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वज्रासन

भूमिका

वज्र का अर्थ होता है कठोर। इसीलिए इसका नाम वज्रासन है क्योंकि इसे करने शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। यही एक आसन है, जिसे भोजन के बाद भी कर सकते हैं। इसके अभ्यास से पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है। जठराग्नि प्रदीप्त होती है, उदर वायु विकार दूर होते हैं।रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं और शरीर में रक्त-संचार सही ढंग से होता है। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। साथ ही गैस और कब्ज की समस्या नहीं होती है।

यह ध्यानात्मक आसन हैं। मन की चंचलता को दूर करता है। भोजन के बाद किया जानेवाला यह एक मात्र आसन हैं।

इसके करने से अपचन, अम्लपित्त, गैस, कब्ज की निवृत्ति होती है। इस आसन को सबसे पहले 10 सेकेंड करें, फिर 20 सेकेंड तक बढ़ाएँ। कुछ दिन तक लगातार अभ्यास करने पर आप एक मिनट तक वज्रासन करने लगेंगे। भोजन के बाद 5 से लेकर 15 मिनट तक करने से भोजन का पाचक ठीक से हो जाता है। वैसे दैनिक योगाभ्यास मे 1-3 मिनट तक करना चाहिए। घुटनों की पीड़ा को दूर करता है। यह ध्यानात्मक आसन भी है। इसमें कुछ समय तक अपनी सुविधानुसार बैठना चाहिए।

खाने के बाद किया जाने वाला एक मात्र आसन

यह एकमात्र ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद किया जाता है। भोजन करने के बाद दस मिनट तक वज्रासन में बैठने से भोजन जल्दी पचने लगता है और कब्ज, गैस, अफारा आदि से छुटकारा मिलता है। यदि घुटनों में दर्द रहता हो, तो वज्रासन नहीं करना चाहिए। पेट और हाजमा सही रहने से बाल भी स्वस्थ बनते हैं। वज्रासन अकेला ऐसा आसन है, जिसे भोजन करने के बाद किया जा सकता है, ख़ासकर दोपहर के भोजन के बाद।

वज्रासन से पाचन तंत्र मज़बूत होता है और उससे संबंधित रोग भी धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं।

जो लोग अधिक देर तक पैर मोड़कर नहीं बैठ सकते वे वज्रासन की स्थिति में बैठकर कुछ देर तक विश्राम कर सकते हैं।

बहुत हेवी डाइट के बाद तुरंत सोने या बैठकर टीवी देखने से हमें डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो ही जाती हैं। ऐसे में अगर आप रोज खाने के बाद टीवी देखने या तुरंत सोने के बजाय वज्रासन को अपने रुटीन में शामिल करेंगे तो यकीनन आप डाइजेशन से संबंधित समस्याओं से दूर रहेंगे।

वज्रासन को आप दिन में कभी भी कर सकते हैं लेकिन यह अकेला ऐसा आसन है जो खाने के तुरंत बाद यह आसन बहुत अधिक प्रभावी होता है। यह न सिर्फ पाचन की प्रक्रिया ठीक रखता है बल्कि लोवर बैकपेन से भी आराम दिलाता है।

आसन की विधि

दोनों घुटने सामने से मिले हों। पैर की एड़ियाँ बाहर की और पंजे अन्दर की ओंर हों। बायें पैर के अंगूठे के आस पास मैं दायें पैर का अंगूठा। दोनों हाथ घुटनों के ऊपर। इस आसन में घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठते हैं कि नितंब दोनों एड़ियों के बीच में आ जाएं, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एड़ियों में अंतर भी बना रहे।

ऐसे करें वज्रासन

  • इस आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर पंजों के बल सीधा बैठें।
  • दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलने चाहिए और एड़ियों में थोड़ी दूरी होनी चाहिए।
  • शरीर का सारा भार पैरों पर रखें और दोनों हाथों को जांघों पर रखें।
  • आपकी कमर से ऊपर का हिस्सा बिल्कुल सीधा होना चाहिए। थोड़ी देर इस अवस्था में बैठकर लंबी सांस लें।

वज्रासन के फ़ायदे

  1. वज्रासन से रक्त का संचार नाभि केंद्र की ओर रहता है। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट से संबंधित रोग भी दूर होने लगते हैं।
  2. महिलाओं के लिए भी वज्रासन उपयोगी है। इससे मासिक धर्म की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
  3. हेवी डाइट के बाद तुरंत सोने या बैठकर टीवी देखने से हमें डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो ही जाती हैं। ऐसे में अगर आप रोज खाने के बाद टीवी देखने या तुरंत सोने के बजाय वज्रासन को अपने रुटीन में शामिल करेंगे तो यकीनन आप डाइजेशन से संबंधित समस्याओं से दूर रहेंगे।
  4. वज्रासन को आप दिन में कभी भी कर सकते हैं लेकिन यह अकेला ऐसा आसन है जो खाने के तुरंत बाद यह आसन बहुत अधिक प्रभावी होता है। यह न सिर्फ पाचन की प्रक्रिया ठीक रखता है बल्कि लोवर बैकपेन से भी आराम दिलाता है।
  5. पाचन में मददगार वज्रासन के दौरान शरीर के मध्य भाग पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है। इस दौरान पेट और आंतों पर हल्का दबाव पड़ता है जिससे कांस्टिपेशन की दिक्कत दूर होती है और पाचन ठीक रहता है।
  6. तनाव से मुक्ति वज्रासन की मुद्रा में कमर और पैरों की मांसपेशियों का तनाव दूर होता है और ज्वाइंट्स खुलते हैं। अधिक चलने या देर तक खड़े होने के बाद इस आसन की मदद से आराम महसूस होगा। रोगों से रखता है दूर। नियमित तौर पर वज्रासन का अभ्यास वेरिकोज वेन्स, ज्वाइंट पेन और गठिया जैसे रोगों से दूर रखने में मददगार है। इसके अलावा मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं में भी यह आसन मददगार है।
  7. श्वास संबंधी व्यायाम इस आसन के दौरान गहरी श्वास लेने और छोड़ने की क्रिया श्वास से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मददगार है। इस आसन का नियमित अभ्यास श्वसन प्रक्रिया में फायदेमंद है।
  8. वजन घटाने में मददगार वज्रासन के नियमित अभ्यास से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता और और मांसपेशियों को लचीला बनाता है इसलिए अच्छे फिगर की चाहत है तो इस आसन का अभ्यास करें।
  9. इस आसन से पाचनतंत्र सुगम रहता है और पेट की दूसरी बीमारियाँ भी दूर होती हैं।

ध्यान योग्य बातें

  1. जिन लोगों को जोड़ों में दर्द हो या गठिया की दिक्कत हो वे इस आसन को न करें। जिनके घुटने कमज़ोर हों, जिन्हें गठिया हो या फिर जिनकी हड्डियां कमज़ोर हों, वे लोग वज्रासन न करें।
  2. दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। पीछे की ओर ज़्यादा न झुकें। शरीर को सीधा रखें ताकि संतुलन बना रहे।
  3. हाथों और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और कुछ देर के लिए अपनी आँखें बंद कर लें।
  4. अपना ध्यान साँस की तरफ़ बनाए रखें। धीरे-धीरे आपका मन भी शांत हो जाएगा।
  5. इस आसन में पाँच मिनट तक बैठना चाहिए, ख़ासकर भोजन के बाद।
  6. नया-नया अभ्यास करने वालों को घुटनों, जंघों और टखनों में इतना खिंचाव आएगा कि वे इस आसन को करने से घबराएँगे। लेकिन धीरे-धीरे कुछ समय बाद ऐसे लोग भी आसानी से वज्रासन करने लगते हैं।
  7. वज्रासान में अगर पैरों या टखनों में अधिक खिंचाव और तनाव हो रहा हो तो दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें और पैरों को बारी-बारी से घुटने से ऊपर नीचे हिलाएं।

स्रोत: योग-विज्ञान, विकिपीडिया।

अंतिम बार संशोधित : 2/25/2020



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