অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

तमिलनाडु राज्य के पंचायत की सफल कहानियाँ भाग – 2

तमिलनाडु राज्य के पंचायत की सफल कहानियाँ भाग – 2

इसानाथन ग्राम पंचायत, करुर जिला, तमिलनाडु: परिचय

तमिलनाडु के करुर जिले की इसानाथन ग्राम पंचायत ने विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ठ प्रयासों के लिए बहुत से पुरस्कार प्राप्त किए हैं | उनमें से 2010-2011 में अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए 2 लाख रु. का नकद पुरस्कार आधुनिकतम है | 26 बस्तियों में विभाजित 4490 की जनसंख्या वाली इस पंचायत में कुल 1205 परिवार हैं जिनमें से 141 अनुसूचित जाति और 174 मुस्लिम हैं| नाईकर और वेटटुवा गौउडर नायडू, पिल्लई वेल्लाला गौंउडर, असरी और पोंकोल्लार समाज में उच्च स्थान रखते हैं | उनमें लगभग सभी के पास आमदनी का मुख्य स्त्रोत खेती है और उनके पास औसत 10 एकड़ जमीन है | वेट्टुवा गौंउडर, पिल्लई और असरी औसतन पाँच एकड़ खेती की जमीन सहित दूसरे नंबर पर हैं | मुस्लिम संप्रदाय के लोग मुख्य रूप से व्यापार एवं पूंजी के लेन-देन में लगे हुए हैं | चक्क्लियर,पल्लार, पेरियार और कुरावर संप्रदाय से संबंधित निम्न जाति के सदस्य कृषि मजदूरी, माल ढुलाई आदि करके अपनी आजीविका कमाते है | अय्यर और थेवर संप्रदाय के ब्राह्मणों का समाज में नाममात्र प्रतिनिधित्व है | इसानाथन में वर्षो से हिन्दू संप्रदायों के बीच छुआछुत की प्रथा चली आ रही थी | एक समय में होटलों तथा चाय की दुकानों, मंदिरों और यहाँ तक कि थियेटर जैसे सार्वजनिक स्थानों में अलगाव पर पूरी तरह जोर दिया जाता था | होटलों तथा चाय की दुकानों में द्वि-गिलास व्यवस्था की जाती थी, उच्च वर्गों के लिए अलग से चांदी अथवा स्टील के गिलास, टेबुल और कुर्सियां होती थी निम्न वर्गों को सीमेंट के फर्श पर बिठाया जता था और इस्तेमाल के लिए केवल कांच के गिलास दिए जाते थे|

इसानाथन ग्राम पंचायत, करुर जिला, तमिलनाडु: द्विगिलास व्यवस्था से लेकर अंतर जातीय विवाह करने तक

पंचायत अध्यक्ष ने इस मामले को उठाने का निश्चय किया | शुरू में उसने बहुत से लोगों से आग्रह किया | यद्यपि कुछ लोग इस प्रथा को रोकने के लिए तत्पर दिखे लेकिन उच्च वर्ग की प्रतिक्रिया को लेकर संदेह होने के कारण कुछ लोग झिझक गए | पंचायत समिति ने इस पूरे मामले पर गहनता के साथ विचार विमर्श किया और इस मुद्दे को ग्राम सभा के सामने रखा | गाँव की हर गली-नुक्कड़ में इस पर विचार विमर्श होने लगा | पंचायत अध्यक्ष ने पंचायत में आने वाले अनुसूचित जाति के लोगों को समान दर्जे वाले हिन्दू जाति के बराबर बैठने के लिए प्रेरित किया | धीरे-धीरे छुआछुत वाले मुद्दे की पकड़ ढीली पद गई और गाँव में इसका अंत दो वर्षों में ही हो गया | “द्विगिलास व्यवस्था के अंत के साथ ही इसाथानम मंदिर भी उन समुदायों के लिए खोल दिए गए जो कि अभी तक वर्जित थे | छुआछुत के प्रति जागरूकता लाने के लिए पंचायत ने विद्यालयों में शोभा यात्राएं निकालीं | नवयुवकों ने इस अवधारणा की बहुत सराहना की तथा इस दौर ने तेजी से हुए इन बदलावों की गवाही दी | उच्च वर्ग के लोग अब अनुसूचित जाति के मंदिरों में जाने लगे और इन मंदिरों को किसी प्रकार का भेदभाव किए बिना सभी के लिए खोल दिया गया | गाँव में हुए इस सामाजिक बदलाव ने आदि द्रविड़ (कल्याण) विभाग के अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर आकृषित किया | पूरी छानबीन करने के बाद अधिकारियों ने छुआछुत का उन्मूलन करने पर अध्यक्ष को पुरूस्कार पाने के लिए प्रेरित किया | 2010-2011 में 2 लाख रु. के नकद पुरस्कार के लिए पंचायत का चयन किया गया | सभी, अंग्रेजी तथा स्थानीय दोनों भाषाओं के तमिल दैनिक समाचार पत्रों एवं स्थानीय केबल नेटवर्क में इस उपलब्धि का अत्याधिक प्रचार किया गया | अध्यक्ष ने बताया कि रंग तथा वर्ण भेदभाव रहित समाज ही, पंचायत का सपना है | पंचायत समिति के संकल्प के अनुसार संपूर्ण 2 लाख रूपये की राशि अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए आबंटित की गई | अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहित किए जाएं और इस संबंध में हाल की कुछ घटनाओं से हमें आशा बंधी है |

इसानाथन ग्राम पंचायत, करुर जिला, तमिलनाडु: स्थानीय संसाधनों का उपयोग

किसी भी स्थानीय स्व-शासन संस्था की मजबूती का परिचय विकास के लिए स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल करने की उसकी क्षमता से मिलता है | इस संबंध में इसानाथन ग्राम पंचायत उचित प्रयास कर रही है |

गाँव के पूर्व में स्थित पालानाथम नहर के किनारे पर रहने वाले किसान कई वर्षों से बाढ़ के संकट का सामना कर रहे थे | वर्ष 2007-08 में आयी भयंकर बाढ़ के पश्चात एक पुश्ता-दीवार बनाने की चर्चा ने जोर पकड़ा और यह मामला ग्राम सभा में उठाया गया | सार्वजनिक निर्माण की संभावना पर विचार-विमर्श किया गया तथा किसान स्थानीय मूल्यांकन की तीन-चौथाई राशि का सहयोग करने के लिए राजी हो गए | क्षेत्र के 10 किसानों ने 2.80  लाख रु. का अंशदान दिया जिसे राज्य सकार की ‘आत्म-निर्भरता योजना (एसएसएस)’ कार्यक्रम के अंतर्गत रखा गया| इस दिशा में ग्राम पंचायत द्वारा ली गई रूचि तथा समय पर की गई कार्रवाई के फलस्वरूप 5.60 लाख रु. और प्राप्त हुए जो कि सरकारी फण्ड से प्राप्त अनुदान की दो-तिहाई राशि थी | विकास के लिए जुटाए गए संसाधनों से तैयार 70 मीटर पुश्ता-दीवार बाढ़ की रोकथाम करने की स्वयं साक्षी है |

इसानाथन ग्राम पंचायत, करुर जिला, तमिलनाडु: योजना क्रियान्वयन

इस योजना के क्रियान्वयन से मिली सफलता ने विकास तथा समाज द्वारा महसूस की गई अपेक्षाओं को साकार करने के लिए नए परिदृश्य की संरचना की | इसी एसएसएस योजना के तहत ग्राम सभा में इसी क्षेत्र में एक पुलिया के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया | किसानों और जनसाधारण ने अपने हिस्से के तौर पर 1.70 लाख रु. की राशि एकत्र करके जमा करा दी| अध्यक्ष ने बताया कि इस परियोजना को जल्द ही आरंभ किया जाएगा | पुश्ता दीवार का विस्तार करने के बारे में भी व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया और जन साधारण की ओर से एक-तिहाई अंशदान जमा किए जाने की संभावना का पता लगाया गया |

इसानाथन ग्राम पंचायत, करुर जिला, तमिलनाडु: स्थानीय फण्ड का इस्तेमाल

स्थानीय फण्ड का इस्तेमाल करने का अर्थ जानते हुए, ग्राम पंचायत के एक अन्य समूह ने विद्यालय निर्माण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया | एक हितैषी 36,000 रु. की सांकेतिक राशि पर 30 प्रतिशत भूमि सौंपने पर राजी हो गया जिसका बाजार भाव 3 लाख रु. था | कुल्लमपत्ती के गाँववासियों ने भूमि खरीदने के लिए जनता से राशि एकत्रित करके पंचायत को हस्तांतरित कर दी | जलापूर्ति को छोड़कर विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं के व्यय की पूर्ति एसएसएस से की गई, जलापूर्ति का वहन पंचायत फण्ड से किया गया | आज इस विद्यालय में 21 विद्यार्थी, जिसमें से 16 अनुसूचित जाति के हैं, शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं | स्थानीय फण्ड का इस्तेमाल कर मिले परिणामों से प्रेरित होकर ग्रामीण युवाओं ने अपनी ओर से प्रगतिशील परियोजना के लिए मानवशक्ति का सहयोग दने की इच्छा जाहिर की | उन्होंने ग्राम पुस्तकालय के नजदीक नल्लमा नाइकन पट्टी रोड की साइड में स्थित ‘नाथम पुराम्बोक्कु’ (पंचायती जमीन) की साफ़-सफाई करके उसमें नीम, पोंगई, विल्वम और नजावल के पौधे लगाए | इसमें पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई सुविधाएँ मुहैया कराने के साथ-साथ सुरक्षा के लिए कंटीली बाड़ लगाई गई | परियोजना की कुल कीमत जनता से एकत्रित की गई और युवाओं ने अपनी मानवशक्ति का इस्तेमाल किया| आने वाले वर्षों में पंचायत को इन पेड़ों से बहुत सा राजस्व प्राप्त होगा |

स्रोत: भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय

अंतिम बार संशोधित : 8/24/2019



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate