राज्य में छात्र वृक्षारोपण योजना की घोषणा 15 अगस्त, 2006 को 60 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। इसके उपरान्त योजना के प्रावधान को विभाग द्वारा निर्धारित कर वर्ष 2006 वर्षाकालीन पौधारोपण से इसका कार्यान्वयन आरम्भ किया गया। सात वर्षों के अनुभवों के आधार पर योजना के स्वरूप, क्रियान्वयन के तरीके एवं प्रावधानों की व्यापक रूप से समीक्षा कर इसे छात्रों एवं विद्यालयों में लोकप्रिय तथा उद्देश्यपरक बनाने के लिये इसमें संशोधन कर छात्रों/अभिभावकों एवं विद्यालय के साथ-साथ कार्यान्वयन एजेन्सियों तथा पर्यावरण एवं वन विभाग तथा मानव संसाधन विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारियों के लिए सुविधाजनक बनाया गया है।
(क) छात्र-छात्राओं के कोमल मन में वन एवं वन्य प्राणियों के महत्व को रेखांकित कर उन्हें जागरूक एवं जिम्मेदार नागरिक बनाना ।
(ख) विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों की जानकारी देना एवं प्रदूषण के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए इससे बचने के उपाय बताना।
(ग) पौधारोपण के माध्यम से सरकारी योजना में छात्र-छात्राओं को सहभागी बनाकर उनके आत्म विश्वास में वृद्धि करना।
योजना में सम्मिलित होने के लिए विद्यालय एवं छात्रों की पात्रता इस प्रकार है -
(क) इस योजक्त जिम्मेवारी शिक्षा विभाग तथा पर्यावरण एवं वन विभाग की होगी। इसके तहत् जिला शिक्षा अधीक्षक/जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा जिले के लक्ष्य के अनुसार पात्र विद्यालय का चयन कर योजना में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं, पौधारोपण स्थल की जानकारी तथा लगाये जाने वाले पौधों के प्रकार एवं संख्या की विवरणी वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा । इस कार्य में प्रखंड स्तरीय शिक्षा पदाधिकारी आवश्यक सहयोग करेंगे। जिलावार छात्र लक्ष्य का संसूचन वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा ।
(ख) वन प्रमंडल पदाधिकारी अपने क्षेत्रीय पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं की सहायता से चयनित विद्यालयों में छात्रों/शिक्षकों/अभिभावकों के साथ विचार गोष्ठी का आयोजन कर पौधारोपण स्थल पर किये जाने वाले कार्य, पौधारोपण के तरीके एवं पौधारोपण के बाद पौधों की सुरक्षा, सिंचाई, कोड़नी-निकौनी तथा संपोषण कार्यों की जानकारी देंगे।
(ग) पौधारोपण के समय विद्यालय की मांग के अनुसार अच्छी गुणवत्ता के फलदार तथा सजावटी पौधों की आपूर्ति संबधित वन प्रमंडल द्वारा सीधे विद्यालय को किया जाएगा।
(घ) जिला स्तर पर तथा प्रखंड स्तर पर पर्यावरण एवं वन विभाग तथा मानव संसाधन विभाग के पदाधिकारी सार्थक समन्वय स्थापित कर योजना के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार कार्यक्रम की सफलता के लिए संयुक्त रूप से कार्य करेंगे।
पौधारोपण स्थल का निर्धारण विद्यार्थियों की इच्छानुसार होगी, बच्चों को उनके मनपसन्द स्थान पर पौधारोपण की छूट दी गई है जिससे विद्यालयों में जगह अभाव के साथ- साथ छुटिटयों में भी पौधों की देखभाल हो एवं उत्तरजीविता में वृद्धि हो सके। पौधारोपण स्थल में पंचायत में अवस्थित अपने घर का प्रांगण, सार्वजनिक भूमि, विद्यालय प्रांगण, धार्मिक स्थल, सड़क, नहर, नदी तटबंध, नदी का कछार आदि सम्मिलित किया जा सकेगा ।
प्रत्येक छात्र/छात्रा को दो पौधे उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है जिसमें एक फलदार पौधा/काष्ठ जनित पौधा होगा। फलदार पौधा अन्तर्गत आम, अमरूद, नींबू आदि एवं काष्ठ जनित पौधा अन्तर्गत सागवान इत्यादि वितरित किये जायेंगे। दोनों कोटि के पौधे उच्च गुणवत्ता के होंगे जो वन प्रमंडल द्वारा विद्यालयों में जाकर प्रभारी शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के ग्रुप को उपलब्ध कराया जाएगा। वन विभाग की पौधशालाओं में पौधे उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में बाजार से अच्छी गुणवत्ता के पौधे क्रय कर विद्यालयों को उपलब्ध कराये जायेंगे ।
(क) वन प्रमंडल द्वारा पौधा आपूर्ति के उपरांत छात्रों द्वारा अपने इच्छित स्थान पर पौधारोपण किया जायेगा एवं साथ ही पौधों की सुरक्षा, सिंचाई, कोड़नी-निकौनी आदि का कार्य किया जाएगा ताकि उनके पौधे स्वस्थ्य एवं सुरक्षित रह सकें।
(ख) प्रभारी शिक्षक इको क्लब के तत्वाधान में सामुहिक विचार गोष्ठी का आयोजन विद्यालय में करेंगे एवं इको क्लब की गतिविधियों में पौधारोपण कार्यक्रम को सम्मिलित करेंगे।
(ग) पौधारोपण की तकनीकी जानकारी पम्पलेट छपवाकर विद्यालय में उपलब्ध करायें जायेंगे। (घ) चयनित विद्यालयों के छात्र कैबिनेट में पौधे लगाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की जायेगी ।
नगद राशि का भुगतान न कर इसके स्थान पर 100/- से 300/-रुपये (औसतन 200/-रुपये प्रति छात्र) तक की छत्र उपयोगी, ज्ञानवद्धक, शिक्षणेतर पुस्तके/पत्रिका प्रकाशन विभाग, नेशनल बुक ट्रस्ट या अन्य सरकारी प्रकाशकों से प्राप्त कर छात्र-छात्राओं को पौधों के साथ एक बार में ही दी जायेगी।विभिन्न विषयों की पुस्तकें एक विद्यालय में दी जायेगी। जिससे छात्र आपस में पुस्तकों के आदान-प्रदान से लाभान्वित हो सकें। साथ ही एक वर्ष बाद उत्तरजीविता सम्बन्धी प्रपत्र एवं विवरणी वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय को विद्यालयों द्वारा उपलब्ध कराया जायगा।
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रधानाध्यापक द्वारा प्रभारी शिक्षक का मनोनयन किया जाएगा। प्रभारी शिक्षक उसी शिक्षक को बनाया जाएगा जो इको क्लब के भी प्रभारी शिक्षक मनोनीत हैं।
9. उत्तरजीविता का सत्यापन
उत्तरजीविता के सत्यापन के लिए जिस वर्ष के वर्षा काल में पौधा वितरित किया जायेगा, उसके अगले वर्ष मार्च में छात्र, निर्धारित प्रपत्र में उत्तरजीविता स्वयं प्रविष्टि कर अभिभावक से सत्यापन के उपरान्त सीधे अपने विद्यालय में समर्पित करेंगे ।
10. लक्ष्य निर्धारण
छात्र लक्ष्य का निर्धारण पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा किया जाएगा ।
प्रतिभागी विद्यालय प्रधानों/प्रभारी शिक्षकों, शिक्षा पदाधिकारियों, विद्यालय के छात्रों एवं अभिभावकों, स्वयंसेवी संगठन के सदस्यों के बीच विद्यालय में जागरूकता शिविर का आयोजन किया जायेगा। प्रशिक्षुओं को वनरोपण तकनीकी का प्रदर्शन, पर्यावरण के महत्व, प्रदूषण की जानकारी, वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण आदि के बारे में बताया जायेगा। इसके अतिरिक्त छात्र वृक्षारोपण योजना के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देकर उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ।
इस योजना की सफलता के लिए प्रचार-प्रसार महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके तहत् छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन सामग्री किट का वितरण, योजना प्रावधान की जानकारी के लिये विद्यालय में फ्लेक्सी लगाना, पौधारोपण स्थल पर योजना के बोर्ड/फ्लेक्सी के साथ समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम यथा नुक्कड, नाटक आदि आयोजित किए जायेंगे। जिन विद्यालयों में यह योजना लागू की जायेगी, उनमें छात्र कैबिनेट में इस पर चर्चा की जायेगी। जिसमें पौधारोपण के तकनीक तथा महत्व के बारे में बताया जायेगा । पौधा वितरण के दिन एक समारोह आयोजित किया जायेगा। पूरे राज्य में एक तिथि निर्धारित कर उसी तिथि में विद्यालयों में पौधा वितरित किया जायेगा ।
विद्यालयों की ग्रेडिंग योजना में सम्मिलित होने वाले छात्रों तथा पौधा लगने के उपरान्त उत्तरजीविता के आधार पर दी जायेगी। पौधों की उत्तरजीविता को देखते हुए राज्य में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त विद्यालयों को एक रनिंग शिल्ड तथा प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
इस योजना के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से प्रभारी शिक्षक को सरकार द्वारा एक प्रमाण-पत्र तथा एक स्मृति चिन्ह दिया जायेगा।
यह योजना प्रारंभ में सिर्फ एक वर्ष के लिये लागू है जिसका विस्तार विभाग द्वारा किया जा सकता है।
मार्च महीने में अभिभावकों से प्राप्त उत्तरजीविता के संबंध में प्रमाण-पत्र से पौधों की उत्तरजीविता की गणना की जायेगी। इसके अतिरिक्त सैम्पल सर्वे द्वारा राज्य में कार्यक्रम का मूल्यांकन किया जायेगा।
संबंधित छात्रों को विभाग द्वारा एक ईमेल दिया जायेगा जिस (emailcmcbyoind@gmail.com) पर छात्र अपने लगाये गये पौधों के साथ एक फोटो भेज सकेगें। फोटो को विभागीय स्तर पर संबंधित कार्यालय द्वारा बेबसाईट पर अपलोड किया जायेगा।
पर्यावरण एवं वन विभाग, बिहार छात्र वृक्षारोपण योजना कार्य तालिका एवं उत्तरदायित्व कैलेंडर
क्र. |
कार्य |
अनुपालनकर्ता |
माह |
1. |
पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा प्रथम वर्ष के कार्यों एवं पर्यावरण एवं लक्ष्य की स्वीकृति एवं वन प्रमंडलों को संसूचन |
वन व पर्यावरण विभाग/अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास), बिहार। |
अप्रैल |
वन प्रमंडल कार्यालय से जिला का छात्र लक्ष्य जिला शिक्षा अधीक्षक को संसूचन। |
वन प्रमंडल पदाधिकारी |
||
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा विद्यालय का चयन |
जिला शिक्षा अधीक्षक |
||
2 |
विद्यालयवार छात्र का चयन, पौधा का चयन एवं संख्या का निर्धारण एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय को संसूचन । |
प्रभारी शिक्षक / प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी / जिला शिक्षा अधीक्षक |
मई |
इच्छित पौधा की उपलब्धता सुनिश्चित करना । |
वन प्रमंडल पदाधिकारी |
||
विद्यालय द्वारा छात्र समूह का निर्धारण |
प्रभारी शिक्षक द्वारा |
||
पौधारोपण स्थल का निर्धारण |
छात्र/छात्राओं द्वारा उनकी इच्छानुसार |
||
विद्यालयों में में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन |
वनों के क्षेत्र पदाधिकारी |
||
3 |
प्रभारी शिक्षक से समन्वय पौधारोपण तिथि का निर्धारण |
वन क्षेत्र के पदाधिकारी /वनपाल/वनरक्षी/ संस्था |
जून-सितम्बर(सामान्यतः वर्षाकाल) |
वर्षा होने पर पौधा उपलब्ध कराना, पौधारोपण एवं पौधारोपण जागरूकता अभियान गोष्ठी |
वन क्षेत्र के पदाधिकारी /वनपाल/वनरक्षी/ संस्था |
||
4 |
पौधारोपण विवरणी का वन प्रमंडल कार्यालय में समर्पण |
प्रभारी शिक्षक/ प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी/ जिला शिक्षक अधीक्षक |
अक्टूबर |
5 |
रोपित पौधों की उत्तरजीविता का आकंलन एवं प्रतिवेदन उत्तरजीविता का सत्यापन प्रपत्र में करना |
अभिभावक |
मार्च |
उत्तरजीविता प्रतिवेदन वन प्रमंडल कार्यालय में समर्पण |
प्रभारी शिक्षक |
||
6 |
विद्यालय को पुरस्कार हेतु ग्रेडिंग |
वन प्रमंडल पदाधिकारी/ जिला शिक्षक अधीक्षक |
अप्रैल |
7 |
विद्यालयों को पुरस्कार |
वन प्रमंडल पदाधिकारी |
जुलाई |
पुरस्कार का वितरण (वर्ष में केवल एक बार) समाप्त विवरणी जिला शिक्षक अधीक्षक कार्यालय में समर्पण |
प्रभारी शिक्षक/ प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी |
||
प्रभारी शिक्षक को पुरस्कृत करना, स्वयंसेवी संस्थाओं को भुगतान (वर्ष में केवल एक बार), लेखा बंद करना |
वन प्रमंडल पदाधिकारी |
मुख्यमंत्री छात्र वृक्षारोपण योजना पौधा रोपण हेतु तकनीकी जानकारी
स्रोत - पौधा
रोपण का समय - जुलाई-सितम्बर (सामान्यतः वर्षाकाल)
सामग्री - औजार – कुदाल/खुरपी
जमीन का चयन - ऊंची जमीन जहाँ पानी नहीं लगता
जमीन की तैयारी- गड्ढ़े की चौड़ाई 8-9 इंच और उसकी गहराई न्यूनतम 1
फीट होनी चाहिए।
उपचार- गोबर का खाद डालें ।
रोपण - पौधे को गड्ढ़े में डालकर अच्छी तरह से मिट्टी भर कर दबा
सिंचाई - रोपण के तुंरत बाद सिंचाई करें। मानसून के पहले महीने में 2 से 3 बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ेगी और मानसून के बाद आवश्यकतानुसार या महीने में 1 बार। ]
अभियुक्ति- सिंचाई के लिए पौधों के चारों तरफ मिट्टी का घेरा कर लें जिससे पानी की खपत ज्यादा नहीं हो ।
खाद - अलग से किसी भी प्रकार की खाद की आवश्यकता नहीं है । क्योंकि गोबर से इसकी आवश्यकता स्वतः पूरी हो जाती है।
ध्यान देने योग्य बातें - पौधे की छाल को नुकसान नहीं होना चाहिए।
छात्र वृक्षारोपण में सरकारी विद्यालयों के छात्र शामिल हो सकते है
कक्षा-6 के छात्र इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
योजना के कार्यान्वयन जिम्मेवारी वन प्रमंडल पदाधिकारी की है ।
प्रभारी शिक्षक का चुनाव प्रधानाध्यापक द्वारा किया जायेगा
पौधों की उत्तरजीविता का प्रमाण छात्र, अभिभावक के सत्यापन उपरान्त देगें ।
पौधा रोपण स्थल का चुनाव छात्र द्वारा किया जायेगा।
फलदार/काष्ठ जनित पौधों की प्रजाति रोपण हेतु दी जा
पौधों की सुरक्षा छात्र स्वयं करेंगें।
जिला वार छात्र लक्ष्य का निर्धारण वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
पौधा रोपण हेतु प्रशिक्षण की जिम्मेवारी पर्यावरण एवं वन विभाग की है ।
उत्तरजीविता संबंधी प्रपत्र संबंधित पर्यावरण एवं वन विभ किये जायेंगे।
पौधों की उत्तरजीविता का प्रपत्र नामित प्रभारी शिक्षक संबंधित कार्यालय में समर्पित करेंगें ।
छात्र-छात्राओं को 100 से 300 रुपये मूल्य तक की सरकारी प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध करायी जायेगी। प्रति छात्र औसतन 200 रुपये तक की पुस्तकें दी जायेगी।
प्रभारी शिक्षकों को माह जुलाई में वन महोत्सव के अवसर पर सम्मान स्वरूप एक पत्र तथा एक स्मृति चिन्ह प्रदान की जायेगी।
प्रारंभिक चरण में राज्य के मध्य विद्यालयों में से घोषित उत्कृष्ट विद्यालयों वर्तमान में जिनकी संख्या 391 है, उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी ।
योजनान्तर्गत फलदार एवं काष्ठ जनित पौधों को उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यतः आम, अमरूद, नींबू एवं सागवान के पौधे उपलब्ध कराये जायेंगे।
पौधारोपण के लिए तकनीकी जानकारियाँ पंपलेट छपवाकर विद्यालय में उपलब्ध कराकर की जायेगी । इसके अलावा विद्यालय में कार्यरत छात्र केबिनेट में पौधा लगाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की जायेगी।
पौधा वितरण करने वाले विद्यालयों के छात्र कैबिनेट में पौधा रोपण की तकनीक एवं महत्व पर चर्चा की जायेगी, विद्यालयों में फ्लेक्सी भी लगवाया जायेगा। इसके अलावा पूरे राज्य में एक तिथि निश्चित कर पौधा वितरण के दिन समारोह आयोजित किया जायेगा ।
पौधों की उत्तरजीविता को देखते हुए पूरे राज्य में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त विद्यालयों को एक शील्ड तथा प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
यह योजना प्रारंभ में सिर्फ एक वर्ष के लिए लागू है, जिसका विस्तार विभाग द्वारा किया जा सकता है।
मार्च महीने में अभिभावकों से प्राप्त उत्तरजीविता के संबंध में प्रमाण-पत्र से पौधों की उत्तरजीविता की गणना की जायेगी। इसके अतिरिक्त सेम्पल सर्वे द्वारा राज्य में कार्यक्रम का मूल्यांकन किया जायेगा।
धागे की सहायता से छात्र ऊँचाई एवं गोलाई को माप कर, धागे को स्केल की मदद से नाप लेंगे।
अंतिम बार संशोधित : 11/12/2019
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