অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

ग्राम सभा के कर्तव्य, शक्तियां और जिम्मेदारियां

संविधान के अनुसार ग्राम सभा के पास वे शक्तियां होंगी और ऐसे कार्यों के संपादन का दायित्व होगा जो राज्य की विधायिका द्वारा, विधिसम्मत तरीके से उसे प्रदान किए जाएंगे। उदाहरण के लिए, ग्राम स्तर पर (ग्राम स्तर के पंचायत को ग्राम पंचायत कहते हैं) पंचायत द्वारा क्रियान्वित किए जाने से पहले सामाजिक-आर्थिक विकास की योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं को उनके द्वारा स्वीकृति दी जाती है। गरीबी उन्मूलन तथा अन्य कार्यक्रमों के तहत लाभार्थी के रूप में व्यक्तियों के चयन या चिह्नित करने का दायित्व भी इसके पास होता है। ग्राम स्तर पर हर पंचायत के लिए ग्राम सभा से कोष का उपयोग करने हेतु एक प्रमाणपत्र पाना जरूरी होता है जिसके द्वारा ऐसी योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं का पंचायत द्वारा क्रियान्वयन किया जाता है।

ग्राम सभा के निम्नलिखित महत्वपूर्ण और विशिष्ट कार्य हैं:

  • पंचायत के विकास कार्यक्रमों तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करना।
  • विभिन्न कार्यक्रमों तथा योजनाओं के लिए लाभार्थी व्यक्तियों की पहचान करना। हालांकि, यदि ग्राम सभा एक बड़े समय तक ऐसे लाभार्थियों की पहचान करने में विफल रहती है तो लाभार्थियों की पहचान ग्राम पंचायत द्वारा कर ली जाती है।
  • सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए लोगों से नकद या स्वैच्छिक श्रम के रूप में अथवा दोनों रूपों में सहायता करना।
  • जन, शिक्षा और परिवार कल्याण के कार्यक्रमों में सहायता करना।
  • गांव में सभी समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और सद्भाव बढ़ाना।
  • किसी भी कार्य विशेष, योजना, आय तथा व्यय के बारे में मुखिया, उप-मुखिया और ग्राम पंचायत के अन्य सदस्यों से स्पष्टीकरण मांगना।
  • निगरानी समिति की रिपोर्ट के संदर्भ में उचित कार्यवाही की चर्चा और अनुशंसा करना।
  • ग्राम सभा के संज्ञान में लाए गए अन्य विषय।
  • करों, दरों, किराया तथा शुल्क लगाने और उनमें ईजाफा करने पर विचार करना।
  • ग्राम पंचायत द्वारा इसके निर्णय के लिए भेजे जाने वाले सभी मामलों पर विचार करना।

ग्राम सभा में सरपंच की भूमिका

कानूनन रूप से सरपंच ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने के लिए बाध्य है। सरकार द्वारा अनुशंसित तारीखों पर हर साल ग्राम सभा के कम से कम दो बैठकें आयोजित करना सरपंच का अनिवार्य दायित्व है। सामाजिक लेखा परीक्षा ग्राम सभा के अतिरिक्त सरपंच को ग्राम सभा की बैठकों की अध्यक्षता करनी चाहिए। ग्राम सभा की बैठकों की कार्यवाही का विवरण दर्ज करने वाले रजिस्टर में सरपंच को हस्ताक्षर करना चाहिए। ग्राम सभा के बैठकों के अध्यक्ष की हैसियत से सरपंच द्वारा ग्राम सभा में सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर दिया जा सकता है। सरपंच को यह सुनिश्चित करना होता है कि ग्राम सभा की बैठकों में दिए गए सुझावों पर ग्राम पंचायत की बैठकों में प्राथमिकता के रूप में चर्चा की जाए। ग्राम सभा के प्रस्तावों पर समुचित कार्यवाही करने के लिए सरपंच द्वारा सक्रिय भूमिका निभाई जानी चाहिए । ग्राम सभा की बैठकों में लोगों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरपंच को उपाय करने चाहिए । सरपंच को सभी वर्गों के लोगों खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों, महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु सभी उपाय करने चाहिए और साथ ही सरपंच द्वारा उन्हें अपनी शिकायतों को व्यक्त करने और ग्राम सभा में सुझाव देने, जिस पर अगली बैठक में विस्तार से चर्चा की जाए, के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

ग्राम सभा के लिए व्यवस्थाएं

ग्राम सभा में पंचायत सचिव की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है। पंचायत सचिव की भूमिकाओं को मोटे तौर पर तीन वर्गों में बांटा जा सकता है: (1) ग्राम सभा बैठक से पहले, (2) ग्राम सभा बैठक के दौरान, और (3) ग्राम सभा बैठक के बाद।

ग्राम सभा बैठक से पहले के कर्तव्य

ग्राम सभा बैठक से पहले पंचायत सचिव के कर्तव्य हैं:

  • सरपंच के परामर्श से ग्राम सभा के एजेंडे को अंतिम रूप देना।
  • ग्राम सभा की बैठक की सूचना जारी करना।
  • ग्राम सभा बैठकों के विवरण, जैसे कि तारीख, समय और स्थल का व्यापक विज्ञापन देना।
  • ग्राम सभा की पिछली बैठक के प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार करना।
  • ग्राम सभा की मौजूदा बैठक से पहले एजेंडे की मदों पर नोट्स तैयार करना।
  • ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेने वाले लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल और स्वच्छता सुविधाओं का उचित प्रबंधन करना ।

ग्राम सभा बैठकों के दौरान के कर्तव्य

ग्राम सभा बैठकों के दौरान पंचायत सचिव के कर्तव्यों में शामिल हैं:

  • ग्राम सभा की बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों के विवरणों की रिकॉर्डिंग:
  • ग्राम सभा की पिछली बैठक के प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करना।
  • एजेंडे के मुताबिक ग्राम सभा की बैठक का आयोजन सुनिश्चित करना।
  • ग्राम सभा की बैठकों की कार्यवाही का विवरण दर्ज करने में सरपंच की सहायता करना।
  • ग्राम सभा के समक्ष लाए गए किसी भी प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में डाले गए वोटों को दर्ज करना।

ग्राम सभा बैठकों के बाद के कर्तव्य

इनमें शामिल है- गाम पंचायत की बैठकों में ग्राम सभा के प्रस्तावों पर विचार के लिए सरपंच तथा वार्ड सदस्यों के साथ समन्वयन। ग्राम सभा की बैठक पर संबंधित उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजना ।

स्त्रोत : राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate