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वर्ष 2005 से पूर्व श्रृंखला वाले बैंकनोट

भूमिका

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2005 से पूर्व श्रृंखला वाले बैंकनोट वापस लेने की तारीख बढ़ाई|भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता के लिए वर्ष 2005 से पूर्व जारी किए गए बैंकनोटों को बदलवाने की तारीख को 31 दिसंबर 2015 तक बढ़ा दिया है। रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2014 में जनता के लिए इन नोटों को बदलवाने की तारीख 30 जून 2015 निर्धारित की थी।

इन बैंकनोटों को प्रचलन से वापस लेने में जनता के सहयोग की मांग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोगों से आग्रह किया है कि वे पुराने डिजाइन नोटों को अपने बैंक खातों में जमा कराएं या उन्हें अपनी सुविधानुसार किसी भी बैंक शाखा में बदलवाएं। रिज़र्व बैंक ने कहा है कि इन नोटों को पूरे मूल्य के साथ बदला जा सकता है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि से सभी नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।

इस निर्णय के बारे में बताते हुए रिज़र्व बैंक ने कहा कि महात्मा गांधी श्रृंखला वाले बैंकनोट एक दशक से प्रचलन में हैं। रिज़र्व बैंक ने कहा है कि अधिकांश पुराने बैंकनोटों को बैंक शाखाओं के माध्यम से वापस ले लिया गया है। एक समय पर बहु-श्रृंखलाओं में मुद्रा नोट नहीं रखना एक मानक अंतरराष्ट्रीय प्रथा है।

रिज़र्व बैंक इस प्रक्रिया की निगरानी और समीक्षा करता रहेगा जिससे कि जनता को किसी भी प्रकार से असुविधा न हो।

अब ₹ 100 के नोट संख्या पैनलों में बढ़ते आकार अंकों में होंगे

भारतीय रिज़र्व बैंक ने नए संख्या पैटर्न के साथ महात्मा गांधी श्रृंखला – 2005 में बैंकनोट जारी किए हैं। अब इन नोटों के दोनों संख्या पैनलों में अंकों का आकार बाएं से दाएं ओर बढ़ते आकार में होंगे जबकि पहले तीन अक्षरांकीय अंक (जो अंक की शुरुआत में आते हैं) आकार में वैसे ही रहेंगे।

अंकों को बढ़ते हुए आकार में छापना बैंकनोटों की एक दृश्य सुरक्षा विशेषता है ताकि आम जनता असली नोट और नकली नोट के अंतर को आसानी से समझ सके। रिज़र्व बैंक भारत सरकार के परामर्श से हमेशा भारतीय बैंकनोटों की सुरक्षा विशेषताओं में सुधार करता रहा है जिससे कि नोटों के जालीकरण को मुश्किल बनाया जा सके और आम जनता असली नोटों को आसानी से पहचान सके।

संख्‍या के बढ़ते हुए आकार वाले इन बैंकनोटों का डिजाइन नए संख्या पैटर्न को छोड़कर अन्य सभी प्रकार से महात्मा गांधी श्रृंखला-2005 में जारी किए गए वर्तमान ₹100 के बैंकनोटों के समान होगा। बैंकनोटों के अग्रभाग और पृष्ठ भाग पर "₹" चिह्न रहेगा, दोनों संख्या पैनलों पर इनसेट लेटर 'R' रहेगा और भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम जी. राजन के हस्ताक्षर होंगे तथा बैंकनोट के पृष्ठभाग पर मुद्रण वर्ष '2015' मुद्रित होगा।

रिज़र्व बैंक द्वारा पहले जारी किए गए सभी ₹ 100 के बैंकनोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।

अन्य सभी मूल्यवर्गों में एक चरणबद्ध तरीके से नया संख्या पैटर्न शुरू किया जाएगा।

पूर्व 2005 श्रृंखला के नोटों पर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोट क्या हैं ?

भारतीय रिजर्व बैंक ने ` 10, ` 20, ` 50, ` 100, ` 500 और ` 1000 के मूल्यवर्गों में महात्मा गांधी श्रृंखला (एमजी श्रृंखला) '2005' के बैंकनोट जारी किए । इन नोटों में एमजी श्रृंखला 1996 की तुलना में कुछ अतिरिक्त/नई सुरक्षा विशेषताएं हैं । एमजी श्रृंखला 2005 से पहले जारी किए गए के सभी बैंकनोटों को पूर्व-2005 श्रृंखला बैंकनोट कहा जाता है ।

2. कोई व्यक्ति पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोटों को किस प्रकार अलग से पहचान सकता है ?

अतिरिक्त सुरक्षा विशेषताओं के अलावा एमजी श्रृंखला 2005 के बैंकनोटों के पृष्ठ भाग पर मध्य में नीचे के हिस्से में मुद्रण वर्ष छपा है । 2005 से पूर्व मुद्रण बैंकनोटों के पृष्ठ भाग पर मुद्रण वर्ष नहीं है जिससे इन नोटों में आसानी से अंतर किया जा सकता है ।

3. भारतीय रिजर्व बैंक ने पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोटों को वापस लेने का निर्णय क्यों लिया है ?

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 के पूर्व जारी किए गए सभी बैंकनोटों को प्रचलन से वापस लेने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि इनमें 2005 के बाद मुद्रित बैंकनोटों की तुलना में में कम सुरक्षा विशेषताएं हैं । इन नोटों को वापिस लेने की प्रक्रिया एक ही समय में नोटों की कई श्रृंखलाएं प्रचलन में नहीं रखने की मानक अंतर्राष्ट्रीय पद्धति के अनुरूप है । भारतीय रिजर्व बैंक इन बैंक नोटों को पहले से ही बैंकों के माध्यम से नियमित रूप से वापस लेता आ रहा है । यह अनुमानित है कि प्रचलन में ऐसे बैंकनोटों (पूर्व 2005) की मात्रा इतनी अधिक नहीं है जो आम जनता को बड़े पैमाने पर प्रभावित करें और आम जनता अपनी सुविधानुसार, पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोटों का विनिमय बैंक शाखाओं में कर सकती है ।

4. क्या पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोट वैध मुद्रा नहीं रहेंगे ?

2005 से पहले जारी किए गए बैंकनोट वैध मुद्रा बने रहेंगे । इन बैंकनोटों को केवल प्रचलन से वापस लिया जा रहा हैं तथा वापस लेने की यह प्रक्रिया एक ही समय में नोटों की कई श्रृंखलाएं प्रचलन में नहीं रखने की मानक अंतर्राष्ट्रीय पद्धति के अनुरूप है ।

5. क्या पूर्व 2005 श्रृंखला के बैंकनोटों का सामान्य लेनदेनों के लिए उपयोग किया जा सकता है ?

क्योंकि ये सभी नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे, आम जनता इन नोटों का उपयोग, बिना रोक-टोक, अपने लेनदेनों के लिए जारी रख सकती हैं और इन नोटों को बिना हिचकिचाए भुगतान में स्वीकार कर सकती है ।

6. इन नोटों के विनिमय के लिए क्या कोई समय सीमा है ?

इन नोटों को 30 जून 2015 तक किसी भी बैंक शाखा में बिना रोक-टोक बदला जा सकता है । 30 जून 2015 के बाद अपनाई जाने वाली प्रक्रिया से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यथासमय सूचित किया जाएगा ।

7. इन नोटों का प्रचलन से वापिस लिया जाना आरबीआई कैसे सुनिश्चित कर रही है ?

बैंकों को पूर्व 2005 श्रृंखला के नोटों को काउंटरों/एटीएम के माध्यम से पुन: जारी न करने के लिए सूचित किया गया है और उन्हें इन नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक को भेजने के निर्देश अनुदेश दिए गए हैं ।

8. विनिमय के लिए नोटों की संख्या पर क्या कोई प्रतिबंध है ?

नहीं । ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है । बैंकों को 30 जून 2015 तक इन नोटों का बिना रोक-टोक विनिमय करने के लिए सूचित किया गया है ।

9. क्या किसी बैंक की शाखाओं से पूर्व 2005 श्रृंखला के नोटों के विनिमय के लिए उस बैंक का ग्राहक होना आवश्यक है ?

नहीं । बैंकों को सूचित किया गया है कि, ग्राहक अथवा गैर-ग्राहक, जनता के सभी सदस्यों को बिना रोक-टोक विनिमय की यह सुविधा प्रदान की जाए ।

10. क्या विनिमय में नकदी प्राप्त करना आवश्यक है या राशि उस व्यक्ति के खाते में जमा की जा सकती है ?

पूर्व 2005 के नोटों के विनिमय में नकदी प्राप्त करना आवश्यक नहीं है । यदि व्यक्ति चाहे तो वह अपने बैंक खाते में इस राशि को जमा करवा सकता है ।

11. क्या विनिमय सुविधा के लिए कोई शुल्क किया जाता है ?

नहीं । विनिमय सुविधा सभी बैंक शाखाओं द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध करवायी जानी है।

 

स्रोत: बैंक से जुड़ी जानकारी, रिज़र्व बैंक, बैंक समाचार|

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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