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राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) का परिचय व योजनायें

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) का परिचय व योजनायें

भूमिका

राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड(एनएसआईसी) जो एक आईएसओ 9001:2008 प्रमाणित कंपनी है तथा भारत सरकार का एक उद्यम है देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का उन्नयन करने, उन्हें सहायता देने तथा उनके विकास में वृद्धि करने के मिशन के काम में लगा हुआ है। परिवर्तन, वृद्धि व विकास की पांच दशक से अधिक की अवधि में राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम ने देश व विदेशों में नए एवं लघु उद्यमों का उन्नयन करके एवं अपनी वित्त पोषण, मार्केटिंग, कच्चा माल वितरण स्कीमों व प्रौद्योगिकी सहायता कार्यक्रम के माध्यम से मौजूदा सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम यूनिटों की सहायता करके और सू.ल.म. उद्यमो से प्रोजेक्टों व उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर अपनी शक्ति को प्रमाणित कर दिया है।

राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम देश भर में फैले शाखा कार्यालयों व तकनीकी सेवा केन्द्रों के नेटवर्क माध्यम से अपना प्रचालन कार्य कर रहा है। अफ्रीकी देशों में अपने प्रचालन कार्य की व्यवस्था के लिए, एनएसआईसी ने जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में अपना कार्यालय खोला हुआ है। इसके अतिरिक्त एनएसआईसी ने प्रशिक्षण व इंक्यूबेशन केन्द्र खोले हैं। एनएसआईसी अपनी व्यापक व्यावसायिक जनशक्ति के साथ सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम क्षेत्र की आवश्‍यकताओं के अनुसार सेवाओं का पैकेज उपलब्ध कराता है।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम विशेष रूप से बनाई गई योजनाओं के सेट के साथ लघु उद्यमों को सहायता देने के अपने मिशन को आगे बढाता है, जिससे ये लघु उद्योग एक प्रतिस्पर्धी बन सकें तथा लाभप्रद स्थिति में पहुंच सकें। इन योजनाओं में विपणन सहायता, ऋण सहायता, प्रौद्योगिकी सहायता तथा अन्य सहायता सेवाएं शामिल हैं।

योजनाएं और सेवाएँ

विपणन

बैंक ऋण सुविधा योजना

क्रेडिट रेटिंग

कच्ची सामग्री सहायता

सरकारी स्‍टोर खरीद कार्यक्रम

सूचना सेवा

मार्केटिंग इन्टेलीजेन्स सैल

बिल बट्टाकरण स्कीम

विपणन योजना

आज के गहन प्रतिस्पर्धी मार्केट में लघु उद्यमों के अस्तित्व व विकास एवं कारोबार विकास के लिए विपणन एक महत्वपूर्ण कार्यनीतक टूल है। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, लघु उद्योगों के उत्पादों को बढ़ाने के लिए एक सुविधादाता के रूप में काम करता है और इसने देश विदेश दोनों में उनके विपणन प्रयासों में वृद्धि के लिए लघु उद्यमों की सहायता हेतु अनेक योजनाएं तैयार की हैं। इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:

कन्सोर्शिया तथा टैंडर मार्केटिंग

लघु उद्यमों को अपनी व्यक्तिगत क्षमता में बड़े आर्डर्स प्राप्त करने व निष्पदित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे लघु उद्यमों के संवर्धन में अवरोध व रोक लग जाती है। तदनुसार, राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम कन्सोर्शिया दृष्टिकोण अपनाकर उन्हीं उत्पादों का विनिर्माण करने वाली इकाइयों का समूह/कन्सोर्शिया बनाता है जिससे लघु उद्यमों की विपणन समस्याएं आसान हो जाती है। निगम, बाजार की संभावना का पता लगाकर भारी मात्राओं के आर्डर्स प्राप्त करता है। इसके बाद आर्डर्स को लघु इकाईयों में उनकी उत्पादन क्षमता के अनुसार वितरण किया जाता है। मानक विशिष्टताओं के अनुरूप उनके उत्पादों में सुधार करने एवं उनकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इकाइयों को जांच सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।

सरकारी खरीद के लिए एकल बिन्दु पंजीकरण

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, सरकारी खरीद कार्यक्रम के अंतर्गत एकल बिन्दु पंजीकरण योजना चलाता है जिसमें पंजीकृत लघु उद्योग इकाइयां, सरकारी खरीद कार्यक्रम में खरीद संबंधी प्राथमिकता प्राप्त करती है तथा अग्रिम धनराशि आदि के भुगतान से छूट प्राप्त करती हैं। इस योजना के तहत पंजीकृत इकाइयां निम्नलिखित सुविधाएं प्राप्त करती हैं:

  1. निःशुल्क टेंडर सैट जारी करना।
  2. डी. जी एस.एण्ड डी द्वारा जारी किए जाने वाले टैंडरों की अग्रिम सूचना।
  3. बयाना जमाराशि के भुगतान से छूट।
  4. जिस आर्थिक सीमा तक इकाई पंजीकृत है उस सीमा तक प्रतिभूति जमा राशि में छूट।
  5. किसी आर्डर का मूल्य आर्थिक सीमा से बढ़ने के मामले में, आवश्यक जांच के बाद सक्षमता प्रमाण पत्र जारी करना।

मार्केटिंग के लिए बी2बी वेब पोर्टल: बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) पोर्टल एनएसआईसी की एक सूचनामध्यस्थ सेवा है, भारत में छोटे व मझोले आयातकों, निर्यातकों व सेवाओं प्रदाताओं के लिए ऑनलाइन सेवा प्रदान करने हेतु इसे स्थापित किया गया है। यह पोर्टल छोटे कारोबारों, फर्मों तथा लघु स्तर की यूनिटों को कारोबारी अवसर प्रदान करने की एक पहल है ताकि वे अपने कारोबार का विस्तार कर सकें। इस प्रकार, कारोबारी क्रियाकलापों में लगा हुआ कोई भी व्यक्ति जो इन्टरनेट के सामर्थ्यों एवं दृश्यता का उपयोग करना चाहता है, एनएसआईसी की सूचनामध्यस्थ सेवा में शामिल हो सकता है। वे व्यक्ति जो अपने व्यापार तथा उत्पादों/ सेवाओं को भविष्य में बढ़ाने के इच्छुक हैं , भी एनएसआईसी की सूचनामध्यस्थ सेवा में शामिल हो सकते हैं।

मार्केटिंग इन्टेलीजेन्स

यह सैल सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यमों के हित के लिए घरेलू व अन्तर्राष्ट्रीय मार्केटिंग इन्टेलीजेंस दोनों के बारे में सूचनाएं एकत्रित करता है तथा उनका प्रचार प्रसार करता है। सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यमों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों/स्कीमों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के अलावा, यह सैल विशेष रूप से डाटाबेस रखेगा और सूचनाओं का प्रचार प्रसार करेगा।

प्रदशर्नियां तथा प्रौद्योगिकी मेले

भारतीय लघु उद्यमों की क्षमताओं को प्रदर्शित करने एवं मार्केट के अवसर प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, प्रत्येक वर्ष चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रदशर्नियों तथा व्यापार मेलों में भाग लेता है। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम इनके किरायों आदि में रियायत दिलवाकर लघु उद्यमों के प्रतिभागियों की सहायता करता है। इन मेलों आदि में भाग लेने से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को अंर्तराष्ट्रीय माहौल/रूख का पता चलता है और इससे उनका व्यवसाय कौशल बढ़ता है।

क्रेताविक्रेता बैठकें

रेलवे, रक्षा, संचार विभागों जैसे बड़े विभागीय क्रेताओं और बड़़ी कंपनियों को क्रेता विक्रेता संबंधी बैठकों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है ताकि लघु उद्योग इकाइयों को क्रेता द्वारा अपेक्षित निबंधन व शर्तों, गुणवत्ता मानक आदि से संबंधित जानकारी मिल सके। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बड़े निर्माताओं के लिए लघु उद्योग इकाइयों से वेंडर विकास करना है।

क्रेडिट सहायता

एनएसआईसी निम्नलिखित क्षेत्रों में लघु उद्यमों की क्रेडिट सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने में सहायता करता है।

  1. कच्चे माल की खरीद के लिए फाइनेंस करना (अल्पकालीन)
  2. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की कच्चे माल की सहायता स्कीम का उद्देश्य, कच्चे माल की खरीद ( देशी व आयातित दोनों) के लिए फाइनेंस करके लघु उद्यमों की सहायता करना है। इसकी मुख्य विशेषताएं नीचे दी गई हैं
  3. कच्चे माल की खरीद के लिए 90 दिन तक वित्तीय सहायता दी जाती है।
  4. सस्ती दरों पर मूल कच्चे मालों की थोक खरीद।
  5. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, दुर्लभ कच्चे मालों के आयात में सहायता करता है।
  6. राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम आयात के मामले में सभी प्रक्रियाओं, कागजी कार्रवाई तथा साख पत्र जारी करने का काम करता है।

मार्केटिंग कार्यकलापों के लिए फाइनेंस देना (अल्पकालीन)

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम आंतरिक विपणन, निर्यात एवं बिल डिस्काउन्टिंग जैसे मार्केटिंग कार्यकलापों के लिए फाइनेंस दिलाने में सहायता करता है।

बैंकों के साथ गठजोड़ के माध्यम से फाइनेंस करना

लघु उद्यमों को आसानी से ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, देश भर में लघु उद्यमों को दीर्घकालीन /कार्यशील पूंजी फाइनेंस कराने में सहायता देने हेतु कमर्शियल बैंकों के साथ कायर्नीतिक गठबंधन करता है। इन व्यवस्थाओं में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम इच्छुक लघु उद्यमों के ऋण आवेदन पत्र बैंकों को अग्रेषित करेगा और प्रोसेसिंग फीस में अपना अंश प्राप्त करेगा।

लघु उद्योगों के लिए परफारमेंस एण्ड क्रेडिट रेटिंग स्कीम

सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को अपने मौजूदा कार्यों की क्षमता व कमजोरियों का पता लगाने तथा उनकी संगठनात्मक क्षमता को बढ़ाने हेतु सुधारात्मक उपाय करने के लिए, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम इकरा, ओनिकरा, क्रिसिल, फिच, केयर, ब्रिकवर्क रेटिंग्स और स्मैरा जैसी पैनल में खी गई एजेंसियों के माध्यम से परफारमेंस एण्ड क्रेडिट रेटिंग स्कीम चला रहा है। सूक्ष्म एवं लघु उद्यम को इस बात की छूट है कि वह राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के पैनल वाली रेटिंग एजेंसी में से किसी को भी अपनी रेटिंग के लिए चुन सकता है। रेटिंग एजेसिंया अपनी नीतियों के अनुसार क्रेडिट रेटिंग फीस चार्ज करेगी। इससे सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को निम्न लाभ मिलते हैं

  1. सूक्ष्म एवं लघु उद्यम इकाइयों की सामर्थ्यों एवं ऋण क्षमताओं पर एक स्वतंत्र, विश्वसनीय तीसरा मत।
  2. अच्छी रेटिंग सूक्ष्म एवं लघु उद्यम इकाइयों की बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, लघु उद्योगों के ग्राहकों तथा खरीददारों में स्वीकार्यता को बढ़ाती है।
  3. सूक्ष्म एवं लघु उद्यम इकाइयों के प्रस्तावों पर बैंकों से शीघ्र ऋण निर्णय कराने में सहायता करना।
  4. 50 लाख रूपए तक का बिजनेस करने वाले लघु उद्यम को अनुदान के रूप में क्रेडिट रेटिंग फीस का 75% परन्तु अधिकतम 25,000/ रूपए की राशि तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
  5. 50 लाख रूपए से 200 लाख रूपए तक का कारोबार करने वाले लघु उद्यम को अनुदान के रूप में क्रेडिट रेटिंग फीस का 75% परन्तु अधिकतम 30,000/ रूपए की राशि तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
  6. 200 लाख रूपए से अधिक का बिजनेस करने वाले लघु उद्यम को अनुदान के रूप में क्रेडिट रेटिंग फीस का 75% परन्तु अधिकतम 40,000/ रूपए की राशि तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

प्रौद्योगिकी सहायता

आज के गतिशील सूचना युग में कंपनी का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी एक मूल मंत्र है। लघु उद्यमों को वित्तीय, मार्केटिंग तथा कार्यात्मक कायर्नीतियों के अतिरिक्त प्रौद्योगिकी कार्यनीति के विकास और उसको कार्यान्वित करने की आवश्यकता है तथा उसे ऐसी कार्यनीति को अपनाना होता है जो उनके वातावरण, ग्राहकों व आपूर्तिर्कताओं के साथ उसके कार्यों को एकीकृत करने में सहायता करती है।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम अपने तकनीकी सेवा केन्द्रों और विस्तार केन्द्रों के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को निम्नलिखित सहायता सेवाएं प्रदान करता है

  1. नई तकनीकों को अपनाने के लिए परामर्श देना।
  2. मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से सामग्री जांच की सुविधाएं देना।
  3. कैड सहित उत्पाद का डिजाइन।
  4. मशीनिंग, ई.डी.एम., सी.एन.सी. आदि में कॉमन सुविधा सहायता।
  5. चयनित केन्द्रों पर ऊर्जा तथा पर्यावरण सेवाएं।
  6. कौशल उन्नयन के लिए क्लास रूम व प्रैक्टीकल प्रशिक्षण।

एनएसआईसी तकनीकी सेवा केन्द्र निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं

केन्द्र का नामचेन्नई

केन्द्र बिन्दु क्षेत्र चमड़ा व फुटवियर

केन्द्र का नाम हावड़ा

केन्द्र बिन्दु क्षेत्रजनरल इंजीनियरी

केन्द्र का नामहैदराबाद

केन्द्र बिन्दु क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक तथा कम्प्यूटर एप्लीकेशन

केन्द्र का नाम नई दिल्ली

केन्द्र बिन्दु क्षेत्र मशीन टूल्स व उनसे जुड़े कार्य

केन्द्र का नामराजकोट्

केन्द्र बिन्दु क्षेत्र ऊर्जा, ऑडिट तथा ऊर्जा संरक्षण कार्यकलाप

केन्द्र का नामराजपुरा (पंजाब)

केन्द्र बिन्दु क्षेत्रघरेलू बिजली के उपकरण

केन्द्र का नामअलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)

केन्द्र बिन्दु क्षेत्र ताला क्लस्टर तथा डाई एवं टूल मेकिंग

सूचना मध्यस्थ सेवाएं

आज के युग में सूचना उतनी ही महत्वपूर्ण हो गयी है जितना कि सांस लेने के लिए हमें वायु की जरूरत पड़ती है। हमें अपने कार्यशैली में प्रति मिनट इसकी जरूरत होती है। बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के चलते और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की दूरी के सिमटते, सूचना की मांग दिनोदिन अत्याधिक बढ़ती जा रही है। एनएसआईसी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की इन जरूरतों को महसूस करते हुए अपनी सूचनामध्यस्थ सेवाएं ऑफर की हैं जो कि एक ही जगह पर सहायताओं के एक समूह के रूप में उपलब्ध है तथा जो कारोबार, प्रौद्योगिकी तथा वित्त के मामलों में सूचनाएं उपलब्ध कराएंगी और भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं उद्यमों की कोर सक्षमता को भी प्रदर्शित करेंगी।

सदस्यता लाभ

  1. टेण्डर तथा टेण्डर संबंधी सूचना।
  2. एनएसआईसी की वेबसाइट पर बैनर प्रदर्शित होना।
  3. भारत तथा विदेशों से प्रौद्योगिकियों की व्यापक रेंज तक पहुंच होना।
  4. राष्ट्रीय तथा अर्न्तराष्ट्रीय कारोबार लीड्स संयुक्त उद्यम लगाने के अवसरों तथा व्यापारिक सूचनाओं तक पहुंच।
  5. सरकार की नीतियों, नियमों तथा विनियमों, स्कीमों तथा प्रोत्साहनों के बारे में व्यापक सूचना प्राप्त होना।
  6. औद्योगिक डेटाबेस तथा सदस्यों की डायरेक्टरी प्राप्त करना।
  7. सूचनामध्यस्थ सेवा के सदस्यों के लिए विभिन्न ज्ञानवर्धक जानकारी तथा विशिष्ट सेवाएं मिलना।

साफ्टवेयर टैक्‍नॉलाजी पार्क

राष्ट्री लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के साफ्टवेयर टैक्‍नॉलाजी पार्क, लघु उद्यमों को सॉफ्टवेयर निर्यातों के लिए 100 प्रतिशत निर्यातअभिमुख इकाईयों की स्थापना करने में सहायता करते हैं। वे सॉफ्टवेयर निर्यातों को सीधे एनएसआईसी के माध्यम से क्रियाशील बनाने के लिए नोडल पॉइन्ट के रूप में भी काम करते हैं। ये पार्क लघु उद्योग इकाइयों को न्यूनतम अपेक्षित समय में बिजनेस प्रचालन आरम्भ करने के लिए जरूरी अवसंरचना के संबंध में सहायता प्रदान करते हैं। यह स्कीम भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एस.टी.पी.आई. विनियमों द्वारा शासित होती है। एनएसआईसी ने पहला ऐसा पार्क 1995 में ओखला, नई दिल्ली में तथा दूसरा 2001 में चैन्नई में स्थापित किया। अनेक लघु उद्यम इकाईयों ने इन पार्कों से लाभ प्राप्त कर राजकोष में निर्यात अर्जन का योगदान दिया है।

नए सूक्ष्म और लघु उद्यमों की स्थापना के लिए बेरोजगार युवाओं का इंक्यूबेशन

यह कार्यक्रम समूचे देश में बेरोजगार व्यक्तियों के लिए स्व रोजगार के अवसर सृजित करके नए उद्यम लगाने के लिए सहायता करता है। इस स्कीम का उद्देश्य उद्यमिता कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण, लघु प्रोजेक्टों के चयन, प्रोजेक्ट प्रोफाइल/रिर्पोट तैयार करने, संयंत्रों, मशीनों तथा उपकरणों का पता लगाने व उनके संसाधनों की जानकारी देने, क्रेडिट सुविधा स्वीकृत कराने में मदद करने के क्षेत्र में एकीकृत सेवाएं प्रदान करने के माध्यम से नए लघु उद्यमों को स्‍थापित करने में सहायता करना है तथा उन्हें उत्पादन तथा सेवाओं के क्षेत्र में लघु उद्यमों के विकास में तेजी लाने के लिए दूसरी सहायता सेवाएं मुहैय्या कराना है।

अंर्तराष्ट्रीय सहयोग

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम एक कायम अंर्तराष्ट्रीय साझेदारी बनाये रखने में सहयोग करता है। यहां कारोबार संबंध बनाये रखने पर बल दिया जाता है न कि एकतरफा सौदे करने पर । राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम ने आरम्भ से ही आपसी उद्यमी सहयोग को मजबूत करने, साउथ साऊथ कोऑपरेशन तथा अन्य विकासशील देशों, विशेषकर अफ्रीकन, एशियन तथा प्रशान्त क्षेत्रों के साथ अपने सर्वोत्तम व्यवहारों व अनुभवों को बांटने में योगदान दिया है। इसकी विशेषताएं नीचे दी गई हैं

  1. विभिन्न देशों के साथ कारोबार /प्रौद्योगिक मिशनों का आदान प्रदान करना।
  2. उद्यम सें उद्यम तक सहयोग बढ़ाना, संयुक्त उद्यम लगाने, प्रौद्योगिकी अंतरण तथा मजबूत सहयोग बनाये रखने के अन्य उपाय करना।
  3. नए मार्केटों और सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाना।
  4. विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित विशेष प्रदर्शनियों में भाग लेकर नए निर्यात मार्केटों का पता लगाना।
  5. भारतीय अनुभव को अन्य विकासशील देशों के साथ बांटना।

अंर्तराष्ट्रीय परामर्शी सेवाएं

पिछले पांच दशकों से, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम ने लघु उद्यमों की विकास प्रक्रिया में विभिन्न कौशल प्राप्त किए हैं। इन सहज कौशलों का नेटवर्क किया जा रहा है ताकि अन्य विकासशील देशों को परामर्शी सेवाएं दी जा सकें। परामर्शी सेवाओं के क्षेत्र नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं:

क्षमता निर्माण

नीति और संस्थागत फेमवर्क

उद्यमिता विकास

कारोबार विकास सेवाएं

सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट का बीमा

एनएसआईसी सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को उनकी एक्सपोर्ट क्रेडिट का बीमा करने में सहायता करने के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट गारण्टी कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया लि. (ईसीजीसी) के साथ सामरिक गठजोड़ कर रहा है। अब समूचे देश में स्थित निगम के किसी भी कार्यालय के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों की उनके एक्सर्पोट क्रेडिट का बीमा करने में सहायता की जाएगी। यह व्यवस्था लघु उद्यमों से निर्यात को और अधिक बढ़ाने के दृष्टिकोण से की गई है।

बैंक ऋण सुविधा योजना

सूक्ष्‍म लघु एवं मध्‍यम उद्यम यूनिटों की ऋण सम्‍बन्‍धी जरूरतों को पूरा करने के लिए एनएसआईसी ने विभिन्‍न राष्‍ट्रीयकृत एवं निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ समझौता किया है। एनएसआईसी, इन बैंको के सहयोग से सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों से बिना कोई मूल्‍य लिए उन्‍हें ऋण सहायता (निधिक अथवा गैर निधिक आधारित सीमा) दिलाने की व्‍यवस्‍था करता है।

इसके अतिरिक्‍त, सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम, एनएसआईसी के पैनल पर रखी गयी स्‍वतंत्र, प्रतिष्ठित एवं व्‍यावसायिक ऐजेसियों से अपनी रेटिंग कराके व्‍यापार एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी सक्षमता बढ़ा सकते हैं। पैनल पर रखी गयी रेटिंग ऐजेंसियां क्राइसिल, ओनिक्रा, समेरा, डन एण्ड ब्रेडस्ट्रीट (डीएण्डबी),केयर,इंडिया रेटिंग्स , ब्रिकवर्क, और आई सी आर ए हैं। सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यम न केवल एनएसआईसी की परफॅारमेंस एवं क्रेडिट रेटिंग स्‍कीम के अन्‍तर्गत अपनी पंसद की किसी भी रेटिंग ऐजेन्‍सी से अपनी रेटिंग करा सकते हैं बल्‍कि उन्‍हें कारोबार में स्थ्‍िार रूप से अपनी साख बढ़ाने तथा बैंको से आसान शर्तों पर समय से ऋण प्राप्‍त करने में भी मदद मिलती है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के धन व समय की बचत के लिए एनएसआईसी उनके ऋण संबंधी प्रस्‍तावों के दस्‍तावेजों को पूरा करता है तथा उन्‍हें बैंक को प्रस्‍तुत करता है।

क्रेडिट रेटिंग

लघु उद्योगों के लिए कार्यनिष्पादन और क्रेडिट रेटिंग कार्यतंत्र की आवश्यकता का विशेष उल्लेख केद्रीय बजट, 200405 में किया गया था। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और रेटिंग एजेंसियों के परामर्श से लघु उद्योगों के लिए एक स्कीम तैयार की गई है। रा.ल.उ.नि को सूचीबद्ध एजेंसियों के माध्यम से इस स्कीम के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।

कार्यनिष्पादन और क्रेडिट रेटिंग के लाभ

  1. लघु उद्योगों की दक्षता और साख पर तीसरी पार्टी की स्वतंत्र और विश्वस्त राय।
  2. आकर्षक ब्याज पर ऋण की उपलब्धता।
  3. वैश्विक व्यापार में मान्यता।
  4. बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से ऋण की तत्काल स्वीकृति।
  5. लघु उद्योगों के लिए घटी हुई दर पर रेटिंग शुल्क।
  6. लघु उद्योगों के दक्षता और क्षमता आंकलन में बिक्रेताओं/क्रेताओं को सुविधा।
  7. लघु उद्योगों को अपने मौजूदा प्रचालनों की मजबूती और कमजोरी सुनिश्चित करने और सुधारात्मक उपाय करने में समर्थ बनाता है।

बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को लाभ

ऋण मांगने वाली लघु उद्योग इकाई की मजबूती और कमजोरी के स्वतंत्र मूल्यांकन की उपलब्धता और उसके बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को अपने ऋण जोखिम प्रबंधन में समर्थ बनाना।

मुख्य विशेषताएँ

  1. प्रचालन, वित्त, व्यवसाय और प्रबंधन जोखिम सहित ऋण और कार्यनिष्पादन कारकों का संयोजन।
  2. एसएमईआरए (स्मेरा) को छोड़कर सभी सूचीबद्ध रेटिंग एजेंसियों के लिए समरूप रेटिंग पैमाना।
  3. लघु उद्योगों को सूचीबद्ध रेटिंग एजेंसियों में से चुनने की स्वतंत्रता है।
  4. कुल कारोबार आधारित शुल्क संरचना।
  1. रा.ल.उ.नि. के माध्यम से रेटिंग शुल्क की आंशिक प्रतिपूर्ति।
  • सूचीबद्ध एंजेसियाँ

केयर

क्राइसिल

इंडिया रेटिंग

आईसीआरए

ओनिक्रा

स्मेरा

डन एण्ड ब्रेडस्ट्रीट (डीएण्डबी)

ब्रिकवर्क

लघु उद्योग का कुल कारोबार राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड के माध्यम से शुल्क की प्रतिपूर्ति

50 लाख रुपए तक

  • शुल्क का 75% अथवा 25,000/रुपए (इनमें से जो भी कम हो)

50 लाख रुपए से अधिक से लेकर 200 लाख रुपए तक

  • शुल्क का 75% अथवा 30,000/रुपए (इनमें से जो भी कम हो)

200 लाख रुपए से अधिक

  • शुल्क का 75% अथवा 40,000/ रुपए (इनमें से जो भी कम हो)

कच्ची सामग्री सहायता

कच्ची सामग्री सहायता स्कीम का लक्ष्य कच्ची सामग्री (देशी और आयातित दोनों) की खरीद के वित्तपोषण द्वारा लघु उद्योगों/उद्यमों की सहायता करना है। यह लघु उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के विनिर्माण पर बेहतर रूप से ध्यान केंद्रित करने का अवसर देता है।

स्कीम के लाभ

90 दिनों तक कच्ची सामग्रियों की अधिप्राप्ति के लिए वित्तीय सहायता।

लघु उद्योगों को थोक खरीद, नकद छूट आदि जैसे खरीद में मितव्ययिता प्राप्त करने में सहायता दी गई।

रा.ल.उ.नि. आयातों के मामले में सभी कार्यविधियों, प्रलेखीकरण और साखपत्र जारी करने का ध्यान रखता है।

कैसे आवेदन करें

उद्यमियों से केवल निर्धारित आवेदन प्रपत्र पर ही कच्ची सामग्री सहायता के लिए आवेदन करना अपेक्षित हैं। नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड किए गए आवेदन प्रपत्र भरे और संबंधित क्षेत्रीय और शाखा कार्यालयों को प्रस्तुत किए जा सकते हैं। खाली प्रपत्र भी आंचलिक और शाखा कार्यालयों से निःशुल्क उपलब्ध हैं।

आवेदन की प्रक्रिया

विधिवत भरा गया आवेदन प्रपत्र आवेदन प्रसंस्करण शुल्क (रा.ल.उ.नि. लिमिटेड के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट/भुगतान आदेश द्वारा) के साथ प्रस्तुत किया जाना है।

रा.ल.उ.नि. द्वारा प्रारंभिक आंकलन और इकाई का निरीक्षण किया जाता है।

इकाई को सीमा की स्वीकृति।

रा.ल.उ.नि. और इकाई के बीच करार पर हस्ताक्षर।

इकाई को सहायता का संवितरण।

सूचना सेवा

आज सूचना लगभग उतनी ही महत्‍वपूर्ण हो गई है जितना सांस लेने के लिए हवा। हमें अपने कार्यशील जीवन के प्रत्‍येक मिनट पर सूचना की आवश्‍यकता होती है। प्रतिस्‍पर्धा में वृद्धि होने और अंतर्राषट्रीय सीमाएं समाप्‍त होने से सूचना की मांग नई उंचाइयों तक पहुंच रही है। सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम उद्यमों की सूचना संबंधी आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखते हुए एनएसआईसी ने अपनी 'सूचना सेवा' प्रारंभ की है। यह एक सथान पर उपलबध सहायताओं का पुष्‍पगुच्‍छ है, जो व्‍यवसाय, टेकनोलाजी तथा वित्‍त पर सूचना उपलब्‍ध कराता है। यह भारतीय लघु एवं मध्‍यम उद्यमों की कोर क्षमता को भी प्रदर्शित करता है। निगम अपने एमएसएमई ग्‍लोबल मार्ट के माध्‍यम से सूचना सेवाएं आफर करता है जो व्‍यवसाय से व्‍यवसाय तक (बी 2 बी) तथा व्‍यवसाय से ग्राहक तक (बी 2 सी) संपूर्ण वैब पोर्टल है। सालाना मेम्‍बरशिप लेकर ये सेवाएं प्राप्‍त की जा सकती है।

सदस्‍यता लाभ

  1. सूक्ष्‍म, लघु व मध्‍यम उद्यमों का इन्‍टरैक्टिव डेटाबेस
  2. वैश्‍विक व राष्‍ट्रीय टेन्‍डर सूचनाएं
  3. स्‍ववैब विकास टूल
  4. केन्‍द्रीय मेल प्रणाली
  5. फ्री मेल बौक्‍सेज
  6. सदस्‍यता अंशदान के लिए भुगतान गेटवे
  7. पौपुलर उत्‍पाद सेक्‍शन
  8. असीमित वैश्‍विक ट्रेड लीड्स
  9. एनएसआईसी का ट्रस्‍ट सील
  10. बहुउत्‍पाद कार्ट
  11. ऑनलाइन खरीद/बिक्री
  12. बहु भुगतान विकल्‍प
  13. एम एस एम ई वैब स्‍टोर
  14. बहु भाषा सपोर्ट
  15. चर्चा बोर्ड
  16. कॉल सेन्‍टर सपोर्ट एवं जीवंत बातचीत
  17. अन्‍य मूल्‍यवर्घित सेवाएं

सलाना फीस:

पलेटिनम मेम्‍बरशिप : बी 2 बी तथा बी 2 सी दोनों पोर्टल को ज्‍वाइन करने वाला मेम्‍बर बी 2 बी तथा बी 2 सी के सभी फीचर्स की असीमित पहुंच प्राप्‍त करता है तथा उसे 10 प्रोडक्‍ट की इमेजिज को अपलोड करने की अनु‍मति होगी।

एक साल के लिए ज्‍वाइनिंग फीस = 10000/ रू. + सर्विस टैक्‍स

नवीकरण चार्जेज = 10000/ रू. + सर्विस टैक्‍स

अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ग्राहकों हेतु = एक साल के लिए 250 अमेरिकन डालर

गोल्‍उ मेम्‍बरशिप बी 2 बी अथवा बी 2 सी को ज्‍वाइन करने वाले मेम्‍बर को किसी एक पोर्टल जिसे व चुनता है/चुनती है, के फीचर्स की अनुमति‍दी जाती है और उसे 10 प्रोडक्‍ट की इमेजिज को अपलोड करने की अनुमति दी होगी।

एक साल के लिए ज्‍वाइनिंग फीस = 5000/ रू. + सर्विस टैक्‍स

एक साल के लिए नवीकरण चार्जेज = 5000/ रू. + सर्विस टैक्‍स

अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ग्राहकों हेतु = एक साल के लिए 125 अमेरिकन डालर

मार्केटिंग इन्टेलीजेन्स सैल

मार्केटिंग इंटैलीजेंस सैल मौजूदा एवं संभावित ग्राहकों दोनों के लिए मार्केट की समझ रखने की दृष्टि से सूचनाएं प्राप्‍त करता है तथा उनका विश्‍लेषण करता है, मार्केट की वर्तमान व भविष्‍य की जरूरतों और प्राथमिकताओं, रूझानों और व्‍यवहार का निर्धारण करता है, और व्‍यावसायिक माहौल में उन परिवर्तनों का मूल्‍याकंन करता है जो भविष्‍य में मार्केट के आकार एवं स्‍वरूप को प्रभावित कर सकते हैं। इसका उद्देश्‍य मार्केटिंग इंटैलीजैंस वैब पोर्टल के जरिए भारत के सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों की व्‍यवसाय संबंधी जानकारी को बढावा देना है।व्‍यवसाय संबंधी सहयोग और सहउत्‍पादन अवसर, संयुक्‍त उद्यम निर्यातक और आयातक तथा टैक्‍नोलॉजी ट्रांसफर की तलाश करने वाले सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम इसके संभावित लाभग्राही हैं।

उपरोक्‍त उद्देश्‍य को पूरा करने के लिए एनएसआईसी के पास मार्केटिंग इंटैलीजैंसी सैल पोर्टल है जिसकी निम्‍नलिखित विशेषताएं है:

सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के बडे क्रेताओं का डेटा बेस (उत्‍पादवार)

  1. विभिन्‍न सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के रेट कान्‍ट्रैक्‍टस का डेटाबेस
  2. सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्धारा जारी किए गए टैंडरों के बारे में सूचना
  3. उत्‍पादों सहित विभिन्‍न देशों के भारतीय निर्यातकों को डेटाबेस
  4. उत्‍पादों सहित अंतर्राष्‍ट्रीय क्रेताओं का डेटाबेस
  5. सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के लिए प्रौद्योगिकी सप्‍लायरों एवं प्रोजेक्‍टों का डेटा बेस
  6. बिजनैस पार्टनर मैचमेकिंग (भारतीय निर्यातकों के साथ विदेशी शिष्‍टमंडलों के लिए बारी बारी से बैठकों की व्‍यवस्‍था करना)
  7. विभिन्‍न सेक्‍टर्स, रूझानों के विश्‍लेषण तथा निर्यातआयात आंकड़ों से संबंधित मार्केटिंग इंटेलीजेंस रिपोर्टं हमारे वैब पोर्टल पर प्राप्‍त की जा सकती है
  8. वैश्विक आयातक निदेशिका, सेक्‍टर विशेष बुकलेटस, राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यवसाय से संबंधित पत्रिकाएं/डेटाबेस/बुकलेटस/सूचना गाइडस के साथ अंतर्राष्‍ट्रीय लाइब्रेरी का प्रौविजन।
  9. सरकारी खरीद, कच्‍चा माल सहायता, परफारमेंस एण्‍ड क्रेडिट रेटिंग स्‍कीम के लिए एनएसआईसी में पंजीकृत सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों तथा एमएसएमई औद्योगिक संघों की सूची

राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) एक आईएसओ: 9001:2008 प्रमाणित कंपनी होने के साथ भारत सरकार का एक उद्यम भी है जो देश के सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों को प्रोन्‍नत करने, उन्‍हें सहायता देने तथा उनके विकास में तेजी लाने के मिशन को पूरा करने के काम में लगा हुआ है।

सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के उत्‍पादों की मार्केटिंग के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, एनएसआईसी ने एक ही स्‍थान पर तथा सही समय पर उपयुक्‍त सूचना प्राप्‍त करने में एमएसएमई की सहायता करने के लिए विशेष मार्केटिंग इंटलीजेंस सैल स्‍थापित किया है। इससे सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम अपनी क्षमता बढ़ाने तथा ग्‍लोबल डिमान्‍ड के अनुरूप स्‍वयं को ढालने में समर्थ बन सकते हैं ।

आज के वैश्विक युग में सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों को घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय मार्केट में फैशन/अभिरूचि के बदलते हुए पैटर्नस के बारे में मार्केटिंग सूचनाओं की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्‍त उन्‍हें निर्यात की प्रवृति तथा निर्यात की संभावनाओं के बारे में भी जानकारी लेने की जरूरत है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों को उनकी मार्केटिंग कार्यनीति के बारे में भी जानकारी देने के लिए ये अनिवार्य आधार हैं। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों को घरेलू एवं अंतर्राष्‍ट्रीय मार्केट से संबंधित सूचना देने, उनके उत्‍पादों के लिए नए अवसर तलाशने व नई व्‍यापारिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने की आवश्‍यकता है।

अवसर :

सरकारी/सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में क्रेताओं;

निर्यातकों;

अंतर्राष्‍ट्रीय क्रेताओं;

टैक्‍नोलॉजी सप्‍लायरों

एकल बिन्‍दु पंजीकरण स्‍कीम के अन्‍तर्गत एनएसआईसी में पंजीकृत यूनिटों

डी जी एस एण्‍ड डी पंजीकृत सप्‍लायरों

बिल बट्टाकरण स्कीम

यह स्कीम सही व्यापारिक ले. दोनों अर्थात् विख्यात पब्लिक लिमिटेड कंपनियों/राज्य और केंद्र सरकार के विभागों/उपक्रमों को लघु उद्योग इकाइयों द्वारा की गई आपूर्तियों की खरीद से उत्पन्न खरीद/बिलों का बट्टाकरण शामिल करती है।

बिक्रेता

लघु उद्योग इकाइयाँ

क्रेता

i) राज्य और केद्र सरकार के विभाग/उपक्रम।

ii) पब्लिक लिमिटेड कंपनियाँ।

क्रेतावार सीमाएँ प्रदान करना

लघु उद्योग इकाइयों द्वारा की गई आपूर्तियों के लिए दिए गए और क्रेता द्वारा स्वीकृत बिलों का रा.ल.उ.नि. के पक्ष में बैंक गारंटी की जमानत के बदले वित्तपोषण किया जाएगा।

क्रेता इकाई (इकाइयाँ) निर्धारित आवेदन प्रपत्र के अनुसार सूचना प्रस्तुत करके वार्षिक सीमा की स्वीकृति के लिए रा.ल.उ.नि. से अनुरोध कर सकती/सकतीं है/हैं।

बिक्रेतावार सीमाएँ प्रदान करना

बिक्रेता इकाई (इकाइयाँ) स्कीम के अधीन वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए रा.ल.उ.नि. के पक्ष में बैंक गारंटी प्रदान कर सकती/सकतीं है/हैं। अपने द्वारा की गई आपूर्तियों के लिए उनके द्वारा दिए और क्रेता द्वारा विधिवत स्वीकृत बिलों का वित्तपोषण किया जाएगा। निर्धारित आवेदन प्रपत्र के अनुसार सूचना प्राप्त करके ऐसी इकाइयों के लिए वार्षिक सीमाएँ नियत की जा सकती हैं।

बट्टाकरण के लिए विचार किए जाने वाले बिलों की अवधि :

ऐसे बिलों की अधिकतम अवधि 90 दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए। समाप्त नहीं हुए बिल की अवधि 90 दिनों से अधिक नहीं होगी जबकि बिलों की अवधि 120 दिन से अधिक नहीं होगी।

जमानत

प्रधान कार्यालय द्वारा अनुमोदित बैंको द्वारा जारी बैंक गारंटी/प्राप्त की जाने वाली बैंक गारंटी सहायता के मूल्य (बट्टाकरण प्रभार और 90 दिनों के लिए सेवा प्रभार सहित) के समतुल्य होनी चाहिए।

अथवा

200 करोड़ रुपए से अधिक कुल करोबार और 50 करोड़ रुपए से अधिक निवल मूल्य वाले अच्छे वित्तीय साख वाली और पिछले तीन वर्षो से लाभ अर्जित कर रही बड़ी नैगम इकाइयों द्वारा विधिवत् स्वीकृत हुण्डी।

फर्म के स्वामी, साझेदारों और कंपनी के निदेशकों की वैयक्तिक गारंटी भी प्राप्त की जाएगी।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) का परिचय व योजनाओं की विस्तृत जानकारी के लिए तथा आवेदन के लिए सरकार के वेबसाइट http://www.nsic.co.in/ पर क्लिक करें|

स्रोत: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई)का राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) |

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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