অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

जोड़ो की अन्य बीमारीयाँ

जोड़ो में दर्द (आरथ्रेलजिआ)

आरथ्रेलजिआ दो ग्रीक शब्दो से मिलकर बना है आ्ररथ्रो यानी जोड+एलजिआ यानी दर्द जिसका अर्थ जोड़ो में दर्द है। इस शब्द का इस्तेमाल सभी परिस्थिती में नही किया जाता। सिर्फ जोड़ो में दर्द की बीमारी जो सूजन और जलन से संबंधीत न हो, उन परिस्थितियॉ के लिये इस शब्द का प्रयोग करना चाहिये । जोड़ो में दर्द की बीमारियाँ के साथ सूजन और जलन हो तो संधिशोध या प्रजव्लन (आरथ्राटिस) शब्द का प्रयोग करना चाहिये।

कारण

जोड़ो में दर्द के कई कारण हो सकते है । जैसे बहुत अधिक काम करना, वायरस से होने वाला बुखार, कमज़ोरी, कुपोषण या किसी विशेष मुद्रा में बैठे रहने से थकान, संक्रमण, चोट/मोच, प्रतिरक्षित तंत्र की खराबी, ऐलर्जी संबंधी (दवाओ) से, बढती उम्र और विकृत बीमारीयो के कारण हो सकता है। ज़रूरी नहीं की ऐसा हर दर्द गठिया हो। दो हड्डीयो के बीच चबनी हड्डी (कार्टलिज) जोड़ो के लिये एक गद्दे का काम करता है जिसके कारण जोड़ो में निर्विघ्न और दर्दरहित हरकत संभव हो पाता है। चबनी हड्डी (कार्टलिज) की खराबी के कारण जोड़ो में दर्द होता है।

निदान

भौतिक परिक्षण और रोगी से बातचीत कर जोड़ो में दर्द का पता लगाया जा सकता है।

उपचार

जोड़ो में दर्द के कारण पर निर्भर करता है। इसलिये कारण का उपचार पहले करना चाहिये। दर्द वाले जोड़ को आराम देने से दर्द में फायदा मिलता है। दर्द निवराक गोलियॉ, खीचाव युक्त अभ्यास, शल्य चिकित्सा आदी दर्द के प्रबंधन में सहायक हो सकते है।

आक्षेप रोकनेवाला इन्जैक्शन जैसे डाईज़ेपाम या क्लोरोप्रोमाज़ीन असरकारी होती हैं। परन्तु केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में इसकी खुराक तय करनी पड़ती है और साथ ही सॉंस पर भी ध्यान दिया जाना ज़रूरी होता है। ऐसे मरीज को अस्पताल पहुँचाया जाना तो ज़रूरी होता ही है।

जोड़ों में दर्द और सूजन / गठिया (आरथ्राईटिस)

संधिशोथ या जोड़ों के सूजन को गठिया कहते हैं। गठिया या आरथ्राईटिस (सूजन, संधिशोथ) और जोड़ों के दर्द में काफी अन्तर हो ता है। जोड़ों का दर्द हमेशा गठिया के कारण नहीं होता। गठिया में जोड़ों में सूजन हो जाती है। जोड़ों का दर्द के साथ सूजन बहुत ही आम परेशानी है और कई बार यह बुखार से भी जुड़ा हो सकता है।

गठिया के कारण

यह निम्नलिखित में से किसी भी कारण से हो सकती है।

  • बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण के कारण
  • जोडो में चोट, मोच या आन्तरिक रक्त स्राव के कारण
  • रूमेटिक या संधिवातीय संबंधित रोग
  • बुढ़ापे की गठिया
  • कैंसर में भी जोड़ों में बिना शोथ के सूजन हो सकती है।

संक्रमित गठिया

यह आम तौर पर सिर्फ एक जोड़ तक ही सीमित रहती है। संक्रमित गठिया जोड़ में दर्द, छुने पर गरम अहसास व दर्द, सुजन और हरकत में परेशानी पाये जाने वाले आमलक्षण है। चिरकारी गठिया में सूजन, दर्द और हिलने-डुलने में परेशानी की शिकायत होती है।अगर सिर्फ एक ही जोड़ पर असर हो तो ऐसी चिरकारी गठिया का एक कारण तपेदिक भी होता है।

निदान

सही निदान जोड़ों में से निकाले गए चूषक द्रव की जाँच से ही हो सकता है।

उपचार

समय से और सही इलाज से संक्रमित गठिया में जोड़ को बिलकुल ठीक से काम करने लायक बनाया जा सकता है। देरी और ठीक इलाज के अभाव से हमेशा के लिए उस जोड़ के हिलने-डुलने में समस्या हो सकती है। मालिश करने से कोई फायदा नहीं होता, बल्कि नुकसान ही हो सकता है।

स्त्रोत: भारत स्वास्थ्य

 

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate