पंचायत समिति ने चेक डैम की निर्मिती कर रोधक बांधो के निर्माण में असाधारण सफलता प्राप्त की है | इन रोकबाँधो को बनाने से पहले, हर साल रबी मौसम में 200 एकर जमीन आकृषित रह जाती है | किन्तु इन रोकबांधों के निर्माण के बाद, 200 एकरो को जलसिंचत प्राप्त हुआ | पंचायत समिति नियमित रूप से विभिन्न जगहों पर किसानों की सभाओं का आयोजन करती है, जिस से लोगो को रोकबाँधो की निर्मिती में जानकारी मिले और उन का पानी बचाने के बारे में प्रबोधन किया जा सके | काफी संख्या में एमजीएनआरईजीए कुंए भी है जिन का सही इस्तेमाल जलसिंचन के लिये हो रहा है, ख़ास कर सब्जियों की खेती के लिये |
आज रबी फसले जैसे गेहूँ और सरसों रोकबाँधो से सिंचित जमीन पर उपजाए जाते है| रोकबाँधो के आस पास के किसान समूहों की प्राप्ति में इस से काफी सुधार है | पंचायत समिति जिला कृषि कार्यालय, एटीएमए, कृषि विज्ञान केंद्र, डेरी डेवलपमेंट बोर्ड, फिशरी ऑफिस और वनविभाग के सहयोग से किसान समाज की उन्नति के लिये प्रयास कर रही है | इस पंचायत समिति के अंतर्गत किसानों के लिये अलग-अलग प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जिस से उन की आमदनी बढ़े |
स्रोत: भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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