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सतत कृषि

क्या करें ?

  • कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल फसल/फसल पद्धति को बढ़ावा दें।
  • पशु पालन, मछलीपालन, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, कृषि वानिकी इत्यादि अपनाकर फसल/फसल – प्रणाली में विविधता लाए।
  • चेक डैम, तालाबों, खेत तालाब, उथले/माध्यम तरह के ट्यूबवेलों, कुओं इत्यादि को सिंचाई का साधन बनाएं।
  • सिंचाई की प्रभावी पद्धति, भुसमतलीकरण, मेंड़बंधी, कंटूर बांडिंग, खाई निर्माण,, मल्चिंग, रिज एवं कुंड पद्धति इत्यादि जैसी कम जल प्रयोग और और नमी संरक्षण की तकनीकों को अपनाएं।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के तहत सहायता

क्. सं.

सहायता का प्रकार

सहायता की मात्रा

स्कीम

क) एकीकृत कृषि पद्धति

1.

चावल, गेहूं, मोटे अनाज/तिलहन/रेशम/डाल आधारित दो फसलों वाली कृषि पद्धति

आदान लागत का 50%, जो रू. 10,000/- प्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा। अधिकतम देय सहायता, 2 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी तक सीमित होगी।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

2.

बागवानी आधारित कृषि पद्धति (पौधारोपण + फसल/फसल पद्धति)

आदान लागत का 50%, जो रू. 25,000/- प्रति हे. तक सीमित होगा। अधिकतम अनुदेय सहायता, 2 हे. प्रति लाभार्थी तक सीमित होगी।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

3.

वृक्ष/सिल्विपश्चरल/इन सीटू/एक्स सीटू गैर इमारती वन्य उत्पादों का इन सीटू संरक्षण (एनटीएफपी) (पौध रोपण, घास/फसल/फसल पद्धति)

आदान लागत का 50%, जो रू. 15,000/- प्रति हे. तक सीमित होगा। अधिकतम अनुदेय सहायता, 2 हे. प्रति लाभार्थी तक सीमित होगी।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

4. पशुधन आधारित कृषि पद्धति

4.1

संकरित गायें + मिश्रित खेती
+ चारा + मिश्रित खेती + चारा गाय/भैंस + दुग्ध उत्पादन + चारा गाय/भैंस +छोटे पशु

फसल प्रणाली के कुल आदान लागत का 50% आदान लागत की अधिकतम सीमा रू. 40,000/- प्रति हे. है। आदान लागत में पशुओं की लागत एवं एक वर्ष का चारा सम्मिलित है। (पशुओं में 2 दुधारू पशु + 1 हे. फसल प्रणाली सम्मिलित है) यह सहायता अधिकतम 2 हे. प्रति लाभार्थी तक सीमित है।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

4.2

छोटे पशु + मिश्रित कृषि +चारा,  मुर्गी पालन/बतख पालन + मिश्रित खेती

मुर्गी पालन/बतख पालन + मत्स्य पालन + मिश्रित खेती

 

फसल प्रणाली के कुल आदान लागत का 50% आदान लागत की अधिकतम सीमा रू. 25,000/- प्रति हे. है। इस 50% आदान लागत में पशुओं की लागत एवं एक वर्ष का चारा सम्मिलित है। (पशुओं में 10 पशु/50 पक्षी  + 1 हे. फसल प्रणाली सम्मिलित है) यह सहायता अधिकतम 2 हे. प्रति लाभार्थी तक सीमित है।

 

5.

मत्स्य आधारित कृषि पद्धति

फसल/सब्जी प्रणाली की कुल आदान लागत का 50% जिसमें मछली पालन की लागत रू. 25.000/- प्रति हेक्टेयर है। यह सहायता अधिकतम 2 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी तक सीमित हैं।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

6.

वर्मी कंपोस्ट इकाई/जैविक आदान उत्पादन इकाई/हरी खाद

लागत का 50%, जो अधिकतम रू. 125/- प्रति घन फुट तक सीमित होगा। स्थायी संरचना के लिए रू. 50.000/- प्रति इकाई और एचडीपी वर्मी बेड के इए रू. 8000/- प्रति इकाई/ हरी खाद के लिए लागत का 50%, जो अधिकतम रू. 2,000/- प्रति हे. तक होगा और प्रति लाभार्थी 2 हे. सीमित होगा।

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए)

7.

पूरे वर्ष हरा चारा उपलब्धता हेतु साइलेज बनाना

ईंट और सीमेंट मसाला से 2100-2500 घन फूट का साइलो पिट (भूमि के नीचे अथवा भूमि के ऊपर) बनाना तथा साथ में चारा कटर एवं तराजू का प्रावधान

साइलो पिट चारा कटर और तौलने कीतराजू से साइलेज बनाने के लिए 100% सहायता, जो प्रति कृषि परिवार रू. 1.25 लाख तक सीमित होगी।

8.

 

कटाई पश्चात भण्डारण/एनपीएफपी का मूल्य संवर्द्धन

अधिक आर्थिक लाभ लेने के लिए कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतु छोटे गाँव स्तर पर भण्डारण/पैकिंग/प्रसंस्करण यूनिट का निर्माण

भण्डारण/प्रसंस्करण इकाई के लिए पूँजी लागत का 50% जो अधिकतम

रू. 4,000/- प्रति वर्ग मीटर की सीमा में होगा और प्रति यूनिट

रू. 2 लाख की अधिकतम सहायता दी जा सकती है।

किससे संपर्क करें?

जिला कृषि अधिकारी/जिला बागवानी अधिकारी/परियोजना निदेशक (आत्मा)

 

स्त्रोत: कृषि,सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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