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शहद – कंस्यूमर वायस की रिपोर्ट

परिचय

लम्बे समय से शहद में मिलावट करने वालों का लक्ष्य रहा है कुछ बेईमान व्यापारी अपने मुनाफे के लिए शहद में सस्ती सामग्रियाँ मिलाकर उसे बाजार में ऊँचे मूल्य पर बेचते हैं मूल्य, संयोजन, संग्रहण तथा पैकिंग के आधार पर शहद को अलग-अलग प्रकारों में बाँटा का जा सकता है हमारा वर्तमान उद्देश्य बाजार में उपलब्ध 10 ब्रांड के शहद की गुणवत्ता को जांचना हैभारतीय मानक ब्यूरो (बीआईईएस) ने शहद को तीन श्रेणियों को बाँटा है: विशेष, ग्रेड ए और साधारण ‘कंस्यूमर वॉयस’ द्वारा कराया गया शहद का परीक्षण एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में सम्पन्न किया गया है परिक्षण कार्यक्रम एफएसएस नियम, भारतीय मानक तथा एगमार्क द्वारा तय मानकों के आधार पर किया गया है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आहारीय निर्देशों के अनुसार शहद प्राकृतिक मिठास वाला तत्व है, जिसका उत्पादन मधुमक्खियों द्वारा पौधों के रस या पौधों के जीवित भाग के स्राव से या पौधों से निकले हुए पदार्थ-पौधों के जीवित भाग चूसने वाले कीड़े जिनको मधुमक्खियाँ इकट्ठा करके अपने विशेष तत्वों द्वारा शहद में परिवर्तित कर देती है। इसकों इकट्ठा करके, सुखाने के लिए और परिपक्व होने के लिए अपने छत्ते में संरक्षित करती है।

शहद में 17 से 20% पानी, 76 से 80% शर्करा, सुक्रोज, पराग, मोम और खनिज नमक होता है। शहद का संयोजन एवं रंग मधुमक्खियों को उपलब्ध फूलों पर निर्भर करता है।

परीक्षित ब्रांड

रैंक

कुल अंक 100 में से (पूर्ण अंक में)

ब्रांड

मानक अंक/ग्रेड

उपभोग समय सीमा8 (महीनों में)

कुल वजन ग्राम अधिकतम विक्रय मूल्य (रूपये)

निर्माता

1

87

डाबर

 

18

500/190

डाबर इंडिया लिमिटेड, सोलन

2

88

ईजी मैक्स

 

18

500/139

भारती रिटेल लिमिटेड, दिल्ली

3

84

पतंजलि

 

12

500/130

पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार

4

83

नेयर प्योर

 

18

250@111(एक की खरीद पर दूसरा मुफ्त)

नेचर प्योर बायो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, देहरादून

4

83

रिलायंस

 

12

400@219(एक की खरीद पर दूसरा मुफ्त)

रिलायंस रिटेल लिमिटेड, ठाणे

4

82

खादी

ग्रेड ए तथा एगमार्क

18

500/170

पारस दुःख भंजन आयुर्वेद  आश्रम, देहरादून

5

72

फ्रेश एन प्योर

 

18

000/240 एक की खरीद पर दूसरा मुफ्त)

प्रकृति हेल्प प्रोडक्ट्स बेंगलोर

6

71

ऑर्गनिका

 

12

400/249

अर्गेनिका प्योर प्रोक्ड्स नोयडा

7

68

जीवन अमृत

 

12

500/155

साइ एग्रो इंडस्ट्रीज, रेवारी

8

 

हितकारी

एगमार्क

18

500/222

हितकारी फार्मेसी प्राइवेट लिमिटेड, सोनीपत

प्रमुख निष्कर्ष

  • सम्पूर्ण परीक्षणों में डाबर का शहद पहले सतना पर तथा ईजी मैक्स व पतंजलि  दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
  • हाइड्रोक्सी मिथिल्फर्ल (एचएमएफ) तत्व घोषित सीमा (यानि प्रति किलो शहद में 60 मिलीग्राम) के विपरीत हितकारी (182), जीवन अमृत (244) तथा ओर्गनिका (424) में पाया गया। सामान्य तरीके से संग्रहण, शर्करा की मिलावट अथवा अत्यधिक ताप प्रशोधन की वजह से यह एचएमएफ तत्व अत्यधिक स्तर तक पाया गया। हालाँकि सुक्रोज तथा ग्लूकोज का अनुपात सभी ब्रांड में एक से अधिक मिला जो राष्ट्रीय मानक के अनुसार है। जबकि डाबर शहद मानकों पर पूरी तरह से खरा उतरा।
  • फेहे (Fuchc)  परीक्षण में हितकारी, जीवन अमृत तथा ओर्गनिका सकरात्मक रहे ।
  • कुल शर्करा की न्यूनतम मात्रा 65% होनी चाहिए जो कि फ्रेश एंड प्योर, हितकारी खादी, रिलायंस तथा ईजी मैक्स  में कम पाई गई।
  • सुक्रोज तत्व हितकारी तथा खादी में यह निम्न स्तर पर रहा।
  • हितकारी में प्लेट काउंट सर्वाधिक मिला, जबकि खादी में यह निम्न स्तर पर रहा।
  • सभी ब्रांड के शहद प्रति जैविक (एंटीबायोटिक ) से मुक्त मिले।
  • हितकारी तथा खादी में शहद को एगमार्क प्राप्त मिले।
  • पंतजलि शहद में हरा बिंदु का निशान नहीं है।

परिक्षण परिणाम

भौतिक रसायन प्राचल के लिए सुक्रोज -ग्लूकोज अनुपात। हाइड्रोक्सीमिथाइलफरफ्युरल। कुल शर्करा कम करना। सुक्रोज। फेहे परीक्षण। उर्जा मूल्य। आद्रता । डायस्टेज क्रिया । भस्म। अम्लता। 27 डिग्री सेल्सियस पर विशिष्ट गंभीरता। पानी में अघुलनशीलता का तत्व। प्रकाशीय घनत्व।

सुक्रोज –ग्लूकोज का प्रतिशत

रिक्वायरमेंट: यदि फेहे परीक्षण सकारात्मक रहता है तो हाइड्रोक्सीमिथाइलफरफ्युरल (एचएमएफ) तत्व प्रति किलोग्राम में 80 मिलीग्राम से ज्यादा हुआ तो सुक्रोज –ग्लूकोज का अनुपात 0.96 एफएसएस के नियम से तथा भारतीय मानकों के अनुसार 10 से ज्यादा होना चाहिए।

सुक्रोज –ग्लूकोज का अनुपात ही शहद को निश्चित स्वरुप में रखता है। यदि सुक्रोज –ग्लूकोज का अनुपात अधिक है तो शहद तरल बना रहेगा। हलांकि शहद में अन्य शर्करा ( शर्करा, माल्टास इत्यादि) भी पाई जाती है जिसमें कुछ अघुलनशील तत्व (डेक्सट्रिन, कोलोइड्स इत्यादी) रहते हैं, जो इसके स्वरुप को प्रभावित करते हैं। शर्करा/पानी (जी/डब्ल्यू) का अनुपात  सुक्रोज –ग्लूकोज (एफ/जी ) का अनुपात से ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी से शहद का स्वरुप सुनिश्चित होता है।

- सभी ब्रांड एफएसएसएआई द्वारा निर्द्रिष्ट न्यूनतम मानकों के अनुसार रहें । लेकिन सबसे अधिक अनुपार खादी, ओर्गनिका, डाबर एवं पंतजलि के शहद में मिला।

हाइड्रोक्सीमिथाइलफरफयूरल

हाइड्रोक्सीमिथाइलफरफयूरल या एचएमपफ, को शहद की गुणवत्ता के संकेतिक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह शहद में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला तत्व है। हालाँकि शहद की असामान्य रूप से संग्रहित करने, शर्करा तत्वों की मिलावट करने या अत्यधिक गर्म करने से भी यह बनता है। एचएमएफ किसी भी प्रकार से हानिकारक तत्व नहीं है। अलग-अलग देशों में खाद्य मानक इसका नियमन करते हैं, ताकि शहद की शुद्धता एवं ताजगी बनी रहे।

-  इस परीक्षण में डाबर को पूरे अंक प्राप्त हुए।

- हितकारी जीवन अमृत एवं ओर्गनिका में एचएमएफ का स्तर अत्यधिक रहा, जो गुणवत्ता की आवश्यकता 80 मिलीग्राम  प्रतिकिलो से ज्यादा है।

कुल घटती हुई शर्करा

रिक्वायरमेंट:  एफएसएसएआई  का अनुसार 65%, न्यूनतम 70% (विशेष/66% न्यूनतम (ग्रेड ए) एगमार्क एवं भारतीय मानक के अनुसार कुल घटती हुई शर्करा अन्य तत्वों को भी घटाने में सक्षम होते हैं ग्लूकोज तथा सुक्रोज सबसे सामान्य कुल घटती हुई शर्करा है

- फ्रेश एंड प्योर हितकारी खादी, रियालंस तथा ईजी मैक्स में घटती हुई शर्करा का प्रतिशत आवश्यकता से कम मिला

- शीर्ष पर डाबर और उसके बाद पतंजलि का स्थान है।

- शर्करा

शहद की गुणवत्ता में शर्करा में मिलावट चिंतनीय विषय है। शहद में कम मात्रा में शर्करा उपस्थित रहता है। लेकिन उसकी ज्यादा मात्रा का अर्थ है जानते-बुझते मिलावट करना। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) एवं भारतीय खाद्य सुरक्षा तथा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) बे शहद में शर्करा की मात्रा के अनुसार पांच प्रतिशत से ज्यादा न होना तय किया है।

-  पंतजलि शहद शीर्ष स्थान पर रहा, उसके बाद फ्रेश एंड प्योर, ईजी मैक्स तथा डाबर का स्थान रहा।

फेहे परीक्षण

रिक्वायरमेंट: नकारात्मक होना चाहिए

फेहे परीक्षण में यह जांचा जाता है कि कहीं शहद में मिलावट के लिए शर्करा तो नहीं मिलाई गई है। भारतीय मानक के अनुसार यदि फेहे परीक्षण सकारात्मक रहता है तो हाइड्रोक्सीमिथाइलफरफ्युरल तत्व प्रति किलिग्राम में 80 मिलीग्राम से अधिक होना चाहिए तथा सुक्रोज एवं ग्लूकोज का अनुपात 10 से ज्यादा होना चाहिए।

- हितकारी जीवन अमृत एवं ओर्गनिका इस परीक्षण में सकारात्मक पाए गये। फेहे सकारात्मक परीक्षण से यह संकेत भी करता है कि शहद अति परिपक्व है। जब शहद यह फेहे परीक्षण में सकारात्मक होने के लिए अतिसंवेदनशील हो जाता है। शहद को गर्म करने से उसमें मौजूद यीस्ट या खमीर खत्म हो जाता है यह खमीर शहद को नष्ट कर सकता है। हलांकि, ऐसा माना जाता है कि शहद को गर्म करने से उसमें मौजूद स्वास्थ्यकारी तत्व समाप्त हो जाते हैं और यह सेवन के लिए हानिकारक हो जाता है।

- उर्जा उपयोगिता, किलो कैलोरी/प्रति 100 ग्राम दैनिक जीवन में शहद अच्छी उर्जा प्रदान करता है।

- समस्त ब्रांड इस परीक्षण पर खरे उतरे हैं।

आर्द्रता

उच्च आर्द्रता तत्व की वजह से शहद को लबे समय तक रखने से उसमें आवांछित खमीर बन सकता है। सहनीय यीस्ट की वजह से शहद में एथाएल एल्कोहल एवं कार्बनडायऑक्साइड निर्मित होने लगती है।

एफएसएसएआई एवं एगमार्क ने शहद में आर्द्रता अक स्तर 25% तय किया है बीआईएस यह नियत करता है कि श्रेष्ठ गुणवत्ता वाले शहद (स्पेशल ग्रेड) में आर्द्रता का स्तर 20% से अधिक नहीं होना चाहिए ग्रेड ए शहद में इसका अधिकतम स्तर 22% हो सकता  है

- सभी परीक्षित ब्रांड में आर्द्रता का स्तर 20% से कम रहा। खादी में इसका प्रतिशत सबसे कम 1498 था।

डायस्टेज प्रतिक्रिया

डायस्टेज प्रतिक्रिया से यह पता लगाया जाता है कि शहद को संसाधन के समय अत्यधिक गर्म किया गया था अथवा नहीं। शहद को गर्म करने से इसमें उपस्थित सुगन्धित तत्व तथा थर्मोलयिल समाप्त हो जाते हैं।

-  सभी ब्रांड इस परीक्षण में सफल रहे।

पीफंड परीक्षण पर रंग

शहद का रंग प्रकृति रूप से अलग-अलग हो सकता है। यह हल्का पीला से अंबर, गहरा अबंर और कुछ मामलों में काला और कभी हरा और लाल रंग का भी हो सकता है। पुराना शहद गहरे रंग का होता है। रखने का तरीका, गरमाहट तथा पुराना होने पर भी उसका रंग प्रभावित होता है। शहद के रंग को पीफंड पैमाने पर मापा एवं श्रेणीबद्ध किया जाता है । पीफंड रंग की हो जाती है और लगातार शहद के रंग की पूरी रेंज की रीडिंग देती है। शहद को वैज के आकार के बर्तन में रखा जाता है और पैमाने से तुलना की जाती है और उस स्थान को जहाँ रंग मिलता है वेज के एक सिरे से नापा जाता है।

भारतीय मानक एवं एगमार्क के अनुसार शहद हल्के से गहरे भूरे रंग का हो सकता है

डाबर

ईजी मैक्स

पंतजलि

सुक्रोज/ग्लूकोज अनुपात

12

9.30

8.84

9.30

हाइड्रोक्सीमिथाइलफरफ्युरल (एचएमफ)

10

10

9.85

8.46

टोटल रिड्युसिंग शुगर

8

6.62

4.92

6.42

सुक्रोज

फेहे परिक्षण

6

6

6

6

एनर्जी वैल्यू

5

4.46

4.63

453

माइस्चर

4

3.73

3.82

3.77

डायस्टेज प्रक्रिया

4

3.55

3.55

3.19

राख

3

259

2.78

2.54

अम्लता

3

270

2.7

2.76

विशिष्ट घनत्व 27 डिग्री सेल्सियस पर

3

237

249

249

जल में अघुलनशील वाले पदार्थ

2

162

190

187

ऑप्टिकल घनत्व

2

1.48

1.85

1.66

सूक्ष्मजीवविज्ञानी गतिविधि के लिए

वर्तमान में राष्ट्रीय मानकों में सूक्ष्मजीवविज्ञानी दूषण के लिए कोई स्तर तय नहीं किया गया है कंस्यूमर वॉयस की टीम ने 10 ब्रांड के शहद को प्रति ग्राम में कुल प्लेट काउंट  परीक्षण के लिए चुना यह जाँच करने के लिए कि क्या नमूनों का झुकाव माइक्रोबियल खराबी की तरफ है

-  कुल प्लेट काउंट 10 से 4300 सीएफयू/ग्राम के बीच में पाया गया। हितकारी शहद में सबसे ज्यादा टीपीसी एवं खादी में सबसे पाया गया।

एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)

एंटीबायोटिक के लिए राष्ट्रीय मानकों ने कई स्तर तय नहीं किया है। वर्ष 2010 में केन्द्रीय विज्ञानं एवं पर्यावरण केंद्र (सीएएसई) ने अपने अध्ययन में शहद में छह एंटीबायोटिक होने का तथ्य पाया था। इस सन्दर्भ में हमने शहद में एंटीबायोटिक की उपस्थिति को जांचने का गया किया जिनके  नाम हैं: ऑक्सीटेट्रासाइक्लीन, क्लोरैमफेनिकॉल, एम्पीसिलीन, एनरोफ्लोक्सीन , सिप्रोफ्लोक्सीन एवं इरिथ्रोमाइसिन हैं। हालाँकि यह  सभी एंटीबायोटिक किसी भी ब्रांड में नहीं मिले।

रसायनिक अंक

रिलांयस

खादी

फ्रेश एंड प्योर

ओर्गिनका

जीवन अम्रत

हितकारी

9.12

11.22

8.34

9.9

8.46

8.82

9.14

7.34

929

1.50

20

25

4.88

4.27

4.77

6.22

608

4.59

4.32

0.84

5.9

4.28

434

1.92

6

6

12

1.2

1.2

1.2

4.55

4.99

4.45

4.48

461

4.34

3.78

4.00

3.72

3.74

380

3.85

355

3.78

385

3.55

319

3.85

264

2.83

264

2.54

290

268

2.78

2.88

2.76

2.76

2.76

2.82

2.49

2.55

2.37

2.43

237

231

1.57

2.00

1.89

1.74

1.90

1.90

1.67

2.00

159

1.49

1.44

1.84

संवेदी गुणों के लिए

संवेदी मूल्यांकन से अशुद्धि (खमीर, अशुद्धियाँ, गंध न होना एवं स्वाद) की पहचान होती है इसकी जाँच के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की एक विख्यात खाद्य एवं पोषण प्रयोगशाला में छात्रों ने प्रोफेसर एवं तकनीकी विशेषज्ञों के दिशा-निर्देश में परीक्षण किया। दल के सदस्यों ने 5 मानकों पर रैकिंग की, जिसमें सर्वोत्तम के लिए 5 अंक, 4 अच्छा, 3 औसत, 2 बेकार और 1 अत्यधिक बेकार है।

-  रंग एवं दृश्यताः शहद के रंग एकरूपता होना आवश्यक है। हलांकि रंग में हल्कापन या गहरापन मान्य है। यह स्वच्छ होना चाहिए। देखने में यह पूरी तरह से साफ होना चाहिए, तथा इसमें किसी भी प्रकार का बाहरी तत्व जैसे फुफन्द, मिट्टी, मैल, मधुमक्खी का मोम, किसी भी प्रकार के जीव, मधुमक्खी के अंश या अवांछित बाहरी तत्व नहीं होने चाहिए।

-  खुशबू/स्वाद: शहद का स्वाद आकर्षक होना चाहिए तथा इसमें खमीर, छुएँ और जलने जैसे स्वाद से मुक्त खुशबू होनी चाहिए।

- स्वाद: शहद का स्वाद मान्य होना चाहिए।

- खाने के बाद का स्वाद: शहद खाने के बाद का स्वाद आकर्षक तथा स्वीकार करने योग्य होना चाहिए। तथा शहद जमा हुआ नहीं होना चाहिए

समग्र संवेदी अंक

प्रतिशत

डाबर

ईजी मैक्स

पंतजलि

नेचर प्योर

रिलायंस

खादी

फ्रेश एंड प्योर

ओर्गनिका

जीवन अम्रत

हितकारी

12

8.72

8.09

8.22

8.54

7.88

9.11

6.70

8.06

8.19

9.17

सामान्य विशेषताओं के लिए

पैकिंग

शहद को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यकर तरीके से चौड़े मुहं वाले कांच की शीशी में पैक करना चाहिए या अम्ल प्रतिरोधी रोगन किया हुआ टिन का डिब्बा भी शहद के लिए उपयोगी रहेगा। कांच की बोतल में पैक शहद प्लास्टिक की पैकिंग के मुकाबले अत्यधिक सुरक्षित रहता है। कांच की बोतल में हानिकारक तत्वों के मिलने की आंशका नहीं रहती है, जबकि प्लास्टिक खाद्य गुणवत्ता की नहीं होती है। कांच की बोतल का ढक्कन गैर जंग लगने वाला तथा गैर प्रतिक्रियाशील पदार्थ का बना होना चाहिए।  ढक्कन में वाशर हों चाहिए, ताकि शहद रिस न सके।

सभी ब्रांड मोहरबंद पैकिग में थे।

मार्किंग

शहद का प्रत्येक डिब्बा अमिट एवं स्पष्टता के साथ मार्क किया जाना चाहिए, तथा ये जानकारियाँ होनी चाहिए।

ए) सामग्री का नाम, ग्रेड तथा विवरण, बी) पैक करने वाले का नाम, सी) बैच कोड अंक, डी) पैक किये जाने की तिथि ई) वजन एफ) मानक चिन्ह (एगमार्क), यदि कोई,  जी)  उपयोग की अवधि , एच) रखने का निर्देश, आई) पोषण जानकारी, एवं हरा बिंदु।

- शाकाहारी उत्पादों के लिए आवश्यक होने के बाद भी पंतजलि के शहद में हरा बिंदु चिन्हित नहीं था।

- खादी का दावा था कि उनका शहद ग्रेड ए गुणवत्ता का है।

शहद का भंडारण

शहद को कमरे के सामान्य तापमान पर ही रखना चाहिए। रसोईघर और रसोई भंडार में शहद रखना उत्तम है। यदि आप इसे फ्रिज मरण रखते हैं तो यह अत्यंत गाढ़ा हो जायेगा और जम जायेगा। हालाँकि कमरे के तापमान पर भी लंबे समय तक रखे रहने से शहद जम जाता है। यह प्रकृतिगत रूप से ही आर्द्रता को सोख लेता है, जिसकी वजह से इसका स्वरुप जम त्जाता है। इसके ढक्कन को हमेशा कसकर बंद करना चाहिये। (जमना या क्रिस्टलाज होना एक प्रक्रितक प्रक्रिया है, जिससे शर्करा और शर्करा के कण एक तय व्यवस्था में जमने लगते हैं। यह खराब होने, पुराना होने यह गुणवत्ता ख़राब होने का संकेत नहीं है। )

यदि आपका शहद जम गया है और आप इसका स्वाद नहीं ले पा रहे हैं तो शहद के पात्र को गर्म पानी में रखकर तब तक हिलाइए जब तक की उसके सारे क्रिस्टल पिघल न जाएँ।

दूसरा तरीका यह है कि शहद की बोतल को उबलते हुए पानी के पास रखकर उसका ढक्कन हटा देना चाहिए। इससे उसके अंदर गरमाहट जाएगी और वह पिघल जायेगा। इसके लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है

  1. एक बर्तन में पानी उबालिए
  2. उबाल शुरू होने पर आंच बंद कर दीजिए।
  3. शहद की बोतल का ढक्कन खोलकर उसे पानी के पास रख दीजिए।
  4. जबतक पानी ठंडा न हो जाये, तबतक शहद को वही रखे रहने दीजिये।
  5. जब भी शहद जम जाये, इसी प्रक्रिया को फिर दोहराइए।

उत्पादक (ब्रांड नाम)

उत्पादक की टिप्पणी

कंस्यूमर वॉयस

नेचर प्योर

रिपोर्ट के कुछ परीक्षण एक-दूसरे के विपरीत है।

शर्करा का प्रतिशत एवं टोटल रिड्युसिंग शुगर के परीक्षण के लिए पुनपरीक्षण कराया गया, जिसका परिणाम 4.91 और 70.35 रहा।

ओर्गनिका

ओर्गेनिकोलेप्टिक परीक्षण विषय आधरित है तथा सदस्य दल के 35 स्नातकोत्तर छात्र उपयुक्त नही हो सकते हैं।

उपभोक्ता की दृष्टि से देखे तो ओर्गेनिकोलेप्टिक परीक्षण आवश्यक है। इसके उत्पाद की सम्पूर्ण स्वीकार्यता का पता चलता है। साथ ही इससे उत्पाद के स्वाद, गंध एवं अशुद्धियों का पता चलता है। प्रक्रिया विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुमोदित है।

फेहे परीक्षण अविश्वसनीय है और वर्तमान में उसकी कोई महत्ता नहीं रह गई है। एक ही बैच के उत्पाद का बार-बार परीक्षण करने पर हमें अलग-अलग परिणाम प्राप्त हुए।

हमारे फेहे परीक्षण राष्ट्रीय मानकों जैसे नियम, भारतीय मानक, तथा एगमार्क के पैमाने पर हैं। परीक्षण कार्यक्रम विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुमोदित है।

आपके रिपोर्ट का एचएमएप मूल्य काफी अधिक है जबकि उसी बैच के उत्पादों का यही परीक्षण जब हमने किया तो मूल्य काफी कम आया।

दिल्ली-एनसीआर की बड़ी दुकानें से शहद के नमूने लिए गये थे। सभी प्रतिष्ठानों ने अपने उत्पाद आंतरिक परिस्थितयों के अनुरूप प्रदर्शित किये थे। परीक्षण को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में किया गया, जिसे सरकार से भी मान्यता प्राप्त है। प्रयोगशाला ने सभी परीक्षणों के परिणामों की पुष्टि की है।

परीक्षण रिपोर्ट अपूर्ण है क्योंकि इसमें भारी धातु एवं कीटनाशक घटाने पर बात नहीं की गई है, जबकि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम के अनुसार ही हमने परीक्षण किये थे क्योंकि यह समयबद्ध परीक्षण थे इसलिए प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के नये मानक शामिल नहीं किये गये।

हितकारी

जिस बैच के उत्पादन का परीक्षण आपने किया था उसी का हमारे द्वारा किये गए परीक्षण में एचएमएफ तथ्य 29,38  मिलीग्राम/किलोग्राम/तक पाया गया जबकि आपकी रिपोर्ट में यह 102.4 मिलीग्राम/किलोग्राम/तक। कृपया सभी परीक्षणों को दुबारा कराएं।

परीक्षण प्रयोगशाला ने एचएमएफ रिपोर्ट की पुष्टि की है और परिणामों को सही बताया है। एफजी अनुपात आवश्यक सीमा एक से अधिक था।

डाबर

जिस बैच का परीक्षण आपके द्वारा किया गया, उसी के परीक्षण में हमें एफजी अनुपात 1.24 मिला। यह आपके द्वारा परीक्षित रिपोर्ट से कहीं आर्थिक मूल्य था। कृपया अपने परिणामों की पुनः जाँच करें।

हमने प्रयोगशाला में एफजी अनुपात का परीक्षण दुबारा किया और यह 1.15 पाया गया।

सेहत से जुड़े जानने योग्य लाभ

शहद का सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभों का उल्लेख ग्रीक, रोमन, वैदिक विवरणों में मिलता है और प्राचीनकाल में शहद के चिकत्सकीय गुणों के बारे मने दार्शनिकों और वैज्ञानिक द्वारा उल्लेख किया गया है जिसमें अरस्तू (384-322 ई.पू.) भी शामिल है। चार हजार साल पहले शहद आयुर्वेदिक औषिधि के रूप में rurप्रयोग होता था, जब यह माना जाता था कि यह यह शरीर में धातु असंतुलन का इलाज करने में प्रभावशाली है। आधुनिक विज्ञान में इस बात की जाँच की जा रही है कि ऐतिहासिक दावों में शहद को दवाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, यह हो सकता है कि सच हो। शहद में विषाणु रोधी, सूक्ष्मजीव रोधी गुण होते हैं और परजीवी रोधी प्रभाव होते हैं। इसमें सूक्ष्मजीवों और फुफंद को बढ़ने से रोकने की क्षमता होती है इसके बारे में भी सही रूप में उल्लेख मिलता है।

घावों और जलने को ठीक करता है

कई ऐसे मामले देखे गये जिसमें लोगों ने बताया कि जख्मों के इलाज में में शहद का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कोहरेन लाइब्रेरी में प्रकाशित समीक्षा में इस बात के संकेत मिलते हैं कि जलने के जख्म को शहद ठीक कर सकता है। शोध के मुख्य शोधकर्ता का कहना है “स्थानीय शहद अन्य खोजों के मुकाबले अधिक सस्ता है, खासकर मौखिक एंटीबायोटिक्स की तुलना में, जिनका बार-बार प्रयोग किया जाता है और इसके अन्य हानिकारक दुष्प्रभाव हो सकते है। कई शोधों में शहद को जख्मों के इलाज में असरदार पाया गया है। एक अध्ययन में, 59 रोगी घावों और पैर के अल्सर से ग्रसित थे- जिनमें 80% पारम्परिक इलाज से ठीक नही हो पाए थे- उनका अससाधित शहद से इलाज किया गया। ऊपरी तौर पर शहद लगाने से उन सबमें तो नहीं लेकिन एक में आश्चर्यजनक रूप से सुधार देखा गया।

खांसी में आराम

पीडियाट्रिक्स में छपे अध्ययन में एक साल से लेकर पांच साल के 270 बच्चों को  शामिल किया गया, जिन्हें रात के समय सामान्य सर्दी के कारण खांसी की समस्या थी जिन बच्चों को सोने से 30 मिनट पहले दो चम्मच शहद पिलाए गये उन्हें कम मात्रा में और कम बार खांसी हुई। और उन बच्चों की तुलना में जिन्हें शहद नहीं दिया गया था खांसी के कारण उनकी नींद कम ख़राब हुई।

मौसमी एलर्जी से मिल सकती है राहत

कई शोध है जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि शहद मौसमी एलर्जी को कम करने में उपयोगी हो सकता है। शहद में सृजनरोधी प्रभाव होता है और इसे खांसी  के इलाज के रूप  में जाना जाता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है की शहद में कुछ मात्रा में फूलों के परागकण होते हैं और कुछ मात्रा में  एलर्जी करने वाले तत्व के संपर्क में आने पर यह आने पर यह प्रतिक्रिया से लड़ने में बेहतर उपचार की तरह कार्य करता है। समग्र रूप से, शहद से सेहत से जुड़े कई सारे लाभ मिल सकते हैं हालंकि इसके लाभ की सीमा काफी हद तक इसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है। सभी प्रकार के शहद समान रूप से तैयार नहीं किये जाते हैं और यही वजह है कि इसके विभिन्न प्रकार से वैसा ही लाभ मिले यह जरुरी नहीं।

कैसे पता करें कि शहद से दूसरा (मिलावटी) बनाया गया है

यहाँ कुछ सामान्य परीक्षण दिए गये हैं जिससे आप घर पर है जाँच कर सकते हैं यदि आपका शहद अच्छी गुणवत्ता वाला और शुद्ध है, या अशुद्ध और अत्यधिक पानी की मात्रा के साथ है।

लेबल (चिप्पी) को पढ़े

शहद का डिब्बा खरीदने से पहले उसके लेबल को पढ़ना चाहिए  उसकी सामग्री सूची की जाँच करें कि कहीं उसमें उच्च फलशर्करा अनाज शरबत या व्यावसायिक ग्लूकोज, दो योजक जो ज्यादातर शहद को पतला करने के लिए मिलाया जाता है और उसे जमने से रोकता हो, तो नहीं है।

शहद का जमना

सभी शहद तरल होते है, लेकिन समय के साथ वो जमने लगते हैं या रवेदार पदार्थ बनने लगते हैं जो शकर के दाने जैसा प्रतीत होता है। यदि आपने ऐसा डिब्बे वाला शहद खरीदा है जो पहले से ही रवेदार हो तो वह शुद्ध है। यदि आपका शहद तरल रूप में है तो कुछ दिन उसका जमना देखने के लिए इंतजार करें या उस प्रक्रिया के लिए उसे फ्रिज में रख दें। यदि शहद कमी रवेदार नहीं होता होता है, तो इसकी अत्यधिक संभावना है कि वह नकली शहद है।

कुछ उपाय

-  एक चम्मच शहद लें और उसे एक ग्लास पानी में डालें। यदि शहद घुल  जाता है तो वह शुद्ध शहद ठोस रूप में आपस में जुड़े होने चाहिए जब उसे पानी में मिलाया जाए।

-  थोड़ा शहद लें उसे पानी में मिलाएं। फिर दो से तीन बूँदें  सिरके की  इस घोल में मिलाएँ। यदि इसमें  झाग बनने लगे तो हो सकता है शहद को जिप्सम से तैयार किया गया हो।

-  शहद की थोड़ी मात्रा चम्मच से निकालें और उसे चम्मच से गिरने दें। जिस शहद में पानी की मात्रा अधिक होगी। वह तुरंत गिर जायेगा। अच्छी गुणवत्ता वाला पुराना शहद चम्मच पर बना रहेगा यह बहुत ही धीरे गिरेगा।

-  माचिस की तिली जलाएं और शहद की थोड़ी मात्रा जलाने की कोशिश करें। यदि यह रौशनी करेगा और जलेगा, तो यह शुद्ध है। अशुद्ध या निम्न स्तरीय शहद जिसमें अत्यधिक पानी की मात्रा होती है वह जलता नहीं है।

-  यदि घर और थोड़ी आयोडीन है, कुछ मात्रा में शहद लें, उसे पानी में मिलाएं और उसमें कुछ बूंदें आयोडीन की डालें। यदि घोल का रंग नीला हो जाता है तो इसका मतलब है कि शहद में कुछ मात्रा में स्टार्च और आटा मिलाया गया है।

-  एक छोटा, पुराना, कड़ी डबलरोटी का टुकड़ा लें और उसे शहद में डूबाएं। यदि आप दस मिनट बाद इसे निकालें, डबलरोटी अभी भी कड़ी हो तो शहद शुद्ध है। यदि शहद में पानी की मात्रा हो तो डबलरोटी नरम हो जाएगी।

स्रोत: उपभोक्ता कार्यों के मंत्रालय, भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 4/15/2024



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