भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया है, की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2015 के भाषण में की गयी थी। ये मोदी सरकार द्वारा देश के युवाओं की मदद करने के लिये एक प्रभावी योजना है। ये पहल युवाओं को उद्योगपति और उद्यमी बनने का अवसर प्रदान करने के लिये भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी है जिसके लिये एक स्टार्ट-अप नेटवर्क को स्थापित करने की आवश्यकता है। स्टार्ट-अप का अर्थ, देश के युवाओं को बैंको के माध्यम से वित्त प्रदान करना जिससे उनकी शुरुआत बेहतर मजबूती के साथ हो ताकि वो भारत में अधिक रोजगार सृजन कर सके।
स्टार्ट-अप योजना को प्राप्त करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने इसका एक्शन पालन या कार्ययोजना को दर्शाया है जो कि के उद्देश्य स्टार्ट-अप योजना के सभी पहलुओं को समाहित करता है I सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी पहलुओं को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।
स्टार्ट-अप एक्शन प्लान मुख्य रूप से इन तीन बृहद भागों में विभाजित है:-
स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।
इकाई पहले से अस्तित्व में व्यापार के विखंडन /पुनर्निर्माण द्वारा गठित नहीं की गई हो।
इकाई एक स्टार्टअप के तौर पर नहीं मानी जाएगी यदि पिछले वित्तिय वर्ष में उसका कारोबार 25 करोड़ रुपये से अधिक हो या उसने गठन की तिथि से 5 वर्ष पूरा कर लिया हो।
स्टार्टअप अंतर मंत्रालयी बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद कर लाभ के लिए योग्य होगा।
स्व-प्रमाणन पर आधारित अनुपालन व्यवस्था
इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स पर नियामक का बोझ कम करना है ताकि वे अपने मुख्य कारोबार पर ध्यान केंद्रित कर सकें और अनुपालन की लागत कम रख सकें। नियामक व्यवस्थायें इस प्रकार और सरल एवं लचीली होंगी तथा निरीक्षण और अधिक सार्थक एवं सरल होगा।
स्टार्टअप इंडिया हब
पूरे स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक संपर्क स्थान का निर्माण जिससे ज्ञान का आदान-प्रदान एवं वित्त पोषण हो सकें। सरकार मुख्य हितधारक होगी एवं केंद्र तथा राज्य सरकारों, भारतीय और विदेशी पूंजीपतियों, एंजेल नेटवर्क, बैंकों, इन्क्यूबेटरों, कानूनी भागीदारों, सलाहकारों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी।
मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल का रॉल आउट करना
सरकार और नियामक संस्थानों के साथ स्टार्टअप्स के लिए एक इंटरैक्टिव मंच के रूप में कार्य करेगा। 1 अप्रैल, 2016 से यह सभी प्रमुख मोबाइल / स्मार्ट डिवाइस प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
कानूनी सहायता और कम दर पर पर तेजी से पेटेंट परीक्षण
बौद्धिक संपदा अधिकार को बढ़ावा देने और जागरूकता लाने एवं नये स्टार्टअप्स के सतत विकास और तरक्की को सुनिश्चित करने के लिए, यह योजना पेटेंट दाखिल करने के कार्य को आसान कर देगा।
स्टार्टअप्स के लिए सार्वजनिक खरीद के शिथिलीकृत मानदंड
इसका उद्देश्य अनुभवी कंपनियों की तुलना में स्टार्टअप्स के लिए समान अवसर प्रदान करना है। सरकार या सार्वजनिक उपक्रमों के द्वारा जारी निविदाओं के मामले में गुणवत्ता मानकों में छूट के बिना स्टार्टअप्स को 'पूर्वानुभव/ टर्नओवर' के मानदंडों में छूट दी जाएगी।
स्टार्टअप्स के लिए त्वरित निकासी
यह कार्य योजना स्टार्टअप्स के लिए असफलता की स्थिति में संचालन को बंद करने में आसानी प्रदान करेगा। स्टार्टअप्स के लिए एक इंसोल्वेंसी प्रोफेशनल प्रदान किया जाएगा जो छह महीने के समय में लेनदारों के भुगतान के लिए कंपनी की आस्तियों को बेचने का प्रभारी होगा। यह प्रक्रिया सीमित देयता की अवधारणा को स्वीकार करेगी।
स्टार्टअप्स के लिए धन की व्यवस्था
सरकार प्रति वर्ष 2500 करोड़ रुपये की एक प्रारंभिक निधि और 4 साल की अवधि में कुल 10,000 करोड़ रुपये की निधि की स्थापना करेगी।
स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी
स्टार्टअप्स के लिए वेंचर ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकों और अन्य उधारदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए, राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (NCGTC) के माध्यम से क्रेडिट गारंटी तंत्र / सिडबी द्वारा प्रति वर्ष 500 करोड़ के बजट का प्रावधान अगले चार साल के लिए करने का विचार किया जा रहा है।
कैपिटल गेन पर कर में छूट
स्टार्टअप्स में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार उनको कैपिटल गेन में छूट देगी जिनको वर्ष के दौरान पूंजीगत लाभ हुआ है और जिन्होंनें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त फंड ऑफ फंड्स में इस तरह के पूंजीगत लाभ का निवेश किया है ।
स्टार्टअप्स को तीन वर्ष के लिए टैक्स छूट
भारत में स्टार्टअप्स की कार्यशील पूंजी आवश्यकता को संबोधित करने, विकास को प्रोत्साहित करने और उन्हें एक प्रतियोगी मंच प्रदान करने के लिए स्टार्टअप्स के मुनाफे को 3 वर्ष की अवधि के लिए कर से मुक्त रखा जाएगा।
उचित बाजार मूल्य पर निवेश में टैक्स छूट
स्टार्टअप्स में इन्क्यूबेटरों द्वारा निवेश पर निवेश कर से मुक्त रखा जाएगा।
अभिनव नई खोज के प्रदर्शन एवं सहयोग मंच प्रदान करने के लिए स्टार्टअप उत्सवों का आयोजन -
भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार नें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप उत्सव शुरू करने का प्रस्ताव किया है। यह संभावित निवेशकों, परामर्शदाताओं और साथी स्टार्टअप्स को सम्मिलित करते हुए एक व्यापक जन समुदाय के समक्ष उनके काम और विचारों का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच होगा।
अटल अभिनव मिशन (एआईएम) का स्व रोजगार और प्रतिभा उपयोग (सेतु) प्रोग्राम के साथ लॉन्च -
यह विशेष रूप से प्रौद्योगिकी संचालित क्षेत्रों में विश्व स्तर के नवाचार हब, भव्य चुनौतियां, स्टार्टअप कारोबार और अन्य स्वरोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
इनक्यूबेटर सेटअप के लिए निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता का उपयोग
सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी में देश भर में इन्क्यूबेटरों की स्थापना के लिए एक नीति और ढांचे का निर्माण करेगा।
राष्ट्रीय संस्थानों में अभिनव केंद्रों की स्थापना
देश में अनुसंधान एवं विकास के प्रयासों में वृद्धि के लिए सरकार राष्ट्रीय संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता के 31 केन्द्रों की स्थापना करेगी। छात्रों द्वारा स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए 13 केन्द्रों को 50 लाख रुपये की वार्षिक वित्त सहायता 3 साल के लिए प्रदान की जायेगी।
आई आई टी मद्रास में स्थापित अनुसंधान पार्क की तर्ज पर 7 नये अनुसंधान पार्कों की स्थापना -
शिक्षाविदों और उद्योग के संयुक्त अनुसंधान एवं विकास के प्रयासों के माध्यम से सफल नवाचारों का विकास करने के लिए सरकार 100 करोड़ रुपये प्रति संस्थान के आरंभिक निवेश के साथ संस्थानों में 7 नए अनुसंधान पार्क की स्थापना करेगी। ये अनुसंधान पार्क आई आई टी मद्रास में स्थापित अनुसंधान पार्क की तर्ज पर होंगे।
जैव प्रौद्योगिकी सेक्टर में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना
भारत में जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र एक मजबूत विकास के पथ पर है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग वर्ष 2020 तक 2000 स्टार्टाअप्स की स्थापना करने के लिए प्रति वर्ष करीब 300-500 नये स्टार्टअप्स की स्थापना के लिए प्रयासरत है।
छात्रों के लिए अभिनव केंद्रित कार्यक्रमों की शुरुआत
सरकार युवा छात्रों के बीच अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगी और इसके लिए कार्यक्र्मों जैसे अभिनव कोर, निधि (एक भव्य चुनौती कार्यक्र्म), उच्चतर आविष्कार योजना आदि की शुरुआत की है। शुरुआत में ये योजनायें केवल आईआईटी के लिए लागू होंगी और प्रत्येक परियोजना 5 करोड़ रुपये तक की हो सकती है।
वार्षिक इनक्यूबेटर ग्रैंड चैलेंज
इन्क्यूबेटर्स एक प्रभावी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने के लिए प्रारंभिक चरण में स्टार्टअप्स की पहचान करने और उन्हें अपने जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार पहले चरण में विश्व स्तर के इन्क्यूबेटरों के निर्माण की दिशा में निवेश करने का प्रस्ताव कर रही है। शुरुआती लक्ष्य ऐसे 10 इन्क्यूबेटरों की स्थापना करना है। इसके लिए सरकार विश्व स्तरीय बनने के लायक 10 संभावित इन्क्यूबेटरों की पहचान करेगी। इनमें से प्रत्येक को वित्तीय सहायता के रूप में 10 करोड़ रुपये दिये जायेंगे और ये इस तरह के अन्य इन्क्यूबेटरों के लिए संदर्भ मॉडल बनेंगे। इसके बाद इनको स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। ऐसे इन्क्यूबेटरों की पहचान के लिए ग्रैंड चैलेंज प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी और इसे वार्षिक रुप से जारी रखा जाएगा।
स्रोत: स्टार्टअप इंडिया
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किसी पी.जी.शैक्षिणक संस्थान स्थापित इनक्यूबेटर का अनुशंसा पत्र प्रारूप
भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी इनक्यूबेटर का अनुशंसा पत्र प्रारूप
भारत/राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त इनक्यूबेटर का पत्र प्रारूप
अंतिम बार संशोधित : 3/13/2023
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