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राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) –अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

एनएसडीसी के विषय में

एनएसडीसी क्या है?

एनएसडीसी एक पहले की अपनी खास तरह भारत में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ रही भारतीय कार्यबल का कौशल का विकास और उन्नयन की सुविधा के लिए स्थापित किया हैसंगठन के प्रयासों का एक बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र में और भारत में असंगठित क्षेत्र में कौशल विकसित करने की दिशा में निर्देशित कर रहे हैं एनएसडीसी विशेष रूप से कौशल प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों के वित्तपोषण के द्वारा भारत में असंगठित क्षेत्र में, कौशल विकास के प्रयासों का समर्थन करता है यह भी अनुसंधान भारतीय कर्मचारियों की संख्या में कौशल अंतराल खोज, और मान्यता मानदंड विकसित करने में गहराई से, वकालत और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संलग्न है

क्यों एनएसडीसी की तरह एक संगठन की आवश्यकता है ?

भारत जैसे बढ़ती अर्थव्यवस्था के एक बड़े और कुशल कार्यबल की आवश्यकता है। हालांकि, गुणवत्ता प्रशिक्षकों और प्रशिक्षण संस्थानों की कमी के कारण विकास के लिए बाधाओं को बनाया गया है। कौशल की कमी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में स्पष्ट है। एनएसडीसी के लिए मांग बढ़ रही है , और धन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से क्षेत्रों में कुशल कर्मियों की दुर्लभ आपूर्ति के बीच की खाई को भरने का प्रयास है। हमारे प्राथमिक लक्ष्य कौशल प्रशिक्षण और विकास में निजी क्षेत्र और उद्योग की भागीदारी को बढ़ावा देना है।

एनएसडीसी क्षेत्र

एनएसडीसी किस क्षेत्र मे सेवा प्रदान करता है?

एनएसडीसी 21 उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और असंगठित क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हालांकि फोकस केवल इन क्षेत्रों तक सीमित नहीं है।

  • ऑटोमोबाइल / ऑटो घटक
  • इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर
  • कपड़ा और वस्त्र
  • चमड़ा और चमड़े के सामान
  • रसायन और दवाइयों (केमिकल्स और फार्मास्युटिकल्स)
  • रत्न और आभूषण
  • भवन और निर्माण
  • खाद्य प्रसंस्करण
  • हथकरघा और हस्तशिल्प
  • भवन निर्माण हार्डवेयर और घर के लिए आवश्यक अन्य सामान।
  • आईटी या सॉफ्टवेयर
  • आईटीईएस - बीपीओ
  • पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी और ट्रेवल
  • परिवहन/उपस्कर/भंडारण, और पैकेजिंग
  • संगठित रिटेल
  • रियल एस्टेट सर्विसेज
  • मीडिया, मनोरंजन, प्रसारण, विषय-वस्तु (कंटेंट) निर्माण, एनीमेशन
  • हेल्थकेयर
  • बैंकिंग/बीमा और वित्त
  • शिक्षा/कौशल विकास
  • असंगठित क्षेत्र।

 

एनएसडीसी कार्य

एनएसडीसी कैसे कार्य करता है?

कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एनएसडीसी एक लाभ नहीं अर्जित करने वाली कंपनी है। इसका इक्विटी आधार 10 करोड़ रुपये का है, जिसमें से निजी क्षेत्र  का हिस्सा 51% और शेष 49% का नियंत्रण भारत सरकार के अधीन है। इसप्रकार एनएसडीसी भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी का अपने तरह का अनूठा उदाहरण है। कॉर्पोरेशन ने एक श्रेणीबद्ध  संरचना का निर्माण किया है – जिसमें एक 14 सदस्यीय बोर्ड और राष्ट्रीय कौशल विकास कोष (एनएसडीएफ), एक 100% सरकार के स्वामित्व वाली ट्रस्ट जो एनएसडीसी के रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उसके समकालीन कार्य करती है।

एनएसडीसी का संचालन कौन करता है?

एनएसडीसी एक सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) वाली संस्था है, और इसका प्रबंधन अनुभवी पेशेवरों की एक टीम के द्वारा किया जाता है। इसके पास पेशेवरों की एक टीम है और सभी प्रकार का निर्णय लेने के लिए एक उचित प्रक्रिया का निर्माण किया गया है। एक श्रेणीबद्ध नीति-निर्माता संरचना-एक बोर्ड, बोर्ड उप समिति और कार्यकारी परिषद है – जो जो संगठन को रणनीति तैयार करने और इसे प्रभावी ढंग से संचालित करने में मदद करती है।

एनएसडीसी की क्या भूमिका है?

एनएसडीसी के प्रमुख भूमिकाओं में हैं-

  • अनुदान और प्रोत्साहन प्रदान करना
  • समर्थन सेवाओं को सक्षम बनाना
  • आकार देना/निर्माण करना

 

निधीकरण से जुड़े प्रश्न

मैं कौशल विकास पहल के लिए एनएसडीसी से आर्थिक सहायता कैसे प्राप्त कर सकता हूँ?

एनएसडीसी समय-समय पर चयनित क्षेत्रों (क्षेत्रों / उपयोगिताओं) से प्रस्ताव मंगाता है। वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए, एक संस्था को एक प्रस्ताव की मांग पर अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। निजी कंपनियों, औद्यौगिक निकायों, उद्यमियों और एनजीओ से  एक निर्धारित खाके में प्रस्ताव आमंत्रित किया जाता है।

एक बार संस्था से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद, इसे अच्छी तरह से विश्लेषित किया जाता है। इसे संगठन के मूल्यांकन के आधार पर वित्त पोषण के लिए स्वीकार किया जाएगा, जो एनएसडीसी बोर्ड द्वारा मंजूरी के अधीन होगा।

वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने के बाद एनएसडीसी निधि के उपयोग, परियोजना के प्रगति और कौशल विकास पर इसके प्रभाव की निरंतर निगरानी करेगी।

प्रस्ताव के मूल्यांकन की प्रक्रिया क्या है?

एक प्रस्ताव मिलने के बाद, एनएसडीसी चरणबद्ध और विस्तृत डिलिजेंस प्रक्रिया अपनायेगी।

मापदंड के लिए पूर्व से निर्धारित समूह (सेट) के अनुसार विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। अन्य बातों के साथ, प्रस्तावों का मूल्यांकन निम्नलिखित दिशा-निर्देशों के आलोक में किया जाता है-

मध्यम से दीर्घकालिक व्यापार मॉडल की स्थिरता

भावी नियोक्ताओं, राज्य सरकारों और वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी ।

प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए मानदंड

प्रस्तावों पर विचार करने के लिए क्या मापदंड हैं?

एनएसडीसी अपर्याप्त कौशल समूह वाले क्षेत्र, या  विशाल अतृप्त आवश्यकताओं वाले छात्र आबादी वाले प्रस्तावों को ढूढ़ता है और विशाल पैमाने पर, उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण संस्थानों पर ध्यान केंद्रित करता है।

तकनीक और नवाचार

एनएसडीसी कौशल विकास के क्रम में अभिनव मॉडल के विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है। इसलिए, वैसे प्रस्तावों जिसमें एक अग्रणी व्यापार की योजना भी शामिल होती है और जिसका कौशल विकास पर एक "गुणक" प्रभाव हो सकता है और/या जिसमें प्रशिक्षुओं के लिए कौशल विकास को हस्तांतरित करने की अनोखी तकनीक संलग्न होती है, उदाहरण के लिए सिमुलेशन प्रौद्योगिकी का अध्यापन, उसकी (वैसे प्रस्तावों की) मांग सक्रिय रूप से की जाती है।

मौजूदा बुनियादी सुविधाओं का उपयोग

वैसे प्रस्ताव जो परिचालनगत योजनाओं को अभिनियोजित करते है जिसमें मौजूदा बुनियादी सुविधाओं के उपयोग पर बल देता है, उसे प्रोत्साहित किया जाता है। इसलिए, वैसे प्रस्ताव जो पहले से विद्यमान किसी भी प्रशिक्षण केन्द्रों के साथ साझेदारी करना चाहता है, जैसे आईटीआई और आईटीसी, उस पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

इसके अतिरिक्त, संस्था प्रस्तावों का मूल्यांकन करते समय निम्नलिखित दिशानिर्देशों पर विचार करती है-

प्रस्ताव को एक सेक्टर/क्षेत्र में प्राथमिकता के साथ सबसे महत्वपूर्ण कौशल विकास की खाई की पहचान करना और लक्ष्य बनाना चाहिए।

इसका लक्ष्य प्राथमिक लक्षित वर्ग के महत्त्व भाग को कवर करने का होना चाहिए।

प्रस्ताव को परियोजना के 100% वित्तपोषण की आशा एनएसडीसी से नहीं करनी चाहिए

इसे मुख्य रूप से एनएसडीसी से आशा नहीं करनी चाहिए कि वह अनुदान के रूप में सम्पूर्ण राशि प्रदान करेगी

प्रस्ताव को प्राथमिकता के साथ योजना आयोग द्वारा पहचान किये गए  निम्नलिखित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों से होना चाहिए-

  • उद्योग
  • ऑटोमोबाइल / ऑटो घटक
  • इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर
  • कपड़ा और वस्त्र
  • चमड़ा और चमड़े के सामान
  • रसायन और दवाइयों (केमिकल्स और फार्मास्युटिकल्स)
  • रत्न और आभूषण
  • भवन और निर्माण
  • खाद्य प्रसंस्करण
  • हथकरघा और हस्तशिल्प
  • भवन निर्माण हार्डवेयर और घर के लिए आवश्यक अन्य सामान।
  • सेवाएं (सर्विसेज)
  • परिवहन/उपस्कर/भंडारण, और पैकेजिंग
  • संगठित रिटेल
  • रियल एस्टेट सर्विसेज
  • मीडिया, मनोरंजन, प्रसारण, विषय-वस्तु (कंटेंट) निर्माण, एनीमेशन
  • हेल्थकेयर
  • बैंकिंग/बीमा और वित्त
  • शिक्षा/कौशल विकास।

कौन सी संस्थाएं वित्त पोषण के लिए योग्य हैं?

वित्तपोषण के लिए पात्र संस्थाओं की सांकेतिक सूची निम्नलिखित है-

  • उद्योग
  • प्रशिक्षण एवं कौशल विकास संगठन
  • गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ)
  • व्यापार संघों
  • सामाजिक उद्यमी

एनएसडीसी से प्राप्त धनराशि का उपयोग कहाँ किया जाना चाहिए?

एनएसडीसी से प्राप्त धनराशि का उपयोग भूमि अधिग्रहण और/या भवनों के निर्माण के लिए नहीं किया जा सकता है। एनएसडीसी मौजूदा बुनियादी सुविधाओं के उपयोग को बढ़ावा देता है और प्रशिक्षण और चाहती है कि उपलब्ध कराई गई निधियों का उपयोग एकमात्र कौशल विकास से संबंधित व्यय को पूरा करने के लिए किया जाये।

उद्यमी से जुड़ी प्रश्न

मैं एक उद्यमी हूँ। क्या मैं अनुदान प्राप्त करने के योग्य हूँ?

हाँ। यदपि, आपको प्राप्त होने वाला अनुदान आपके प्रस्ताव की गुणवत्ता पर निर्भर करेगी। वित्त पोषण के लिए छह मापदण्डों के आधार पर विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा -

  1. विशिष्ट कौशलों के लिए रोजगार प्रदाता की मांग का दृष्टिकोण
  2. एनएसडीसी के ध्येय के साथ संरेखण
  3. पूरी योजना और प्रतिदर्श की दृढ़ता
  4. साझेदारी से लाभ की क्षमता
  5. वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की क्षमता
  6. प्रबंधन क्षमता की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता

 

एनएसडीसी कैसे हमारे कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में मदद करता है?

एनएसडीसी सीधे किसी भी प्रशिक्षण या कौशल विकास उपायों का संचालन नहीं करता। हालाँकि, हम कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए वित्तपोषण प्रदान करते हुए प्रक्रिया को आगे बढ़ायेंगे, उसे समर्थन प्रदान करेंगे और समन्वय में मदद करेंगे।

एनएसडीसी किस प्रकार का सहयोग हमारी संस्था को उपलब्ध करा सकता है?

प्रस्तावों की प्रकृति के अनुसार एनएसडीसी ऋण या इक्विटी के माध्यम अनुदान प्रदान करता है। प्रस्तावों का विस्तार से अध्ययन करने के बाद नियमों और शर्तों को और आगे परिभाषित किया जायेगा।

प्रशिक्षण संस्थानों से जुड़े प्रश्न

क्या हम एनएसडीसी प्रशिक्षण के साथ अपना मौजूदा प्रशिक्षण मॉड्यूल को एकीकृत कर सकते हैं?

मौजूदा प्रशिक्षण कार्य को पृथक रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है। यदपि, इसे एनएसडीसी प्रशिक्षण के साथ एकीकृत करने के लिए, आपको आपको क्यूपी/एनओएस के अनुसार मॉड्यूल को संरेखित करने की आवश्यकता होगी और संबंधित एसएससीएस के दिशानिर्देश अनुसार प्रशिक्षण दिशानिर्देशों को भी पूरा करना होगा। मौजूदा क्यूपी/एनओएस के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें राष्ट्रीय कौशल विकास कोष-एनओएस

एनएसडीसी किस प्रकार का सहयोग हमारी संस्था को उपलब्ध करा सकता है?

प्रस्तावों की प्रकृति के अनुसार एनएसडीसी ऋण या इक्विटी के माध्यम अनुदान प्रदान करता है। प्रस्तावों का विस्तार से अध्ययन करने के बाद नियमों और शर्तों को और आगे परिभाषित किया जायेगा।

मैं एक कौशल प्रशिक्षण संस्थान हूँ। क्या मैं वित्त पोषण के योग्य हूँ?

वित्त पोषण प्रस्ताव की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। वित्त पोषण के मापदंडो के बारे में जानें –

  1. विशिष्ट कौशलों के लिए रोजगार प्रदाता की मांग का दृष्टिकोण
  2. एनएसडीसी के ध्येय के साथ संरेखण
  3. पूरी योजना और प्रतिदर्श की दृढ़ता
  4. साझेदारी से लाभ की क्षमता
  5. वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की क्षमता
  6. प्रबंधन क्षमता की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता

अन्य जानकारी

भारत में कौशल प्रशिक्षण को सफल उपक्रम के रूप में परिणत करने के लिए एनएसडीसी क्या उपाय कर रही है?

एनएसडीसी ने कौशल क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों में से कुछ की पहचान की है और विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर उन्हें सुलझाने की दिशा में काम कर रहा है-

छात्र संघटन

यह उन महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है जिनका हमारे भागीदारी वर्तमान में सामना कर रहे हैं/ यह सबसे बड़ी समस्या है जिसका सामना वर्तमान समय में हमारे हितधारकों को करना पड़ रहा है। यह समस्या दो मुख्य कारणों से उत्पन्न हुई है, जो है भुगतान करने की क्षमता और छात्रों की इच्छा।

भुगतान करने की क्षमता

छात्रों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करने के लिए एनएसडीसी ने विभिन्न बैंकों के साथ गठबंधन स्थापित किया है। जीओआई ने दिनांक 16 अगस्त 2013 को स्टार (स्टैण्डर्ड ट्रैन अस्सेस्स् और रिवॉर्ड) योजना की शुरूआत की। योजना उन छात्रों को औसत रूप से रूपये 10,000 की वित्तीय पुरस्कार प्रदान करेगी जो कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे और एसएससी द्वारा नियुक्त एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा मूल्यांकन के बाद एक प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे।

इच्छा

एनएसडीसी ने एक मार्केटिंग (विपणन) अभियान की शुरूआत हमारे देश के युवाओं के बीच कौशल प्रशिक्षण को महत्वाकांक्षी बनाने के उद्देश्य से की है। इस कार्य के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान आरम्भ किया गया है। इसके अतिरिक्त हम अन्य विकल्पों जैसे आउटडोर कैंपेनिंग, मोबाइल एसएमएस पर भी गंभीरता से विचार कर रहे है ताकि अपने लक्षित समूहों तक पहुँच बना सके।

सूचना की कमी

इसके साथ ही एनएसडीसी सम्पूर्ण देश में कौशल में अंतर का पता लगाने के लिए जिला-स्तरीय अध्ययन भी कर रही है। देश भर के 27 राज्यों में अध्ययन का कार्य पूरा कर लिया गया है और बाकी 2 राज्यों में अध्ययन का कार्य प्रगति में है। इसके साथ ही हम संशोधित रूप से क्षेत्रवार कौशल अंतर अध्ययन भी कर रहे है, ताकि बदलते आर्थिक परिवेश में कमियों की पहचान की जा सके। इसके अलावे अवसरों के बारे में युवाओं को सूचित करने की विधियों की भी पहचान की जा रही और उसे शीघ्र ही आरंभ किया जायेगा।

मानक एवं गुणवत्ता

एसएससी ने लगभग 20 विभिन्न क्षेत्रों में 2027 राष्ट्रीय व्यवसायिक मानकों के माध्यम से 742 प्रकार के नौकरियों को मानकीकृत किया है। और अधिक प्रक्रिया में है। इससे सम्पूर्ण देश में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मानकीकृत करने और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

नियोक्ताओं के साथ जुड़ाव

एनएसडीसी सक्रिय रूप से नियोक्ताओं के साथ सहयोग करते हुए कौशल की पहचान कर कुशल श्रमशक्ति को प्रोत्साहन प्रदान करता हैं।

नवाचार (इनोवेशन)

एनएसडीसी कौशल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए विभिन्न नवीन मॉडलों पर कार्य कर रहा है। विभिन्न प्रकार के तकनीकी हस्तक्षेप जैसे सिम्युलेटर, उपग्रह प्रशिक्षण केन्द्र आदि गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए लागत को कम करने में मदद करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

उपरोक्त के अतिरिक्त, एनएसडीसी अन्य देशों में अपने समकक्षों के साथ सहयोग में संलग्न है, अर्थात जर्मनी, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में, ताकि सभी सम्पूर्ण विश्व के कौशल से सम्बंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया जा सके।

क्यों एनएसडीसी की तरह एक संगठन की आवश्यकता है ?

भारत जैसे बढ़ती अर्थव्यवस्था के एक बड़े और कुशल कार्यबल की आवश्यकता है। हालांकि, गुणवत्ता प्रशिक्षकों और प्रशिक्षण संस्थानों की कमी के कारण विकास के लिए बाधाओं को बनाया गया है। कौशल की कमी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में स्पष्ट है। एनएसडीसी के लिए मांग बढ़ रही है , और धन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से क्षेत्रों में कुशल कर्मियों की दुर्लभ आपूर्ति के बीच की खाई को भरने का प्रयास है। हमारे प्राथमिक लक्ष्य कौशल प्रशिक्षण और विकास में निजी क्षेत्र और उद्योग की भागीदारी को बढ़ावा देना है।

मैं एनएसडीसी के बारे में और अधिक जानकारी कहां से प्राप्त कर सकता हूँ?

एनएसडीसी की सेवाओं तथा इसके संगठनात्मक संरचना, जैसे: एनएसडीसी के बारे में, हमारी भूमिका, हमारे कार्य आदि, के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक में देखें -

राष्ट्रीय कौशल विकास कोष (एनएसडीएफ) और अधिक जानकारी के लिए कृपया proposals@nsdcindia.org पर एक ईमेल भेजें।

एनएसडीसी क्या है और इसका गठन क्यों किया गया था?

एनएसडीसी एक सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) वाली अपने प्रकार की एक अद्वितीय संस्था है, जिसकी स्थापना कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ रही भारतीय कार्यबल (श्रमशक्ति) के कौशल का विकास और उन्नयन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से किया गया था। एनएसडीसी की स्थापना वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान कौशल विकास में निजी क्षेत्र की पहल को बढ़ावा देते हुए वर्ष 2022 तक 150 लोगों को प्रशिक्षित करने के एकल लक्ष्य के साथ किया गया था। यह नेशनल स्किलिंग मिशन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2022 तक 500 मिलियन लोगों को कुशल बनाना है। एनएसडीसी के कार्यक्षेत्र (स्कोप) से बाहर 350 मिलियन को 19 केंद्रीय मंत्रालयों अर्थात श्रम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय आदि के द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। अब तक का राष्ट्रीय मिशन के सबसे बड़े हिस्से को वर्तमान समय में एनएसडीसी के द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। एनएसडीसी के कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदान किया गया कौशल का प्रशिक्षण व्यक्ति को उसके पसंद के कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त करने में मदद करता है और इसप्रकारउद्योग में उसके रोजगार प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है। सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान के बीच की खाई को पाटना हमारे लिए अनिवार्य है।

एनएसडीसी कैसे कार्य करता है?

कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एनएसडीसी एक लाभ नहीं अर्जित करने वाली कंपनी है। इसका इक्विटी आधार 10 करोड़ रुपये का है, जिसमें से निजी क्षेत्र का हिस्सा 51% और शेष 49% का नियंत्रण भारत सरकार के अधीन है। इस प्रकार एनएसडीसी भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी का अपने तरह का अनूठा उदाहरण है।

कॉर्पोरेशन ने एक श्रेणीबद्ध संरचना का निर्माण किया है – जिसमें एक 14 सदस्यीय बोर्ड और राष्ट्रीय कौशल विकास कोष (एनएसडीएफ), एक 100% सरकार के स्वामित्व वाली ट्रस्ट है, जो एनएसडीसी के रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उसके समकालीन कार्य करती है।

एनएसडीसी ने कौशल को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ काम करने का निर्णय क्यों किया है?

एनएसडीसी एक बहुत ही अनोखी मॉडल और अपनी तरह का एक नया प्रयोग है और जिसके माध्यम से हम एक कुशल राष्ट्र के निर्माण की उम्मीद करते हैं। कौशल, अतीत में हमेशा सरकार का विशेषाधिकार रही है। वर्ष 2009 से हमने इसे मांग पक्ष की ओर से भी देखना शुरू कर दिया है।एक सार्वजनिक निजी साझेदारी के निर्माण के द्वारा, जिसमें निजी क्षेत्र के द्वारा बड़ी हिस्सेदारी को प्रोत्साहित करते हुए हमने एक अधिक स्थाई मॉडल का निर्माण करने में सफल रहे हैं। यह एक तरह से एक अच्छा चक्र में है। अच्छी गुणवत्ता वाले कौशल की मांग उद्योग में हमेशा रहेगी और अच्छी गुणवत्ता की प्राप्ती एक निश्चित मूल्य देकर ही प्राप्त ही की जा सकती है और उस मूल्य को पर्याप्त रूप से बेहतर होना चाहिए ताकि कौशलप्रदान करने वाली संस्था काफी लंबे समय तक अपने अस्तित्व को बनाए रखने में सफल हो सके। यह अच्छा (नेक) चक्र एक सम्पूर्ण नए वृताकार प्रक्रिया में तब परिवर्तित जब नियोक्ता कुशल कर्मचारियों की भर्ती करने में निहित दीर्घकालिक मूल्यों को देखना शुरू करेंगे और एनएसडीसी द्वारा ब्रांडेड जनशक्ति (कार्यबल) को भर्ती करने में जोर देंगे।

कौशल में सुधार करना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

देश में पर्याप्त संख्या में कुशल लोगों का होना न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भविष्य में भारत के आर्थिक विकास के लिए अतिआवश्यक है। वर्ष 2025 तक भारत की जनसंख्या के चीन की जनसंख्या से अधिक होने का अनुमान व्यक्त किया गया है, इस प्रकार भारत विश्व का सर्वाधिक आबादीवाला देश हो जायेगा। यदि आज आप औद्योगिक क्रांति के बाद से सम्पूर्ण विश्व के आर्थिक विकास पर नजर डालें तो आप देखेंगे कि प्रौद्योगिकी और उपभोग की पद्धति के संदर्भ में समानता का एक निश्चित स्तर प्राप्त किया जा रहा है।

पर्याप्त कुशल मानवशक्ति की आपूर्ति भविष्य में किसी देश का भविष्य बनाने और बिगाड़ने का कार्य करेगी। हमने विभिन्न प्रकार के 20 तेजी से विकास कर रहे क्षेत्रों के लिए कौशल अंतराल का अध्ययन किया है जिसे भारत के आर्थिक कल्याण के लिए अतिमहत्वपूर्ण समझा जाता है। इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में हम कुशल जनशक्ति के लिए भारी मांग में निरंतर वृद्धि की आशा करते है। ये सभी क्षेत्रों - विनिर्माण, सेवा और कृषि – को कुशल श्रमशक्ति की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जिसका समाधान रातोंरात नहीं किया जा सकता है।

एनएसडीसी स्टार स्कीम (योजना) द्वारा किये गए कार्यों की व्याख्या करें।

राष्ट्रीय कौशल प्रमाणन और मौद्रिक पुरस्कार योजना, जिसे स्टार (STAR) के रूप में ब्रांडेड किया गया है, जिसका लक्ष्य देश भर के लगभग 10 लाख युवा लोगों को स्वैच्छिक रूप से स्किलिंग कार्यक्रम से जोड़ने का है। इस योजना की घोषणा सबसे पहले वित्त मंत्री के द्वारा अपने बजट भाषण में वर्ष 2013 में रूपये 1,000 करोड के आवंटन के साथ की गई थी, जिसकी उन्होंने आगे दिनांक 16 अगस्त 2013 को शुरूआत की। योजना को प्रायोगिक तौर (पायलट मोड) में एक महीने तक चलाया गया और उसके बाद सम्पूर्ण भारत में इसकी शुरूआत 16 सितम्बर 2013 को की गई।

स्टार योजना विषय-वस्तु आधारित पाठ्यक्रम से परिणाम आधारित पाठ्यक्रम में बदलाव को बढ़ावा दे रहा है जो उद्योग द्वारा तैयार किये गए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों के अनुरूप है। इस योजना का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में शुरूआती स्तर के 80% कर्मचारियों की संख्या को प्रशिक्षित अर्थात कुशल बनाना है, ताकि कुशल लोगों की कमी को पूरा किया जा सके, और आरंभ में एनएसक्यूएफ में स्तर 1 से 4 तक बाजार में उच्च मांग वाली नौकरी की भूमिकाओं की सीमित संख्या को कवर करेगी।  वर्तमान समय में, 16 सेक्टर स्किल कॉउंसिल  (सेक्टर कौशल परिषदों) (कृषि, ऑटोमोटिव, बीएफएसआई, पूंजीगत वस्तु, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न एवं आभूषण, स्वास्थ्य, आईटी आईटीईएस, मीडिया और मनोरंजन, चमड़ा, पाइपलाइन, रबड़, रिटेल, सुरक्षा, दूरसंचार) के अंतर्गत कुल 204 नौकरियों की भूमिकायें योजना का हिस्सा हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया नीचे दी गयी वेबसाइट विजिट करें।

एनएसडीसी ने 2022 तक 150 मिलियन लोगों की कुशल बनाने की योजना कैसे बनाई है?

लगभग 150 करोड़ का लक्ष्य निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती है। यदपि, यह एक असंभव कार्य नहीं है। हमारे मिशन, जिसे 2009 में शुरू किया गया, उसके पहले चार से पांच साल के दौरान स्किलिंग क्षमता का निर्माण करना है। एनएसडीसी पर हमने लाभप्रद कौशल पारिस्थिति की तंत्र को स्थायी बनाने के लिए एक भिन्न मार्ग का चयन किया है, जहाँ निजी उद्यमी कौशल प्रदान करने वाले केंद्रों की स्थापना के लिए आगे आ रहे हैं। उस अर्थ में हम एक कोष प्रबंधक के समान है, और सॉफ्ट लोन (आसान ऋण) प्रदान करते और कुछ मामलों में इस पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए इक्विटी भी उपलब्ध कराते है। इसके पीछे व्यापक विचार उद्यमियों को काफी उचित शर्तों पर ऋण के रूप में पर्याप्त वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना है ताकि वे कौशल के कारोबार में निवेश कर सके। अपने परिचालन के प्रथम तीन वर्षों के दौरान, एनएसडीसी बोर्ड ने 129 स्किलिंग उपक्रमों को स्वीकृति प्रदान करते हुए अगले 10 वर्षों के दौरान लगभग 78 मिलियन लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 31 मार्च तक, एनएसडीसी के साझेदारों ने लगभग 2 मिलियन लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया था। हमें वित्तीय वर्ष 14-15 के दौरान लगभग 3.3 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।

प्रशिक्षण प्रदान करने और कौशल के विकास करने में एनएसडीसी द्वारा केंद्रित क्षेत्र कौन-कौन से है?

एनएसडीसी 20 उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और असंगठित क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यदपि हमारा ध्यान केवल इन्ही क्षेत्रों में तक सीमित नहीं है।

  • ऑटोमोबाइल / ऑटो के कलपुर्जे
  • इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर
  • टेक्सटाइल और गारमेंट
  • चमड़ा और चमड़े के सामान
  • रसायन और दवाएं
  • रत्न एवं आभूषण
  • भवन निर्माण
  • खाद्य प्रसंस्करण
  • हथकरघा और हस्तशिल्प
  • बिल्डिंग हार्डवेयर और घर सजाने का सामान
  • आईटी या सॉफ्टवेयर
  • आईटीईएस- बीपीओ
  • पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी और यात्रा (ट्रेवल)
  • परिवहन / लॉजिस्टिक्स / भंडारण (वेयरहाउसिंग) और पैकेजिंग
  • संगठित रिटेल
  • रियल एस्टेट
  • मीडिया, मनोरंजन, प्रसारण, सामग्री निर्माण, एनीमेशन
  • हेल्थकेयर
  • बैंकिंग / बीमा और वित्त
  • शिक्षा / कौशल विकास
  • असंगठित क्षेत्र

 

कौशल के लिए विकास कार्यक्रमों की उपलब्धता एक बड़ी बाधा बनी हुई है। आप सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता का निर्माण कैसे कर रहे हैं?

हमारी पहुँच के तीन उप भाग हैं। जिसमे पहला जागरूकता है दूसरा भौतिक उपलब्धता जो प्रशिक्षुओं को एक नए कौशल प्राप्त करने के लिए बहुत दूर की यात्रा करने के लिए मजबूर नहीं करेगी और अंत में आर्थिक व्यय को वहन करने की क्षमता।

वर्तमान में हम एक देशव्यापी जागरूकता अभियान का संचालन कर रहे हैं जो व्यवहारिक रूप से सभी प्रकार की मीडिया- प्रिंट टीवी, सोशल मीडिया, रेडियो आदि, को स्पर्श कर रही है। इन सभी कार्यों को विभिन्न चरणों में पूरा किया जा रहा है। हमारे पास एक अद्वितीय हेल्पलाइन नंबर भी है – 088000-55555 – जिस पर कॉल कर प्रशिक्षु देश भर में के 350 + जिलों में मौजूद 2800 प्रशिक्षण केन्द्रों पर उपलब्ध विभिन्न कौशल कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

स्टार योजना के अतिरिक्त, जो कौशल प्राप्त करने वले लोगों को प्रोत्साहित करता है, कौशल-प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए युवाओं को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए हमने कई बैंकों और माइक्रो फाइनेंसिंग संगठनों के साथ गठबंधन किया है।

स्रोत: राष्ट्रीय कौशल विकास कोष (एनएसडीएफ)

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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