विभिन्न माध्यमों से प्राप्त परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स पर जीएसटी से संबंधित प्रश्नों की समीक्षा कर प्राय: पूछे गये प्रश्नों का एक संकलन तैयार किया गया है।
आपको पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सड़क के माध्यम से माल के परिवहन द्वारा दी जाने वाली सेवाएं छूट प्राप्त है। अधिसूचना संख्या 12/2017 – केन्द्रीय कर (दर) दिनाँक 28 जून, 2017 को देखें।
पंजीकरण की आवश्यकता नही है, क्योंकि जीटीए को माल के परिवहन के साधनों को किराये पर देने की सेवाएं एन्ट्री नं. 22, अधिसूचना संख्या 12/2017 – केन्द्रीय कर (दर) दिनाँक 28 जून, 2017 के माध्यम से कर से छूट प्राप्त है।
जीटीए या अन्य कुरियर एजेंसी के अलावा सड़क द्वारा माल के परिवहन से संबंधित सेवाएं एन्ट्री नं. 18, अधिसूचना सं. 12/2017 – केन्द्रीय कर (दर) दिनाँक 28 जून, 2017 के अंतर्गत कर से छूट प्राप्त हैं, इसलिए आपको पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है।
यदि किसी भी वित्तीय वर्ष में आपको कमीशन के रूप में प्राप्त राशि 20 लाख रूपए (जम्मू और कश्मीर को छोड़कर, विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 10 लाख रूपए) से अधिक है तो आप पंजीकरण कराने के लिए उत्तरदायी है।
हाँ, सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 35 (2) के अनुसार आपको माल के बारे में कनसाइनर, कनसाइनी और माल के अन्य संबंधित विवरणों का रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, सीजीएसटी नियम 2017 के नियम 56 के अनुसार आपको अपनी प्रत्येक शाखा के लिए परिवहन, डिलीवरी और ट्रांजिट में भंडार किए गए माल के रिकॉर्ड के साथ-साथ पंजीकृत कनसाइनर और कनसाइनी का जीएसटीआईएन रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता है।
जीटीए किसी व्यक्ति को सड़क द्वारा माल के परिवहन के संबंध में की सेवाएं प्रदान करता है जो कि कंपोजिट सेवा है। कंपोजिट सेवा में लोडिंग/अनलोडिंग, पैकिंग/अनपैकिंग, ट्रांसशिपमेंट और अस्थायी वेयर हाउसिंग जैसी विभिन्न मध्यस्थ और सहायक सेवाएं शामिल हो सकती है जो सड़क द्वारा माल के परिवहन के दौरान प्रदान की जाती है। इन सेवाओं को अलग से प्रदान नहीं किया जाता परन्तु ये सेवाएँ मुख्य सेवा अर्थात सड़क द्वारा माल परिवहन की सहायक के रूप में प्रदान की जाती है। जीटीए द्वारा जारी किए जाने वाले इनर्वोयस में मध्यस्थ और सहायक सेवाओं के मूल्य शामिल होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, सड़क द्वारा माल परिवहन के संबंध में, यदि कोई, मध्यस्थ और सहायक सेवा प्रदान की जाती है तो ऐसी सेवाओं के शुल्क, अग्र कोई है, को जीटीए द्वारा जारी इनवॉयस में शामिल किया जाता है तो ऐसी सेवाएं जीटीए का हिस्सा होगी और इन्हें अलग से सप्लाई नहीं माना जाएगा। वास्तव में, जीटीए सेवा के साथ प्रदान की गई कोई भी सेवा, जो जीटीए की कंपोजिट सेवा का हिस्सा है, पर एक अलग सप्लाई के रूप में कर न लगाने के स्थान पर जीटीए के साथ कर लगाया जाएगा। हालांकि, यदि इस तरह की सेवाएं अलग से प्रदान की जाती है और इन पर शुल्क अलग से लगाया जाता है, चाहे यह उसी इनवॉयस में हो या अलग इनवॉयस में, इन्हें अलग सप्लाई माना जाएगा।
हाँ, आरसीएम के तहत सड़क द्वारा माल परिवहन के संबंध में, जीटीए सेवा प्रदान करने पर इस छूट का लाभ लिया जा सकता है।
नहीं, क्योंकि व्यापार इकाई केवल रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत कराधेय सेवाओं की आपूर्ति नहीं कर रही है।
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 7 के तहत किसी व्यक्ति द्वारा व्यवसाय के दौरान या उसे आगे बढ़ाने के लिए की गई सभी तरह के माल की आपूर्ति जैसे बिक्री, हस्तांतरण, वस्तु विनियम, विनिमय, लाइसेंस, किराया, पट्टा या निपटान करना या निपटान के लिए तैयार होना शामिल है। प्रतिफल के लिए पुराने वाहनों, पुराने टायर और कबाड़ की बिक्री या निपटान पर जीएसटी लगेगा चाहे आईटीसी का लाभ उठाया गया हो या नहीं।
हाँ, ऐसे मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध होता है।
जीटीए को माल के परिवहन के साधन किराये पर देने की सेवाएं 28 जून, 2017 की नोटिफिकेशन संख्या 12/2017 – केन्द्रीय कर (दर) के तहत जीएसटी से मुक्त है। उब कर का भुगतान नहीं होता है, तो कोई टैक्स क्रेडिट लेने का सवाल ही नहीं उठता।
आईजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 2(3) में शब्द ठहराव (स्पॉटओवर) की व्याख्या उस जगह के तौर पर की गई है, जहाँ यात्री या तो दूसरे परिवहन में स्थानांतरण के लिए या फिर से यात्रा शुरू करने के लिए यात्रा को कुछ समय के लिए ब्रेक करने को उतरता है। हालांकि, सभी ठहराव (स्टॉपओवर) लगातार यात्रा में ब्रेक का कारण नहीं बनते है। इस तरह दिल्ली-लन्दन-न्यूयॉर्क के लिए एक टिकट पर यात्रा के दौरान लन्दन लगातार यात्रा की परिभाषा के अंतर्गत शामिल होगा। हालांकि, न्यूयॉर्क-लन्दन-दिल्ली की वापसी यात्रा को एक अलग यात्रा माना जाएगा और यह लगातार यात्रा के दायरे से बाहर होगी।
इस मामले में अगर दिल्ली-दुबई-बोस्टन के लिए एक टिकट या इनवॉयस जारी की गई है तो यह लगातार यात्रा है भले ही आप दुबई में एक बार रुके हैं या स्टॉपओवर हो और कर (सीजीएसटी+एसजीएसटी) दिल्ली में लगाया जाएगा। बोस्टन-दुबई-दिल्ली की वापसी यात्रा लगातार यात्रा नहीं मानी जाएगी। वापसी यात्रा लगातार यात्रा नहीं होने और इसकी आपूर्ति का स्थान भारत से बाहर होने के कारण यह यात्रा तभी कराधेय होगी जब आपूर्तिकर्ता का स्थान भारत में होगा।
हां, लेन-देन का मूल्य चाहे जो भो हो, अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रारूप (और किसी संशोधन के बिना) में जारी इलेक्ट्रोनिक टिकट जीएसटी के कर अनुपालन प्रयोजनों के लिए इनवॉयस के तौर पर स्वीकार्य है। सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा नियम 54(4) का संदर्भ लें। तथापि, बी2 बी आपूर्तिकर्ताओं के लिए, पंजीकृत ग्राहक को इनपुट कर क्रेडिट का दावा करने हेतु कर इनवॉयस प्रदान किया जा सकता है।
जी नहीं। सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 54(4) के प्रावधान के अनुसार, यात्री परिवहन सेवा के मामले में, कर इनवॉयस जिसमें किसी भी रूप में टिकट शामिल है, चाहे उस पर क्रमांक दिया गया है अथवा नहीं, और चाहे सेवा के प्राप्तकर्ता का पता उस पर दिया गया है अथवा नहीं, परन्तु उसमें पूर्वोक्त अधिनियम की धारा 46 के अंतर्गत यथाउल्लिखित अन्य सूचनाएं होनी चाहिए। चूँकि एयरलाइनों द्वारा इलेक्ट्रोनिक टिकटें अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रारूप में जारी की जाती हैं, अत: इलेक्ट्रोनिक टिकट रसीद पर हस्ताक्षर अथवा डिजिटल हस्ताक्षर करने की अनिवार्यता नहीं है।
एकल इनवॉयस, जिसमें एक विशेष कंपनी के लिए सभी आपूर्तियों के विवरण शामिल हों, सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 31 के प्रावधानों के अधीन जारी किया जा सकता है। ऐसे मामले में एयरलाइनों द्वारा जारी की गई टिकट को इनवॉयस नहीं माना जायेगा।
चूँकि 01 जुलाई, 2017 से पहले जारी की गई टिकटों पर एयरलाइनों द्वारा सेवा कर पहले ही लिया और जमा करा दिया गया है, अत: ऐसी टिकटों पर जीएसटी नहीं लगेगा, भले ही यात्रा की तारीख 01 जुलाई, 201`7 को अथवा इसके पश्चात है।
जी हाँ, सहायक सेवाएं, विमान द्वारा यात्री को ले जाने की सेवा का भाग है तथा ये सेवा की पृथक आपूर्ति नहीं है। इस संबंध में, सहायक सेवाओं में ऐसी सेवाएं शामिल हैं जो विमान द्वारा यात्रियों के परिवहन के लिए प्रासंगिक है (अर्थात अतिरिक्त बैगेज प्रभार, तारीख परिवर्तन प्रभार, बिना सहचर नाबालिग फ़ीस, पसंदीदा सीट प्रभार, रद्दीकरण फ़ीस आदि) । अत: सहायक सेवाओं को ‘विमान द्वारा यात्रियों का परिवहन’ के तौर पर सेवाओं की समान श्रेणी में ही माना जाएगा तथा इन पर भी जीएसटी की समान दर लगेगी जो विमान द्वारा यात्रियों के परिवहन के लिए लागू है।
जी हाँ, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 142 6 (क) में स्पष्ट है कि सेनवैट क्रेडिट के लिए दावे से संबंधित किसी अपील, समीक्षा अथवा संदर्भ की प्रत्येक कार्यवाही, चाहे वह मौजूदा कानून के अंतर्गत निर्धारित दिनाँक को अथवा उसके पश्चात आरम्भ की गई है, का निपटान मौजूदा कानून के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा, तथा दावेदार को स्वीकार्य पाये जाने वाले क्रेडिट की कोई भी राशि उसे नकद लौटा दी जाएगी, भले ही केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 की धारा 11बी (2) के प्रावधानों के अलावा मौजूदा कानूनों के किसी भी प्रावधान में कुछ भी हो।
नोट: जहाँ पर भी सीजीएसटी अधिनियम, 2017/सीजीएसटी नियम, 2017 का उल्लेख है, वह एसजीएसटी अधिनियम, 2017/एसजीएसटी नियम, 2017 और यूटीजीएसटी अधिनियम, 2017/यूटीजीएसटी नियम, 2017 के लिए भी लागू होगा।
अंतिम बार संशोधित : 3/15/2023
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