स्वैच्छिक विकास संगठन अपनी संवैधानिक शक्ति, व्यक्ति की स्वतंत्रता की अधिकार के संवैधानिक प्रावधान से प्राप्त करता है| और यह मूल रूप से जीवित व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की दृष्टि और सोच की भौतिक अभिव्यक्ति होता है|
क) उनमें वेतनभोगी कमचारी हो सकते हैं
ख) संगठन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वे आय प्राप्त करने वाली गतिविधियां भी चला सकते हैं ताकि संगठन को टिकाऊ ढंग से और दक्षता से चला सकें|
क) उन अधिकारहीन लोगों की हालत में सुधार लाने के लिए जो अपनी क्षमताओं का उपयोग नहीं कर पाते और समाज अपने पूर्ण अधिकारों का उपयोग नहीं कर पाते|
ख) ऐसे सरोकारों और मसलों पर काम करते हैं जो जनता या सम्पूर्ण समाज के कल्याण, स्थितियों और भविष्य के लिए घातक या नुसानदेह होते हैं|
क) संगठन की दृष्टि, सत्यनिष्ठा, संगठन के लक्ष्यों और नीतियों का रक्षा करना, यह सुनिश्चित करना कि बाहर के या भीतर के निहित स्वार्थी तत्व संगठन की पहचान, सत्यनिष्ठा, पद्धितियों तथा गतिविधियों को विकृत न करें, उन पर अपना नियंत्रण स्थापित न कर दें उन्हें भ्रष्ट न बना दें|
ख) यह सुनिश्चित करना कि संगठन में नियोजन, कार्य-संचालन, प्रशासन, मूल्यांकन और रिपोर्टिंग का उच्च स्तर बना रहे|
ग) यह सुनिश्चित करना कि आवश्यक क़ानूनी औपचारिकतायें पूरी हों h
क) बोर्ड पर किसी एक समूह (जैसे एक परिवार के सदस्यों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए|
ख) बोर्ड में पहचाने हुए व्यक्ति होने चाहिए और संगठन के बाहर से कोई पदेन सदस्य नहीं बनाया जाना चाहिए|
ग) संगठन के विधान/नियमों में निर्णय की पारदर्शी प्रक्रिया तथा पदाधिकारियों व बोर्ड के सदस्यों के चुनाव की व्यवस्था होनी चाहिए|
स्रोत: जेवियर समाज सेवा संस्थान, राँची|
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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