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विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. विकास आयुक्त (ह०) के मिलने का समय क्या है ?
  2. मुख्यालय कार्यालय में तैनात अधिकारियों की डायरेक्टरी
  3. क्या जनता के लिए स्कीमों का सारसंग्रह उपलब्ध है ?
  4. विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय के उपलब्ध अन्य प्रकाशन कौन से हैं ?
  5. विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय के अधीन संस्थान ?
  6. गैर-सरकारी संस्थाओं का चयन कैसे किया जाता है ?
  7. कारीगरों को पंजीकृत कैसे किया जाता है ?
  8. क्या भारतीय हस्तशिल्पों को उजागर करता हुआ कोई प्रकाशन मौजूद है ?
  9. क्या कोई अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प उपहार मेला भारत में आयोजित किया जाता है ?
  10. क्या कोई राष्ट्रीय हस्तशिल्प डिज़ाइन दीर्घा है ?
  11. कितनी स्कीमें मौजूद हैं ?
  12. स्कीमें कैसे क्रियान्वित की जाती हैं ?
  13. निधियां कैसे निर्मुक्त की जाती हैं ?
  14. क्रियान्वयन एजेंसी को भुगतान कैसे भेजे जाते हैं ?
  15. अम्बेडकर हस्तशिल्प विकास योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
  16. नई परियोजनाओं के चयन की प्रक्रिया |
  17. क्रेडिट गारंटी स्कीम क्या है ?
  18. अनुसंधान एवं विकास स्कीम क्या है ?
  19. देश में हस्तशिल्प कारीगरों की जनगणना संचालित करने का लाभ क्या है ?
  20. पिछली जनगणना कब संचालित की गई थी और संचालित सर्वेक्षण के अनुसार देश में कारीगरों की कितनी संख्या थी ?
  21. 11vवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बनाई गई पालिसी में प्रति वर्ष 20 प्रतिशत जिलों को कवर कर जनगणना संचालित करने का प्रस्ताव क्यों है ?
  22. गांधी शिल्प बाजार में कैसे भाग ले सकते हैं ?
  23. क्या गांधी शिल्प बाजार में भाग लेने वाले शिल्पियों को यात्रा भत्ता प्रदान किया जाता है ?
  24. दिल्ली हाट के लिए आवंटन पॉलिसी क्या है ?
  25. सूरजकुंड शिल्प मेले की विशेषताएं क्या है ?
  26. हस्तशिल्प कारीगरों के कल्याण उपाय क्या है ?
  27. डिजाइनर के रूप में पैनल में आने की क्या प्रक्रिया है ?
  28. क्या राष्ट्रीय पुरस्कारों/शिल्प गुरुओं तक पहुंचना संभव है ?
  29. राष्ट्रीय पुरस्कृत / शिल्प गुरु पुरस्कृत तथा लाभ प्राप्त कर सकता है ?
  30. कौशल उन्नयन कार्यक्रम का ब्यौरा क्या है ?

विकास आयुक्त (ह०) के मिलने का समय क्या है ?

प्रातः 10.00 बजे से अपराहन 12.00 बजे तक (आंगतुक पूर्व सूचना पर किसी भी समय मिल सकते हैं)

मुख्यालय कार्यालय में तैनात अधिकारियों की डायरेक्टरी

विस्तृत सूचना वेबसाइट http//handicrafts.nic.in पर उपलब्ध है |

क्या जनता के लिए स्कीमों का सारसंग्रह उपलब्ध है ?

हां, यह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है | विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर है और इसे विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय से भी प्राप्त किया जा सकता है |

विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय के उपलब्ध अन्य प्रकाशन कौन से हैं ?

शिल्प संचारिका, शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कृतों के ब्रोशर, भारत में  हस्तनिर्मित पर पुस्तक |

विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय के अधीन संस्थान ?

आई आई सी टी, भदोही/श्रीनगर, बी सी डी आई, अगरतला, सी डी आई, श्रीनगर

गैर-सरकारी संस्थाओं का चयन कैसे किया जाता है ?

गैर-सरकारी संस्थाओं/सहयोगियों के चयन हेतु ग्रेडिंग प्रोफार्मा निरुपित किया गया है | जिसका विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध हैं -  http//handicraftsnic.in

कारीगरों को पंजीकृत कैसे किया जाता है ?

कारीगरों को संबंधित विपणन केन्द्रों दवारा पंजीकृत कर पहचान-पत्र जरी किया जाता है |

क्या भारतीय हस्तशिल्पों को उजागर करता हुआ कोई प्रकाशन मौजूद है ?

जी, हां भारतीय हस्तशिल्पों पर एक एन्साइक्लोपीडिया ‘हैंड मेंड इन इंडिया’ कोहाण्डस में मूल्य पर उपलब्ध हैं |

क्या कोई अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प उपहार मेला भारत में आयोजित किया जाता है ?

जी, हां, आई ई एम एल, ग्रेटर नोएडा में प्रतिवर्ष आई एच जी एफ (स्प्रिंग) और आई एच जी एफ (ऑटम)

क्या कोई राष्ट्रीय हस्तशिल्प डिज़ाइन दीर्घा है ?

जी हां, राजीव गांधी हस्तशिल्प भवन, बाबा खडक सिंह मार्ग, नई दिल्ली में एक है |

कितनी स्कीमें मौजूद हैं ?

1- बाबा साहेब अम्बेडकर हस्तशिल्प विकास स्कीम

2- डिज़ाइन एवं प्रौदयोगिकी उन्नयन स्कीम

3- विपणन सहायता एवं सेवाएं स्कीम

4- मानव संसाधन विकास स्कीम

5- हस्तशिल्प कारीगर व्यापक कल्याण स्कीम

6- अनुसंधान एवं विकास स्कीम

स्कीमें कैसे क्रियान्वित की जाती हैं ?

हस्तशिल्प श्रेत्र से संबंधित प्रस्ताव विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय के पूरे देश में फैले हस्तशिल्प विपणन केन्द्रों में क्रियान्वयन एजेंसी दवारा प्रस्तुत किए जाते हैं | उक्त प्रस्तावों को विपणन केन्द्रों दवारा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजा जाता है जंहा उनकी जांच होती है फिर उन्हें स्वीकृति हेतु मुख्यालय कार्यालय भेजा जाता है | मुख्यालय कार्यालय प्रस्ताव हेतु सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करता है और अनुमोदन प्राप्त होने के उपरांत इस आशय का एक पत्र संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी को भेजा जाता हैं |

निधियां कैसे निर्मुक्त की जाती हैं ?

प्रस्ताव की स्वीकृति की प्राप्ति पर संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी भुगतान हेतु रसीद सहित बिल अन्य आवश्यक दस्तावेजों जैसे यथा निष्पादित बॉड और नियम एवं शर्तो की स्वीकृत प्रति के साथ मुख्यालय कार्यालय को भेजी जाती हैं | मुख्यालय कार्यालय में बिल को प्रोसेस कर केन्द्रीय वेतन एवं लेखा कार्यालय को बिल पास करने, स्थानीय भुगतान के मामले में चैक जरी करने और बाहरी भुगतान के मामले में ड्राफ्ट बनाने हेतु भेजा जाता है |

क्रियान्वयन एजेंसी को भुगतान कैसे भेजे जाते हैं ?

केन्द्रीय वेतन एवं लेखा कार्यालय से चैक/डाफ्ट प्राप्ति के उपरांत, मुख्यालय कार्यालय पंजीकृत डाक से संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी को भुगतान प्रेषित करता है |

अम्बेडकर हस्तशिल्प विकास योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

कलस्टर को स्वंय धारणीय बनाने हेतु आवश्यक विशिष्ट इंटरवेंशनों जरूरतों को पहचानने के लिए चिन्हित कलस्टर का नैदानिक सर्वेक्षण करना प्रमुख आवश्यकता है |

जिन कलस्टरों का  नैदानिक सर्वेक्षण पूरा हो गया हो वहां लाभार्थियों का जुटाव शुरू किया जाएगा | इस गतिविधि में समुदाय व्यापार उदयम को गतिशील बनाना शामिल है | उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण दवारा आर्थिक सुधारों के उदभव से, भारत आर्थिक विकास के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है और इसलिए, हस्तशिल्प क्षेत्र/सहकारी/ स्वावलंबन समूहों के लिए समुदाय सशक्तिकरण कार्यक्रम अति आवश्यक है ताकि कारीगरों को सक्रिय उदयमी-सह-विकास के प्राथमिक पणधारी बना उन्हें सशक्तिकृत करके समान मंच पर लाया जाए जिससे नई चुनौतियों का सामना करने में उनकी प्रचालन क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि हो सके और उन्हें व्यवहार्य तथा स्वयं सहायतित आर्थिक हस्ती बनाया जा सके |

नई परियोजनाओं के चयन की प्रक्रिया |

एनजीओ अपना स्वयं निर्धारण (वैकल्पिक) विधिवत भरकर सभी दस्तावेजी प्रमाणों सहित संबंधित फील्ड कार्यालयों को प्रतुस्त कर सकते हैं |

सहायक निदेशक प्रस्ताव के साथ प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर स्कोरिंग पद्धति की समीक्षा  करेगा |

सहायक निदेशक अपने स्तर पर किसी प्रस्ताव को निरस्त नहीं करेगा | हस्तशिल्प विपणन एवं सेवा विस्तार केन्द्र में प्राप्त प्रस्तावों को ग्रेडिंग उपरांत क्षेत्रीय कार्यालय भेजा जाएगा |

यदि फील्ड कार्यालय और एनजीओ के निर्धारण के मध्य अंकों का अंतर 20 प्रतिशत (+/-) से अधिक हो तो क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर क्षेत्रीय निदेशक की अध्यक्षता में तीन अधिकारियों की एक समिति गठित की जाएगी जो समीक्षा कर अंतिम ग्रेडिंग प्रदान करेगी | संबंधित आई ए/एनजीओ को उनके दावे के संबंध  में उनकी स्थिति और समर्थित दस्तावजों के स्पष्टीकरण का अवसर दिया जाएगा | समिति में संबंधित सहायक निदेशक और क्षेत्रीय कार्यालय का अधिकारी जो उचित हो, सदस्य के रूप में क्षेत्रीय निदेशक अध्यक्ष के रूप में होंगे |

संबंधित क्षेत्रीय निदेशक के अधिकार क्षेत्र के अधीन सभी एनजीओ की समेकित ग्रेडिंग प्रस्तावों के साथ मुख्यालय कार्यालय पहुंचनी चाहिए |

सभी पात्र एनजीओ /आई ए को प्रस्तावित परियोजना का उदेश्य, प्रस्तावित कलस्टर में उनकी सहभागिता,कार्यान्वयन पद्धति, विपणन चैनल और अन्य फारवर्ड तथा बैकवर्ड लिंकेज कवर करते हुए उपयुर्क्त समिति के समक्ष, चाहे 10 मिनट का हो, प्रेजेंटेशन करने को कहा जाएगा | योग्यता ओर चयन मापदंड़ो के आधार पर, कलस्टर और एजेंसी का चयन किया जाएगा | प्रत्येक प्रस्ताव के साथ क्षेत्रीय  निदेशक क्षेत्रीय स्क्रीनिंग समिति से एक आधे पृष्ठ का नोट भी भेजा जाए जिसमें प्रस्ताव की योग्यता का औचित्य सिद्ध हो |

जिन क्रियान्वयन एजेंसियों/ एन जी ओ के प्रस्तावों को क्षेत्रीय स्क्रीनिंग समिति दवारा अनुमोदित नहीं किया जाता उन्हें तदनुसार सूचित किया जाएगा |

प्रत्येक प्रस्ताव के चयन अथवा अस्वीकार करने का कारण स्पष्ट रूप से मुख्यालय कार्यालय को सूचित किया जाए |

क्रेडिट गारंटी स्कीम क्या है ?

ऋण की समी का सामना करने वाले हस्तशिल्प कारीगरों की समस्याओं को सुलझाने के लिए विकास आयुक्त (ह0) कार्यालय ने थर्ड पार्टी गारंटी की कोलेटरल सिक्यूरिटी की समस्या के उन्मूलन तथा हस्तशिल्प क्षेत्र में ऋण प्रवाह की रुकावटों को हटाने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम शुरू की है |

अनुसंधान एवं विकास स्कीम क्या है ?

अनुसंधान एवं विकास स्कीम एक केन्द्रीय क्षेत्र की स्कीम है जिसे वर्ष 1956-57 में हस्तशिल्प क्षेत्र में विभिन्न शिल्पों और कारीगरों के आर्थिक, सामाजिक, कलात्मक और संवर्धन पहलुओं पर फीड बैक प्राप्त करने के लिए आरंभ किया गया था |

देश में हस्तशिल्प कारीगरों की जनगणना संचालित करने का लाभ क्या है ?

जनगणना का उद्देश्य इस क्षेत्र का एक मजबूत डाटाबेस निर्मित करना तथा इस क्षेत्र के सुधार  और वृद्धि के लिए सरकार की विभिन्न पूर्व एवं चालू निति उपायों के प्रभाव का पुर्नविलोकन करना है |

पिछली जनगणना कब संचालित की गई थी और संचालित सर्वेक्षण के अनुसार देश में कारीगरों की कितनी संख्या थी ?

देश में हस्तशिल्प कारीगरों की पिछली जनगणना वर्ष 1995-96 में संचालित की गई थी | रिपोर्ट दर्शाती है कि सर्वेक्षण के दौरान देश में 47.61 लाख कारीगरों की कुल संख्या को गिना गया | 1995-96 की जनगणना के दौरान गिने गए कारीगरों का क्षेत्र-वार ब्यौरा इस प्रकार है :-

क्षेत्र

राज्य

कारीगरों की संख्या

(1995-96 लाख में)

उत्तरी क्षेत्र

दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, हरियाणा, चंडीगढ़(संघ शासित क्षेत्र)

12.64

मध्य क्षेत्र

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड

11.77

पूर्वी क्षेत्र

पश्चिमी बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़

8.37

पूर्वोत्तर क्षेत्र

असम, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, मेघालय

8.89

पश्चिमी क्षेत्र

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दमन एवं दीव (संघ शासित क्षेत्र)

3.07

दक्षिणी क्षेत्र

तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पांडिचेरी (संघ शासित क्षेत्र), अंडमान एवं निकोबार (संघ शासित क्षेत्र), लक्षद्वीप (संघ शासित क्षेत्र)

2.87

 

11vवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बनाई गई पालिसी में प्रति वर्ष 20 प्रतिशत जिलों को कवर कर जनगणना संचालित करने का प्रस्ताव क्यों है ?

उत्तर – यह योजना है की 5 वर्षो की अवधि में देश के हस्तशिल्प कारीगरों की पूर्ण जनगणना संचालित की जाए, जिसमें प्रतिवर्ष 20 प्रतिशत जिलों को इस प्रकार कवर किर जाए जिससे सभी मुख्य शिल्पों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके ताकि प्रत्येक वर्ष के अंत में हस्तशिल्प क्षेत्र के मुख्य इंडिकेटरों का राष्ट्रीय स्तर आकलन प्राप्त करना सम्भव हो सके |

गांधी शिल्प बाजार में कैसे भाग ले सकते हैं ?

वित्तीय वर्ष के आरम्भ अर्थात अप्रैल/मई में पूरे देश के सभी महत्वपूर्ण समाचारपत्रों में पूरे देश के इच्छुक पंजीकृत शिल्पियों से आवेदन आमंत्रित करने के लिए अनुमोदित कैलेंडर प्रकाशित किया जाता है | शिल्पियों से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने आवेदन विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय के फील्ड कार्यालयों में से उनके नजदीकी विपणन केन्द्रों में जमा करें |

हस्तशिल्प विपणन एवं सेवा विस्तार केन्द्र/कालीन बुने प्रशिक्षण सेवा केन्द्र/क्षेत्रीय कार्यालय गांधी शिल्प बाजार में भाग लेने वाले कारीगरों की सूची तैयार कर जहां कार्यक्रम आयोजित होना है, उससे संबंधित क्षेत्रीय निदेशक को भेज देते हैं जिसकी प्रति मुख्यालय कार्यालय को भी भेजी जाती है | स्टॉल निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं |

क्या गांधी शिल्प बाजार में भाग लेने वाले शिल्पियों को यात्रा भत्ता प्रदान किया जाता है ?

जो शिल्पी 500 कि. मी. से अधिक दूरी से आते हैं उन्हें वर्ष में एक बार दूसरी श्रेणी का वास्तविक रेल किराया/बस किराया प्रदान किया जा रहा है | श्रम संबंधी संसदीय सिमिति की सिफारिश पर,100 कि. मी. दूरी से आने वाली शिल्पियों को यात्रा भत्तों का भुगतान आरम्भ करने पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है |

दिल्ली हाट के लिए आवंटन पॉलिसी क्या है ?

कारीगरों/बुनकरों को दिल्ली हाट में जगह समाचारपत्रों,विज्ञापनों में हमारे फील्ड कार्यालयों के साथ पंजीकृत कारीगरों/बुनकरों से आवेदन आमंत्रित करने वाले और पहचान पत्र धारकों के आधार पर ड्रा के माध्यम से प्रदान की जाती हैं |  कारीगर जिन्होंने दिल्ली हाट में छ: माह से अधिक समय से भाग नहीं लिया है वह ड्रा में भाग लेने के पात्र हैं |

सूरजकुंड शिल्प मेले की विशेषताएं क्या है ?

सूरजकुंड शिल्प मेला कारीगरों के लिए महत्वपूर्ण विपणन गतिविधि है | यह मेला प्रति वर्ष सूरजकुंड मेला प्राधिकरण दवारा 1 से 15 फरवरी तक आयोजित किया जाता है इस मेले में शिल्प गुरु/राष्ट्रीय पुरस्कृतों सहित लगभग 200 हस्तशिल्प कारीगरों को भाग लेकर अपने उत्पाद बेचने के लिए आमंत्रित किया जाता है |

हस्तशिल्प कारीगरों के कल्याण उपाय क्या है ?

 

हस्तशिल्प कारीगरों के व्यापक कल्याण उपाय निम्नलिखित है:-

  • जनश्री बीमा योजना जिसके तहत एक कारीगर केवल 40/-रुपये के वार्षिक प्रीमियम के भुगतान दवारा बीमा कवरेज प्राप्त कर सकता है | यह बीमा कवर प्राकृतिक मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु, आंशिक या सम्पूर्ण विकलांगता के लिए है | इसके अलावा बीमाकृत कारीगरों के दो बच्चों के लिए 300/-रूपये प्रति तिमाही की दर से नौवीं से बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रति बच्चे के लिए  स्कॉलरशिप भी दी जाती है |
  • राजीव गांधी शिल्पी स्वास्थ्य बीमा योजना जो एक स्वास्थ्य बीमा स्कीम है जिसमें एक कारीगर को केवल 200/-रूपये के वार्षिक प्रीमियम भुगतान दवारा 15,000/-रूपये का मेडिकल कवर और दुर्घटना कवर प्रदान किया जाता है | हालांकि यदि कारीगर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ बीपीएल/ पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंध रखता है तो उसका वार्षिक योगदान मात्र 100/- रूपये है | इस स्कीम का ब्यौरा वेबसाइट  handicrafts.nic.in पर उपलब्ध है |

डिजाइनर के रूप में पैनल में आने की क्या प्रक्रिया है ?

यदि डिजाइनर एनआईडी या निफ्ट का एल्यूमिनी है तो उसके लिए पैनल की औपचारिकता करना आवश्यक नहीं है | तथापि, अन्य सभी डिजाइनरों को डिजाइनर के रूप में पैनल में आने के लिए संबंधित क्षेत्रीय निदेशक को आवेदन करना आवश्यक है | हेंडीक्राफ्ट पैनल में आने के बाद यह डिजाइनर इस कार्यालय की योजना स्कीमों के तहत विभिन्न पात्र क्रियान्वयनकारी एजेंसियों को स्वीकृत डिजाइन संबंधी इंटरवेंशनों के क्रियान्वयन का कार्य कर सकते हैं |

क्या राष्ट्रीय पुरस्कारों/शिल्प गुरुओं तक पहुंचना संभव है ?

हां, सभी पुरस्कृतों का ब्यौरा वेबसाइट http://handicrafts.nic.in पर उपलब्ध है |

राष्ट्रीय पुरस्कृत / शिल्प गुरु पुरस्कृत तथा लाभ प्राप्त कर सकता है ?

यह पुरस्कृत विदेशों में आयोजित विभिन्न अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चयन के पात्र होते हैं

राष्ट्रीय पुरस्कृतों को प्रतिवर्ष सूरजकुंड मेला और दिल्ली हाट में आयोजित मास्टर क्रिएशन में आवंटन में प्राथमिकता दी जाती है |

कौशल उन्नयन कार्यक्रम का ब्यौरा क्या है ?

विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय योग्य और प्रशिक्षित कार्यबल उपलब्ध कराने, जो स्थापना एवं संवर्धित क्वालिटी के साथ मजबूत उत्पादन आधार तथा उचित तकनीक,प्रक्रिया और नूतन डिज़ाइनों में सक्षम हो, मानव संसाधन विकास स्कीम क्रियान्वित कर रहा है ताकि वर्तमान बाजार आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके |

 

स्त्रोत: वस्त्र मंत्रालय

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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