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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम - प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम - प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम के लक्ष्य और उद्देश्य
  2. एनएमडीएफसी की गतिविधियाँ
  3. एनएमडीएफसी की सहायता के लिए लक्षित समूहों में किन लोगों को शामिल किया गया है?
  4. एनएमडीएफसी की प्राधिकृत और प्रदत्त शेयर पूंजी कितनी है ?
  5. एनएमडीएफसी लाभार्थियों तक कैसे पहुंचती है ?
  6. चैनेलाइजिंग एजेंसियां
  7. कितने राज्यों ने अल्पसंख्यक विकास निगमों की स्थापना की है ?
  8. कितनी राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियां (एससी) काम कर रही हैं ?
  9. एनएमडीएफसी के कई एससीए गैर-कार्यात्मक हैं कारण सहित ब्यौरा दें।
  10. एनएमडीएफसी के कितनी एससीए काम नहीं कर रही हैं, कारण सहित बताएं ?
  11. एनएमडीएफसी की योजनाओं के लिए ब्याज संरचना
  12. एनएमडीएफसी की वित्तीय सहायता योजनाएं क्या हैं ?
  13. शैक्षिक ऋण योजना
  14. लघु वित्त पोषण योजना
  15. महिला समृद्धि योजना (एमएसवाय)
  16. व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना
  17. मार्केटिंग सहायता योजना
  18. क्या एनएमडीएफसी अपने ऋण के लिए किसी प्रकार की जमानत की मांग करता है ?
  19. वित्तीय सहायता के क्षेत्रीय समूह
  20. क्षेत्रवार वित्तीय सहायता
  21. विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा एनएमडीएफसी से ली गई वित्तीय सहायता का उपयोग कैसे किया जा रहा है ?
  22. एनएमडीएफसी द्वारा वितरित निधियों का समुदाय-वार ब्यौरा क्या है ?
  23. संवितरित की गई निधियों का ब्यौरा
  24. एनएमडीएफसी द्वारा ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में संवितरित की गई निधियों का ब्यौरा क्या है ?
  25. एनएमडीएफसी की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत संवितरण कितना हुआ है ?
  26. एससीए द्वारा बकाया राशि के निपटान
  27. पुनर्भुगतान की स्थिति
  28. पिछले 5 वर्षों के दौरान एनएमडीएफसी द्वारा किए गए प्रभाव अध्ययन
  29. एनएमडीएफसी के ऋण की कितनी माँग है ?
  30. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की सहायता अनुदान योजना
  31. एनएमडीएफसी द्वारा कितनी राशि  का वितरण
  32. टर्म लोन और माइक्रो फाइनेंस योजना के कार्यान्वयन में एससीए को जारी  दिशानिर्देश
  33. एनएमडीएफसी की व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत संवितरित की गई निधियों का विवरण
  34. एनएमडीएफसी की मार्केटिंग सहायता योजना के तहत संवितरित निधियों का विवरण
  35. महिला समृद्धि योजना योजना के अंतर्गत संवितरित की गई निधियों का विवरण
  36. एनएमडीएफसी कार्यक्रम के तहत एससीए द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों का विवरण
  37. एनएमडीएफसी की कुल मंजूर कर्मचारियों की संख्या, पदों एवं रिक्त पदों की क्या स्थिति है ?
  38. विदेश में अध्ययन के लिए कितने छात्र ने शिक्षा ऋण लिया है ?

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम के लक्ष्य और उद्देश्य

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम के लक्ष्य और उद्देश्य क्या हैं और इसको कब निगमित किया गया था?

एनएमडीएफसी को 30 सितंबर, 1994 को अधिसूचित अल्पसंख्यकों के बीच  पिछड़े वर्गों  के लाभ के लिए आर्थिक और विकास संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निगमित किया गया था । इसकी योजनाओं में व्यावसायिक समूहों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।

एनएमडीएफसी के प्रवर्तक कौन हैं?

संबंधित राज्य सरकारों / संघ राज्य प्रशासन क्षेत्र के साथ संयुक्त रूप से भारत सरकार एनएमडीएफसी के प्रवर्तक हैं। हालांकि, शुरू में आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर एनएमडीए को बढ़ावा दिया था।

एनएमडीएफसी की गतिविधियाँ

एनएमडीएफसी द्वारा कौन सी गतिविधियाँ चलाई जाती हैं

  1. राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से आय अर्जक गतिविधियों के लिए रियायती दरों पर ऋण मुहैया कराया कराने के लिए सावधि ऋण का प्रावधान।
  2. एससीए / एनजीओ एवं स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के माध्यम से अल्पसंख्यकों के बीच गरीब से गरीब व्यक्तियों को लघु ऋण उपलब्ध कराना।
  3. अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को शैक्षिक ऋण देना।
  4. लक्षित अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित व्यक्तियों को रोजगार / स्व-रोजगार में मदद करने के लिए उद्यमशीलता और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना।
  5. शिल्पियों और दस्तकारों के उत्पादों की बिक्री/प्रदर्शन में मार्केटिंग सहायता देना।

 

एनएमडीएफसी की सहायता के लिए लक्षित समूहों में किन लोगों को शामिल किया गया है?

  1. अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित व्यक्तियों को एनएमडीएफसी की योजनाओं का सीधा फायदा मिलता है। वर्तमान में, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के अनुसार,  अल्पसंख्यक समुदाय मुसलमान, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी हैं।
  2. हाल ही में सरकार भारत की अधिसूचना दिनांक 27.01.2014 के अनुसार, पहले से अधिसूचित पांच समुदायों के अलावा अल्पसंख्यकों में जैन समुदाय को शामिल किया है।
  3. ग्रामीण इलाकों में 98,000 से कम और शहरी इलाकों में 1,20,000 रुपये की वार्षिक आय वाले परिवार एनएमडीएफसी का लक्ष्य समूह है।
  4. एमएमडीएफसी ने विशेष पहल करते हुएए भारत सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अपनाई जा रही क्रीमीलेयर पात्रता का पालन करते हुए वार्षिक पारिवारिक आय की पात्रता की  नई सीमा 6.00 लाख रू. कर दी है। यह नई पात्रता ऋण सीमा 1 सितंबर 2014 से लागू है।

एनएमडीएफसी की प्राधिकृत और प्रदत्त शेयर पूंजी कितनी है ?

एनएमडीएफसी की प्राधिकृत अंश पूंजी 3000 करोड़ है। जिसमें केंद्रीय सरकार का 73  प्रतिशत (2190.00 करोड़),विभिन्न राज्य/संघ शासित सरकारों का 26 प्रतिशत (780.00 करोड़) और अल्पसंख्यकों में रूचि रखने वाले वैयक्तिक/संगठनों का 1 प्रतिशत (30 करोड़ ) का अंशदान शामिल है। एनएमडीएफसी का निगमीकरण 500.00 करोड़ रू. की प्राधिकृत शेयर पूंजी के साथ किया गया था। बाद के वर्षों में प्राधिकृत शेयर पूंजी को कई बार बढ़ाया गया है, जो अब 3000.00 करोड़ रू. है। एनएमडीएफसी की प्रदत्त पूंजी 1625.60 करोड़ रू. है। 31.03.2018 को भारत सरकार के 1435.00 करोड़ रू. और राज्य/संघ शासित सरकारों के 361.60 करोड़ रू. के अंशदान से एनएमडीएफसी की प्रदत्त अंश पूंजी 1796.60 करोड़ रू है, जो क्रमशः 65.53 प्रतिशत और 46.53 प्रतिशत है।

राशि करोड़ करोड़ रू. में

शेयरधारक

 

शेयरों का प्रतिशत

प्राधिकृत शेयर पूंजी में शेयर

प्रदत्त पूंजी(31.12.2017 के अनुसार)

निर्धारित शेयर में योगदान का प्रतिशत

अभी भुगतान की जाने वाली राशि

किए जाने वाले अंशदान का प्रतिशत

भारत सरकार

73 %

2,190.00

1435.00

65.53%

755.00

34.47

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार

26%

780.00

361.60

46.36%

418.40

53.77

संस्थान/व्यक्ति

1%

 

30.00

 

0.01

 

0.01%

 

29.99

 

99.99

 

कुल

 

100%

3,000.00

 

1796.60

59.89%

1,203.40

40.15

अन्य राष्ट्रीय निगमों जैसे, एनएमडीएफसी की इक्विटी में राज्यों को योगदान देने की आवश्यकता क्यों है।

क्योंकि एनएमडीएफसी राज्यों एवं केंद्रीय सरकार का संयुक्त उद्यम है।

एनएमडीएफसी की इक्विटी में प्रत्येक राज्य / संघ राज्य क्षेत्र सरकार के लिए क्या अंश निर्धारित किया गया है और तब से कितना योगदान किया गया है ?

एनएमडीएफसी की इक्विटी में प्रत्येक राज्य / संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के अंशदान का निर्धारण वहां की अल्पसंख्यकों की जनसंख्या के अनुपात के आधार पर किया जाता है। 31.3.2018 को निर्धारित अंश और प्राप्त योगदान की सूचना निम्नलिखित है -

 

क्रम सं.

राज्य/संघ राज्य सरकार का नाम

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार द्वारा किए गए क्षेत्र इक्विटी अंशदान

प्राप्त वास्तविक इक्विटी अंशदान

शेष

किए गए अंशदान का %

कमी का प्रतिशत

 

अंशदान का प्रतिशत

 

अंडमान एवं

निकोबार

44.65

0.00

 

44.65

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

2

आंध्र प्रदेश

1622.58

 

734.37

 

888.21

 

45.26

 

54.74

 

45.26

 

3

अरूणाचल

152.80

 

0.00

 

152.80

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

4

 

असम

 

3829.51

 

1632.00

 

2197.51

 

42.62

 

57.38

 

42.62

 

5

बिहार

 

5688.12

 

2072.43

 

3615.69

 

36.43

 

63.57

 

36.43

 

6

चंडीगढ़

78.10

 

39.05

 

39.05

 

50.00

 

50.00

 

50.00

 

7

 

छत्तीसगढ़

389.32

 

194.66

194.66

50.00

 

50.00

 

50.00

 

8

दादरा नागर हवेली

5.42

 

1.45

 

3.97

 

26.76

 

73.24

 

26.76

 

9

दमन एवं दीयु

6.55

 

0.00

 

6.55

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

10

दिल्ली

960.65

 

960.33

 

0.32

 

99.97

 

0.03

 

99.97

 

11

गोवा

186.68

 

0.00

 

186.68

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

 

गुजरात

2034.15

 

1242.07

792.08

 

61.06

 

38.94

 

61.06

 

13

हरियाणा

999.67

 

294.70

 

704.97

 

29.48

 

70.52

 

29.48

 

14

हिमाचल प्रदेश

113.40

 

56.70

 

56.70

 

50.00

 

50.00

 

50.00

 

15

जे एंड के

 

2937.56

 

2937.50

 

0.06

 

100.00

 

0.00

 

100.00

 

16

झारखंड

2023.29

 

625.00

 

1398.29

 

30.89

69.11

 

30.89

 

17

कर्नाटक

3244.90

 

 

3244.45

 

 

0.45

 

99.99

 

0.01

 

 

99.99

 

 

18

केरल

5733.94

5733.97

 

-0.03

 

100.00

 

0.00

 

100.00

 

19

 

लक्ष्यद्वीप

24.05

 

0.00

 

24.05

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

20

मध्य प्रदेश

1800.10

297.36

 

1502.74

 

16.52

 

83.48

 

16.52

 

21

महाराष्ट्र

7157.24

 

2432.25

 

4724.99

 

33.98

 

66.02

 

33.98

 

22

मणिपुर

383.78

 

25.00

358.78

 

6.51

 

93.49

 

6.51

 

23

मेघालय

714.77

 

0.00

714.77

 

0.00

100.00

 

0.00

24

मिजोरम

351.52

 

199.60

 

151.92

 

56.78

43.22

 

56.78

 

25

नागालैंड

752.61

 

220.00

 

532.61

 

29.23

 

70.77

 

29.23

 

26

उड़ीसा

694.69

111.58

 

583.11

 

16.06

 

83.94

 

16.06

 

27

पांडिचेरी

52.38

 

26.19

 

26.19

 

50.00

50.00

 

50.00

 

28

पंजाब

6303.24

 

960.00

 

5343.24

 

15.23

84.77

 

15.23

 

29

राजस्थान

2342.66

 

2342.00

 

0.66

 

99.97

 

 

0.03

 

 

99.97

 

 

30

सिक्किम

81.12

 

0.00

 

81.12

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

31

तमिलनाडु

2993.63

 

850.00

 

2143.63

28.39

 

71.61

 

28.39

 

32

तेलंगाना

1766.80

 

0.00

 

1766.80

 

0.00

 

100.00

 

0.00

33

त्रिपुरा

188.18

 

188.18

 

0.00

 

100.00

 

0.00

 

100.00

 

34

उत्तर प्रदेश

13148.07

700.06

 

12448.01

 

5.32

94.68

 

5.32

 

35

उत्तरांचल

520.32

65.00

 

455.32

 

12.49

 

87.51

12.49

 

36

पश्चिम बंगाल

8673.52

 

7973.76

 

699.76

 

91.93

 

8.07

 

91.93

 

 

कुल

 

78000.00

36159.66

 

41840.34

 

46.36

 

53.64

 

46.36

 

एनएमडीएफसी लाभार्थियों तक कैसे पहुंचती है ?

एनएमडीएफसी के पास अपने लाभार्थियों तक पहुंचने के दो माध्यम हैं –

  1. संबंधित राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र सरकार द्वारा नामांकित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से; आमतौर पर प्रत्येक चैनेलाइज़िंग एजेंसी के पास जिला स्तर पर एक कार्यालय होता है जहां लाभार्थी को औपचारिक आवेदन देना होता है।
  2. लघु ऋण के लिए अन्य माध्यम एनजीओ / एसएचजी का नेटवर्क है।

चैनेलाइजिंग एजेंसियां

एनएमडीएफसी के लिए कितने राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र सरकारों ने अपने यहाँ चैनेलाइजिंग एजेंसियां को पहले से ही नामांकित किया हुआ है ?

एनएमडीएफसी में एनएमडीएफसी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और 7 संघ राज्य क्षेत्र सरकारों में एनएमडीएफसी की 45 राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियां (एससीए) हैं।जिसमें से 37 एससीए काम रही है और 8 एससीए काम नहीं कर रही है। संबंधित राज्यों /संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा नामांकित काम कर रहीं और काम नहीं कर रही एससीए की सूची निम्न है –

 

क्र.स.

राज्य

 

एनएमडीएफसी कार्यक्रम शुरू करने का साल

 

एससीए

 

चैनेलाइजिंग एजेंसी

 

अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

1

आंध्र प्रदेश

1995-96

एपीएसएमएफसी

1. आंध्र प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम

 

2

असम

1998-99

एएमडीएफसी

2. असम अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

 

3

बिहार

1997-98

बीएसएमएफसी

3. बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम लि.

4

गुजरात

1999-2000

जीएमएफडीसी

4. गुजरात अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम

5

हिमाचल प्रदेश

1997-98

एचपीएमएफडीसी

5. एच पी अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

6

झारखंड

2013-14

 

जेएसएमएफडीसी

6. झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

7

कर्नाटक

1994-95

केएमडीसी

7. कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम लि.

8

केरल

2014-15

केएसएमडीएफसी

8. केरल राज्य अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

9

महाराष्ट्र

2001-02

एमएएएवीएन

9. मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम

 

10

राजस्थान

2001-02

आरएमएफडीसीसी

10. राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम लि

11

तमिलनाडु

2003-04

टेमको

11. तमिलनाडु अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम

12

त्रिपुरा

1997-98

टीएमसीडीसीर

12. त्रिपुरा अल्पसंख्यक सहकारी विकास निगम लि

13

उत्तर प्रदेश

1994-95

यूपीएमएफडीसी

13. यू.पी. अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम लि

14

उत्तराखंड

 

2002-03

 

यूएकेटीडब्ल्यूवीएन

14. उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम

 

15

पश्चिम बंगाल

1996-97

डब्ल्यूबीएमडीएफसी

15. पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

 

 

राज्य अजा एवं जजा विकास निगम

16

चंडीगढ़

 

1997-98

सीएससीएसटीएफडीसी

16. चंडीगढ़ अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम लि.

17

छत्तीसगढ़

2002-03

 

सीएसएसीएफडीसी

 

17. छत्तीसगढ़ राज्य अंत्याव्यवसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड

 

18

दिल्ली

 

 

2002-03

 

डीएससीएफडीसी

18. दिल्ली अजा / जजा / ओबीसी अल्पसंख्यक वं विकलांग वित्तीय एवं विकास निगम लि.

 

19

जम्मू एवं कश्मीर

 

 

1995-96

जेकेएससीएसटीएफडीसी

19. जे एंड के अजा / जजा एवं पिछड़ा वर्ग निगम

 

क्र.स.

राज्य

एनएमडीएफसी कार्यक्रम शुरू

करने का साल

एससीए

चैनेलाइजिंग एजेंसी

राज्य पिछड़ा वर्ग विकास निगम

20

केरल

1996-97

केएसबीसीडीसी

20. केरल राज्य पिछड़ा वर्ग विकास निगम

21

मध्य प्रदेश

 

1995-96

 

एमपीबीसीडीएफसी

 

21. एम.पी. पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास

निगम

22

मणिपुर

 

2004-05

 

मोबेड्स

 

22. मणिपुर अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग आर्थिक विकास सोसायटी

 

23

हरियाणा

 

1995-96

 

एचबीसीकेएन

 

23. हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कमजोर वर्ग कल्याण निगम ।

 

24

पुडुचेरी

2000-01

पीबीसीएमडीसी

24. पुडुचेरी पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास एवं निगम लि.

25

पंजाब

1995-96

बैकफिनको

25. पंजाब राज्य पिछड़ा वर्ग भूमि विकास एवं वित्त निगम

26

ओडिशा

2011-12

ओबीसीएफडीसीसी

26. ओडिशा पिछड़ा वर्ग वित्त विकास सहकारी निगम लि.

राज्य महिला विकास निगम

27

केरल

1994-95

केएसडब्ल्यूडीसी

27. केरल राज्य महिला विकास निगम

28

जम्मू एवं कश्मीर

 

1995-96

 

जेकेडब्ल्यूडीसी

28. जे एंड के राज्य महिला विकास निगम

 

 

हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम

29

नागालैंड

2002-03

एनएचएचडीसी

29. नागालैंड हथकरघा एं हस्तशिल्प विकास निगम लि

 

 

 

 

 

 

अन्य एजेंसियाँ

30

हरियाणा

2009-10

एमडीए

30. मेवात विकास एजेंसी

31

जम्मू एवं कश्मीर

2010-11

 

जेकेइडीआई

31. जम्मू और कश्मीर ठयिमता विकास विकास संस्थान

32

मिजोरम

1996-97

 

 

एमसीएबी

32. मिजोरम सहकारी एपेक्स बैंक लि.

 

33

मिजोरम

1997-98

 

जिडको

33. जौरम औद्योगिक विकास निगम

34

केरल

1998-99

 

केएससीएफएफडीसी

34. केरल राज्य मत्स्य विकास सहकारी संघ लि.

35

नागालैंड

1997-98

एनआईडीसी

35. नागालैंड औद्योगिक विकास निगम लि.

36

नागालैंड

2009-10

एनएसएसडब्ल्यूबी

36. नागालैंड राज्य सामाजिक कल्याण बोर्ड

37

जम्मू एवं कश्मीर

2015-16

 

जेकेएसएफसी

37. जे एंड के राज्य वित्तीय निगम

 

 

 

एनएमडीएफसी की काम नहीं कर रही एससीए

राज्य

 

राज्य का नाम

 

एनएमडीएफसी की काम नहीं कर रही एससीए

 

38

अरूणाचल प्रदेश

38.अरूणाचल प्रदेश राज्य सहकारी शीर्ष बैंक

39

गोवा

39. गोवा राज्य अजा और ओबीसी वित्त एवं विकास निगम

40

मेघालय

40. मेघालय औद्योगिक विकास निगम

41

सिक्किम

 

41. सिक्किम अजा / जजा / ओबीसी विकास निगम

 

ख संघ राज्य क्षेत्र सरकार

क्रम सं.

संघ राज्य क्षेत्र सरकार का नाम

काम नहीं कर रहे संघ राज्य क्षेत्र सरकार

42

अंडमान एवं निकोबार

42 अंडमान एवं निकोबार औद्योगिक विकास निगम

43

दमन एवं दीयु

43 दमन एवं दीयु अजा/जजा वित्तीय निगम

44

दादरा एवं नागर हवेली

44 दादरा एवं नागर हवेली अजा/जजा वित्तीय निगम

45

लक्ष्यद्वीप

45 लक्ष्यद्वीप विकास निगम

 

 

किस राज्य ने अब तक एनएमडीएफसी के लिए एससीए को नामित नहीं किया है ?

अभी तक तेलंगाना राज्य ने एनएमडीएफसी के लिए एससीए को नामित नहीं किया है।

कितने राज्यों ने अल्पसंख्यक विकास निगमों की स्थापना की है ?

अब तक, 15 राज्यों ने एनएमडीएफसी की राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी  (एससीए) के रूप   में संचालित करने के लिए अल्पसंख्यक निगमों को नामित किया है। एनएमडीएफसी के एससीए के रूप में अल्पसंख्यक विकास निगमों को नामांकित करने वाले राज्यों का नाम  इस प्रकार है -

निम्नलिखित राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्र के एससीए ने अभी तक, एनएमडीएफसी से ऋण सहायता नहीं ली है -

1. असम

9. तमिलनाडु

2. आंध्र प्रदेश

10. उत्तर प्रदेश

3. बिहार

11. पश्चिम बंगाल

4. हिमाचल प्रदेश

12. महाराष्ट्र

5. गुजरात

13. राजस्थान

6. झारखंड

14. उत्तराखंड

7. कर्नाटक

15. केरल

8. त्रिपुरा

 

राज्यों / संघ राज्य प्रशासन क्षेत्र में से किसने एनएमडीएफसी की सहायता का लाभ नहीं उठाया है ?

राज्य अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, तेलंगाना, सिक्किम और गोवा। संघ राज्य क्षेत्र: दादरा एवं नागर हवेली, लक्ष्यद्वीप, दमन एवं दीयु, अंडमान और निकोबार।

कितनी राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियां (एससी) काम कर रही हैं ?

कुल 37 परिचालन एससीए में से 28 एससीए कार्यरत हैं, क्योंकि इन राज्च चैनेलाइजिंग        एजेंसियों ने पिछले तीन वर्षों के दौरान एनएमडीएफ से निधि ली है। काम कर रही एससीए की की सूची निम्नानुसार है -

काम कर रही एनएमडीएफसी की एससीए का नाम

राज्य का नाम

काम कर रही एससीए का नाम

 

छत्तीसगढ़

1. छत्तीसगढ़ राज्य अंत्याव्यवसायी सहकारी और विकास निमग लि.

गुजरात

2. गुजरात अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम हरियाणा

हरियाणा

3. हरियाणा पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कमजोर वर्ग कल्याण निगम

4. मेवात विकास एजेंसी हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश

5. एच. पी. अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

जम्मू एवं कश्मीर

6. जे एंड के राज्य महिला विकास निगम

7. जम्मू और कश्मीर उद्यमता विकास विकास संस्थान (जेकेइडीआई)

 

8. जे एंड के अजा/जजा एवं पिव विकास निगम

 

9. जे एंड के राज्य वित्त निगम

 

केरल

 

10. केरल राज्य पिछड़ा वर्ग विकास निगम

11. केरल राज्य महिला विकास निगम

12. केरल राज्य मत्स्य सहकारी संघ सहकारी विकास लि.

13. केरल राज्य अलपसंख्यक विकास वित्त निगम

कर्नाटक

14. कर्नाटक राज्य अलपसंख्यक विकास वित्त निगम लि.

 

महाराष्ट्र

 

15. मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम

मिजोरम

16. मिजोरम सहकारी एपेक्स बैंक लि.

नागालैंड

17. नागालैंड औद्योगिक विकास निगम लि.

 

18. नागालैंड राज्य सामाजिक कल्याण बोर्ड ओडिशा

ओडिशा

19. उड़ीसा पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम सहकारी लि.

पंजाब

20. पंजाब राज्य पिछड़ा वर्ग भूमि विकास एवं वित्त निगम

राजस्थान

21. राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम लि

तमिलनाडु

22. तमिलनाडू अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम

 

त्रिपुरा

23. त्रिपुरा अल्पसंख्यक सहकारी विकास निगम लि.

उत्तराखंड

24. उत्तरांचल अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम

पश्चिम बंगाल

25. पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

 

संघ राज्य क्षेत्र

संघ राज्य क्षेत्र

 

काम कर रही एससीए का नाम

 

चंडीगढ़

 

26. चंडीगढ़ अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम लि.

 

दिल्ली

27. दिल्ली अजा / जजा / ओबीसी अल्पसंख्यक वं विकलांग वित्तीय एवं विकास निगम लि.

पुडुचेरी

28. पुडुचेरी पिछड़ा वर्ग पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास निगम लि

 

एनएमडीएफसी के कई एससीए गैर-कार्यात्मक हैं कारण सहित ब्यौरा दें।

कुल 37 परिचालित एससीए में से 9 एससीए गैर-कार्यात्मक हैं, क्योंकि पिछले चार वर्षों में        उन्होंने एनएमडीएफ से निधि नहीं ली है। गैर-कार्यात्मक एससीए की सूची निम्नानुसार है –

काम नहीं कर रही एनएमडीएफसी की चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के नाम राज्य का नाम

राज्य का नाम

काम नहीं कर रही चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के नाम

काम न करने के कारण

आंध्र प्रदेश

1. आंध्र प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम

राज्य सरकार 2008-09 से ऋण योजनाओं को कार्यान्वित करना बंद कर दिया है।

असम

2. असम अल्पसंख्यक विकास एवं वित्तीय निगम

12.10 करोड़ रुपये का बकाया बढ़ने के कारण 2012-13 के बाद से ऋण देना बंद हो गया है।

बिहार

3. बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम लि

17.80 करोड़ रुपये का बकाया बढ़ने के कारण 2012-13 के बाद से ऋण देना बंद हो गया है। बिहार सरकार के वित्तीय विभाग ने वन टाइम सेटलमेंट को मंजूरी दे दी है।

झारखंड

4. झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम को नए एससीए के रूप में नामित किया गया है। न ही सरकारी गारंटी से संबंधित राज्य सरकार का आदेश प्रतीक्षित है।

मिजोरम

5. जौरम औद्योगिक विकास निगम

15.46 करोड़ रुपये का बकाया बढ़ने के कारण 2003-04 के बाद से ऋण देना बंद हो गया है। राज्य सरकार ने ओटीएस के तहत समझौते के लिए संपर्क किया है। इस बारे में राज्य सरकार से अंतिम अनुमोदन आना बाकी है।

मध्य प्रदेश

6. एम.पी. पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

एमपीबीसीडीसी के मामले में खराब ऋण चुकौती के कारण 2005 - 06 के बाद से ऋण देने पर रोक लगी हुई है।ओटीएस के तहत निगम बकाया चुकाया जा चुका है। एससीए ने सूचित किया है उसे केवल राज्य सरकार की योजनाएं ही लागू करने के लिए कहा गया है।

मणिपुर

7. मणिपुर अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग आर्थिक विकास सोसाइटी

1999-2000 से अधिक बकाए के कारण ऋण देने का कार्य रुका हुआ है। ओटीएस के तहत बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका है। मणिपुर अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग आर्थिक विकास सोसाइटी (मोबेड्स) को नए एससीए के रूप में नामित किया गया है। जीएलए पर हस्ताक्षर होने एवं सरकारी गारंटी मिलने के बाद ऋण देना शुरू हो जाएगा।

नागालैंड

8. नागालैंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम

9.09 करोड़ रुपये के बढ़ते बकाए की वजह से ऋण देने का कार्य 2013-14 के बाद से रुका हुआ है।

उत्तर प्रदेश

9. यू.पी. अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम लि.

हाल ही में, यूपी सरकार ने बकाया राशि 64.22 करोड़ की राशि को एकबारगी समाधान योजना (ओटीएस) के तहत एनएमडीएफसी को चुका दी है। ऋण देने का काम जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।

 

एनएमडीएफसी के कितनी एससीए काम नहीं कर रही हैं, कारण सहित बताएं ?

कुल 45 एससीए में से 28 एससीए कार्यरत हैं, 09 गैर-कार्यात्मक हैं, जबकि 8 एससीए काम नहीं कर रही हैं, क्योंकि राज्य सरकारों / एससीए ने एनएमडीएफसी से निधि प्राप्त करने की औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया है -

काम नहीं कर रही एनएमडीएफसी की एससीए की सूची

राज्य का नाम

काम नहीं कर रही एससीए का नाम     

एससीए के काम न करने के कारण

अरूणाचल प्रदेश

1. अरूणाचल प्रदेश राज्य सहकारी एपेक्स बैंक

सरकार सरकार की ओर से सरकारी गारंटी के बाबत राज्य सरकार के आदेश की प्रतीक्षा है।

गोवा

2. गोवा राज्य अजा,ओबीसी वित्त एवं विकास निगम

एससीए ने एनएमडीएफसी के साथ सामान्य ऋण करार पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से सरकारी गारंटी के बाबत के आदेश की प्रतीक्षा है।

मेघालय

3. मेघालय औद्योगिक विकास निगम

एससीए ने एनएमडीएफसी के साथ सामान्य ऋण करार पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से सरकारी गारंटी के बाबत के आदेश की प्रतीक्षा है।

सिक्किम

4. सिक्किम अजा/जजा/ओबीसी विकास निगम

एससीए ने एनएमडीएफसी के साथ सामान्य ऋण करार पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से सरकारी गारंटी के बाबत के आदेश की प्रतीक्षा है।

 

संघ राज्य क्षेत्र

यूटी का नाम

काम नहीं कर रहे यूटी का नाम

एससीए के काम न करने के कारण

अंडमान एवं निकोबार

5. अंडमान एवं निकोबार औद्योगिक विकास निगम

एससीए ने एनएमडीएफसी के साथ सामान्य ऋण करार पर। निकोबार हस्ताक्षर नहीं किया है। इसके अलावा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन की  ओर से सरकारी गारंटी के बाबत आदेश की प्रतीक्षा है।

दमन एवं दीयु

6. दमन एवं दीयु अजा / अजजा वित्तीय निगम

--- वही ---

दादरा एवं नगर हवेली

7. दादरा एवं नगर हवेली अजा / जजा वित्तीय निगम

--- वही ---

लक्ष्य्द्वीप

8. लक्ष्यद्वीप विकास निगम

--- वही ---

 

एनएमडीएफसी की योजनाओं के लिए ब्याज संरचना

एनएमडीएफसी की योजनाओं के लिए ब्याज संरचना की क्या दर है ?

क्रेडिट लाइन-1

  1. 20,00,000/- रू. का सावधि ऋण 6 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर पर उपलब्ध है।
  2. शिक्षा ऋण के अंतर्गत. 20.00 रू. तक का ऋण घेरलू पाठ्यक्रमों एवं विदेशी में पढ़ने वाले पाठ्यक्रमों के लए 30.00 लाख रू. का ऋण 3 प्रतिशत सालाना ब्याज पर उपलब्ध है।
  3. लघु ऋण योजना के तहत, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के प्रत्येक सदस्य को 1.00 लाख रू. तक और 20 महिलाओं के समूह हो 20.00 लाख रु. तक का ऋण 7 प्रतिशत पर उपलब्ध है।

क्रेडिट लाइन-2

  1. 30,00,000/- रू. का सावधि ऋण पुरूष लाभार्थी को 8 प्रतिशत वार्षिक एवं महिला लाभार्थी को 6 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर पर उपलब्ध है।
  2. शिक्षा ऋण के अंतर्गत, 20.00 रू. तक का ऋण घेरलू पाठ्यक्रमों एवं विदेशी में पढ़ने वाले     पाठ्यक्रमों के लए 30.00 लाख रू. का ऋण पुरूष लाभार्थी को 8 प्रतिशत वार्षिक एवं महिला     लाभार्थी को 5 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर पर उपलब्ध है।
  3. लघु ऋण योजना के तहत, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के प्रत्येक सदस्य को 1.50 लाख  रू. तक और 20 महिलाओं के समूह हो 30.00 लाख रू. तक का ऋण क्रमशः 10 प्रतिशत वार्षिक एवं 8 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज पर उपलब्ध है।

एनएमडीएफसी की वित्तीय सहायता योजनाएं क्या हैं ?

एनएमडीएफसी की निम्नलिखित वित्तीय सहायता योजनाएं हैं -

क ऋण योजनाएँ

सावधि ऋण(टर्म लोन) योजना

यह योजना व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए है और एससीए के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

क्रेडिट लाइन -1 और क्रेडिट लाइन -2 के तहत टर्म लोन स्कीम का विवरण इस प्रकार है  -

पैरामीटर्स

 

स्कीम का ब्योरा

 

 

क्रेडिट लाइन -1

क्रेडिट लाइन -2

ऋण राशि

20.00 लाख रू. तक

30.00 लाख रू. तक

लाभार्थियों के लिए ब्याज दर

6% वार्षिक

पुरूष लाभार्थियों के लिए 8% वार्षिक महिला लाभार्थियों के लिए 6% वार्षिक

 

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के लिए ब्याज

3% वार्षिक

3% वार्षिक

स्थगन (मोरेटेरियम पीरियड) अवधि

6 माह

6 माह

लाभार्थियों के लिए पुनर्भुगतान की अवधि

5 वर्ष

5 वर्ष

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के लिए

8 वर्ष

 

8 वर्ष

वित्त पोषण के साधन एनएमडीएफसी:एससीए:लाभार्थी का योगदान

 

90 : 5 : 5

 

90 : 5 : 5

3 माह

 

उपयोग अवधि

3 महीने

 

3 महीने

 

ऋण मंजूरी के लिए एससीए को दी गई शक्तियाँ

 

एससीए को सलाह दी जाती है कि वे जमीनी हकीकत के आधार पर ऋण मंजूर / संवितरित करें।

 

एससीए को सलाह दी जाती है कि वे जमीनी हकीकत के आधार पर ऋण मंजूर / संवितरित करें।

 

शैक्षिक ऋण योजना

यह योजना वैयक्तिक लाभार्थियों के लिए है और इसे राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से लागू किया जाता है। निगम, अल्पसंख्यक समुदाय के पात्र व्यक्तियों को रोजगारन्मुख शिक्षा देने के उद्देश्य से शैक्षिक ऋण उपलब्ध कराता है। इस योजना के अंतर्गत, व्यावसायिक व तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए जो कि 5 वर्ष की अवधि से ज्यादा के न हों, के लिए ऋण उपलब्ध है।

क्रेडिटलाइन-1 एवं क्रेडिट लाइन -2 के तहत शिक्षा ऋण का ब्यौरा इस प्रकार है-

पैरामीटर्स

 

क्रेडिट लाइन -1 के अनुसार ब्यौरा

 

क्रेडिट लाइन -1 के अनुसार ब्यौरा

अधिकतम ऋण राशि

 

प्रति लाभार्थी अधिकतम ऋण राशि इस प्रकार है -

- 5 वर्ष की अधिकतम अवधि के साथ भारत में `व्यावसायिक और रोजगारन्मुख डिग्री कोर्स' के लिए कोर्स' के लिए प्रतिवर्ष 4.00 लाख रू. की दर से 20.00 लाख रू. तक |

-5 वर्ष की अधिकतम अवधि के साथ 'विदेश में 'विदेश में कोर्स' के लिए प्रतिवर्ष 6.00 लाख रू.की दर से 30.00 लाख रू.तक ।

 

प्रति लाभार्थी अधिकतम ऋण राशि इस प्रकार है -

- 5 वर्ष की अधिकतम अवधि के साथ भारत में `व्यावसायिक और रोजगारन्मुख डिग्री कोर्स' के लिए कोर्स' के लिए प्रतिवर्ष 4.00 लाख रू. की दर से 20.00 लाख रू. तक |

-5 वर्ष की अधिकतम अवधि के साथ 'विदेश में 'विदेश में कोर्स' के लिए प्रतिवर्ष 6.00 लाख रू.की दर से 30.00 लाख रू.तक ।

 

लाभार्थियों के लिए ब्याज दर

 

3% वार्षिक

 

पुरूष लाभार्थियों के लिए 8% वार्षिक

महिला लाभार्थियों के लिए 5% वार्षिक

 

एससीए के लिए ब्याज दर

1% वार्षिक

2% वार्षिक

 

स्थगन अवधि (मोरेटोरियम      पीरियड)

 

पाठ्यक्रम पूरा होने के 6 महीने के बाद या नौकरी मिलने के बाद, जो भी पहले हो।

 

ऋण स्वीकृति के लिए एससीए के पास अधिकार

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों को जमीनी हकीकत के आधार पर ऋण की स्वीकृति / संवितरण की सलाह दी गई है।

 

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों को जमीनी हकीकत के आधार पर ऋण की स्वीकृति / संवितरण की सलाह संवितरण की सलाह दी गई है।

 

लाभार्थियों के लिए पुनर्भुगतान

5 वर्ष

 

5 वर्ष

 

5 वर्ष

 

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी के लिए पुनर्भुगतान की अवधि

 

5 वर्ष

 

 

वित्त पोषण के साधन एनएमडीएफसी :एससीए लाभार्थी का योगदान

90 : 5 : 5

 

90 : 5 : 5

 

 

लघु वित्त पोषण योजना

लघु-वित्त पोषण योजना के अंतर्गत, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को विशेषकर, दूर-राज के गांव और शहरी बस्तियों में जीवन यापन कर रही अल्पसंख्यक समुदाय की उन महिलाओं को लघु ऋण दिया जाता है जो न तो बैंकों से ऋण ले पाती हैं और न ही राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से एनएमडीएफसी की ऋण योजनाओं का लाभ ही उठा पाती हैं। निगम इस योजना को बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक और राष्ट्रीय महिलाकोष (आरएमके) की तर्ज पर क्रियान्वित कर रही है।

इस योजना में यह अपेक्षा की जाती है। कि लाभार्थी पहले तो स्वयं सहायता समूहों को बनाए। उसके बाद नियमित बचत करने की आदत बनाए, चाहे यह बचत छोटी ही क्यों न हो। इस योजना में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के नेटवर्क के माध्यम से गरीब से गरीब महिलाओं को लघु ऋण दिया जाता है। यह एक अनौपचारिक ऋण योजना है जिसमें, लाभार्थियों को शीघ्र से शीघ्र ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाता है। क्रेडिट लाइन -1 और ऋण क्रेडिट लाइन -2 के तहत लघु वित्त पोषण योजना का विवरण इस प्रकार है  -

पैरामीटर्स

क्रेडिट लाइन -1 के अनुसार ब्यौरा

क्रेडिट लाइन -1 के अनुसार ब्यौरा

 

ऋण राशि

 

एसएचजी के प्रत्येक सदस्य को 1.00 लाख रू. तक

20 सदस्यों वाले एक स्वयं सहायता समूह को 20.00 लाख रू. तक

एसएचजी के प्रत्येक सदस्य को 1.50 लाख रू. तक

20 सदस्यों वाले एक स्वयं सहायता समूह को 30.00 लाख रू. तक

एससीए के लिए ब्याज दर

1% वार्षिक

पुरूष लाभार्थियों के लिए 4 प्रतिशत वार्षिक

महिला लाभार्थियों के लिए 2 प्रतिशत वार्षिक

 

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों द्वारा स्वयं सहायता समूहों के लिए ब्याज दर

7% वार्षिक(एससीए के लिए मार्जिन 6%)

पुरूष लाभार्थियों के लिए 10% वार्षिक (एससीए के लिए 4% वार्षिक का मार्जिन)।

महिला लाभार्थियों के लिए 8% वार्षिक (एससीए के लिए 4% वार्षिक का मार्जिन)।

लाभार्थियों / स्वयं सहायता समूहों के लिए ब्याज दर

7% वार्षिक

पुरूष लाभार्थियों के लिए 10% वार्षिक

महिला लाभार्थियों के लिए 8% वार्षिक

स्थगन अवधि (मोरेटोरियम पीरियड)

3 महीने

 

3 महीने

 

गैर-सरकारी संगठन / फेडरेशन ऋण मंजूरी के लिए एससीए के पास अधिकार

प्रत्यके गैर-सरकारी संगठन / फेडरेशन के लिए 25 लाख रू. की सीमा। हालांकि, एससीए के लिए पिछले 2 वर्षों में 100% का पुनर्भुगतान रिकॉर्ड होने पर यह ऋण सीमा 50.00 लाख रू. तक बढ़ाई जा सकती है।

प्रत्यके गैर-सरकारी संगठन / फेडरेशन के लिए 25 लाख रू. की सीमा। हालांकि, एससीए के लिए पिछले 2 वर्षों में 100% का पुनर्भुगतान रिकॉर्ड होने पर यह ऋण सीमा 50.00 लाख रू. तक बढ़ाई जा सकती है।

लाभार्थियों के लिए पुनर्भुगतान की अवधि

3 वर्ष

3 वर्ष

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों / गैर-सरकारी संगठनों के लिए पुनर्भुगतान अवधि

4 वर्ष / 3 वर्ष

 

4 वर्ष / 3 वर्ष

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों / गैर-सरकारी संगठनों के लिए उपयोग अवधि

3 महीने / 1 महीना

 

3 महीने / 1 महीना

 

ऋण देने के साधन एनएमडीएफसी :एससीए : लाभार्थी का योगदान

90 : 5:5

90 : 5:5

 

महिला समृद्धि योजना (एमएसवाय)

महिला समृद्धि योजना एक अनूठी योजना है, जिसमें स्वयं सहायता समूहों में गठित महिला सदस्यों को सिलाई ,कटिंग एवं कढ़ाई आदि व्यवसायों में प्रशिक्षण देने के साथ-साथ लघु ऋण दिया जाता है। इस योजना को राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। महिला समृद्धि योजना के अंतर्गत, महिलाओं के अनुकूल किसी समुचित दस्तकारी क्रियाकलाप में लगभग 20 महिलाओं के समूह को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान ही स्वयं सहायता समूह का गठन कर दिया जाता है। प्रशिक्षण के बाद बने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को लघु ऋण उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण की अधिकतम अवधि छहमहीने है तथा प्रशिक्षण खर्च की अधिकतम सीमा प्रति प्रशिक्षणार्थी हर महीने 1,500 रू. है। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को हर महीने 1,000 रू. का वज़ीफा भी दिया जाता है। प्रशिक्षण लागत और वजीफा के लिए एनएमडीएफसी द्वारा अनुदान दिया जाता है। प्रशिक्षण के पश्चात, बनाए गए स्वयं सहायता समूह के हर सदस्य को उनकी जरूरत के आधार पर प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर अधिकतम 1.00 लाख रू. का ऋण उपलब्ध है।

ख. संवर्धनात्मक (प्रोमोशनल) योजनाएँ

व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना

एनएमडीएफसी की व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना का उद्देश्य स्व-रोजगार / रोजगार के लिए कौशल प्रदान   करना है। इस योजना को राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से लागू किया जाता है ,जो अपने राज्यों   में स्थानीय सरकारी/मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थाओं की सहायता से स्व-रोजगार / रोजगारन्मुख व्यवसायों   में जरूरत के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। अधिकतम छह महीने तक की अवधि  वाले पाठ्यक्रमों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की लागत प्रति उम्मीदवार हर महीने 2,000 रू. है। प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षणार्थियों (ट्रेनियों) को हर महीने 1,000 रू.की दर से वजीफा भी दिया जाता है। योजना  के अनुसार प्रशिक्षण लागत का 90% एनएमडीएफसी द्वारा अनुदान के रूप में दिया जाता है जबकि शेष  10% एससीए / प्रशिक्षण संस्थान द्वारा वहन किया जाता है। एससीए / प्रशिक्षण संस्थान को संगठित क्षेत्र में 50% प्रशिक्षुओं की नियुक्ति के साथ रोजगार में कम से कम 80% प्रशिक्षणार्थियों की नियुक्ति सुनिश्चित करनी होती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद, प्रशिक्षणार्थियों को 1 वर्ष का हैंड होल्डिंग सहयोग भी दिया जाता  है।

एससीए को निधियों की मंजूरी / उसे जारी करने के लिए निर्धारित प्रारूपों में एनएमडीएफसी को अपने   प्रस्ताव भेजने होंगे।

पैरामीटर्स

योजना का ब्यौरा

प्रशिक्षण लागत

प्रति महीने प्रति प्रशिक्षणार्थी को 2,000/- रू.

प्रशिक्षण की अवधि

6 महीने तक

वजीफा

प्रति महीने प्रति प्रशिक्षणार्थी को 1,000/- रू.

ऋण देने के साधन एनएमडीएफसी: एससीए: एससीए / प्रशिक्षण संस्थान

90: 10

मार्केटिंग सहायता योजना

मार्केटिंग सहायता योजना वैयक्तिक शिल्पकारों, एनएमडीएफसी के लाभार्थियों के साथ-साथ स्वयं सहायता   समूह के सदस्यों के लिए है और इस योजना को राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से लागू किया   जाता है। इसका उद्देश्य शिल्पकारों को सहायता देना, उनके उत्पादों की मार्केटिंग करना और उन्हें उसकी   लाभकारी कीमत दिलाना है। एनएमडीएफसी द्वारा राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों को राज्य / जिला स्तर पर   चुनिंदा जगहों पर प्रदर्शनी आयोजित करने में सहयोग करती है। इन प्रदर्शनियों में अल्पसंख्यक वर्ग के   शिल्पकारों के हथकरघा / हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है तथा उनकी बिक्री की जाती है। इस   प्रकार की प्रदर्शनियों में ‘क्रेता-विक्रेता बैठक जो घरेलू बाजार तथा निर्यात के लिए मार्केटिंग को बढ़ावा देने   और उत्पाद के विकास का कारगर साधन है। एनएमडीएफसी प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के बाद, योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए अनुदान उपलब्ध कराती है।

पैरामीटर्स

 

ब्यौरा

 

एससीए स्तर पर प्रदर्शनी के आयोजन की लागत

क शहरों के लिए स्टॉल 22,000 रु. / ख शहरों के लिए स्टॉल 18,000 रु. / ग आयोजन की लागत शहरों के लिए स्टॉल 14,000 रु.

सभी महानगर क श्रेणी के शहर, महानगरों के अलावा अन्य सभी राज्यों की राजधानियाँ ख श्रेणी के शहरों में हैं, जिला मुख्यालय / अन्य शहर ग श्रेणी में हैं।

यात्रा भत्ता

 

सबसे छोटे मार्ग से द्वितीय श्रेणी का स्लीपर क्लास या साधारण बस का किराया (वास्तविक आधार पर)

केवलएक दस्तकार/लाभार्थी/एसएचजी सदस्य के लिए तय मंहगाई भत्ता (डीए)

शहर की श्रेणी

डीए रेट

क श्रेणी

 

700/- रू.

ख श्रेणी

 

600/-रू.

ग श्रेणी

500/-रू.

प्रतिभागी

 

60 स्थानीय शिल्पकार / लाभार्थी और राज्य के बाहर के 20 शिल्पकार । लाभार्थी।

 

प्रदर्शनी में अधिकतम स्टॉल

40 स्टॉल। अगर कम संख्या में स्टॉल लगाए जाते हैं, तो उस अनुपात में खर्चा कम हो जाएगा।

प्रदर्शनी की अवधि

15 दिन। यदि प्रदर्शनी का आयोजन कम दिनों के लिए किया जाता है, तो उस अनुपात में खर्चा कम हो जाएगा।

 

प्रदर्शनी की लागत का बंटवारा

कुल लागत का 90% एनएमडीएफसी द्वारा और 10% एसीए द्वारा ।

 

 

 

क्या एनएमडीएफसी अपने ऋण के लिए किसी प्रकार की जमानत की मांग करता है ?

जी हां, एनएमडीएफसी द्वारा निम्न के आधार पर ऋण प्रदान किया जाता है :

क) राज्य सरकार की गारंटी के एवज में राज्य चैनेलाजिंग एजेंसियों को ऋण दिया जाता है।

ख)  जबकि एनजीओ को ठोस जमानत के एवज में ऋण दिया है।

एनएमडीएफसी योजनाओं के तहत निधि प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों से जमानत के तौर पर क्या माँगा जाता है ?

  • एनएमडीएफसी ने एससीए को सलाह दी है कि लाभार्थियों को दिए गए ऋणों के लिए जमानत की मांग कर सकती है। लाभार्थियों से ली जाने वाली जमानत के बारे में एससीए को तय करना चाहिए।
  • जमानत लेने के मानदंड ऐसे होने चाहिए कि गरीब लाभार्थियों को जरूरी जमानत या गारंटी असानी से मिल सके, जबकि ऋण की वसूली के लिए आवश्यक अधिकार एजेंसी के पास उपलब्ध है।

सामान्यतः निम्नलिखित जमानत/गारंटी के प्रावधानों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है -

  1. 1,00,000 रू. तक के ऋण  लाभार्थियों की अपनी खुद की गारंटी और पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी)के लिए 1,00,000 रू. तक और पीएसयू / सरकारी / बैंक के एक कर्मचारी या आय करदाता / लोक प्रतिनिधि की
  2. 5,00,000/- रू. तक के ऋण गारंटी एवं पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी) के लिए
  3. 5,00,000/- रू. से ज्यादा के सरकारी / पीएसयू / बैंक के दो कर्मचारी या दो आय करदाता / लोक प्रतिनिरि ऋण के लिए संपत्ति के मालिक की गारंटी जिनकी संपत्ति को रेहन पर रखा जा सके  या ऋण के लिए ली गई संपत्ति/ अचल संपत्ति को बंधक बनाना जिसका मूल्य लिए गए ऋण की राशि से कम न हो।

एवं  पोस्ट डेटेड चेक इसके अलावा, एससीए को सूक्ष्म और लघु उद्यमों (सीजीटीएमएसई के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के सदस्य बनने की सलाह दी गई है ताकि जो लाभार्थी एनएमडीएफसी की योजना के तहत ऋण के लिए   गारंटी/जमानत देने में सक्षम नहीं हैं, उनकी मदद की जा सके। ऐसे मामले में, सीजीटीएमएसई दिए जाने कमीशन के लिए लाभार्थी द्वारा दिए जाने वाले ब्याज की दर में वृद्धि हो जाएगी।

वित्तीय सहायता के क्षेत्रीय समूह

एनएमडीएफसी की वित्तीय सहायता के क्षेत्रीय समूह क्या हैं ?

एनएमडीएफसी की क्रेडिट लाइन -1 के तहत 20 लाख रुपये और क्रेडिट लाइन -2 के तहत 30.00 लाख रुपये की अधिकतम लागत वाली परियोजना लागत के किसी भी कार्य के लिए ऋण दिया जाता है। हालांकि, निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रस्तावों को वर्गीकृत किया जा सकता है  -

1. कृषि एवं उससे संबंधित

इसमें पशु पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि जैसी योजनाएं शामिल हैं।

2. तकनीकी व्यापार

इनमें ग्राम / तालुका स्तर जैसे तकनीकी, प्लंबर, शीट मेटल, टीवी / रेडियो मरम्मत, मोटर मैकेनिक, टायर पंचर की मरम्मत, साइकिल / टैक्सी / ऑटो रिक्शा मरम्मत, रेफ्रिजरेशन मैकेनिक आदि जैसे तकनीकी व्यापार शामिल हैं।

4.छोटे व्यवसाय

इसमें छोटे व्यवसाय / चाय की दुकान / पैन की दुकान, अंडा बिक्री / जनरल प्रोविजन/ दुकान /धोबी ,पॉपकॉर्न / टेक्स्ट बुक शॉप, पत्रिका की दुकान, अखबार, विक्रेता, फोटोकोपियर, टाइपराइटिंग और वर्ड प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं।

5. शिल्पकार और परंपरागत व्यवसाय

इसमें कढ़ाई का काम, लकड़ी की नक्काशी, सुरक्षित तरीके से माचिस की तिली बनाना, पापड, जाम, अचार, रेडिमेड गारमेंट्स आदि को तैयार करना शामिल है।

परिवहन और सेवा क्षेत्र

इसमें ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा, टेम्पो, बैलगाड़ी और किराए पर अन्य पशुओं से चलाई जाने      वाली बुग्गी, किराए पर साइकिल सेवा आदि शामिल है।

क्षेत्रवार वित्तीय सहायता

एनएमडीएफसी स्कीम के अंतर्गत प्रदान की गई क्षेत्रवार वित्तीय सहायता क्या है ?

निधि का उपयोग इस प्रकार है -

सेक्टर का नाम

 

एससीए द्वारा उपयोग किए गई निधियों का प्रतिशत

 

कृषि एवं उससे संबंधित

 

22.49%

 

तकनीकी व्यापार

 

3.44%

 

लघु व्यवसाय

66.81%

 

शिल्पकार और परंपरागत व्यवसाय

3.26%

परिवहन और सेवा क्षेत्र

4.00%

 

विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा एनएमडीएफसी से ली गई वित्तीय सहायता का उपयोग कैसे किया जा रहा है ?

निगम की स्थापना के बाद से, एनएमडीएफसी ने अल्पसंख्यक समुदायों के 14,14,508 लाभार्थियों को 4,568.17 करोड़ रूपए की राशि वितरित की है। 31.3.2018 तक निधियों का राज्यवार वितरण और लाभार्थियों की संख्या नीचे दी गई है।

 

 

 

राज्य

 

सावधि ऋण

लघु ऋण

 

कुल

 

राशि

 

लाभार्थी

राशि

 

लाभार्थी

राशि

 

लाभार्थी

आंध्र प्रदेश

 

16.69

21,871

 

रु. 53.31

 

30,309

 

रु. 60.01

 

52,180

 

अरूणाचल प्रदेश

रु. 0.02

 

42

 

 

 

रु. 0.02

 

42

 

असम

रु. 5.15

 

7,713

 

रु.7.87

 

 

1,740

 

रु. 13.02

 

9,453

 

बिहार

 

रु.1.20

 

6,084

 

रु. 50.97

 

13,136

 

रु. 52.17

 

 

19,220

 

चंडीगढ़

रु.0.00

 

0

रु.1.42

 

255

 

रु. 1.42

 

255

 

छत्तीसगढ़

रु.1.50

 

667

रु.7.15

 

1,220

 

रु. 8.65

 

1,887

 

दिल्ली

रु.0.73

 

611

 

रु.3.97

 

808

रु.470

1419

गुजरात

 

रु.1.46

 

1,769

रु. 78.11

 

17,171

 

रु.79.57

 

18,940

 

हरियाणा

रु.8.11

 

6,365

 

रु. 53.75

 

10,232

 

रु.61.85

 

16,597

 

हिमाचल

रु. 0.00

 

0

रु. 36.36

 

4,554

 

रु. 36.36

 

4,554

 

जम्मू एवं कश्मीर

रु.4.38

3,698

 

रु. 263.19

 

26,962

 

रु. 267.56

 

30,660

 

झारखंड

रु. 0.35

 

456

 

रु.3.45

 

894

 

रु.3.80

1,350

 

कर्नाटक

रु.3.35

 

4,315

 

रु.129.10

24,300

 

रु. 132.45

 

28,615

 

केरल

रु. 332.17

 

1,93,774

रु.757.06

 

1,04,900

 

रु. 1,089.23

 

2,98,674

 

मध्य प्रदेश

 

रु. 1.15

1,379

 

रु. 13.20

 

5,054

 

रु. 14.35

 

6,433

 

महाराष्ट्र

रु. 10.01

 

7,313

 

रु. 80.17

 

12,998

 

रु. 90.18

 

20,311

 

मणिपुर

२0.17

 

1,765

 

रु.1.89

 

430

 

रु. 2.06

 

2,195

 

मेघालय

रु. 0.04

 

62

 

 

 

रु. 0.04

 

62

 

मिजोरम

रु. 0.10

 

123

 

रु.50.42

 

13,902

 

रु.50.52

 

14,025

 

नागालैंड

रु.17.37

 

9,395

 

रु. 75.77

 

13,629

 

रु.93.13

 

23,024

 

ओडिशा

 

रु.2.34

 

4,213

 

रु. 10.73

 

3,124

 

रु. 13.07

 

7,337

 

पुडुचेरी

रु.5.85

 

2,961

 

रु. 15.13

 

2,138

 

रु. 20.98

 

5,099

 

पंजाब

 

रु. 0.00

 

0

 

रु.94.35

 

16,970

 

रु.94.35

 

16,970

 

राजस्थान

 

रु.1.40

 

3,325

 

रु.164.84

 

17,720

 

रु. 166.24

 

21,045

 

तमिलनाडु

रु. 198.60

 

1,43,970

 

रु. 93.14

 

13,859

 

रु. 291.74

 

1,57,829

 

त्रिपुरा

रु. 0.05

 

50

 

रु. 99.78

 

8,729

 

रु.99.83

 

8,779

 

उत्तर प्रदेश

रु. 2.18

 

9,718

रु. 140.56

 

33,028

 

रु. 142.74

 

42,746

 

उत्तराखंड

रु.0.20

 

1,130

 

रु.7.85

 

958

 

रु.8.05

 

2,088

 

पश्चिम बंगाल

 

रु.951.56

 

4,88,564

 

रु.718.52

 

1,14,155

 

रु. 1,670.08

 

6,02,719

 

समग्र कुल

रु. 1,556.11

 

9,21,333

 

रु.3,012.05

 

4,93,175

 

रु.4,568.17

 

14,14,508

 

 

एनएमडीएफसी द्वारा वितरित निधियों का समुदाय-वार ब्यौरा क्या है ?

पिछले 7 वर्षों (2010-11 से 2016-17) के दौरान एनएमडीएफसी की योजनाओं के तहत उपयोग किए जाने वाली निधियों का समुदाय-वार विवरण : -

प्रतिशत में

योजना

मुस्लिम

ईसाई

सिक्ख

बौद्ध

पारसी

जैन

सावधि ऋण

78.80

15.51

4.74

0.70

शून्य

0.25

शिक्षा ऋण

71.22

25.83

1.01

0.05

शून्य

1.89

लघु ऋण

78.73

21.22

0.02

0.01

शून्य

0.02

कुल

78.34

 

18.51

 

2.53

0.37

शून्य

0.25

क्या संबंधित राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों में अल्पसंख्यक आबादी के प्रतिशत के अनुपात में संबंधित राज्यों का अंशदान है ?

निम्न में से संबंधित राज्यों की अल्पसंख्यक आबादी के अनुपात में दिए गए अंशदान का अनुपात निम्न प्रकार से है -

राज्य

 

2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या

राज्य की कुल अल्पसंख्यक जनसंख्या

अल्पसंख्यक जनसंख्या का प्रतिशत

एनएमडीएफसी द्वारा किया गया कुल संचयी संवितरण

 

एनएमडीएफसी द्वारा किए गए कुल संवितरण का प्रतिशत

 

अल्पसंख्यक जनसंख्या के प्रतिशत से ज्यादा संवितरण वाले राज्य का प्रतिशत

पश्चिम बंगाल

 

9,12,76,115

 

2,57,21,609

 

10.96

 

1,67,008.00

 

36.56

 

केरल

3,34,06,061

 

1,50,22,706

 

6.4

 

1,08,923.00

 

23.84

 

तमिलनाडु

7,21,47,030

 

87,58,649

3.73

29,174.00

 

6.39

 

जम्मू एवं कश्मीर

1,25,41,302

 

89,51,981

 

3.81

 

26,756.00

 

5.86

 

राजस्थान

6,85,48,437

 

78,21,377

 

3.33

 

16,624.00

 

3.64

 

त्रिपुरा

36,73,917

 

6,02,890

0.26

 

9,983.00

 

2.19

 

नागालैंड

19,78,502

17,99,843

0.77

9,313.00

 

2.04

 

हरियाणा

2,53,51,462

31,38,511

1.34

6,185.00

 

1.35

मिजोरम

10,97,206

10,65,168

0.45

5,052.00

 

1.11

 

हिमाचल प्रदेश्

68,64,602

3,22,636

0.14

3,636.00

 

0.8

 

पुदुचेरी(यूटी)

 

12,47,953

1,56,119

0.07

2,098.00

 

0.46

 

अल्पसंख्यक जनसंख्या के प्रतिशत से कम संवितरण वाले राज्य

 

उत्तर प्रदेश

19,98,12,341

3,99,02,524

16.99

14,274.00

 

3.12

 

कर्नाटक

6,10,95,297

 

96,04,181

 

4.09

 

13,245.00

 

2.9

 

पंजाब

2,77,43,338

 

1,69,67,826

 

7.23

 

9,435.00

 

2.07

 

महाराष्ट्र

 

11,23,74,333

2,22,05,168

 

9.46

 

9,018.00

 

1.97

 

गुजरात

 

6,04,39,692

68,29,685

 

2.91

7,957.00

 

1.74

 

आंध्र प्रदेश

4,93,86,799

 

54,57,241

 

2.32

6,001.00

 

1.31

 

बिहार

10,40,99,452

 

1,77,48,957

 

7.56

 

5,217.38

 

1.14

 

मध्य प्रदेश

7,26,26,809

 

59,19,085

 

2.52

1,435.00

 

0.31

 

ओडिशा

4,19,74,218

 

21,15,501

 

0.9

 

1,307.00

0.29

 

असम

 

3,12,05,576

 

1,19,48,615

 

5.09

 

1,302.00

 

0.29

 

छत्तीसगढ़

2,55,45,198

12,08,288

 

0.51

 

865.26

 

0.19

 

उत्तराखंड

1,00,86,292

 

17,04,583

 

0.73

 

805

 

0.18

 

दिल्ली (यूटी)

1,67,87,941

 

30,60,442

 

1.3

 

470

 

0.1

झारखंड

 

3,29,88,134

63,10,630

 

2.69

380

 

0.08

 

मणिपुर

27,21,756

 

 

#VALUE!

 

206

 

0.05

 

चंडीगढ़ (यूटी)

10,55,450

 

2,01,696

0.09

 

142

 

0.03

 

मेघालय

 

29,66,889

 

23,56,897

 

1

 

3.6

 

0

 

अरूणाचल प्रदेश

 

13,83,727

 

6,12,714

 

0.26

 

2.25

 

0

 

तेलंगाना

 

3,51,93,978

 

49,60,591

 

2.11

0

 

0

 

गोवा

14,58,545

4,91,384

0.21

 

0

 

0

 

सिक्किम

6,10,577

2,39,835

0.1

 

2,39,835

 

0.1

 

0

 

0

 

अंडमान एवं निकोबार द्वीप (यूटी)

 

3,80,581

1,15,088

0.05

 

1,15,088

 

0.05

 

0

 

0

 

दादरा एवं नगर हवेली(यूटी)

 

3,43,709

20.073

 

0.01

 

0

 

0

 

दमन एवं दीयु(यूटी)

2,43,247

 

22,768

 

0.01

 

0

 

0

 

लक्ष्यद्वीप (यूटी

64,473

62,616

 

0.03

 

0

 

0

 

कुल (भारत)

 

1,21,07,20,939

23,47,90,115

 

4,56,817.49

 

 

 

संवितरित की गई निधियों का ब्यौरा

एनएमडीएफसी द्वारा संवितरित निधियों का लिंग-वार ब्यौरा क्या है ?

पिछले 7 वर्षों (2010-11 से 2016-17) के दौरान एनएमडीएफसी की योजनाओं के तहत उपयोग की गई निधियों का लिंग-वार ब्यौरा इस प्रकार है -

प्रतिशत में

लिंग

सावधि ऋण

शिक्षा ऋण

लघु ऋण

कुल

 

पुरूष

68.76

74.65

 

2.08

 

40.89

 

महिला

31.24

28.35

97.92

 

59.11

 

 

एनएमडीएफसी द्वारा ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में संवितरित की गई निधियों का ब्यौरा क्या है ?

पिछले 7 वर्षों (2010-11 से 2016-17) के दौरान एनएमडीएफसी योजनाओं के तहत उपयोग किए गए निधियों का ग्रामीण-शहरी ब्यौरा इस प्रकार है  -

प्रतिशत में

क्षेत्र

सावधि ऋण

शिक्षा ऋण

लघु ऋण

कुल

 

ग्रामीण

82.00

77.97

 

91.98

 

85.89

 

शहरी

18.00

 

22.03

 

8.02

 

14.11

एनएमडीएफसी के निदेशक मंडल के निदेशक कौन हैं ?

एनएमडीएफसी के निदेशक मंडल में निम्नलिखित निदेशक हैं -

निदेशकों के नाम

 

टेलिफोन नं.

 

श्री सिद्धार्थ किशोर देव वर्मन

अपर सचिव

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय

11वीं मंजिल, पंडित दीनदयाल अंत्योदय भवन,

सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोदी रोड ,

नई दिल्ली-110003

टेलिफोन :  011-24364280

फैक्स :  011-24366444

ईमेल :  siddharth.devverman@nic.in

 

 

श्री मो. शहबाज़ अली

अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

स्कोप मीनार, कोर 1,पहली मंजिल,

लक्ष्मी नगर

दिल्ली-110092

 

 

टेलीफोन : 011-22441635

फैक्स : 011-22441637 /22441444

ईमेल : shahbazali.nmdfc@gmail.com

अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक कार्यालय

शोभा कटोच (मुख्य प्रबंधक)

ईमेल: shobhakatoch@gmail.com

 

श्री एल.के.मीणा

कार्यकारी निदेशक

राष्ट्रीय महिला कोष

डा. दुर्गाबाई देशमुख समाज कल्याण भवन,

बी -12, चौथी मंजिल,

कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया,

नई दिल्ली -110016

 

 

टेलीफोन: 011-23381851]

फैक्सः 011-23388612]

ईमेल: Ik.meena@nic.in

 

श्री जावेद अहमद सिद्दकी

उप महाप्रबंधक

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक

नई दिल्ली शाखा कार्यालय ,

भू तल, वीडियोकॉन टॉवर,

ई-1, रानी झांसी रोड, झंडेवालान एक्सटेंशन

नई दिल्ली -110055

 

टेलीफोन: 011-23682473

फैक्स: 011-23682462

ई-मेल: javed@sidbi.in

 

 

एनएमडीएफसी की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत संवितरण कितना हुआ है ?

एनएमडीएफसी की शिक्षा ऋण योजना वर्ष 2003-04 में शुरू हुई थी। अब तक, एनएमडीएफसी ने शिक्षा ऋण योजना के तहत 36,430 से ज्यादा लाभार्थियों को 191.90 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है। पिछले 5 वर्षों के दौरान शिक्षा ऋण योजना के तहत 120,20 लाभार्थियों के लिए 132.99 करोड़ रुपये का राज्यवार उपयोग का ब्यौरा निम्नानुसार-

राशि करोड़ रू. में

 

31.03.2018 के अनुसार

 

राज्य

 

एससीए

 

2013-14

2014-15

2015-16

2016-17

 

2017-18

कुल

 

राशि

लाभा र्थी

राशि

लाभा र्थी

राशि

लाभा र्थी

राशि

लाभा र्थी

राशि

लाभा र्थी

राशि

लाभा र्थी

बिहार

बीएसएमएफ सी

 

0.27

60

 

 

 

 

 

 

 

 

 

0.27

60

 

छत्तीसगढ़

सीएचएसीडीए फसी

0.02

4

0.02

5

 

 

 

 

 

 

 

0.05

 

 

गुजरात

जीएमएफडीसी

0.32

63

0.36

68

 

 

 

 

 

 

 

0.68

 

131

 

हरियाणा

 

एचबीसीकेएन

 

 

 

 

 

0.00

 

1

0.01

 

0

 

 

0.01

 

1

एमडीए

0.08

13

0.06

 

8

0.10

 

11

0.06

 

5

0.06

 

6

0.36

 

43

हिमाचल प्रदेश

एचपीएमएफ डीसी

0.04

0

0.01

 

1

0.06

 

2

0.05

 

1

 

 

0.15

 

4

जम्मू एवं कश्मीर

जेकेइडीआई

0.14

8

0.25

10

1.96

48

1.61

30

9.42

130

13. 38

226

 

जेकेएसएफसी

 

 

 

 

0.00

 

0

 

0. 0

2

1

0.18

 

5

0.20

 

6

जेकेडब्ल्यूडीसी

 

0.32

54

 

0.61

66

0.60

 

60

0.51

 

43

 

0.89

41

2.93

264

 

कर्नाटक

केएमडीसी

0.09

 

1

 

1.16

15

 

1.72

 

23

 

0.12

 

3

 

 

3.09

 

42

केरल

 

केबीसीडीसी

5.38

474

8.05

431

11.13

 

606

14.35

 

515

14.57

338

53.48

 

2,364

 

केबीसीडीसी

 

 

1.09

 

122

2.42

72

1.31

8

 

 

 

4.82

 

202

 

केएसडब्ल्यूडी

सी ।

 

0.04

1

 

0.01

 

1

 

0.04

 

1

 

0.07

4

0.12

 

3

0.27

 

10

 

पुदुचेरी

पीडीबीसीएम डीसी

 

0.49

103

0.79

165

0.84

 

189

 

0.12

27

0.12

33

2.36

 

517

 

पंजाब

 

बैकफिनको

 

0.09

 

8

0.10

 

4

 

0.12

 

4

 

0.04

 

2

0.04

 

0

0.39

 

18

 

राजस्थान

आरएमएफडी सी

 

2.05

 

247

 

2.31

198

2.04

 

116

4. 89

152

 

 

 

11.29

713

 

तमिलनाडु

टेमको

 

0.02

3

0.01

3

0.00

0

0.03

 

2

 

0.01

1

0.07

9

त्रिपुरा

टीएससीडीसी

0.78

42

 

0.96

 

44

 

1.08

 

42

 

1.10

 

40

1.03

33

4.95

201

 

उत्तरांचल

यूएमएफडीसी

 

 

 

 

0.00

0

0.00

0

 

 

00.0

0

पश्चिम बंगाल

डब्ल्यूबीएमबी डीएफसी

8.08

937

5.84

974

10.68

2946

9.63

2343

 

 

 

34.24

 

7,200

 

कुल

 

 

18.21

2018

21.62

2115

32.79

4121

33.92

3176

26.44

590

132.99

12,020

 

 

 

एनएमडीएफसी ऋण की वसूली का वर्तमान स्तर क्या है ?

सावधि ऋण योजना के तहत मौजूदा वसूली प्रतिशत 94.45% एवं लघु ऋण योजना के तहत  (31.03.2018 तक) 98.52 % है।

एनएमडीएफसी की योजनाओं के तहत एससीए की कुल बकाया राशि कितनी है ?

एनएमडीएफसी की योजना के तहत एससीए की कुल बकाया राशि 124.80 करोड़ रू. है। प्रमुख डिफोल्टिंग एससीए की बकाया राशि निम्नानुसार है -

राज्य का नाम

एससीए का नाम

चूक (डिफ़ॉल्ट) की गई राशि (राशि करोड़ रु. में)

कुल (डिफ़ॉल्ट) की गई राशि का %

असम

असम अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

 

10.03

 

8.03

बिहार

बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम

 

17.80

 

14.26

गुजरात

गुजरात पिव विकास निगम

5.58

 

4.47

मिजोरम

जौरम औद्योगिक निगम

 

15.46

 

12.39

नागालैंड

नागालैंड हथकरघा विकास निगम

8.70

 

6.97

नागालैंड औद्योगिक निगम

23.11

 

18.51

पंजाब

पंजाब राज्य पिव वित्त विकास निगम

17.03

 

12.04

उत्तर प्रदेश

यू.पी. अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

10.82

 

8.67

 

 

एससीए द्वारा बकाया राशि के निपटान

एससीए द्वारा बकाया राशि के निपटान की स्थिति क्या है ?

एनएमडीएफसी द्वारा राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) और उनकी संबंधित राज्य सरकारों से बकायों राशि के निपटान के लिए निम्नलिखित तरीका अपनाती है। एससीए को कानूनी नोटिस जारी किया गया था तथा इसकी एक प्रति राज्य सरकार को दी जाती है, क्योंकि, एनएमडीएफसी से लिए   जाने वाले ऋण के लिए राजय सरकार एससीए को गारंटी देती है।

एनएमडीएफसी ने राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) की अतिदेय बकाया राशि के निपटान के लिए राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों और संबंधित राज्य सरकारों को वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) की योजना की पेशकश की है। ओटीएस योजना के तहत, एनएमडीएफसी भुगतान शर्तों के आधार पर दंड ब्याज/साधारण ब्याज को माफ कर देगा।

पिछले 4 वित्तीय वर्ष 20013-14 से 2016-17 के दौरान एनएमडीएफसी ने ओटीएस योजना के तहत 122.14 करोड़ रू. की वसूली की और 51.03 करोड़ रुपए की राशि के दंडात्मक ब्याज को माफ किया है, जिसका ब्यौरा निम्नलिखित है  -

राशि करोड़ रू. में

क्रम सं

एससीए का नाम

समायोजन का साल

 

अतिदेय राशि

ओटीएस के तहत वसूली गई राशि

ओटीएस के तहत माफ किया गया दंडात्मक ब्याज

1

कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम (केएमडीसी)

2013-14

19.92

14.24

5.68

2

पंजाब पिव विकास निगम(बैकफिनको)

 

2013-14

2.59

1.40

1.19

3

मणिपुर आदिवासी विकास निगम(एमटीडीसी)

2014-15

3.66

2.09

1.57

4

एम.पी. पिव विकास एवं वित्त निगम(एमपीबसीएफडीसी)

2015-16

 

7.59

5.83

 

1.76

5

जेकेअजाजजा वित्त एवं विकास निगम (जेके अजाजजाएफडीसी)

2015-16

5.62

1.60

2.50

6

झारखंड अजा वित्त एवं विकास(जेके अजाजजाएफडीसी)

2015-16

1.01

0.87

 

0. 14

7

गुजरात अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम (जीएमएफडीसी)

2015-16

23.78

16.10

7.68

8

हरियाणा पिव कल्याण निगम(एचबीसीकेएन)

2015-16

14.95

11.08

3.87

9

ओडिशा पिव विकास निगम (ओबीसीएफडीसी)

2015-16

8.46

4.71

22.89

10

यूपी अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम (यूपीएमएफडीसी)*

2016-17

87.11

64.22

22.89

 

कुल

 

 

174.69

122.14

 

51.03

 

 

 

उत्तराखंड से से संबंधित 6.76 करोड़ रु. की राशि को यूपीएमएफडीसी की बकाया राशि से हटा दिया गया है।

ओटीएस के तहत अधिक बकाया राशि का निपटान करने के बाद, एनएमडीएफसी, गुजरात और हरियाणा  (2015-16 के दौरान) राज्यों में एससीए को पुनर्जीवित करने और इन दो राज्यों में गरीब अल्पसंख्यक  लाभार्थियों को ऋण देने में सक्षम है। चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान, एनएमडीएफसी ने  जेकेअजाजजाएफडीसी, जे एंड के को ऋण देना शुरू कर दिया है।

पुनर्भुगतान की स्थिति

एनसीडीएफसी को लाभार्थियों से एससीए की वसूली और उनके पुनर्भुगतान की स्थिति क्या है ?

एससीए का लाभार्थियों से वसूली का विवरण और और एनएमडीएफसी को किए गए पुनर्भुगतान का ब्यौरा इस प्रकार है -

राज्य

 

एससीए

लाभार्थियों से वसूली का %

एनएमडीएफसी को किया गया पुर्नभुगतान

आंध्र प्रदेश

ए.पी. राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम

सूचना प्राप्त नहीं हुई

100%

असम

असम अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

सूचना प्राप्त नहीं हुई

22.06%

बिहार

बिहार राज्य अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम लि.

57.20

71.17%

चंडीगढ़

चंडीगढ़ एससी/बीसी एवं अल्पसंख्यक वित्तीय और विकास निगम

 

44.25

 

100%

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ राज्य अंत्याव्यवसायी सहकारी वितत एवं विकास निगम लि.

67.99

69.19%

दिल्ली

दिल्ली एससी / एसटी / ओबीसी अल्पसंख्यक एवं विकलांग वित्त एवं विकास निगम लि.

91.29

 

100%

 

गुजरात

गुजरात अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

27.76

 

 

100%

 

हरियाणा

हरियाण बीसी एवं इब्ल्यूएस कल्याण निगम

100.00

 

88.93%

 

 

मेवात विकास एजेंसी

 

48.53

 

 

100%

 

हिमाचल प्रदेश

एचपी अलपसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

85.00

 

100%

 

जम्मू एवं कश्मीर

जे एंड के एससीएसटी और बीसी विकास निगम

 

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

100%

 

 

जे एंड के महिला विकास निगम

99.00

100%

 

 

जम्मू एवं कश्मीर उद्यमिता विकास संस्थान

77. 14

100%

 

 

जम्मू एवं कश्मीर राज्य वित्तीय निगम

100.00

100%

 

झारखंड

झारखंड झारखंड राज्य अलपसंख्यक वित्त एवं विकास निगम लि.

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

लागू नहीं होता

कर्नाटक

कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम लि.

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

100%

 

केरल

केरल राज्य बीसी विकास निगम लि.

97.24

 

100%

 

 

केरल राज्य मत्स्य सहकारी विकास निगम लि.

84.00

 

100%

 

 

केरल राज्य महिला विकास निगम लि.

 

83.00

 

100%

 

 

केरल राज्य अल्पसंख्यक एवं वित्त निगम

75.61

 

100%

 

मध्य प्रदेश

एमपीबीसी एवं अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

100%

 

महाराष्ट्र

मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

100%

 

मिजोरम

मिजोरम सहकारी एपेक्स बैंक

100

100%

 

 

जौरम औद्योगिक विकास निगम

30.53

37.64%

 

मणिपुर

मणिपुर अलपसंख्यक एवं ओबीसी आर्थिक विकास प्राधिकरण

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

100%

 

नागालैंड

नागालैंड औद्योगिक विकास निगम

73.00

 

 

68. 76%

 

 

नागालैंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास सहकारी निगम लि.

77.48

 

 

 

38.53%

 

ओडिशा

उड़ीसा बीसी वित्त विकास सहकारी निगम लि.

 

96.00

 

 

 

68.33%

 

पंजाब

पंजाब राज्य बीसी भूमि विकास एवं वित्त निगम

सूचना प्राप्त नहीं हुई।

 

94.51%

पुडुचेरी

पुडुचेरी बीसी विकास एवं वित्त निगम लि.

91.00

81.74%

राजस्थान

राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम लि.

 

70.00

 

 

86%

 

तमिलनाडु

तमिलनाडु आर्थिक विकास निगम

37.00

 

 

96.17%

 

त्रिपुरा

त्रिपुरा अल्पसंख्यक सहकारी विकास निगम लि.

85.00

 

100%

उत्तर प्रदेश

यूपी अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम लि.

 

82.00

 

100%

उत्तराखंड

उत्तरांचल अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम

55.68

 

99%

 

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम

 

71.11

100%

 

लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति / संवितरित करने में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए आधार कार्ड  का उपयोग -

  1. एनएमडीएफसी ने अपनी एससीए को लाभार्थियों की पहचान करते समय आधार का उपयोग करने और उनके ऋण खातों को आधार संख्या से जोड़ने के के निर्देश दिये हैं।
  2. जहां कहीं आधार उपलब्ध नहीं है, वहाँ पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एससीए को लाभार्थी के लिए किसी अन्य बायो-मीट्रिक सुविधा का उपयोग करने की सलाह दी गई है, ताकि दोहराव / डुप्लिकेसी से बचा जा  सके।
  3. अधिकांश एससीए ने आधार को जोड़ कर वित्तपोषण का काम शुरू कर दिया है और एससीए को इसकी सूचना अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
  4. 01.01.2015 से अधिसूचित अल्पसंख्यक लाभार्थियों को लाभ देने के लिए आधार संख्या को जोड़ना शुरू किया गया है।

डीएबीटी के लिए एनईएफटी / आरटीजीएस के जरिए लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे ऋण का हस्तांतरण

  • एससीए को जन धन योजना के तहत लाभार्थियों के बैंक खाते खोलने और इन खातों को आधार नंबर या लाभार्थियों के केवाईसी के साथ जोड़ने की सलाह दी गई है।
  • ऋणी के लाभों की त्वरित डिलीवरी के लिए, एनएमडीएफसी की ऋण नीति के तहत आरटीजीएस / एनईएफटी  के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ऋण का स्थानांतरण अनिवार्य कर दिया गया है।
  • एससीए को 1 अप्रैल, 2016 से डीबीटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

किसी भी दुर्घटना की स्थिति में ऋण दायित्व से ऋणियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए लाभार्थियों और उनकी संपत्ति का बीमा।

किसी भी दुर्घटना की स्थिति में, ऋणदाताओं और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए, लाभार्थियों का बीमा और उनकी संपत्ति का बीमा, एनएमडीएफसी की ऋण नीति का अनिवार्य हिस्सा बन गई है। एससीए को  निम्नलिखित कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं : -

  • ऋण देते समय लाभार्थियों की मृत्यु / विकलांगता होने पर उनका और उनकी संपत्तियों का बीमा कराया   जाता है। इस प्रयोजन के लिए, एससीए को बीमा कंपनियों के साथ लाभार्थियों और उनकी परिसंपत्तियों के  बीमा कराने के लिए एक करार करना होगा। बकाया ऋण की सीमा तक बीमा के दावों में एससीए को  नामांकित किया जाना चाहिए और किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में लाभार्थी के नामांकित व्यक्ति को शेष  राशि राशि दे दी जानी चाहिए।
  • ऋण देने के समय लाभार्थी को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति    बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) की सदस्यता लेने के लिए भी प्रेरित किया जा सकता है और उसे ऋण के    समय उसके बैंक खाते से जोड़ा जा सकता है।
  • लाभार्थियों को अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की सदस्यता के लिए राजी किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें प्रति माह 1000 से 5000 रुपये के बीच के ग्राहकों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी है।

पिछले 5 वर्षों के दौरान एनएमडीएफसी द्वारा किए गए प्रभाव अध्ययन

  1. एनएमडीएफसी ने एनएमडीएफसी वित्तपोषण के प्रभाव का आकलन करने के लिए धन का गलत इस्तेमाल,   दोहरीकरण  और निधियों के डायवर्जन के लिए स्वतंत्र संस्थाओं /एजेंसी के माध्यम से “लाभार्थी सत्यापन” और    “प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन” आयोजित करता है।
  2. एनएमडीएफसी द्वारा वित्तपोषित कम से कम 10% लाभार्थियों के हर साल सत्यापन कराया जाता है किया।
  3. यह अध्ययन, लघु मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम, मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), नोएडा और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सूचीबद्ध एजेंसी मार्केट रिसर्च एंड सोशल डेवलपमेंट, नई दिल्ली के माध्यम से कराया गया है। एनएमडीएफसी के लाभार्थियों के सत्यापन के कार्य से जुड़े पैनल में ज्यादातर स्वतंत्र मोनीटर्स होते हैं जो कि सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी होते हैं।
  4. पिछले 5 वर्षों के दौरान एनएमडीएफसी द्वारा किए गए प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन और लाभार्थी सत्यापन का विवरण नीचे दिया गया है –

वर्ष

एजेंसी का नाम

अध्ययन रिपोर्ट की प्रमुख टिप्पणियाँ

2009-10

एनएमडीएफसी द्वारा नियुक्त मॉनीटरों का पैनल।

 

• वित्तपोषित अधिकांश लाभार्थी लक्ष्य आय समूह से थे।

• 80% से अधिक लाभार्थियों ने अपनी आय के स्तर में बदलाव की जानकारी दी।

• 65% लाभार्थी, नियमित रूप से अपना ऋण चुका रहे थे।

2010-11

लघु मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम, मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान(एनआईईएसबीयूडी), नोएडा

•52% ऋण प्राप्त लाभार्थियों ने गरीबी रेखा पार कर ली थी।

•जमीनी स्तर की औसत वसूली का स्तर 60% है।

•ऋण लेने के बाद 12% लाभार्थियों ने अपने यहाँ पर

लोगों को नौकरी पर रखा हुआ था।

2011-12

एनएमडीएफसी द्वारा नियुक्त मॉनीटरों का पैनल

• 54% ऋण प्राप्त लाभार्थियों ने गरीबी रेखा पार कर ली थी।

• 80% लाभार्थियों के आस-पास लाभार्थियों ने लिए गए ऋण से संपत्ति बनाई।|

• 86% यूनिट काम करते हुए पार गईं।

2012-13

लघु मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम, मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान(एनआईईएसबीयूडी), नोएडा

• ज्यादातर लाभार्थियों ने पहली बार ऋण लिया था।

• लगभग सभी लाभार्थियों ने अपने पास के स्थानीय इलाकों में अपने बैंक खाते खोले हुए थे।

• लगभग 72% लाभार्थियों को ऋण की राशि चेक के माध्यम से मिली थी। एक चौथाई को नगद और बाकी को ड्राफ्ट के माध्यम से ऋण मिला था।

• 95% यूनिटें काम कर रही थीं।

• 48% ऋण प्राप्त लाभार्थियों ने गरीबी रेखा पार कर ली थी।

2013-14

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सूचीबद्ध एजेंसी, मार्केट रिसर्च एंड  सोशल डेवलपमेंट, नई दिल्ली

• 93.5% लाभार्थियों को ऋण मिलने में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा।

•80% से अधिक लाभार्थियों ने बताया कि उनकी आय / बचत में वृद्धि हुई है और अब उनके पास बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा में भी सुधार हुआ है।

•लघु ऋण (माइक्रो फाइनेंस स्कीम ) योजना के तहत ज्यादातर (67.6%) लाभार्थियों के पास बैंक खाते और उसकी पास बुक है।

• स्वयं सहायता समूहों में लगभग सभी (99.3%) लाभार्थियों ने ऋण का सही उपयोग किया है।

2014-15

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सूचीबद्ध एजेंसी, मार्केट रिसर्च एंड सोशल डेवलपमेंट, नई दिल्ली

• सावधि ऋण (टर्म लोन) के लाभार्थियों में से 71.9% पुरुष पाए गए, जबकि एनएमडीएफसी की लघु ऋण सोशल डेवलपमेंट, नई दिल्ली (माइक्रो फाइनेंस स्कीम) योजना के तहत 97.1% महिलाओं को लघु ऋण दिया गया।

• सावधि ऋण (टर्म लोन) के लाभार्थियों में 84% मुसलमान हैं, 10.6% ईसाई हैं और 5% सिख हैं। लघु ऋण (माइक्रो फाइनेंस स्कीम) योजना के तहत लाभार्थियों में 81.5% मुसलमान हैं, 16.1% ईसाई हैं।

• सावधि ऋण (टर्म लोन) के 99.7% लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें ऋण लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई।

• 81.8% राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों ने लाभार्थियों की कम्प्यूटरीकृत सूची बनाई हुई है।

• अध्ययन में आगे राज्यों में काम करने वाली राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों संख्या में वृद्धि करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा जिन राज्यों में एससीए है। नहीं है वहां प्राथमिकता के आधार पर एजेंसियों को नियुक्तक करने को कहा गया है।

2015-16

एपिटको

 

• 91% यूनिटे चालू हालत में पाई गईं।

• 91% लाभार्थियों ने ऋण का ठीक से उपयोग किया था।

• 96% लाभार्थियों को जिसके लिए ऋण स्वीकृत किया गया था, उन्होंने उसी से संपत्ति बनाई है।

• 97% लाभार्थी वित्तीय सहायता प्रक्रिया से संतुष्ट हैं।

• 71% ने पहली बार ऋण लिया और इससे लाभार्थी में कमाई करने की क्षमता हुई। 29% लाभार्थी के पास मौजूदा इकाइयां थी और जिन्होंने ऋण अपने करोबार को बढ़ाने के लिए लिया था।

 

एनएमडीएफसी के ऋण की कितनी माँग है ?

2011 की जनगणना के अनुसार देश की कुल अल्पसंख्या जनसंख्या 23.47 करोड़ है। देश की गरीबी  रेखा  के आंकड़ों के मुताबिक, यह अनुमान है कि जनसंख्या के 22% लोग गरीबी रेखा से नीचे है।

लेकिन, एनएमडीएफसी ऋण के तहत वार्षिक परिवार आय का मानदंड ग्रामीण इलाकों के लिए 81,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 1.03 लाख रुपये है। इस प्रकार, यह माना जाता है कि अल्पसंख्यक आबादी का लगभग 35% एनएमडीएफसी के लक्ष्य आय मानदंड के भीतर आते हैं। उपर्युक्त तर्क से यह स्पष्ट होता है कि अल्पसंख्यक आबादी के 8.21 करोड़ व्यक्ति की वार्षिक आय एनएमडीएफसी के लक्ष्य समूह के  भीतर है। यदि औसतन 5 व्यक्तियों का परिवार का है, तो इस हिसाब से 1.64 करोड़ सदस्यों को एनएमडीएफसी के लक्ष्य समूह के अंतर्गत माना जा सकता है। अब तक, एनएमडीएफसी ने अपने वित्त  कार्यक्रम के तहत 14.14 लाख (31.03.2018 को) से ज्यादा लाभार्थियों को ऋण दिया है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की सहायता अनुदान योजना

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की सहायता अनुदान योजना क्या है और एनएमडीएफसी के एससीए के लिए यह कैसे उपयोगी है ?

  • सहायता अनुदान योजना 2007-08 में शुरू हुई थी।
  • सहायता अनुदान योजना का उद्देश्य एससीए के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है ताकि ऋण की वसूली सहित उनके कार्यों में सुधार किया जा सके।
  • इस योजना को एनएमडीएफसी के माध्यम से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।
  • एनएमडीएफसी की काम कर रही सभी राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों के लिए उपलब्ध है।
  • निम्नलिखित गतिविधियों के लिए यह सहायता उपलब्ध है -
    • जागरूकता शिविर
    • एससीए की प्रदानगी प्रणाली में सुधार
    • ऋण वसूली
    • एक वर्ष में स्वीकृत कुल जीआईए के 5% तक की सीमा तक एसएसी के कर्मचारियों / अधिकारियों के लिए   टीए / डीए पर होने वाला खर्च, किया जा सकता है।
  • इससे किसी प्रकार की पूंजीगत संपत्ति या स्थायी देयता नहीं बनाई जाएगी।

 

एनएमडीएफसी द्वारा कितनी राशि  का वितरण

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सहायता अनुदान योजना के तहत एनएमडीएफसी द्वारा कितनी राशि  का वितरण किया गया है ?

  • 2007-08 से जीआईए योजना की स्थापना के बाद से अब तक एनएमडीएफसी के माध्यम से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 22.65 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है।
  • एनएमडीएफसी द्वारा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सहायता अनुदान योजना के तहत एनएमडीएफसी द्वारा राज्य के चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) को किया गया वर्षवार और राज्यवार संवितरण निम्नलिखित है –

राज्य का नाम

 

एससीए का नाम

 

2013-14

 

2014-15

2015-16

 

2016-17

कुल (आरम्भ से)(रू लाख.)

 

आंध्र प्रदेश

एपीएमएफसी

0

 

0

 

0

 

0

 

30. 51

असम

एएमडीएफसी

0

 

0

 

0

 

0

 

97.14

 

बिहार

 

बीएसएमएफसी

0

 

0

 

0

 

0

 

114.97

 

चंडीगढ़

सीएचएससीएसटीडीएफसी

0

 

1

1

0

 

4.02

 

छत्तीसगढ़

 

सीएसीएफडीसी

2

 

0

 

1

2

 

30.75

 

दिल्ली

डीएससीएसटीएमएफडीसी

1

0

 

0

 

0

 

25.45

 

गुजरात

जीएमडीएफसी

5

0

 

5

2.5

 

50.24

 

हरियाणा

एचबीसीकेएन

0

 

0

 

5

3.48

 

38.06

 

 

एमडीए

2

 

3

0

 

0

 

6,26

 

हिमाचल प्रदेश

एचपीएमएफडीसी

1.5

 

6

 

4

3.5

 

34.42

 

जम्मू एवं कश्मीर

 

जेकेडब्लयूडीसी

1

16

 

8

3.48

 

105.98

 

 

जेकेएससीएसटीएफडीसी

0

 

0

 

0

 

0

 

6.3

 

 

जेकेइडीआई

8

12

 

3

11.54

 

37.13

 

जेकेएसएफसी

0

 

0

 

5

2

 

7

झारखंड

जेएसएएसवीन

0

 

0

 

0

 

0

 

10

 

कर्नाटक

केएमडीसी

0

 

3

0

 

0

 

88.06

 

 

केरल

केएसबीसीडीसी

25

 

21

17

20.42

 

163.05

 

 

 

 

केएसडब्ल्यूडीसी

3.5

 

18

10

 

14.88

 

73.77

 

 

मत्स्य फेड

25

 

14

18

11.67

96.06

 

 

केएसएमडीएफसी

0

 

15

5

7.26

27.26

 

मध्य प्रदेश

 

एमबीबीसीएमएफडीसी

0

 

0

 

0

 

0

 

18

 

एमपीएचएएवीएन

0

 

0

 

0

 

0

 

2.27

महाराषट्र

एमएएएवीएम

6

1

6

2

152.48

 

मणिपुर

मोबेस

0

 

0

 

0

 

0

 

11.15

 

मिजोरम

एमसीएबी

0

 

0

 

2

3.35

34.43

नागालैंड

एनएचएचडीसी

3.5

0

 

0

 

0

 

17.91

 

 

 

एनएसएसडब्ल्यूबी

2.5

4

3

2

13.32

 

 

एनआईडीसी

6.5

7

4

2

23.14

 

उड़ीसा

ओएसबीसीडीसी

2

0

5

0

25.85

 

पुदुचेरी

पीबीसीएमडीसी

3

5

1

3.5

 

47.64

 

पंजाब

बैकफिनको

6.75

8

6

3.5

 

118.34

 

राजस्थान

आरएमएफडीसी

17

9

11

7.14

89.18

 

तमिलनाडु

टेमको

23

 

25

 

22

3.5 7

177.47

 

त्रिपुरा

टीएमसीडीसी

7.5

 

19.25

 

14.65

 

11

85.08

 

उत्तर प्रदेश

 

यूपीएमएफडीसी

0

0

0

0

127.23

 

उत्तरांचल

यूएकेडब्ल्यूवीएन

0

0

0

0

15.45

 

पश्चिम बंगाल

डब्ल्यूबीएमडीएफसी

25

 

36

 

25

 

25

 

259.8

 

कुल

 

 

176.75

 

223.25

 

178

 

149.44

2265.14

 

 

 

टर्म लोन और माइक्रो फाइनेंस योजना के कार्यान्वयन में एससीए को जारी  दिशानिर्देश

एनएमडीएफसी द्वारा टर्म लोन और माइक्रो फाइनेंस योजना के कार्यान्वयन में एससीए को जारी दिशानिर्देश क्या हैं ?

एनएमडीएफसी की ऋण नीति जरूरत के आधार पर ऋण देने पर जोर देती है, अर्थात् लाभार्थियों (परियोजना की प्रकृति, राशि की मात्रा) और क्षेत्र की आवश्यकता (इकाइयों की संख्या) की आवश्यकता के अनुसार, वित्तपोषण। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, एससीए के अधिकारों में अपेक्षित स्वतंत्रता दी गई है, जिसका  ब्यौरा इस प्रकार है  -

  1. एनएमडीएफसी की वित्तपोषण योजनाओं के तहत ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को कवर करने के लिए एससीए को अधिक से अधिक छोटे ऋण दिए जाने चाहिए।
  • दिए जाने वाले ऋण का 70 प्रतिशत प्रति लाभार्थी 5.00 लाख रू से अधिक न हो ।
  • दिए जाने वाले ऋण का 20 प्रतिशत 5.00 लाख रू. से अधिक लेकिन 10.00 लाख रू. से कम हो सकता है।
  • कुल ऋण का केवल 10% ऋण 10.00 लाख रू. से अधिक की परियोजनाओं के लिए हो सकता है। लेकिन,  यह सीमा भी 20.00 लाख रू. से कम होनी चाहिए।
  1. लाभार्थियों को ऋण उनकी जरूरत के आधार पर चाहिए। किसी भी स्थान पर किसी भी योजना के अंतर्गत कितनी संख्या में इकाइयों के लिए ऋण देना है इसका फैसला एससीए द्वारा किया जाएगा।
  2. 5.00 लाख रु. तक के ऋण को मिश्रित (कंपोजिट) ऋण माना जाएगा, जबकि 5.00 लाख रु. से ज्यादा के ऋण के लिए कार्यशील पूंजी का हिस्सा कुल ऋण राशि के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  3. शिक्षा ऋण टर्म लोन का हिस्सा है और एक वर्ष में एससीए द्वारा दिए जाने वाला शिक्षा ऋण टर्म लोन के 20% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसमें से 10% नए शिक्षा ऋण के लिए तथा बाकी का 10% पुराने शिक्षा ऋण के लिए होगा।सरकारी संस्थानों में दाखिला प्राप्त करने वाले छात्रों को शिक्षा ऋण देने में तरजीह दी जानी चाहिए। शिक्षा ऋण केवल अच्छे रोजगार की संभावनाओं वाले पाठ्यक्रम के लिए दिया जाना चाहिए| एससीए द्वारा एक साल में मंजूर किए गए कुल शिक्षा ऋण में से 90% घरेलू पाठ्यक्रमों के लिए ही होना चाहिए। उच्च    रोजगार क्षमता वाले कम अवधि के कोर्सी को तरजीह दी जानी चाहिए।
  4. 5.00 लाख से अधिक के ऋण 2 किस्तों में वितरित किए जाने चाहिए। मंजूर किए गए ऋण के पहले 50% के वितरण के बाद, एससीए द्वारा इसके उपयोग का सत्यापन करने के बाद आगे की राशि जारी की जानी चाहिए। लाभार्थियों को ऋण देने से पहले इस तरह के सभी मामलों का विवरण, एससीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए।
  5. लाभार्थी को चुनने की जिम्मेदारी एससीए की होगी। एससीए द्वारा ऐसे लाभार्थियों को चुना जाएगा जो बुनियादी पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं और जो चुनी गई परियोजना के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक दृष्टि से भी उपयुक्त हो। इन लाभार्थियों का चयन तय की गई प्रक्रियाओं के अनुरूप हो। लाभार्थी को अंतिम रूप से चुनने के लिए लाभार्थी द्वारा जमा कराए गए प्रस्ताव की तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता का भी मूल्यांकन एससीए को करना होगा।
  6. लाभार्थियों के साथ एससीए को फोलोअप कर इस बात का पता करना होगा कि क्या स्वीकृत योजना के अनुसार, संपत्ति खरीदी गई है और जिसके लिए ऋण लिया गया था उसका वही उपयोग हो रहा है।
  7. वितरित की गई राशि के लिए लाभार्थियों से वसूलियों करना और तिमाही आधार पर एनएमडीएफसी को ऋण का पुनर्भुगतान करना।
  8. समय-समय पर लाभार्थियों की सूची के साथ निधियों के उपयोग के साथ साथ लाभार्थियों की सूची भेजना और लाभार्थियों से की गई वास्तविक वसूलियों की त्रैमासिक रिपोर्ट आदि, भेजना।

 

एनएमडीएफसी की व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत संवितरित की गई निधियों का विवरण

अब तक, एनएमडीएफसी ने 23,723 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों के लिए 14.05 करोड़ रुपए के व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी दी है। एनएमडीएफसी द्वारा स्वीकृत स्वीकृति का राज्यवार विवरण निम्नानुसार है –

राशि लाख रू. में

राज्य का नाम

मंजूरी

राशि

लाभार्थी

आंध्र प्रदेश

7.20

300

असम

5.40

 

140

बिहार

26.40

535

चंडीगढ़

2.35

55

 

छत्तीसगढ़

3.60

 

60

दिल्ली

0.00

0

गुजरात

6.33

 

498

गुजरात

1.71

44

हरियाणा

21.90

1,500

जम्मू एवं कश्मीर

442.22

 

3,630

झारखंड

7.75

 

260

केरल

132.14

2,490

कर्नाटक

79.36

1,314

 

महाराष्ट्र

 

0.00

0

मणिपुर

0.00

0

मध्य प्रदेश

17.55

 

440

मिजोरम

0.00

0

नागालैंड

 

8.55

 

150

 

उड़ीसा

29.34

 

480

 

पुदुचेरी

6.93

 

181

 

पंजाब

 

71.01

 

1,333

 

राजस्थान

20.74

346

 

तमिलनाडु

46.80

910

त्रिपुरा

1.66

 

55

 

उत्तर प्रदेश

60.30

 

1,395

 

उत्तरांचल

30.00

350

पश्चिम बंगाल

376.57

7,257

 

कुल

 

1405.81

23,723

 

 

एनएमडीएफसी की मार्केटिंग सहायता योजना के तहत संवितरित निधियों का विवरण

अब तक, एनएमडीएफसी ने मार्केटिंग सहायता योजना के अंतर्गत 36,118 से ज्यादा दस्तकारों/ एसएचजी सदस्यों को प्रदर्शनियों के लिए कुल 900.29 करोड़ रू. के खर्च को मंजूरी दी है। एनएमडीएफसी द्वारा दी गई स्वीकृति का राज्यवार विवरण निम्नानुसार है –

राज्य का नाम

 

मंजूरी

 

राशि लाख रू. में

लाभार्थी

 

आंध्र प्रदेश

 

0.12

 

60

असम

1.80

 

20

बिहार

15.84

 

1,326

दिल्ली

76.49

 

212

गुजरात

46.40

185

 

जम्मू एवं कश्मीर

160.93

11,598

केरल

33.23

 

3,560

कर्नाटक

41.17

 

180

 

महाराष्ट्र

47.18

 

838

 

मध्यप्रदेश

5.92

 

1,109

 

नागालैंड

52.53

 

4,891

 

पांडिचेरी

46.36

3,146

 

राजस्थान

8.00

50

 

तमिलनाडु

4.23

530

 

उत्तर प्रदेश

21.82

140

उत्तरांचल

9.20

 

पश्चिम बंगाल

154.07

7,300

सूरजकुंड मेला

175.00

310

कुल

900.29

36,118

 

महिला समृद्धि योजना योजना के अंतर्गत संवितरित की गई निधियों का विवरण

एनएमडीएफसी की महिला समृद्धि योजना योजना के अंतर्गत संवितरित की गई निधियों का विवरण।

अब तक, एनएमडीएफसी ने महिला समृद्धि योजना (एमएसवाय) के तहत स्वयं-सहायता समूह के   सदस्यों के 1,850 महिलाओं के लिए 109.30 लाख रुपये के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मंजूरी दी है। यह  योजना एससीए और एनजीओ के माध्यम से कार्यान्वित की गई है। प्रशिक्ष्ण लागत, कच्चे माल की लागत और वेतनमान के लिए बजट कम होने से निधियों का स्तर कम हो गया है। प्रशिक्षण लागत, कच्चे माल  की लागत और प्रशिक्षुओं की छात्रवृत्ति को बढ़ाकर, एमएसवाई को वर्ष 2013-14 में संशोधित किया गया है। अब संशोधित बजट के साथ एमएसआई योजना को लागू करने के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों का फोलोअप किया जा रहा है। एनएमडीएफसी द्वारा दी मंजूरी का राज्यवार विवरण निम्नानुसार है -

राशि रू. में

राज्य

 

जिला

संस्थान का नाम

एससीए/एनजीओ

कुल राशि

कुल लाभार्थी

आंघ् प्रदेश

 

कुरनूल

रूबिना महिला वेल्फेयर एसोसिएशन

एनजीओ

180000

40

 

 

आर.आर. जिला

श्री सांई एजुकेशन सोसायटी

एनजीओ

 

180000

 

40

 

बिहार

वैशाली

बुद्ध मिशन आफ इंडिया

बीएसएमएफसी

 

81000

 

40

 

चंडीगढ़

चंडीगढ़

चंडीगढ़ चाइल्ड एवं वुमेन डेवल. निगम

सीएससीबीडीडीसी

107100

28

दिल्ली

दिल्ली

चेतनालय

एनजीओ

 

120000

60

 

हरियाणा

करनाल

राष्ट्रीय युवा संगठन

एनजीओ

 

51000

 

40

 

हिमाचल प्रदेश

नाहन

आइटीआइ सिरमौर

एचपीएमएफडीसी

 

65025

17

 

जेएंड के

अनंतनाग

दीपक वुमेन, जम्मू एवं जे एंड के यतीम ट्रस्ट

 

जेकेडब्ल्यूडीसी

 

111000

 

40

 

जम्मू

कोंगपोश सोसायटी

 

जेकेडब्ल्यूडीसी

76500

 

20

 

 

न्यू कश्मीर वुमेन एंड चाल्ड वेल्फेयर सोसायटी

जेकेडब्ल्यूडीसी

76500

 

20

 

 

रूरल आर्टिस वेल्फेयर सोसायटी

एनजीओ

99450

 

125

 

 

जेकेडब्ल्यूडीसी

जेकेडब्ल्यूडीसी

1176500

120

 

श्रीनगर

जेकेडब्ल्यूडीसी

जेकेडब्ल्यूडीसी

1050000

70

कारगिल

वुमेन वेल्फेयर कमेटी

जेकेडब्ल्यूडीसी

81000

20

 

श्रीनगर

न्यू डायमंड पेपियर मशीन

जेकेडब्ल्यूडीसी

81000

20

 

 

झारखंड

बोकारो

महिला कल्याण समिति, धोरी

 

एनजीओ

180000

 

40

 

 

 

कर्नाटक

 

बंगलौर

मुमताज फैशन डिजाइनिंग सेंटर

केएमडीसी

55500

 

20

 

भाद्रवथी

नई दिशा वुमेन्स इंड को-ओ. सोसायटी

केएमडीसी

55500

 

20

 

गुलबर्गा

सहारा सोसल अवारनेस फार रूरल डेवल.

केएमडीसी

81000

20

 

बीदर

हिंदी एजुकेशन सोसायटी, बीदर

केएमडीसी

202500

 

50

 

केरल

 

इरनाकुल

एसआईटीडब्ल्यू

केएसडब्ल्यूडीसी

25500

20

 

त्रिवेंद्रम

जीडीपीएम सेंटर

 

केएसडब्ल्यूडीसी

25500

20

 

मध्य प्रदेश

 

भोपाल

जूट सर्विस सेंटर

एमपीएचइएचवीएन

68992

 

20

 

 

रतलाम

जन शिक्षण संस्थान

 

एमपीएचइएचवीएन

76500

 

20

 

 

सिहौर

जनरल फैसलिटी सेंटर

एमपीएचइएचवीएन

76279

 

20

 

महाराष्ट्र

 

औरंगाबाद

मिटकॉन

एमएएएवीएन

76500

 

20

 

भिवंडी

मिटकॉन

एमएएएवीएन

76500

 

20

 

 

मुंबई

 

मिटकॉन

एमएएएवीएन

76500

 

20

 

नागपुर

मिटकॉन

एमएएएवीएन

76500

 

20

 

सोलापुर

परिश्रम ग्रामीण विकास संस्था

एमएएएवीएन

51000

 

20

 

नागालैंड

दीमापुर

नागालैंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम

 

एनएचएचडीसी

76500

 

20

 

उड़ीसा

 

अहमदपुर

सरूस्ती

ओबीसीएफडीसीसी

 

38250

 

20

 

भुवनेश्वर

मदानी वेल्फेयर एसोसिएशन

 

एनजीओ

46738

 

20

 

 

राजस्थान

 

कोटा

डिस्टीच्यूट वेल्फेयर ट्रस्ट

आरएमएफडीसीसी

282000

 

40

 

टोंक

चैरिटेबल मिशन सोसायटी

आरएमएफडीसीसी

200000

 

20

 

तमिलनाडु

 

 

चेन्नई

रोशिनी

टेमको

76500

 

20

 

डिंडीगुल

सोशल वेल्फेयर अवारनेस एवं डेव. आरगनाइजेशन फार वुमेन

 

एनजीओ

90000

40

 

कांचीपुरम

सेंटर फार सोशल विकास

एनजीओ

180000

40

 

कन्याकुमारी

सेंटर फार सोशल विकास

 

180000

40

 

को-ओप. लीग इन डेवल एंड इम्पावरमेंट

एनजीओ

90000

20

 

सोसायटी फार सोशल डेवलेपमेंट (सोई)

एनजीओ

90000

20

 

वाइएमसीए,मूलाचल

टेमको

76500

 

20

 

पुदुकोट्टी

कम्यूनिटी एकक्शन फार रूरल डेवलेपमेंट

एनजीओ

90000

40

 

तिरूनवेल्ली

अरासन रूरल डेवलेपमेंट सोसायटी

एनजीओ

180000

40

 

वुमेन एंड चाइल्ड डेवलेपमेंट सोसायटी

एनजीओ

180000

40

 

थिरूनमलाई

आर्टस एंड क्राफ्टस ट्रेनिंग स्कूल

टेमको

76500

 

20

 

विरूद्धनगर

ब्लूसम

टेमको

76500

 

20

 

उत्तर प्रदेश

 

 

बाराबंकी

राष्ट्रीय महोला जागृति संस्थान

यूपीएमएफडीसी

76500

 

20

 

 

सहारनपुर

शारदा देवी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान

यूपीएमएफडीसी

76500

 

20

 

उत्तरांचल

नैनिताल

पहल

एनजीओ

90000

40

 

 

काशीपुर

अल्पसंख्यक एवं पिछड़ावर्ग विकास समिति

यूएकेडब्ल्यू वीएन

600000

 

40

 

समग्र कुल

 

 

 

 

 

10930834

1850

 

 

एनएमडीएफसी कार्यक्रम के तहत एससीए द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों का विवरण

  • लक्षित अल्पसंख्यक समूहों में एनएमडीएफएफसी योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रचार के लिए विशेष पहल की गई है।
  • मेले के साथ-साथ जागरूकता शिविर के आयोजन को ऋण कार्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है। और एससीए को इस तरह के ऋण मेलों का आयोज कर, ऋण बांटने की सलाह दी गई है।
  • एनएमडीएफसी की एससीए ने निम्नलिखित ब्यौरे के अनुसार, पिछले 5 वर्षों के दौरान 395 ऋण मेला सह जागरूकता शिविरों का आयोजन किया है –

 

ऋण मेला सह जागरूकता शिविरों की संख्या

2013-14

2014-15

2015-16

2016-17

2017-18

90

73

101

57

 

74

 

 

ऋण मेला सह जागरूकता शिविर के दौरान निम्नलिखित गतिविधियां की जाती हैं -

  • ऋण दस्तावेज पूरा करने वाले लाभार्थियों को ऋण मंजूरी पत्र दिया जाता है और ऋण राशि को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जारी किया जाता है।
  • एनएमडीएफसी एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाओं के बारे में बताया जाता है।
  • एनएमडीएफसी/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाओं / ब्रोशर / आवेदन पत्रों का वितरण।
  • सफलता की कहानियों को लाभार्थियों के बीच साझा करना।
  • शिविर के दौरान आए लोगों की फार्म भरने में मदद करना और सभी तरीके से सही भरे गए फार्मों को आगे की प्रक्रिया के लिए जमा करना।

एनएमडीएफसी की वित्तीय योजनाओं के तहत किए गए वित्तपोषण का विवरण

निम्न विश्लेषण 2015-16 के दौरान वास्तविक निधि उपयोग पर आधारित है -

  • 2 लाख रुपये तक के ऋण का प्रतिशत 59.89% है।
  • 5.00 तक के ऋण का प्रतिशत केवल 38.83% है।
  • लाख रुपये से ऊपर के 1.28% ऋण वितरित किए गए हैं।
  • एनएमडीएफसी की योजना के तहत जरूरत के अनुसार ऋण दिया जाता है, हालांकि ज्यादा से ज्यादा कवरेज के लिए छोटे-छोटे ऋण दिए जाने पर जोर दिया जाता है।
  • एनएमडीएफसी की योजनाओं में संशोधन कर लिया गया है । 2015-16 से ऋण की उच्च राशि देने की अनुमति है। यह उम्मीद की जाती है कि एससीए द्वारा जरूरत के अनुसार ही उच्च मात्रा के ऋण का संवितरण करेगा।

सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा किए गए मूल्यांकन के अनुसार, एनएमडीएफसी का क्या प्रदर्शन है ?

सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई), भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ हस्ताक्षर किए गए एमओयू में निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के आधार पर एनएमडीएफसी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है।

प्रदर्शन के प्रमुख मूल्यांकन पैरामीटर में ऋण का अंशदान, लाभकारी कवरेज, राज्यों द्वारा इक्विटी योगदान, सकल मार्जिन, मार्टिग सहायता योजना के तहत उपलब्धि और व्यावसायिक प्रशिक्षण, लाभार्थी सत्यापन आदि शामिल हैं।

सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) ने पिछले 5 वर्षों के दौरान, एनएमडीएफसी को निम्नलिखित ग्रेड दिया है –

वित्तीय वर्ष

 

रेटिंग

 

2013-14

 

अच्छा

 

2014-15

 

उत्कृष्ट

 

2015-1

 

उत्कृष्ट

2016-17

 

बहुत अच्छा

2017-18

 

उत्कृष्ट (अनुमानित)

एनएमडीएफसी की कुल मंजूर कर्मचारियों की संख्या, पदों एवं रिक्त पदों की क्या स्थिति है ?

  • एनएमडीएफसी की कुल कर्मचारियों की मजूर संख्या 42 है।
  • निम्नलिखित विवरण के अनुसार कुल 31 पदों की संख्या इस प्रकार है -
    • सीएमडी सहित कार्यपालक संवर्ग = 14
    • पर्यवेक्षक स्तर  = 5
    • गैर-कार्यपालक स्तर = 6
    • संदेशवाहक = 6
    • निम्नलिखित विवरण के अनुसार कुल 10 पदों की संख्या इस प्रकार हैं -
      • महाप्रबंधक (परियेजना)
      • उप महाप्रबंधक (वित्त)
      • मुख्य प्रबंधक (परियोजना)
      • कंपनी सचिव
      • सहा.प्रबंधक (वित्त)
      • क्लर्क सह टाइपिस्ट
      • शारीरिक रूप से दिव्यांग

विदेश में अध्ययन के लिए कितने छात्र ने शिक्षा ऋण लिया है ?

  • एनएमडीएफसी की शिक्षा ऋण योजना में वर्ष 2013-14 से विदेशों में अध्ययन के लिए शिक्षा ऋण देना शुरू किया गया था।
  • 6 राज्यों की 9 राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) ने निम्नलिखित विवरण के अनुसार, लक्षित अल्पसंख्यक समुदायों के 255 छात्रों को ऋण दिया है -
  • राशि लाख रू. में

राज्य /एससीए

 

2013-14

 

2014-15

 

2015-16

 

2016-17

2017-18

 

कुल

राशि लाख रू. में

राशि

लाभार्थी

राशि

लाभार्थी

राशि

लाभार्थी

राशि

लाभार्थी

राशि

लाभार्थी

राशि

लाभार्थी

हिमाचल प्रदेश (एचपीएमएफ डीसी)

 

0

0

0

0

3.39

 

1

3.48

0

0

0

6.87

1

जे एंड के(जेकेइडीआई)

0

0

0

0

4.9

1

27

5

629.44

42

661.34

48

जे एंड के (जेकेडब्ल्यूडी सी)

12.8

 

1

51

4

13.9

 

5

9

3

35.5

 

12

122.2

 

25

जे एंड के (जेकेएसएफ सी)

0

0

0

0

0

0

0

0

16.06

3

16.06

3

केरल (केएसबीसीडी

सी)

0

0

4.25

2

68.35

17

 

94.92

 

24

 

97.17

 

16

264.69

59

 

केरल(केएसएमडीए फसी)

0

0

2

1

7

3

4

1

0

0

13

5

कर्नाटक (केएमडीसी)

9.5

1

83.6

10

82.65

11

11.4

 

3

 

 

187.15

 

25

 

त्रिपुरा (टीएमसीडीसी

 

30

6

5

1

10

2

0

0

21

3

66

 

12

 

वेस्ट बेंगल। (डब्लूबीएमडी एफसी)

 

0

0

0

0

45.45

 

23

 

16.65

 

14

92.31

 

40

154.41

77

कुल

 

52.3

8

145.85

18

235.64

63

 

166.45

 

50

891.48

116

1,491.72

255

छात्रों को एमबीबीएस, एमएससी कंप्यूटर साइंस, बी.ई. (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), एमबीए, एमएस इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, एमसीए, जैसे पाठ्यक्रमों के लिए ऋण दिया गया है।

छात्रों को चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश, रूस, नॉर्वे आदि जैसे देशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला मिला है।

एनएमडीएफसी के ऋण कार्यक्रम के तहत उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार की स्थिति क्या है ?

संबंधित एससीए द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के आधार पर एनएमडीएफसी की ऋण योजनाओं के तहत उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार का 2013-14 से आगे का विवरण निम्नलिखित है  -

राज्य

 

एससीए

 

2013-14

 

2014-15

 

2015-16

 

2016-17

 

कवर किए गए लाभार्थी

 

उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार

 

कवर किए गए लाभार्थी

 

उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार

 

कवर किए गए लाभार्थी

 

उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार

 

कवर किए गए लाभार्थी

 

उत्पन्न अप्रत्यक्ष रोजगार

 

चंडीगढ़

सीएससीबीसीएफडीसी

44

 

0

 

32

 

0

 

11

 

0

 

68

 

0

 

छत्तीसगढ़

 

सीएसएबीईएन

91

31

190

 

42

189

 

57

28

 

6

दिल्ली

 

डीएसएफडीसी

4

0

0

0

1

0

35

0

हरियाणा

एमडीए

652

 

6

202

 

2

28

 

6

8

 

2

हिमाचल प्रदेश

 

एचपीएमएफडीसी

146

 

0

202

 

0

114

 

0

162

 

0

जम्मू-कश्मीर

 

जेकेडीआई

272

544

 

164

 

328

968

 

1936

 

828

 

1656

 

 

 

जेकेडब्ल्यूडीसी

 

670

 

2010

 

637

 

1911

 

428

1284

 

383

 

1158

केरला

एमएटीएफ़ेड

 

13435

204

 

22357

 

657

17444

171

12564

196

 

 

केएसडब्ल्यूडीसी

1552

200

 

1002

10

1534

25

 

1014

9

नागालैंड

एनआईडीसी

271

 

867

 

225

 

704

 

28

 

82

0

0

 

एनएसएसडब्लूबी

 

1215

 

0

645

 

0

965

 

0

0

0

पुडुचेरी

पीबीसीएमडीसी

 

1233

 

100

 

781

 

28

 

870

110

 

222

86

राजस्थान

आरएमएफडीसीसी

5279

10548

 

4201

8402

3703

7406

1898

3796

तमिलनाडू

टैमको

4302

 

0

8664

 

0

7350

 

0

6089

 

0

त्रिपुरा

टीएमसीडीसी

512

 

544

682

 

717

 

839

882

794

955

उत्तराखंड

यूएकेटीडब्ल्यूवीएन

26

0

1

0

32

0

23

 

0

 

 

269704

15054

 

39985

12801

34504

11959

24206

7864

 

स्रोत- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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