह की व्यवहार्यता के आधार पर बैंकों द्वारा इससे अधिक या कम लागत हो सकती है अनुबंध II  में विवरण दिया है|

वित्तीय साधन

मत्स्य प्रसंस्करण हेतु वित्तपोषण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत आता है एमएसएमई क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकृत एमएसएम मानदंडों को पूरा करनेवाली इकाइयों को ऋण दिया जा सकता है, किसी अनुसूचित वाणिज्य बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंकों द्वारा ऐसी इकाइयों को ऋण दिया जा सकता है| ऋण की मंजूरी के लिए बैंकों को परियोजना प्रस्तुत करते समय उद्यमियों से यह अपेक्षित होता है कि वे किये जाने वाले सभी सिविल कार्यों के लिए प्लान और अनुमानों सहित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तथा साथ ही खरीदी जाने वाली विभिन्न मदों के सम्बन्ध में आपुर्तिकर्त्ताओं से इनवॉइस प्रस्तुत करते हैं|

शीत भंडारण इकाइयों के वित्तपोषण के लिए नियम और शर्तें

उधारकर्त्ता प्रोफाइल

उद्यमियों का संम्पूर्ण ब्यौरा नामतः वैयक्तिक, पार्टनरशिप फर्म अथवा पंजीकृत कम्पनी, संवर्धकों की अहर्ताएं और अनुभव, उधारकर्त्ताओं की निवल मालियत उनके द्वारा की जा रही अन्य गतिविधियों आदि दिया जाना चाहिए|

मार्जिन राशि

इकाइयों के संवर्धकों को वित्तपोषण बैंक की अपेक्षाओं तथा साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार अपना मार्जिन देना होगा| मार्जिन राशि परियोजना लागत के न्यूनतम 10% से 25% तक अलग-अलग हो सकती है इस मॉडल परियोजना में हमने 25% की मार्जिन राशि का अनुमान लगाया है| विकास की लागत का शेष हिस्सा बैंक ऋण के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा|

बैंक  ऋण

वित्त के लिए इकाइयों के संवर्धक किसी भी वित्तपोषक बैंक से सम्पर्क कर सकते हैं सरकारी सहायता प्राप्त अधिकतम सब्सिडी योजनाओं में, सब्सिडी लेने के लिए बैंक ऋण लेना अनिवार्य है अतः वित्त का माध्यम चुनते समय संवर्धकों की सावधानी बरतनी चाहिये| विकास की कुल लागत का 75 से 90% बैंक ऋण वित्तपोषक संस्थान से उपलब्ध होगा, इस मॉडल में बैंक ऋण 75% माना गया है|

ब्याज की दर

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अधीन ब्याज की कोई भी दर तय करने हेतु स्वतंत्र होंगे तथापि, इस मॉडल परियोजना की बैंक-योग्यता की गणना करने के लिए ऋण प्रदान करने की अधिकतम दर 13% मानी गई है|

पुनर्वित्त की दर

शीत भंडारण इकाई की स्थापना के लिए नाबार्ड से पुनर्वित्त उपलब्ध होगा बशतें कि उक्त परियोजना तकनीकी रूप से संभाव्य और आर्थिक रूप से व्यवहार्य हो, निर्यात को दी जा रही प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान मानदंडों के अनुसरण में ही पुनर्वित्त उपलब्ध कराना नाबार्ड को स्वीकार्य है|

प्रतिभूति

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार बैंकों से अपेक्षित होता है कि वे अपने द्वारा प्रदान किये गए ऋणों के लिए पर्याप्त प्रतिभूति लें| उधारकर्त्ताओं को अपनी परियोजनाओं को आयोजना इस प्रकार से करनी चाहिए कि उनके पास बैंक ऋण के समक्ष प्रतिभूति के रूप में रखने के लिए पर्याप्त चल आस्तियां रहती हैं| इस सबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देश बैंकों का मार्गदर्शन करते हैं|

अनुदान और सब्सिडी

खाद्यान उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अनेक प्रोत्साहन योजनायें हैं कुछ राज्यों ने तो अपनी कृषि (एग्रो) उद्योग निति में तैयार कर र्काही है| जिला उद्योग केन्द्रों (डीआईसी) से गतिविधि के आधार पर विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं उपलब्ध हैं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से एक केंद्र प्रायोजित योजना का कार्यान्वयन कर रही है जिसका नाम खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएफपी) हैं| यह योजना बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान परिचालन में रहेगी| खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तहत विभिन्न प्रयोजनों के लिए इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी उपलब्ध हैं विभिन्न राज्यों में इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए भारत सरकार ने नोडल एजेसियों नियुक्त की हैं इन योजनाओं के ब्यौरे सरकारी विभागों/एंजेंसियों के सम्बधित वेबसाइटों/कार्यालयों में उपलब्ध हैं|

कार्यशील पूंजी

शीत भंडार चलाने में आने वाली प्रमुख लागतों में मजदूरी अरु रिफ्रिजरेशन के लिए उर्जा की लागत शामिल है| मजदूरी लागत विशिष्ट व्यावसायिक परिचालनों पर निर्भर करती है किन्तु सामान्यतः जब माल बढ़ जाता है तो अधिक संख्या में मजदूरों की जरुरत पड़ती है इकाई की स्थापना के लिए मियादी ऋण प्रदान करने वाले बैंक उधारकर्त्ता के लिए कायर्शील पूंजी की उपलब्धता की भी व्यवस्था करें ताकि वह अपनी इकाई सुचारू रूप से चलाने में सक्षम हो सके| 1000 मीट्रिक टन, 2000 मीट्रिक टन और 3000 मीट्रिक टन क्षमताओं वाले शीत भंडारों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के सम्बन्ध में ब्यौरे तालिका में दिए गये हैं-

शीत भंडारों के लिए कार्यशील पूंजी आकलन

विवरण

लागत

1000 मीट्रिक टन

2000 मीट्रिक टन

3000 मीट्रिक टन

बिजली प्रभार

30

45

72.0

मजदूरी

6.0

12.0

19.0

वेतन

4.92

9.24

12.0

मरम्मत और देखरेख

5.0

8.0

10.0

विविध

6.0

10.0

12.0

जोड़

51.92

84.24

125.0

वित्तीय विशलेषण

परियोजना की आय और व्यय की गणना के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण अनुबंध III, IV  और V  में दिए गये हैं| सभी मॉडलों में वित्तीय परिणाम यथा आईआरआर, एनपीडब्ल्यू , बीसीआर और डीएससीआर धनात्मक है विवरण अनुबंध VI  में दिए गये हैं और सारांश नीचे दिया जा रहा है-

अनुमानित वित्तीय संकेतक

वित्तीय संकेतक

अनुमानित

अपेक्षा

1000 मीट्रिक टन

2000 मीट्रिक टन

3000 मीट्रिक टन

डीएफ  से 15% की दर से एनपीडब्ल्यू

253.8

लाख

577.6

लाख

869.89

लाख

धनात्मक होना चाहिए

आईआरआर

42%

50%

49%

15% से अधिक

बीसीआर

2.4:1

3:1

3.1:1

1.0 से अधिक होना चाहिए

डीएससीआर

2.2

2.1

2.0

1.5 से अधिक होना चाहिए

 

 

 

 

 

ऋण की चुकौती अवधि

मूलधन की चुकौती की अवधि 6 वर्ष की होगी जिमसें एक वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है

 

अनुबंध I

शीत भंडारण की आर्थिकी की गणना के लिए अनुमान

  1. उपयोग क्षमता: पीक सीजन (अगस्त से दिसम्बर) में 90% और लीं सीजन में 60%
  2. औसत उपयोग क्षमता- 70%
  3. प्रथम वर्ष में उपयोग क्षमता- 40%
  4. किराया प्रभार- 50 प्रति पैलेट -40%
  5. कार्यशील पूंजी ब्याज को 14% प्रति वर्ष माना गया अरु मियादी ऋण पर ब्याज को 12% प्रति वर्ष माना गया|
  6. गणनाओं के लिए सिविल संरचनाओं के सम्बन्ध में मूल्यह्रास को 10% की दर से और मशीनरी के संबध में मूल्यह्रास को 13.9% माना गया है|
  7. मार्जिन राशि को वित्तीय परिव्यय के 25% माना गया है|
  8. चुकौती की अवधि की छह वर्ष माना गया जिसमें एक वर्ष की छूट अवधि शामिल है|

 

अनुबंध II

परियोजना लागत

संख्या

विवरण

लागत

 

 

1000 मीट्रिक टन

2000 मीट्रिक टन

3000 मीट्रिक टन

 

 

इकाई

लागत

इकाई

लागत

इकाई

लागत

भूमि की लागत में भूमि का विकास शामिल

0.50 एकड़

25.00 एकड़

0.75

37.50

1 एकड़

50.00

निर्माण तथा मशीनरी की लागत

 

 

 

 

 

 

 

शीत भंडारण में विद्युत संस्थापना कार्यालय, जेनेरेटर कक्ष, कंप्रेसर कक्ष आदि,

1800 एम 2

63.00

3500 एम 2

122.50

4500 एम 2

157.50

 

पेलेट्स

1000 संख्या

6.0

2000 संख्या

12.00

3000 संख्या

18.00

 

रैक

16 संख्या

24.00

50 संख्या

75.00

100 संख्या

150

 

स्टेकर

1

10.00

1

50.00

1

10.00

 

रीच ट्रक

1

25.00

2

50.00

3

75.00

 

रेफ्रीजरेटर यूनिट

2

30.00

5

75.00

8

120.00

 

जेनेरेटर

1

5.00

1

10.00

1

15.00

 

विविध

 

2.00

 

3.00

 

5.00

 

योग (ख)

 

165.00

 

357.50

 

550.00

 

कुल योग (क+ख)

 

190.00

 

395.00

 

600.50

 

बैंक ऋण के लिउए शामिल कुल लागत शामिल)

 

167.50

 

361.25

 

556.50

 

अनुबंध III

1000 मीट्रिक टन शीत भंडारण की आर्थिकी

संख्या

विवरण

प्रथम वर्ष

द्वितीय वर्ष

तृतीय वर्ष

चतुर्थ वर्ष

पंचम वर्ष

छठा वर्ष

क्षमता उपयोग

40%

70%

70%

70%

70%

70%

 

राजस्व

72

126

126

126

126

126

 

उत्पादन की लागत

 

 

 

 

 

 

1

विद्युत प्रभार

15.00

30.00

30.00

30.00

30.00

30.00

2

वेतन तथा मजदूरी

5.46

10.92

10.92

10.92

10.92

10.92

3

मरम्मत तथा अनुरक्षण

5.00

5.00

5.00

5.00

5.00

5.00

4

विविध

3.00

6.00

6.00

6.00

6.00

6.00

 

कुल लागत

28.46

51.92

51.92

51.92

51.92

51.92

 

ब्याज तथा मूल्यह्रास  से पूर्व लाभ

43.54

74.08

74.08

74.08

74.08

74.08

 

मीयादी ऋण पर ब्याज

14.82

14.82

11.86

8.89

5.93

2.96

 

मूल्यह्रास

20.20

17.64

15.41

13.47

11.77

10.30

 

लाभ पूर्व ब्याज

8.52

41.62

46.82

51.72

56.38

60.82

 

आय कर @ 20% कर पश्चात् लाभ

 

8.32

9.36

10.34

11.28

12.16

 

कर पश्चात् लाभ

8.52

33.30

37.45

41.38

54.10

48.65

 

उपचय नकदी

28.72

50.94

52.86

54.84

56.88

58.95

 

मीयादी ऋण की चुकौती

 

22.80

22.80

22.80

22.80

22.80

 

उपचय नकदी

+ मीयादी ऋण पर ब्याज

 

43.54

65.76

54.72

63.74

62.80

61.92

 

मीयादी ऋण की चुकौती तथा ब्याज

14.82

73.62

34.66

31.69

28.73

25.76

 

डीसीएसआर (डी/ई)

2.94

1.74

1.87

2.01

2.19

2.40

 

 

 

 

 

 

 

 

औसत डीसीएसआर  2.2

 

अनुबंध III (क)

1000 मीट्रिक टन मत्स्य शीत भंडारण के लिए आईआरआर, बीसीआर तथा एनपीडब्ल्यू की गणना

विवरण

प्रथम वर्ष

द्वितीय वर्ष

तृतीय वर्ष

चतुर्थ वर्ष

पंचम वर्ष

छठा वर्ष

पूजी लागत

190

 

 

 

 

 

राजस्व

72

126

126

126

126

126

उत्पादन की लागत

28.46

51.92

51.92

51.92

51.92

51.92

निवल आय

-146.46

74.08

74.08

74.08

74.08

74.08

 

आई आर आर

42%

लाभ का वर्तमान मूल्य

429.89

लागत का वर्तमान मूल्य

176.09

एनपीडब्ल्यू

253.80

बीसीआर

2.4

 

अनुबंध IV

2000 मीट्रिक टन मत्स्य शीत भंडारण की आर्थिकी

संख्या

विवरण

प्रथम वर्ष

द्वितीय वर्ष

तृतीय वर्ष

चतुर्थ वर्ष

पंचम वर्ष

छठा वर्ष

क्षमता उपयोग

40%

70%

70%

70%

70%

70%

राजस्व

144.00

252.00

252.00

252.00

252.00

252.00

उत्पादन की लागत

 

 

 

 

 

 

1

बिजली का  प्रभार

22.50

45.00

45.00

45.00

45.00

45.00

2

वेतन तथा मजदूरी

10.62

21.24

21.24

21.24

21.24

21.24

3

मरम्मत तथा अनुरक्षण

4.00

8.00

8.00

8.00

8.00

8.00

4

विविध

5.00

10.00

10.00

10.00

10.00

10.00

 

कुल लागत

42.12

84.24

84.24

84.24

84.24

84.24

 

लाभ पूर्व ब्याज तथा मूल्यह्रास

101.88

167.76

167.76

167.76

167.76

167.76

 

मीयादी ऋण पर ब्याज

35.23

35.23

28.18

21.14

14.09

7.05

 

मूल्यह्रास

44.50

38.79

33.83

29.51

25.76

22.50

 

लाभ पूर्व कर

22.15

93.74

105.75

117.11

127.91

138.22

 

आय कर @ 20%

4.43

18.75

21.15

23.42

25.58

27.64

 

कर पश्चात् लाभ

17.72

74.99

84.60

93.69

102.33

110.57

 

उपचय नकदी

62.22

113.78

118.43

123.20

128.09

133.07

 

मीयादी ऋण की चुकौती

 

54.20

54.20

54.20

54.20

54.20

 

उपचय नकदी

+ मीयादी ऋण पर ब्याज

 

97.45

149.01

146.61

144.34

142.18

140.12

 

मीयादी ऋण तथा ब्याज

35.23

89.43

82.38

75.34

68.29

61.25

 

डीसीएसआर (डी/ई)

2.77

1.67

1.78

1.92

2.08

2.29

 

 

 

 

 

 

 

 

 

औसत डीसीएसआर  2.1

अनुबंध IV  (क)

2000 मीट्रिक टन मत्स्य शीत भंडारण  के लिए आईआरआर, बीसीआर तथा एनपीडब्ल्यू की गणना

संख्या

विवरण

प्रथम वर्ष

द्वितीय वर्ष

तृतीय वर्ष

चतुर्थ वर्ष

पंचम वर्ष

पूजी लागत

395

 

 

 

 

 

राजस्व

144

252

252

252

252

252

उत्पादन की लागत

42.12

84.24

84.24

84.24

84.24

84.24

निवल आय

-293.12

167.76

167.76

167.76

167.76

167.76

 

 

आई आर आर

50%

लाभ का वर्तमान मूल्य

859.78

लागत का वर्तमान मूल्य

282.18

एनपीडब्ल्यू

577.60

बीसीआर

3.0

 

 

अनुबंध V

3000 मीट्रिक टन मत्स्य शीत भंडारण की आर्थिकी

संख्या

विवरण

प्रथम वर्ष

द्वितीय वर्ष

तृतीय वर्ष

चतुर्थ वर्ष

पंचम वर्ष

छठा वर्ष

क्षमता उपयोग

40%

70%

70%

70%

70%

70%

राजस्व

216

378

378

378

378

378

उत्पादन की लागत

 

 

 

 

 

 

1

बिजली का  प्रभार

36.00

72

72

72

72

72

2

वेतन तथा मजदूरी

16.05

31.2

31.2

31.2

31.2

31.2

3

मरम्मत तथा अनुरक्षण

5.00

10

10

10

10

10

4

विविध

6.00

12

12

12

12

12

 

कुल लागत

63.05

125.2

125.2

125.2

125.2

125.2

 

ब्याज पूर्व लाभ तथा मूल्यह्रास

152.95

252.80

252.80

252.80

252.80

252.80

 

मीयादी ऋण पर ब्याज

54.26

54.26

43.41

32.56

21.71

10.86

 

मूल्यह्रास

69.68

60.61

52.74

45.90

39.97

34.82

 

लाभ पूर्व कर

29.01

137.93

156.65

174.34

191.12

207.13

 

आय कर @ 20%

5.80

27.59

31.33

34.87

38.22

41.43

 

कर पश्चात् लाभ

23.21

110.34

125.32

139.47

152.90

165.70

 

उपचय नकदी

92.89

170.95

178.06

185.38

192.87

200.52

 

मीयादी ऋण की चुकौती

 

83.47

83.47

83.47

83.47

83.47

 

उपचय नकदी

+ मीयादी ऋण पर ब्याज

 

147.15

225.21

221.47

217.93

214.58

211.37

 

मीयादी ऋण तथा ब्याज

54.26

137.73

126.88

116.03

105.18

94.33

 

डीसीएसआर (डी/ई)

2.71

1.64

1.75

1.88

2.04

2.24

 

औसत डीसीएसआर  2.0

अनुबंध V (a)

3000 मीट्रिक टन मत्स्य शीत भंडारण की आईआरआर, बीसीआर तथा एनपीडब्ल्यू

संख्या

विवरण

प्रथम वर्ष

द्वितीय वर्ष

तृतीय वर्ष

चतुर्थ वर्ष

पंचम वर्ष

पूजी लागत

600.5

 

 

 

 

 

राजस्व

216

378

378

378

378

378

कुल लागत

63.05

125.20

125.20

125.20

125.20

125.20

निवल आय

-447.55

252.80

252.80

252.80

252.80

252.80

 

 

आई आर आर

49%

लाभ का वर्तमान मूल्य

1,289.66

लागत का वर्तमान मूल्य

419.77

एनपीडब्ल्यू

869.89

बीसीआर

3.1

 

 

 

 

स्रोत: नाबार्ड बैंक

अंतिम बार संशोधित : 3/3/2020



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