महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) का उद्देश्य
प्रत्येक परिवार के अकुशल वयस्क सदस्य (18 वर्ष और अधिक) को हर वित्तीय वर्ष में कम से कम सौ दिन का रोजगार देना है। इससे ग्रामीण इलाकों में परिवारों की आजीविका बढे़गी व स्थायी, सामुदायिक, सामाजिक और आर्थिक परिसम्पत्तियों का विकास होगा।
योजना के मुख्य प्रावधान
रोजगार के लिए पात्र
परिवार का कोई भी सदस्य जिसकी उम्र 18 साल या ज्यादा हो और अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए राजी हो। परिवार के सभी सदस्य मिल कर 100 दिन का काम पाने का हक रखते हैं।
रोजगार के लिए परिवारों की पहचान व पंजीकरण
- आवेदक को रोजगार उसके गांव के 5 किलोमीटर के दायरे के अंदर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। यदि रोजगार गांव से बाहर पर ब्लाॅक के अंदर उपलब्ध कराया जाता है, तब श्रमिकों की मजदूरी दस प्रतिशत ज्यादा होगी।
- रोजगार की अवधि साधारणतया लगातार कम से कम चैदह दिनों की होगी। इस योजना के अन्तर्गत उन कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहाँ मजदूरी तलाश करने वालों में कम से कम एक तिहाई महिलाएं हैं।
- रोजगार के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है। पंजीकरण के लिये आवेदन ग्राम पंचायत में जमा करना होता है। आवेदन पत्र में परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों का नाम, उम्र, लिंग, जाति एवं श्रेणी का उल्लेख होना चाहिए जो रोजगार के लिए इच्छुक हैं।
जॉब कार्ड व काम लेने के लिए अर्जी
- पंचायत पंजीकरण के लिए दिये गए आवेदन की जांच करके परिवार का नाम दर्ज कर, उसे जॉब कार्ड जारी करेगी। जॉब कार्ड में परिवार के सभी बालिग सदस्यों के नाम और उम्र के साथ उनकी फोटो भी लगी होना चाहिए।
- परिवार के पंजीकरण आवेदन के 15 दिन के अंदर फोटोयुक्त जॉब कार्ड निःशुल्क दिया जाएगा। जॉब कार्ड कम से कम 5 साल के लिए जारी किए जाएंगे।
- जॉब कार्ड बन जाने के बाद काम पाने के लिए ग्राम पंचायत या ब्लाॅक विकास अधिकारी को कम से कम 14 दिन लगातार काम के लिए आवेदन देना होगा।
- काम आवेदन देने के 15 दिन के अंदर ही दिया जाना चाहिए।
- हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी 277 रू. प्रतिदिन है जो सीधे मजदूरों के बैंक खातों में जाएगी। एक जैसे काम के लिए महिलाओं व पुरूषों को एक समान मजदूरी मिलेगी।
काम करने की जगह पर दी जाने वाली सुविधाएँ
- पीने के लिए साफ पानी व बच्चों के लिए छायादार जगह का प्रबंध होना चाहिए।
- अगर काम पर आई औरतों के साथ 6 साल से छोटी उम्र के 5 से ज्यादा बच्चे हों तो उनकी देखभाल के लिए एक महिला को रखना होगा व उसे भी दूसरे कामगारों के बराबर ही मजदूरी देनी होगी।
- काम के दौरान चोट लगने पर इलाज निःशुल्क कराया जाएगा व अस्पताल में रहने और दवा के खर्च के साथ ही उसकी कम से कम आधी मजदूरी दैनिक भत्ते के रूप में देना होगी।
- यदि काम करते हुए किसी की मौत हो जाए या स्थायी तौर पर अपंग हो जाए तो उसके कानूनी वारिस को या उसे 25000 रू. मुआवजा दिया जाएगा।
बेरोजगारी भत्ता
- जॉब कार्ड धारकों को काम मांगने के 15 दिनों के अंदर काम न दिया जाए तो वो सब रोजाना के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता पाने के हकदार होगे।
- बेरोजगारी भत्ता पहले 30 दिनों के लिए न्यूनतम मजदूरी का एक चैथाई तथा शेष दिनों के लिए न्यूनतम मजदूरी के आधे दर से दिया जाएगा।
प्रमुख कार्य
- जल संरक्षण या जल संग्रहण की योजना से संबंधित सूखा बचाव कार्य जैसे पेड़ लगाना या वनों का विकास करना।
- अनुसूचित जातियों/जन जातियों या भूमि सुधार से लाभ पाने वालों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करवाने से संबंधित। झीलों व तालाबों की सफाई, मरम्मत और पुननिर्माण का कार्य।
- भूमि सुधार का कार्य व गांवों को सड़क से जोड़ने का कार्य। बाढ़ नियंत्रण-सुरक्षा, जल जमाव क्षेत्रों में जल निकासी से संबंधित।
अधिक जानकारी के सम्पर्क करें
जिला स्तर
• जिला विकास व पंचायत अधिकारी (डी.डी.पी.ओ.) कार्यालय
• अतिरिक्त उपायुक्त (ए.डी.सी.) कार्यालय
• उपायुक्त (डी.सी.) कार्यालय
राज्य स्तर
डायरेक्टर व विशेष सचिव (ग्रामीण विकास) हरियाणा,
तीसरी मंजिल, 30 बेज बिल्डिंग, सेक्टर 17-सी, चंडीगढ़-160017
फोन नंबर 0172-2705535
• मनरेगा हेल्पलाईन नंबर 18001802023
स्रोत: एस एम सहगल फाउंडेशन