महिलाओं के साथ बेहतर संप्रेषण बनाने में सक्षम होना आवश्यक है। इसके लिए दिए गए महिलाओं के सम्बन्ध उन्हें अपनी बात ठीक से समझा पाने का बड़ा महत्व है। अतः निम्नलिखित सिद्दांतों का पालन कर सकते है:
1. ध्यानपूर्वक सुनना : मरीज क्या कह रहा है इसे ध्यानपूर्वक सुनें । इसे समझदारी, दिलचस्पी तथा सहानुभूति साथ संप्रषण आसानी से हो सकेगा।
२. सरल भाषा को इस्तेमाल: मरीज जटिल जानकारियों को भी समझना चाहता है। चिकित्सीय भाषा क इस्तेमाल से वह भ्रमित हो सकता है। इसलिए सीधे एवं सटीक भाषा का इस्तेमाल करें। महत्व की बातों को दुहरायें। संतुलित गति से बोले जिससे मरीज आपकी बात समझ सके।
3. खुले प्रश्न पूछें : आपसे द्वारा पूछे प्रश्नों का जबाव हाँ या ना हो सकता है। परन्तु खुले प्रश्नों से ज्यादा जानकारियां मिल सकती है। उदाहरण के लिए, इन दो प्रश्नों को देखें: (क) “क्या आप दवा से गर्भपात कराना चाहते हैं, (ख) “क्या आप मुझे बात सकती हैं कि आपने दवा से गर्भपात आप दवा से गर्भपात कराने का चयन क्यों किया? पहले प्रश्न का उत्तर हाँ या ना होगा। जबकि दूसरा एक खुला प्रश्नं है।
4. भावनाओं को समझें इन्हें कम न करें: महिला की भावना एवं दबाव को समझना आवश्यक है। उनमें दया एवं सहानुभूति के भाव का संप्रेषण हो ऐसा व्यवहार करें। उदाहरण के लिए यदि कोई महिला कहती है कि उसे गर्भपात के प्रकिया के दौरान दर्द का अनुभव हो रहा है तो उसका जबाव ऐसा होना चाहिए “मैं समझ सकता हूँ आपको परेशानी है। आप अपन गर्भाशय में ऐठन महसूस कर रहीं हैं। परन्तु यह सामान्य है। इसमें घबड़ाने की बात नहीं हैं। इसके बजाय उसे सिर्फ “आराम से” कहना उसे आराम नहीं पहुंचाएगा।
5. प्रश्न करने को प्रोत्साहित करें: इस पूरी प्रक्रिया में मरीज अपनी समझदारी और आराम के बारे कुछ प्रश्न पूछना चाहता है। यह जरुरी है कि मरीज की मनोदशा का आदर करें और बगैर किसी भेद के उसे कहने का मौका दें।
6. हाव-भाव को देखना: - कभी-कभी बोलने से ज्यादा हाव-भाव महत्व रहता है। मरीज के हाव-भाव पर ध्यान रखें। उसकी आँखों पर ध्यान पर ध्यान रखें कहीं वह कुछ कहना तो नहीं चाहता।
7. “यदि/तो” शब्द का प्रयोग।
स्रोत:- जननी/ जेवियर समाज सेवा संस्थान, राँची।
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020