অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति का आकलन करना

मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति का आकलन करना

  1. परिचय
  2. क्या आप मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति की जांच कर सकते हैं ?
  3. क्या आपके पास मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति से बात करने का समय होगा ?
  4. सामान्य स्वस्थ्य देखभाल स्थलियों में मनोरोग की पहचान के लिए कुछ मार्गदर्शक सवाल
  5. किसी निदान तक कैसे पहुँचा जाए ?
  6. ऐसे व्यक्ति का आलकन करना जो बातचीत से इंकार करता हो
  7. मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शिकायतों का आकलन करना
  8. मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का आकलन करते समय याद रखने योग्य बातें
  9. क्लीनिक के सामने आने वाले कुछ ऐसे लक्षण जो किसी मनोरोग का संकेत देते हैं
  10. सामान्य स्वस्थ्य देखभाल स्थलियों में मनोरोग की पहचान के लिए कुछ मार्गदर्शक सवाल
  11. जिन लोगों में मनोरोग होने की आशंका हो उनसे जुटाई जाने वाली सूचनाएं
  12. जानें उनके लक्षण एवं भावनाएं
  13. किसी निदान तक कैसे पहुँचा जाए ?
  14. मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का आकलन करते समय याद रखने योग्य बातें

 

परिचय

यह अध्याय इस बारे में हैं कि किसी मनोरोग का निदान करने के लिए साक्षात्कार कैसे किया जाए | यह मनोरोग के सभी मुख्य लक्षणों के बारे में बताने के अलावा इस बारे में भी कुछ प्रस्तुत करता है कि कठिन साक्षात्कार कैसे लिए जाएं, जैसे भीड़ भरे प्राथमिक देखभाल क्लीनिकों में या फिर उन लोगों के साथ जो बात ही नहीं करना चाहते | इस में उन सवालों का भी वर्णन किया गया है जो आप किसी मनोरोग के होने की पुष्टि करने के लिए पूछ सकते हैं |

क्या आप मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति की जांच कर सकते हैं ?

जरुरी नहीं कि मानसिक स्वास्थ्य आ आकलन किसी विशेषज्ञ द्वारा ही किया जाए | इसे करने के लिए केवल करुणा, दूसरे  की बात सुनने के अच्छे कौशल और कुछ बुनियादी ज्ञान की जरुरत होती है | इन सबका वर्णन इस पुस्तक में किया गया है |
कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मन के मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति का आकलन करने के प्रति मिले-जुले भाव होते हैं |
उनके मन में निम्न बातें हो सकती हैं :
यह भय कि कहीं रोगी उस पर हमला न कर दें ;
रोगी की मैली-कुचैली स्थिति के प्रति नफरत का भाव ;
यह खीझ कि नियमित जांच के मुकाबले साक्षात्कार में कहीं ज्यादा समय लग जाए ;
रोगी की विचित्र हरकतों को देख मन ही मन हंसने का भाव ;
गुस्सा कि यह व्यक्ति ‘जिसे कोई बीमारी नहीं है, उनका समय बबार्द कर रहा है’ |
जल्दबाजी मत दिखाएं | अब आप हो समय लगाएंगे, उससे आपका बाद का समय बच जाएगा |
ऐसे भाव आम तौर पर आपके लिए मनोरोग में मदद देने की कोशिश को मुश्किल बना देंगे | आपकी इन भाव-भंगिमाओं से रोगी भी असहज महसूस करेगा और शायद आपके साथ अपनी भावनाओं की साझेदारी न करे | मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति के साथ भी उसी सम्मान और करुणा के साथ पेश आना चाहिए जो आप बाकि लोगों के मामले में दिखाते हैं | मनोरोग से पीड़ित लोगों के साथ काम करना एक ऐसी चुनौती है जिससे आपको सार्थकता का भाव और सुफल, दोनों ही मिलेंगे | मनोरोग का आकलन करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि आप पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त समय दें |

क्या आपके पास मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति से बात करने का समय होगा ?

सबसे पहली याद रखने वाली बात यह है कि अगर आप यह जानने के समय लगाएंगे कि पीड़ित व्यक्ति आपके पास क्यों आया है, तो हकीकत में इससे बाद में आपका समय बचेगा | हम जानते हैं कि अनेकों मनोरोग, खासकर आम मानसिक अस्वस्थताएं और शराब संबंधी समस्याएं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग नहीं ही पहचानी जातीं | किसी व्यस्त क्लिनिक में स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता अक्सर रोगी द्वारा बताई गई शिकायतों को ही मान लेंगे और उनके लिए दवाएं दे देंगे | इस तरह, दर्द और पीड़ा के लिए दर्द-निवारक यानि पेन किलर्स, थकान के लिए विटामिन और नींद संबंधी समस्याओं के लिए नींद की गोलियां दे या लिख दी जाती हैं | पर, हो सकता है कि ऐसा करने से असल बीमारी यानि मनोरोग का इलाज न हो | इनमें से अनेकों लोग बार-बार क्लीनिक आते रहेंगे और आपका और ज्यादा समय लेंगे |
इसलिए, असल समस्या का पता लगाने में बिताया गया समय अंत में आपका बाद में समय बचाएगा | इसके अलावा आपको उस व्यक्ति को और ज्यादा गोलियों के लिए क्लीनिक आने की बजाय, उनमें सुधार होते देख ख़ुशी मिलती | दूसरी याद रखने योग्य सबसे महत्वूर्ण बात यह है कि मनोरोग के बारे में सवाल पूछने में ज्यादा वक्त नहीं लगता | समय को सही तरीके से इस्तेमाल करने का गुर यह है कि आपको अच्छी तरह मालूम हो कि मनोरोग के बारे में कैसे पूछना है और इसका वर्णन नीचे किया गया है |
क्लीनिक के सामने आने वाले कुछ ऐसे लक्षण जो किसी मनोरोग का संकेत देते हैं
जब स्वयं व्यक्ति या उसके संबंधी अवसाद या शराब संबंधी समस्याओं की सीधे शिकायत करते हों |
जब स्वयं व्यक्ति या उसके संबंधी किसी दैवीय कारण क होने का संदेह करते हों |
जब मनोरोग का कोई विशष्ट कारण, जैसे शराब की लत या घरेलू हिंसा, स्पष्ट नजर आता हो |
जब आपको मालूम हो कि व्यक्ति वैवाहिक और यौन समस्याओं जैसे संबंधों किसी समस्या से गुजर रहा है |
जब आपको मालूम हो कि व्यक्ति के जीवन में बेरोजगारी या किसी या किसी प्रियजन की मृत्यु जैसी समस्या है |
जब अनेकों ऐसी शारीरिक शिकायतें हो (खासकर तीन से ज्यादा) जिनसे किसी ज्ञात बीमारी का संकेत न मिलता हो |
जब स्वयं व्यक्ति का मनोरोग का पिछला या उसके परिवार का इतिहास हो |

सामान्य स्वस्थ्य देखभाल स्थलियों में मनोरोग की पहचान के लिए कुछ मार्गदर्शक सवाल

क्या आपको रात को सोने में कठिनाई होती है ?
क्या आपको ऐसा महसूस होता रहा है कि अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में आपकी दिलचस्पी समाप्त हो गई है ?
क्या आप इस दिनों उदास या दुखी महसूस करते रहे हैं ?
क्या आप किसी चीज से भयभीत रहे हैं ?
क्या हाल ही में आप ज्यादा शराब पीने को लेकर चिंतित रहे हैं ?
हाल में आप शराब पर कितना पैसा और वक्त खर्च करते रहे है
अगर इनमें से किसी सवाल का जवाब हाँ में हो, तो निदान की पुष्टि के लिए ज्यादा विस्तार से सवाल पूछिए |
जिस व्यक्ति के मनोरोग से पीड़ित होने की आशंका हो, उससे क्या पूछा जाए ?
छंटनी की प्रक्रिया में आपको जिन लोगों के बारे में मनोरोग होने की आशंका पैदा हो, उनके लिए साक्षात्कार का एक मानक फार्म इस्तेमाल किया जा सकता है | समस्या को समझने के लिए आपको तीन तरह की सूचनाओं की जरुरत पड़ेगी | इन्हें सूचनाओं से यह भी पता लगेगा कि उस व्यक्ति की मदद कैसे की जा सकती है |
आपसे जो परामर्श लेने आता है उसकी उम्र, पारिवारिक विवरण तथा रोजगार संबंधी बुनियादी सूचनाएं एकत्रित की जा सकती है |
स्वयं बीमारी के बारे में सूचनाओं की शुरुआत लक्षणों का पता लगाने से होनी चाहिए | उदाहरण के लिए, वे लक्षण कितने समय से रहे हैं और वे उस व्यक्ति की जिंदगी को कैसे प्रभावित करते हैं |
उसके बाद आपको उस व्यक्ति की सामाजिक स्थिति के बार में पूछना चाहिए | इसमें ये बातें शामिल होनी चाहिए : वह व्यक्ति किसके साथ रह रहा है, उसके सामाजिक समर्थन में मुख्य स्रोत कौन हैं | हाल ही में उसके जीवन में घटी घटनाओं – जैसे परिवार में हुई कोई मृत्यु – से संबंधित सवाल आपको यह समझने में मदद दे सकते हैं कि वह व्यक्ति मनोरोग से क्यों पीड़ित है |
जिन लोगों में मनोरोग होने की आशंका हो उनसे जुटाई जाने वाली सूचनाएं
सामान्य सूचनाएं
लिंग
उम्र
व्यवसाय
वैवाहिक स्थिति
मौजूदा शिकायत की हिस्ट्री
यह शिकायत कब और कैसे शुरू हुई ?
क्या दवाएं (व अन्य उपचार) के लिए जा रहे हैं ?
बीमारी के बारे में स्वयं उस व्यक्ति की मान्यता – उसे क्या बीमारी और उसका क्या कारण लगता है ? आप तनाव और बीमारी पैदा करने वाले दैवीय कारणों के बारे में सवाल पूछ सकते हैं |
अन्य सूचनाएं
क्या मनोरोग की उसकी कोई हिस्ट्री है ( अगर हाँ, तो पुराने उपचारों, दवाओं या क्लीनिक नोट्स के बारे में पूछिए) ?
प्रासंगिक चिकित्सीय इतिहास, जैसे हाल में सर में लगी चोट |
हाल में उस व्यक्ति के जीवन में हुई बड़ी घटनाएं, जैसे विवाह का टूटना, परिवार में मृत्यु, बेरोजगारी आदि |
सामाजिक समर्थन – खासकर, व्यक्ति किसके साथ रहता है, कौन उसकी देखभाल करता है, क्या उसे घर से बाहर भी किसी तरह का समर्थन प्राप्त है, जैसे धार्मिक या अध्यात्मिक समर्थन या दोस्त ?
मानसिक अस्वस्थताओं के निदान के लिए लक्षणों की जांच सूची
अध्याय एक में जिन मुख्य प्रकार की मानसिक अस्वस्थताओं का वर्णन किया गया है, उनके निदान के लिए लक्षणों की निम्न जांच सूची का इस्तेमाल किया जा सकता है |
आम मानसिक अस्वस्थताओं के निदान के लिए (अवसाद व चिंताग्रस्तता )
व्यक्ति में कम से कम दो महीने के लिए निम्न में से कमसे कम एक लक्षण होना जरुरी है :
उदास महसूस करना ;
रोजमर्रा की गतिविधियों में दिलचस्पी खत्म होना ;
तनावग्रस्त या घबराया हुआ या बहुत चिंतित महसूस करना |
अन्य लक्षण जो अक्सर पाए जाते हैं और जिनके बारे में पूछा जाना चाहिए, निम्न है :
नींद न आना ;
थकान ;
भूख न लगना ;
ठीक से मस्तिष्क को एकाग्र न कर पाना ;
आत्महत्या के खयाल ;
दिल का तेजी से धड़कना, शरीर का कांपना तथा सर घूमना ;
पुरे शरीर में दर्द और पीड़ा होना |
किसी गंभीर मानसिक अस्वस्थता का निदान के लिए
व्यक्ति में निम्न तीन से तो लक्षण जरूर होने चाहिए :
ऐसी चीजें में विश्वास करना जिनका कोई अस्तित्व नहीं, उदाहरण के लिए यह कि उसके विचारों को किसी बाहरी शक्ति द्वारा नियंत्रित्त किया जा रहा है या लोग उसे जहर देने की कोशिश कर रहे हैं :
ऐसी चीजें सुनना या देखना जिन्हें दूसरे  नहीं सुन या देख सकते ; और अक्सर सुनी और देखी जाने वाली बातें उसे डरती हैं ;
व्यग्रता और बेचैनी या अलग-अलग अपने में बंद होना और दिलचस्पी की कमी |
अगर ये लक्षण पिछले एक महीने से कम समय से मौजूद रहे हैं, तो निदान गंभीर साइकोसिस यानि मनोविकृति के रूप में हो सकता है | अगर वे एक महीने से ज्यादा समय से रहे हों, तो संभव है कि स्किजोफिन्या हो | अगर ऐसी घटनाओं का इतिहास हो जिनमें रोगी बिल्कुल ठीक हो गया लगता हो, तो द्विध्रुवीय अस्वस्थता के रूप में निदान किया जा सकता है | हाई या मनोन्मादी मामले का निदान आधार पर किया जा सकता है :
बोलने की रफ्तार का बढ़ना ;
बेचैनी ;
चिड़चिड़ी मन:स्थिति ;
भव्य और ऊंचे खयाल |
शराब (या नशीली दवाओं) पर निर्भरता के निदान के लिए
व्यक्ति कम से कम एक महीने की अवधि में निम्न में से कमसे कम दो लक्षण होने चाहिए :
शराब का इस्तेमाल जिसके कारण नौकरी जाने जैसी निजी समस्याएं या दुर्घटना या पीलिया होने जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुई हों :
शराब का दिन भर इस्तेमाल करना ;
जब तक शराब न ले ली जाएं,, बीमारी या अस्वस्थ महसूस करना ;
शराब का इस्तेमाल निरंतर बढ़ती हुई मात्रा में करना |
साक्षात्कार के दौरान किस बात का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए ?
साक्षात्कार के दौरान आपको निम्न बातों पर गौर करना चाहिए :
चेहरे पर उदासी या भय के भाव ;
बेचैनी या शांत बैठ पाने की असमर्थता (साइकोसिस, अवसाद के साथ शराब और नशीली दवाओं पर निर्भरता और किसी मनोचिकित्सीय दावा के सह-प्रभाव के साथ ) ;
सवालों के बेतुके जबाव ( जो साइकोसिस का लक्षण हो सकते हैं ) ;
बहुत तेजी से बोलना ( जो साइकोसिस और खासकर मेन्या या मनोन्माद का लक्षण हो सकता है ) ;
बहुत धीमी गति से बोलना (जो अवसाद, नशीली दवाओं पर निर्भरता तथा खंडित मानस या स्किजोफिन्या का लक्षण हो सकते हैं ) ;
व्यक्ति की निजी साफ-सफाई और देखभाल की स्थिति (अवसाद, नशीली दवाओं व शराब पर निर्भरता और खंडित मानस या स्किजोफिन्या के मामले में व्यक्ति इनके प्रति लापरवाह दिखेगा)
साक्षात्कार कैसे किए जाने चाहिए ?
नीचे कुछ सूत्र बताए गए हैं कि लोगों से उनकी भावनाओं व लक्षणों पर चर्चा करते समय उन्हें सहज महसूस कराने में कैसे मदद दी जाए :
आपको उस व्यक्ति को अपना परिचय देना चाहिए | कुछ लोग साक्षात्कार से पहले उलझन या संदेह की स्थिति में हो सकते हैं | आपको साफ-साफ अपनी पेशेवर भूमिका के बारे में बताना चाहिए और कहना चाहिए कि आप उस व्यक्ति के स्वास्थ्य की हाल की स्थिति पर बात करना चाहते हैं |
उस व्यक्ति से संवाद स्थापित करने के लिए, आप हाल ही की किसी खबर पर सामान्य बातचीत के जरिए साक्षात्कार शुरू कर सकते हैं | अनेकों लोग स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता से निजी स्तर पर जुड़ा हुआ महसूस करने के लिए, उनके साथ उन्हीं की भाषा बोलिए और उन्हीं के इलाके में रहिए |
करुना का मतलब है इस बात की कल्पना करना कि किसी दूसरे  व्यक्ति के स्थान पर आपको कैसा महसूस होगा | व्यक्ति के लक्षणों और उसकी सामाजिक व पारिवारिक स्थिति की समझ हासिल करने से आप उसकी बीमारी का इलाज ज्यादा संवेदनशीलता से कर पाएंगे | इससे उस व्यक्ति को भी आपसे बात करने में ज्यादा सहज महसूस होगा |
मार्गदर्शक सवाल हर उस व्यक्ति से पूछने चाहिए जो आपसे परामर्श लेने आता है | किसी भी सावल के जावाब में ‘हाँ’ कहे जाने की स्थिति में अधिक विस्तार से आकलन करना चाहिए |
मनोरोगों की मुख्य किस्मों व उनके लक्षणों को हमेशा दिमाग में रखने से आपको आकलन में मदद मिलेगी | यह विशेषकर इसलिए जरुरी है कि जब तक विशेष तौर पर पूछा जाए अनेकों रोगी अपनी भावनात्मक समस्याओं के बारे में खुल कर बात नही करते |
आपको जल्दी में नहीं दिखना चाहिए | उदहारण के लिए, आपको बार-बार अपनी कलाई घड़ी पर निगाह नहीं डालनी चाहिए | याद रखिए कि किसी व्यक्ति की समस्या को समझने और उसके उपचार के बारे में फैसला लेने में केवल दस मिनट लगेंगे | पर अगर आप अधिक समय दे सकते हैं, तो निश्चित रूप से अच्छी बात है |
व्यक्ति को संबंधियों की मौजूदगी से अलग बात करने का मौका दें | लोगों को केवल इसलिए ‘अविश्वसनीय’ न समझें कि वे मनोरोग से पीड़ित हैं |
संबंधियों से भी बात करने की कोशिश करें | मनोरोग से पीड़ित कुछ व्यक्ति कह सकते हैं कि उन्हें कोई रोग नहीं है | हो सकता है कि कुछ लोगों को ठीक से पता न हो कि वे कैसा व्यवहार करते हैं | संबंधी और मित्र अक्सर ऐसी मुल्यावन सूचनाएं दे सकते हैं जिनसे उपचार संबंधी फैसले में मदद मिले |
साक्षात्कार के दौरान व्यक्ति से आँखें मिलाएं | निगाहें मिलाने से व्यक्ति को यकीन आ जाता है कि स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता उसकी कही बातों में दिलचस्पी ले रहा है |
एकांत सुनिश्चित करने की कोशिश करें | भीड़ भरे क्लीनिकों में ऐसा करना असंभव हो सकता है | पर ऐसी जगह भी आप इतना धीमे बोल सकते हैं कि निजी समस्याओं पर की जा रही चर्चा कमरे में दूसरों तक न पहुंचे | या इसके अलावा, आप उस व्यक्ति से कह सकते हैं कि भीड़ के छांटने तक इंतजार करे और उसके बाद एकांत में बात कर सकते हैं |
भविष्य में काम आ सकने वाली महत्वूर्ण सूचनाओं को दर्ज करें | खासकर मुख्य लक्षणों, वर्तमान, निदान तथा महत्वपूर्ण सूचनाओं को, जैसे वैवाहिक समस्या का होना |

किसी निदान तक कैसे पहुँचा जाए ?

सामान्य स्वास्थ्य देखभाल स्थलियों में केवल कुछ ही किस्म के निदान कनरे की जरुरत होती है | भाग दो में इस बात का वर्णन किया जाएगा कि लोगों द्वरा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने की गई शिकायतों के आधार पर आप कैसे विभिन्न मनोरोगों का निदान करेंगे | अपने आपको मानसिक अस्वस्थता की किस्मों तथा मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए पूछे जाने वाले उन प्रश्नों से परिचित कराएं जिन पर इस अध्याय में चर्चा की गई है | पहले अपने सहकर्मियों के साथ इन सवालों का अभ्यास करें |
याद रखें कि निदान दो कारणों से महत्वपूर्ण है :
आपको सही उपचार का चुनाव करने में मदद देने के लिए ;
लोगों को शिकायत के कारण समझाने के लिए |
आकलन में सामने आने वाली विशेष स्थितियां
मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने में कुछ विशेष स्थित्तियां सामने आती है | इनमें निम्न शामिल है :
ऐसे व्यक्ति का आकलन करना जो बातचीत से इनकार करता हो ;
मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शिकायतों आ आकलन करना ;
मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का फोन पर आकलन करना ;
मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का उसके परिवार की मौजूदगी में आकलन करना ;
हिंसक व्यक्ति का आकलन करना
मानसिक रूप से संभ्रमित व्यक्ति का आकलन करना
आत्महत्या की प्रवृति वाले व्यक्ति आ आकलन करना
मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित बच्चों का आलकन करना

ऐसे व्यक्ति का आलकन करना जो बातचीत से इंकार करता हो

कभी-कभी आपका वास्ता ऐसे लोगों से पड़ सकता है जो बातचीत करने से इंकार करते हों | ऐसा कई कारणों से हो सकता है | वे क्लीनिक लाए जाने के कारण नाराज हो सकते हैं | उन्हें यह डर लग सकता है कि किसी स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता से बात करने का मतलब होगा, उन पर मेंटल केस का बिल्ला लगना | वे आपके इरादों पर संदेह कर रहे हो सकते हैं |
ऐसी स्थितियों में आम सलाह यही है कि आप ज्यादा समय दें | अगर संभव है, तो उस व्यक्ति का साक्षात्कार किसी एकांत कमरे में करें | अगर यह संभव नहीं है, तो साथ आए संबंधियों से दूर खड़ा होने के लिए कहें ताकि बातचीत उन तक न पहुंचे | उस व्यक्ति को झिड़कें नहीं, उदाहरण के लिए यह कह कर कि आपके पास बर्बाद करने के लिए वक्त नहीं है | इसके बजाय, बातचीत करने से इंकार कर रहे व्यक्ति यो यकीन दिलाएं कि उनकी समस्या में आपकी दिलचस्पी है | अगर व्यक्ति बातचीत करने से इंकार कर रहा हो, और आपको कोई दूसरा काम करना हो, तो कहें कि आपको जा कर एक काम पूरा करना है और आप कुछ देर बाद लौटेंगे और तब आपके पास बातचीत करने के लिए ज्यादा वक्त होगा | इससे उस व्यक्ति को सोचने के लिए कुछ समय मिल जाएगा | इससे उसके प्रति आपकी चिंता भी जाहिर हो जाएगी |

मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शिकायतों का आकलन करना

कल्पना कीजिए कि कोई मनोरोगी है जिसे स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता जानता है | वह रोगी सरदर्द की नई शिकायत के साथ फिर से क्लीनिक आया है | आम तौर पर स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता मान लेंगे कि यह शिकायत मनोरोग का ही एक और लक्षण है | लेकिन, इस दृष्टिकोण को अपनाने से संभव है कि आप किसी गंभीर शारीरिक बीमारी को अनदेखा कर दें | जरुरी है कि मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए | नई शारीरिक शिकायतों का सही और आवश्यक तरीके से आकलन और जरुरी जाचें किए बगैर, उन्हें रफा-दफा न करें | इस बात को याद रखें कि मनोरोग से पीड़ित लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरत सकते हैं | कुछ तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं से बहुत निकटता से जुड़ी है |
इसके सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उदहारण हैं :
शराब व नशीली दवाओं पर निर्भरता जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है |
हिंसा या बलात्कार की शिकार हुई महिलाएं
मानसिक संभ्रम तथा उत्तेजना जिनके कारण शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं |
बुजुर्ग लोगों में व्यवहार संबंधी समस्याएं |
मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का फोन पर आकलन करना
जहाँ फोन उपलब्ध हैं, वहां संभव है कि लोग आपसे फोन पर परामर्श करें | हकीकत में इससे दोनों का समय बचता है, आपका भी और फोन करने वाले का भी क्योंकि वह अनावश्यक रूप से क्लीनिक आने से बच जाता है | कभी-कभी आपको कोई व्यक्ति ऐसी शिकायत के बारे में भी फोन कर सकता है जो मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित हो | इस तरह की कॉलों के उदहारण हो सकते हैं :
ऐसा व्यक्ति जो मरना चाहता हो ;
कोई बच्चा जिसे मदद की जरुरत हो ;
कोई व्यक्ति जिसने शराब पी रखी हो और मानसिक संभ्रम की हालत में हो ;
कोई व्यक्ति जो गुस्से में हो और गलियां दे रहा हो |
फोन पर स्पष्ट सलाह या आश्वासन न दें | आपको इस तरह फोन करने वाले की पहचान करनी चाहिए :
फोन करने वाले के नाम , उम्र, पते तथा फोन नंबर का पता लगाएं |
उनसे पूछें कि ठीक-ठीक समस्या क्या है, कैसे शुरू हुई, हाल ही में क्या हुआ है | वह जिस स्थिति का सामना कर रहा है, उसका अंदाजा लगाएं |
किसी ऐसे संबंधी या मित्र का पता लगाएं जिससे वे बात कर सकते हों | फोन करने वाले को अपनी परेशानी बांटने के लिए प्रोत्साहित करें |
अगर वे मानसिक संभ्रम की स्थिति में हैं या गाली दे रहे हैं, तो उन्हें समझाएं कि आप उनकी मदद करना चाहेंगे, पर अगर उन्होंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला, तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे | अगर फोन करने वाला आपकी बात समझे ही नहीं और कठिनाई ही पैदा करे, तो फोन रख दें |
अगर आपको लगे कि मामला ऐसा है कि आपको आमने-सामने बात करनी चाहिए, तो उन्हें क्लीनिक आने के लिए कहें |
अगर परेशानी में फंसे किसी बच्चे का फोन हो, तो फ़ौरन स्थानीय बाल कल्याण दल या स्थानीय पुलिस को खबर करें | बच्चे को कहें कि वह अपनी जगह ही बना रहे और बताएं कि कोई उसकी मदद करने पहुंचने वाला है |
मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का उसके परिवार की मौजूदगी में आकलन करना

मनोरोग से पीड़ित व्यक्तियों के आकलन और उपचार में परिवार एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं | आपको आकलन में व्यक्ति की गोपिनियता को सुनिश्चित करने की जरुरत के साथ परिवार को शामिल करने की जरुरत के बीच संतुलन बनाना होगा | नियम के अनुसार, यह जरुरी है कि आपको कमसे कम एक बार पीड़ित व्यक्ति के अकेले में बातचीत करने का मौका मिले | साक्षात्कार के दौरान आपको पारिवारिक संबंधों तथा तनावों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा | बाद में आप परिवार के अन्य सदस्यों के साथ समस्या पर चर्चा कर सकते हैं | पर आपको यह सावधानी बरतनी होगी कि पीड़ित व्यक्ति ने जो कुछ भी कहा है, उसकी गोपिनियता बनी रहे | ऐसी स्थितियां हो सकती है जहाँ परिवार ही पीड़ित व्यक्ति के बारे में सूचनाएं प्रदान करने वाला मुख्य स्रोत हो | उदहारण के लिए, मानसिक अस्वस्थताओं या नशे पर निर्भरता की समस्या से पीड़ित कई व्यक्ति स्पष्ट या सही विवरण नहीं दे सकते | ऐसे मामलों में संबंधियों से बातचीत करने पर आपको वे सूचनाएं मिल सकती हैं जो निदान के लिए जरुरी हैं | संबंधी पीड़ित व्यक्ति के स्वास्थ्य को मॉनीटर करने और तय किए उपचार की पालना को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं |

मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का आकलन करते समय याद रखने योग्य बातें

व्यक्ति को पर्याप्त समय देना और उसकी बात को ध्यान से सुनना मनोरोग का आकलन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्तें हैं |
मनोरोग से पीड़ित ज्यादातर व्यक्ति अपनी समस्या के संपूर्ण इतिहास को साफ-साफ बता सकते हैं | संबंधी भी महत्वपूर्ण सूचनाएं दे सकते हैं |
मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति के उपचार में व्यवस्थित रूप से लिया गया आकलन साक्षात्कार सबसे पहले (और सबसे जरुरी) कदम हो सकता है |
मानसिक अस्वस्थता से सम्बंधित ज्यादातर समस्याओं का निदान खास-खास शिकायतों के बारे में सवाल पूछ कर आसानी से किया जा सकता है |
मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति किसी शारीरक बीमारी से भी पीड़ित हो सकते हैं | किसी शारीरिक शिकायत को केवल इसलिए रफा-दफा न करें कि उस व्यक्ति को कोई मनोरोग भी है |

परिचय यह अध्याय इस बारे में हैं कि किसी मनोरोग का निदान करने के लिए साक्षात्कार कैसे किया जाए | यह मनोरोग के सभी मुख्य लक्षणों के बारे में बताने के अलावा इस बारे में भी कुछ प्रस्तुत करता है कि कठिन साक्षात्कार कैसे लिए जाएं, जैसे भीड़ भरे प्राथमिक देखभाल क्लीनिकों में या फिर उन लोगों के साथ जो बात ही नहीं करना चाहते | इस में उन सवालों का भी वर्णन किया गया है जो आप किसी मनोरोग के होने की पुष्टि करने के लिए पूछ सकते हैं | क्या आप मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति की जांच कर सकते हैं ? जरुरी नहीं कि मानसिक स्वास्थ्य आ आकलन किसी विशेषज्ञ द्वारा ही किया जाए | इसे करने के लिए केवल करुणा, दूसरे  की बात सुनने के अच्छे कौशल और कुछ बुनियादी ज्ञान की जरुरत होती है | इन सबका वर्णन इस पुस्तक में किया गया है |

कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मन के मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति का आकलन करने के प्रति मिले-जुले भाव होते हैं | उनके मन में निम्न बातें हो सकती हैं :

यह भय कि कहीं रोगी उस पर हमला न कर दें ;

रोगी की मैली-कुचैली स्थिति के प्रति नफरत का भाव ;

यह खीझ कि नियमित जांच के मुकाबले साक्षात्कार में कहीं ज्यादा समय लग जाए ;

रोगी की विचित्र हरकतों को देख मन ही मन हंसने का भाव ;

गुस्सा कि यह व्यक्ति ‘जिसे कोई बीमारी नहीं है, उनका समय बबार्द कर रहा है’ |

जल्दबाजी मत दिखाएं | अब आप हो समय लगाएंगे, उससे आपका बाद का समय बच जाएगा | ऐसे भाव आम तौर पर आपके लिए मनोरोग में मदद देने की कोशिश को मुश्किल बना देंगे | आपकी इन भाव-भंगिमाओं से रोगी भी असहज महसूस करेगा और शायद आपके साथ अपनी भावनाओं की साझेदारी न करे | मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति के साथ भी उसी सम्मान और करुणा के साथ पेश आना चाहिए जो आप बाकि लोगों के मामले में दिखाते हैं | मनोरोग से पीड़ित लोगों के साथ काम करना एक ऐसी चुनौती है जिससे आपको सार्थकता का भाव और सुफल, दोनों ही मिलेंगे |

मनोरोग का आकलन करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि आप पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त समय दें | क्या आपके पास मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति से बात करने का समय होगा ? सबसे पहली याद रखने वाली बात यह है कि अगर आप यह जानने के समय लगाएंगे कि पीड़ित व्यक्ति आपके पास क्यों आया है, तो हकीकत में इससे बाद में आपका समय बचेगा | हम जानते हैं कि अनेकों मनोरोग, खासकर आम मानसिक अस्वस्थताएं और शराब संबंधी समस्याएं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग नहीं ही पहचानी जातीं |

किसी व्यस्त क्लिनिक में स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता अक्सर रोगी द्वारा बताई गई शिकायतों को ही मान लेंगे और उनके लिए दवाएं दे देंगे | इस तरह, दर्द और पीड़ा के लिए दर्द-निवारक यानि पेन किलर्स, थकान के लिए विटामिन और नींद संबंधी समस्याओं के लिए नींद की गोलियां दे या लिख दी जाती हैं | पर, हो सकता है कि ऐसा करने से असल बीमारी यानि मनोरोग का इलाज न हो | इनमें से अनेकों लोग बार-बार क्लीनिक आते रहेंगे और आपका और ज्यादा समय लेंगे | इसलिए, असल समस्या का पता लगाने में बिताया गया समय अंत में आपका बाद में समय बचाएगा | इसके अलावा आपको उस व्यक्ति को और ज्यादा गोलियों के लिए क्लीनिक आने की बजाय, उनमें सुधार होते देख ख़ुशी मिलती | दूसरी याद रखने योग्य सबसे महत्वूर्ण बात यह है कि मनोरोग के बारे में सवाल पूछने में ज्यादा वक्त नहीं लगता | समय को सही तरीके से इस्तेमाल करने का गुर यह है कि आपको अच्छी तरह मालूम हो कि मनोरोग के बारे में कैसे पूछना है और इसका वर्णन नीचे किया गया है |

क्लीनिक के सामने आने वाले कुछ ऐसे लक्षण जो किसी मनोरोग का संकेत देते हैं


जब स्वयं व्यक्ति या उसके संबंधी अवसाद या शराब संबंधी समस्याओं की सीधे शिकायत करते हों | • जब स्वयं व्यक्ति या उसके संबंधी किसी दैवीय कारण क होने का संदेह करते हों | • जब मनोरोग का कोई विशष्ट कारण, जैसे शराब की लत या घरेलू हिंसा, स्पष्ट नजर आता हो |

जब आपको मालूम हो कि व्यक्ति वैवाहिक और यौन समस्याओं जैसे संबंधों किसी समस्या से गुजर रहा है |

जब आपको मालूम हो कि व्यक्ति के जीवन में बेरोजगारी या किसी या किसी प्रियजन की मृत्यु जैसी समस्या है |

जब अनेकों ऐसी शारीरिक शिकायतें हो (खासकर तीन से ज्यादा) जिनसे किसी ज्ञात बीमारी का संकेत न मिलता हो |

जब स्वयं व्यक्ति का मनोरोग का पिछला या उसके परिवार का इतिहास हो |

सामान्य स्वस्थ्य देखभाल स्थलियों में मनोरोग की पहचान के लिए कुछ मार्गदर्शक सवाल


क्या आपको रात को सोने में कठिनाई होती है ?

क्या आपको ऐसा महसूस होता रहा है कि अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों में आपकी दिलचस्पी समाप्त हो गई है ?

क्या आप इस दिनों उदास या दुखी महसूस करते रहे हैं ?

क्या आप किसी चीज से भयभीत रहे हैं ?

क्या हाल ही में आप ज्यादा शराब पीने को लेकर चिंतित रहे हैं ?

हाल में आप शराब पर कितना पैसा और वक्त खर्च करते रहे है?

अगर इनमें से किसी सवाल का जवाब हाँ में हो, तो निदान की पुष्टि के लिए ज्यादा विस्तार से सवाल पूछिए |


जिस व्यक्ति के मनोरोग से पीड़ित होने की आशंका हो, उससे क्या पूछा जाए ? छंटनी की प्रक्रिया में आपको जिन लोगों के बारे में मनोरोग होने की आशंका पैदा हो, उनके लिए साक्षात्कार का एक मानक फार्म इस्तेमाल किया जा सकता है | समस्या को समझने के लिए आपको तीन तरह की सूचनाओं की जरुरत पड़ेगी | इन्हें सूचनाओं से यह भी पता लगेगा कि उस व्यक्ति की मदद कैसे की जा सकती है | • आपसे जो परामर्श लेने आता है उसकी उम्र, पारिवारिक विवरण तथा रोजगार संबंधी बुनियादी सूचनाएं एकत्रित की जा सकती है | • स्वयं बीमारी के बारे में सूचनाओं की शुरुआत लक्षणों का पता लगाने से होनी चाहिए | उदाहरण के लिए, वे लक्षण कितने समय से रहे हैं और वे उस व्यक्ति की जिंदगी को कैसे प्रभावित करते हैं | • उसके बाद आपको उस व्यक्ति की सामाजिक स्थिति के बार में पूछना चाहिए | इसमें ये बातें शामिल होनी चाहिए : वह व्यक्ति किसके साथ रह रहा है, उसके सामाजिक समर्थन में मुख्य स्रोत कौन हैं | हाल ही में उसके जीवन में घटी घटनाओं – जैसे परिवार में हुई कोई मृत्यु – से संबंधित सवाल आपको यह समझने में मदद दे सकते हैं कि वह व्यक्ति मनोरोग से क्यों पीड़ित है |

जिन लोगों में मनोरोग होने की आशंका हो उनसे जुटाई जाने वाली सूचनाएं


सामान्य सूचनाएं

लिंग • उम्र • व्यवसाय • वैवाहिक स्थिति


मौजूदा शिकायत की हिस्ट्री

यह शिकायत कब और कैसे शुरू हुई ? • क्या दवाएं (व अन्य उपचार) के लिए जा रहे हैं ? • बीमारी के बारे में स्वयं उस व्यक्ति की मान्यता – उसे क्या बीमारी और उसका क्या कारण लगता है ? आप तनाव और बीमारी पैदा करने वाले दैवीय कारणों के बारे में सवाल पूछ सकते हैं |


अन्य सूचनाएं

क्या मनोरोग की उसकी कोई हिस्ट्री है ( अगर हाँ, तो पुराने उपचारों, दवाओं या क्लीनिक नोट्स के बारे में पूछिए) ? • प्रासंगिक चिकित्सीय इतिहास, जैसे हाल में सर में लगी चोट | • हाल में उस व्यक्ति के जीवन में हुई बड़ी घटनाएं, जैसे विवाह का टूटना, परिवार में मृत्यु, बेरोजगारी आदि | • सामाजिक समर्थन – खासकर, व्यक्ति किसके साथ रहता है, कौन उसकी देखभाल करता है, क्या उसे घर से बाहर भी किसी तरह का समर्थन प्राप्त है, जैसे धार्मिक या अध्यात्मिक समर्थन या दोस्त ?

मानसिक अस्वस्थताओं के निदान के लिए लक्षणों की जांच सूचीअध्याय एक में जिन मुख्य प्रकार की मानसिक अस्वस्थताओं का वर्णन किया गया है, उनके निदान के लिए लक्षणों की निम्न जांच सूची का इस्तेमाल किया जा सकता है |

आम मानसिक अस्वस्थताओं के निदान के लिए (अवसाद व चिंताग्रस्तता ) व्यक्ति में कम से कम दो महीने के लिए निम्न में से कमसे कम एक लक्षण होना जरुरी है :

उदास महसूस करना ; • रोजमर्रा की गतिविधियों में दिलचस्पी खत्म होना ;• तनावग्रस्त या घबराया हुआ या बहुत चिंतित महसूस करना | अन्य लक्षण जो अक्सर पाए जाते हैं और जिनके बारे में पूछा जाना चाहिए, निम्न है : • नींद न आना ; • थकान ; • भूख न लगना ; • ठीक से मस्तिष्क को एकाग्र न कर पाना ; • आत्महत्या के खयाल ; • दिल का तेजी से धड़कना, शरीर का कांपना तथा सर घूमना ; • पुरे शरीर में दर्द और पीड़ा होना |

किसी गंभीर मानसिक अस्वस्थता का निदान के लिए व्यक्ति में निम्न तीन से तो लक्षण जरूर होने चाहिए :

ऐसी चीजें में विश्वास करना जिनका कोई अस्तित्व नहीं, उदाहरण के लिए यह कि उसके विचारों को किसी बाहरी शक्ति द्वारा नियंत्रित्त किया जा रहा है या लोग उसे जहर देने की कोशिश कर रहे हैं :

ऐसी चीजें सुनना या देखना जिन्हें दूसरे  नहीं सुन या देख सकते ; और अक्सर सुनी और देखी जाने वाली बातें उसे डरती हैं ;

व्यग्रता और बेचैनी या अलग-अलग अपने में बंद होना और दिलचस्पी की कमी |

अगर ये लक्षण पिछले एक महीने से कम समय से मौजूद रहे हैं, तो निदान गंभीर साइकोसिस यानि मनोविकृति के रूप में हो सकता है | अगर वे एक महीने से ज्यादा समय से रहे हों, तो संभव है कि स्किजोफिन्या हो | अगर ऐसी घटनाओं का इतिहास हो जिनमें रोगी बिल्कुल ठीक हो गया लगता हो, तो द्विध्रुवीय अस्वस्थता के रूप में निदान किया जा सकता है |

हाई या मनोन्मादी मामले का निदान आधार पर किया जा सकता है : • बोलने की रफ्तार का बढ़ना ; • बेचैनी ; • चिड़चिड़ी मन:स्थिति ;• भव्य और ऊंचे खयाल | शराब (या नशीली दवाओं) पर निर्भरता के निदान के लिए व्यक्ति कम से कम एक महीने की अवधि में निम्न में से कमसे कम दो लक्षण होने चाहिए : • शराब का इस्तेमाल जिसके कारण नौकरी जाने जैसी निजी समस्याएं या दुर्घटना या पीलिया होने जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुई हों : • शराब का दिन भर इस्तेमाल करना ; • जब तक शराब न ले ली जाएं,, बीमारी या अस्वस्थ महसूस करना ; • शराब का इस्तेमाल निरंतर बढ़ती हुई मात्रा में करना |

साक्षात्कार के दौरान किस बात का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए ?

साक्षात्कार के दौरान आपको निम्न बातों पर गौर करना चाहिए :

चेहरे पर उदासी या भय के भाव ;

बेचैनी या शांत बैठ पाने की असमर्थता (साइकोसिस, अवसाद के साथ शराब और नशीली दवाओं पर निर्भरता और किसी मनोचिकित्सीय दावा के सह-प्रभाव के साथ ) ;

सवालों के बेतुके जबाव ( जो साइकोसिस का लक्षण हो सकते हैं ) ;

बहुत तेजी से बोलना ( जो साइकोसिस और खासकर मेन्या या मनोन्माद का लक्षण हो सकता है ) ;

बहुत धीमी गति से बोलना (जो अवसाद, नशीली दवाओं पर निर्भरता तथा खंडित मानस या स्किजोफिन्या का लक्षण हो सकते हैं ) ;

व्यक्ति की निजी साफ-सफाई और देखभाल की स्थिति (अवसाद, नशीली दवाओं व शराब पर निर्भरता और खंडित मानस या स्किजोफिन्या के मामले में व्यक्ति इनके प्रति लापरवाह दिखेगा) साक्षात्कार कैसे किए जाने चाहिए ?

जानें उनके लक्षण एवं भावनाएं

नीचे कुछ सूत्र बताए गए हैं कि लोगों से उनकी भावनाओं व लक्षणों पर चर्चा करते समय उन्हें सहज महसूस कराने में कैसे मदद दी जाए :

आपको उस व्यक्ति को अपना परिचय देना चाहिए | कुछ लोग साक्षात्कार से पहले उलझन या संदेह की स्थिति में हो सकते हैं | आपको साफ-साफ अपनी पेशेवर भूमिका के बारे में बताना चाहिए और कहना चाहिए कि आप उस व्यक्ति के स्वास्थ्य की हाल की स्थिति पर बात करना चाहते हैं |

उस व्यक्ति से संवाद स्थापित करने के लिए, आप हाल ही की किसी खबर पर सामान्य बातचीत के जरिए साक्षात्कार शुरू कर सकते हैं | अनेकों लोग स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता से निजी स्तर पर जुड़ा हुआ महसूस करने के लिए, उनके साथ उन्हीं की भाषा बोलिए और उन्हीं के इलाके में रहिए |

करुना का मतलब है इस बात की कल्पना करना कि किसी दूसरे  व्यक्ति के स्थान पर आपको कैसा महसूस होगा | व्यक्ति के लक्षणों और उसकी सामाजिक व पारिवारिक स्थिति की समझ हासिल करने से आप उसकी बीमारी का इलाज ज्यादा संवेदनशीलता से कर पाएंगे | इससे उस व्यक्ति को भी आपसे बात करने में ज्यादा सहज महसूस होगा |

मार्गदर्शक सवाल हर उस व्यक्ति से पूछने चाहिए जो आपसे परामर्श लेने आता है | किसी भी सावल के जावाब में ‘हाँ’ कहे जाने की स्थिति में अधिक विस्तार से आकलन करना चाहिए |

मनोरोगों की मुख्य किस्मों व उनके लक्षणों को हमेशा दिमाग में रखने से आपको आकलन में मदद मिलेगी | यह विशेषकर इसलिए जरुरी है कि जब तक विशेष तौर पर पूछा जाए अनेकों रोगी अपनी भावनात्मक समस्याओं के बारे में खुल कर बात नही करते |

आपको जल्दी में नहीं दिखना चाहिए | उदहारण के लिए, आपको बार-बार अपनी कलाई घड़ी पर निगाह नहीं डालनी चाहिए | याद रखिए कि किसी व्यक्ति की समस्या को समझने और उसके उपचार के बारे में फैसला लेने में केवल दस मिनट लगेंगे | पर अगर आप अधिक समय दे सकते हैं, तो निश्चित रूप से अच्छी बात है |

व्यक्ति को संबंधियों की मौजूदगी से अलग बात करने का मौका दें | लोगों को केवल इसलिए ‘अविश्वसनीय’ न समझें कि वे मनोरोग से पीड़ित हैं |

संबंधियों से भी बात करने की कोशिश करें | मनोरोग से पीड़ित कुछ व्यक्ति कह सकते हैं कि उन्हें कोई रोग नहीं है | हो सकता है कि कुछ लोगों को ठीक से पता न हो कि वे कैसा व्यवहार करते हैं | संबंधी और मित्र अक्सर ऐसी मुल्यावन सूचनाएं दे सकते हैं जिनसे उपचार संबंधी फैसले में मदद मिले |

साक्षात्कार के दौरान व्यक्ति से आँखें मिलाएं | निगाहें मिलाने से व्यक्ति को यकीन आ जाता है कि स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता उसकी कही बातों में दिलचस्पी ले रहा है |

एकांत सुनिश्चित करने की कोशिश करें | भीड़ भरे क्लीनिकों में ऐसा करना असंभव हो सकता है | पर ऐसी जगह भी आप इतना धीमे बोल सकते हैं कि निजी समस्याओं पर की जा रही चर्चा कमरे में दूसरों तक न पहुंचे | या इसके अलावा, आप उस व्यक्ति से कह सकते हैं कि भीड़ के छांटने तक इंतजार करे और उसके बाद एकांत में बात कर सकते हैं |

भविष्य में काम आ सकने वाली महत्वूर्ण सूचनाओं को दर्ज करें | खासकर मुख्य लक्षणों, वर्तमान, निदान तथा महत्वपूर्ण सूचनाओं को, जैसे वैवाहिक समस्या का होना |

किसी निदान तक कैसे पहुँचा जाए ?

सामान्य स्वास्थ्य देखभाल स्थलियों में केवल कुछ ही किस्म के निदान कनरे की जरुरत होती है | भाग दो में इस बात का वर्णन किया जाएगा कि लोगों द्वरा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने की गई शिकायतों के आधार पर आप कैसे विभिन्न मनोरोगों का निदान करेंगे | अपने आपको मानसिक अस्वस्थता की किस्मों तथा मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए पूछे जाने वाले उन प्रश्नों से परिचित कराएं जिन पर इस अध्याय में चर्चा की गई है | पहले अपने सहकर्मियों के साथ इन सवालों का अभ्यास करें |

याद रखें कि निदान कारणों से महत्वपूर्ण है

आपको सही उपचार का चुनाव करने में मदद देने के लिए ; • लोगों को शिकायत के कारण समझाने के लिए | • आकलन में सामने आने वाली विशेष स्थितियां • मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने में कुछ विशेष स्थित्तियां सामने आती है | इनमें निम्न शामिल है :• ऐसे व्यक्ति का आकलन करना जो बातचीत से इनकार करता हो ;• मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शिकायतों आ आकलन करना ; • मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का फोन पर आकलन करना ;• मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का उसके परिवार की मौजूदगी में आकलन करना ; • हिंसक व्यक्ति का आकलन करना • मानसिक रूप से संभ्रमित व्यक्ति का आकलन करना • आत्महत्या की प्रवृति वाले व्यक्ति आ आकलन करना • मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित बच्चों का आलकन करना ऐसे व्यक्ति का आलकन करना जो बातचीत से इंकार करता हो कभी-कभी आपका वास्ता ऐसे लोगों से पड़ सकता है जो बातचीत करने से इंकार करते हों |

ऐसा कई कारणों से हो सकता है | वे क्लीनिक लाए जाने के कारण नाराज हो सकते हैं | उन्हें यह डर लग सकता है कि किसी स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता से बात करने का मतलब होगा, उन पर मेंटल केस का बिल्ला लगना | वे आपके इरादों पर संदेह कर रहे हो सकते हैं | ऐसी स्थितियों में आम सलाह यही है कि आप ज्यादा समय दें | अगर संभव है, तो उस व्यक्ति का साक्षात्कार किसी एकांत कमरे में करें | अगर यह संभव नहीं है, तो साथ आए संबंधियों से दूर खड़ा होने के लिए कहें ताकि बातचीत उन तक न पहुंचे | उस व्यक्ति को झिड़कें नहीं, उदाहरण के लिए यह कह कर कि आपके पास बर्बाद करने के लिए वक्त नहीं है | इसके बजाय, बातचीत करने से इंकार कर रहे व्यक्ति यो यकीन दिलाएं कि उनकी समस्या में आपकी दिलचस्पी है | अगर व्यक्ति बातचीत करने से इंकार कर रहा हो, और आपको कोई दूसरा काम करना हो, तो कहें कि आपको जा कर एक काम पूरा करना है और आप कुछ देर बाद लौटेंगे और तब आपके पास बातचीत करने के लिए ज्यादा वक्त होगा | इससे उस व्यक्ति को सोचने के लिए कुछ समय मिल जाएगा | इससे उसके प्रति आपकी चिंता भी जाहिर हो जाएगी |

मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शिकायतों का आकलन करना कल्पना कीजिए कि कोई मनोरोगी है जिसे स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता जानता है | वह रोगी सरदर्द की नई शिकायत के साथ फिर से क्लीनिक आया है | आम तौर पर स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता मान लेंगे कि यह शिकायत मनोरोग का ही एक और लक्षण है | लेकिन, इस दृष्टिकोण को अपनाने से संभव है कि आप किसी गंभीर शारीरिक बीमारी को अनदेखा कर दें | जरुरी है कि मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए | नई शारीरिक शिकायतों का सही और आवश्यक तरीके से आकलन और जरुरी जाचें किए बगैर, उन्हें रफा-दफा न करें | इस बात को याद रखें कि मनोरोग से पीड़ित लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरत सकते हैं |

कुछ तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं से बहुत निकटता से जुड़ी है | इसके सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उदहारण हैं : • शराब व नशीली दवाओं पर निर्भरता जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है | • हिंसा या बलात्कार की शिकार हुई महिलाएं • मानसिक संभ्रम तथा उत्तेजना जिनके कारण शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं |• बुजुर्ग लोगों में व्यवहार संबंधी समस्याएं |मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का फोन पर आकलन करना जहाँ फोन उपलब्ध हैं, वहां संभव है कि लोग आपसे फोन पर परामर्श करें | हकीकत में इससे दोनों का समय बचता है, आपका भी और फोन करने वाले का भी क्योंकि वह अनावश्यक रूप से क्लीनिक आने से बच जाता है |

कभी-कभी आपको कोई व्यक्ति ऐसी शिकायत के बारे में भी फोन कर सकता है जो मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित हो | इस तरह की कॉलों के उदहारण हो सकते हैं :

ऐसा व्यक्ति जो मरना चाहता हो ;

कोई बच्चा जिसे मदद की जरुरत हो ;

कोई व्यक्ति जिसने शराब पी रखी हो और मानसिक संभ्रम की हालत में हो ;

कोई व्यक्ति जो गुस्से में हो और गलियां दे रहा हो | फोन पर स्पष्ट सलाह या आश्वासन न दें | आपको इस तरह फोन करने वाले की पहचान करनी चाहिए :

फोन करने वाले के नाम , उम्र, पते तथा फोन नंबर का पता लगाएं |

उनसे पूछें कि ठीक-ठीक समस्या क्या है, कैसे शुरू हुई, हाल ही में क्या हुआ है | वह जिस स्थिति का सामना कर रहा है, उसका अंदाजा लगाएं |

किसी ऐसे संबंधी या मित्र का पता लगाएं जिससे वे बात कर सकते हों | फोन करने वाले को अपनी परेशानी बांटने के लिए प्रोत्साहित करें |

अगर वे मानसिक संभ्रम की स्थिति में हैं या गाली दे रहे हैं, तो उन्हें समझाएं कि आप उनकी मदद करना चाहेंगे, पर अगर उन्होंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला, तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे | अगर फोन करने वाला आपकी बात समझे ही नहीं और कठिनाई ही पैदा करे, तो फोन रख दें |

अगर आपको लगे कि मामला ऐसा है कि आपको आमने-सामने बात करनी चाहिए, तो उन्हें क्लीनिक आने के लिए कहें |

अगर परेशानी में फंसे किसी बच्चे का फोन हो, तो फ़ौरन स्थानीय बाल कल्याण दल या स्थानीय पुलिस को खबर करें | बच्चे को कहें कि वह अपनी जगह ही बना रहे और बताएं कि कोई उसकी मदद करने पहुंचने वाला है |

मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का उसके परिवार की मौजूदगी में आकलन करना मनोरोग से पीड़ित व्यक्तियों के आकलन और उपचार में परिवार एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं | आपको आकलन में व्यक्ति की गोपिनियता को सुनिश्चित करने की जरुरत के साथ परिवार को शामिल करने की जरुरत के बीच संतुलन बनाना होगा | नियम के अनुसार, यह जरुरी है कि आपको कमसे कम एक बार पीड़ित व्यक्ति के अकेले में बातचीत करने का मौका मिले | साक्षात्कार के दौरान आपको पारिवारिक संबंधों तथा तनावों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा | बाद में आप परिवार के अन्य सदस्यों के साथ समस्या पर चर्चा कर सकते हैं | पर आपको यह सावधानी बरतनी होगी कि पीड़ित व्यक्ति ने जो कुछ भी कहा है, उसकी गोपिनियता बनी रहे | ऐसी स्थितियां हो सकती है जहाँ परिवार ही पीड़ित व्यक्ति के बारे में सूचनाएं प्रदान करने वाला मुख्य स्रोत हो | उदहारण के लिए, मानसिक अस्वस्थताओं या नशे पर निर्भरता की समस्या से पीड़ित कई व्यक्ति स्पष्ट या सही विवरण नहीं दे सकते |

ऐसे मामलों में संबंधियों से बातचीत करने पर आपको वे सूचनाएं मिल सकती हैं जो निदान के लिए जरुरी हैं | संबंधी पीड़ित व्यक्ति के स्वास्थ्य को मॉनीटर करने और तय किए उपचार की पालना को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं |

मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति का आकलन करते समय याद रखने योग्य बातें

व्यक्ति को पर्याप्त समय देना और उसकी बात को ध्यान से सुनना मनोरोग का आकलन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्तें हैं |

मनोरोग से पीड़ित ज्यादातर व्यक्ति अपनी समस्या के संपूर्ण इतिहास को साफ-साफ बता सकते हैं | संबंधी भी महत्वपूर्ण सूचनाएं दे सकते हैं |

मनोरोग से पीड़ित किसी व्यक्ति के उपचार में व्यवस्थित रूप से लिया गया आकलन साक्षात्कार सबसे पहले (और सबसे जरुरी) कदम हो सकता है |

मानसिक अस्वस्थता से सम्बंधित ज्यादातर समस्याओं का निदान खास-खास शिकायतों के बारे में सवाल पूछ कर आसानी से किया जा सकता है |

मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति किसी शारीरक बीमारी से भी पीड़ित हो सकते हैं | किसी शारीरिक शिकायत को केवल इसलिए रफा-दफा न करें कि उस व्यक्ति को कोई मनोरोग भी है |

 

स्त्रोत: वीहाई, ज़ेवियर समाज सेवा संस्थान

 

अंतिम बार संशोधित : 2/28/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate