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निवेशक जागरुकता-जरुरी कदम

कुछ ऐसी सुरक्षाएं हैं, जिन्हें प्रतिभूति बाजार में ट्रेडिंग करने से पूर्व निवेशकों को ध्यान में रखनी चाहिए

ब्रोकर/सब-ब्रोकर का चुनाव

केवल सेबी में रजिस्टर्ड ब्रोकर/सब-ब्रोकर के साथ ही काम करें। बीएसई के ब्रोकरों के विवरण बीएसई एवं वेबसाइट द्वारा प्रकाशित मेम्बर लिस्ट से प्राप्त किए जा सकते हैं।

सहमति पत्र तैयार करें

  • ब्रोकर/सब-ब्रोकर के साथ क्लाइंट रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें।
  • ब्रोकर/सब-ब्रोकर-क्लाइंट सहमति पत्र तैयार कर लें। यह सहमति पत्र सभी निवेशकों को बीएसई के ट्रेडिंग मेम्बर के रूप में रजिस्टर्ड होने के लिए अनिवार्य होता है। सहमति पत्र तैयार करने से पहले निम्न बातों को सुनिश्चित कर लें:
  • उपयुक्त मूल्य वाले वैध स्टांप पेपर पर सहमति पत्र तैयार करने से पहले, उसके सभी नियम-शर्तों को अच्छी तरह से समझ लें।
  • सहमति पत्र के सभी पृष्ठों पर क्लाइंट तथा सदस्य या उस पर हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत उनके प्रतिनिधि का हस्ताक्षर होना चाहिए। सहमति पत्र पर गवाहों के भी नाम-पतों के साथ हस्ताक्षर भी होने चाहिए।
  • कृपया ध्यान दें कि नियामक प्राधिकरण ने ब्रोकर/सब-ब्रोकर/क्लाइंट एग्रीमेंट के सिवा किसी अन्य डॉक्युमेंट को तैयार करने का प्रावधान नहीं किया है।

ट्रांजैक्शन करना

  • उन ब्रोकर/सब-ब्रोकर का उल्लेख करें जिनके जरिए आपका ट्रेड किया जाता है तथा प्रत्येक एक्सचेंज के लिए एक अलग खाता बनाएं।
  • ब्रोकर/सब-ब्रोकर से ट्रेड होने के 24 घंटे के भीतर एक वैध कॉन्ट्रैक्ट नोट प्राप्त करें।
  • कॉन्ट्रैक्ट नोट ट्रेड का ऐसा पुष्टिकरण होता है, जो बीएसई द्वारा प्रस्तावित फॉर्मैट में क्लाइंट की ओर से किए किसी विशेष दिन के ट्रेड के लिए दिया जाता है। ट्रेडिंग मेम्बर तथा उनके क्लाइंट के बीच, कॉन्ट्रैक्ट नोट में उल्लिखित बीएसई में किए ट्रेडिंग के निपटारे के संदर्भ में यह एक वैध प्रवर्तन संबंध स्थापित करता है।
  • कॉन्ट्रैक्ट नोट डुप्लिकेट बनाए जाते हैं, तथा ट्रेडिंग मेम्बर तथा क्लाइंट दोनों एक-एक प्रति रखते हैं। क्लाइंट को कॉन्ट्रैक्ट नोट की डुप्लिकेट प्रति पर हस्ताक्षर करना होता है, ताकि मूल प्रति की प्राप्ति की पुष्टि हो सके।
  • a. कॉन्ट्रैक्ट नोट – फॉर्म 'A' – मेम्बर जहां ब्रोकर/एजेंट के अनुषंगी के रूप में कार्य करता हो, वहां जारी कॉन्ट्रैक्ट नोट।
  • b. कॉन्ट्रैक्ट नोट – फॉर्म 'B' - अनुषंगियों के साथ प्रमुख के रूप में कार्य करने वाले मेम्बर द्वारा जारी कॉन्ट्रैक्ट नोट।
  • यह सुनिश्चित कर लें कि कॉन्ट्रैक्ट नोट में निम्न शामिल हों:
    ट्रेडिंग मेम्बर/सब-ब्रोकर का सेबी में रजिस्ट्रेशन नम्बर, ट्रेड के विवरण- जैसे ऑर्डर नम्बर, ट्रेड नम्बर, ट्रेड टाइम, मात्रा, मूल्य, ब्रोकरेज, सेटल्मेंट नम्बर, अन्य शुल्कों के विवरण।
    लगने वाले ब्रोकरेज शुल्क से ट्रेड मूल्य को अलग दिखाया जाना चाहिए।
  • ब्रोकरेज, सर्विस टेक्स तथा एसटीटी को कॉन्ट्रैक्ट नोट में अलग-अलग दर्शाया जाना चाहिए।
  • अधिकृत प्रतिनिधि का हस्ताक्षर
  • आर्ब्रिट्रेशन (मध्यस्थता) की उपधारा में उल्लिखित है कि मुम्बई की अदालतों के पास उन सभी कार्रवाइयों का न्यायाधिकार होगा, जिसके लिए एक्सचेंज एक पार्टी के रूप में हो तथा अन्य सभी कार्रवाइयों के संदर्भ में जो अदालत संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर के क्षेत्र में अवस्थित होगी, उसके पास न्यायाधिकार होगा, और वह कॉन्ट्रैक्ट नोट के मुख-पृष्ठ पर दर्शाया जाएगा।

निपटारा

  • बिक्री/खरीद के लिए कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलने पर तुरंत ब्रोकर को सुरक्षा राशि/धन का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए, पर यह किसी भी हालत में पे-इन-डे से पहले होना चाहिए।
  • मेम्बर को पे-आउट के 24 घंटे के भीतर धन या सुरक्षा राशि निवेशक को भुगतान करना चाहिए।
  • डीमैट अकाउंट खुलवाएं।
  • शेयर को डीमैट रूप में खरीदने-बेचने के विकल्प का चयन करें।
  • डीमैट अकाउंट से शेयरों की आपूर्ति के लिए डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) को उसे लाभकर्ता के अकाउंट से ब्रोकर के पूल अकाउंट में हस्तांतरण के लिए ‘डिलिवरी आउट’ निर्देश दें, जिसके जरिए शेयर तथा प्रतिभूतियां बेची गई हों।
  • डीपी को निम्न विवरण दिया जाना चाहिए: उस ब्रोकर के पूल/अकाउंट का विवरण, स्क्रिप के विवरण, मात्रा इत्यादि के विवरण, जिसे शेयर हस्तांतरित किए जाने हैं। डिपोजिटरी की आवश्यकता के अनुसार ‘डिलिवरी आउट’ निर्देश प्रस्तावित प्रतिभूतियों के पे-इन के कट ऑफ टाइम से 48 घंटे पहले दिए जाने चाहिए।
  • अपने डीमैट खाते में शेयरों की प्राप्ति के लिए डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) को उस ब्रोकर के पूल खाते से लाभार्थी के खाते में प्राप्त करने के लिए ‘डिलिवरी निर्देश’ दिया जाना चाहिए, जिसके द्वारा शेयर की खरीद की गई हो।
  • यदि फ़िज़िकल डिलिवरी की प्राप्ति हुई हो तो सेबी द्वारा जारी गुड/बैड डिलिवरी के आधार पर उनकी जांच कर लें।
  • बैड डिलिवरी की स्थिति में उन्हें बीएसई प्रणाली के जरिए तुरंत अलग छांट लेना चाहिए।
  • यह सुनिश्चित कर लें कि फ़िज़िकल शेयरों के हस्तांतरण द्वारा स्वामित्व के लिए सभी रजिस्ट्रेशन को किसी वैध, पूर्ण तथा स्टांप लगे ट्रांसफर डीड के जरिए किया जाना चाहिए।

निवेशकों के अधिकार

  • कंपनी द्वारा निवेशकों के लिए घोषित की जाने वाले सभी लाभों/ मटेरियल जानकारियां प्राप्त करना।
  • कंपनी द्वारा हस्तांतरण, सब-डिविजनों तथा कंपनी में होल्डिंग के कन्सॉलिडेशन आदि की तत्पर सेवा प्राप्त करना।
  • इक्विटी होल्डर के रूप में कंपनी द्वारा पूंजी के अगले जारीकरण को सब्स्क्राइब करने का अधिकार होना।
  • ब्रोकरेज कॉन्ट्रैक्ट मूल के 2.5% से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • विशेष फॉर्मैंट में ब्रोकर से कॉन्ट्रैक्ट नोट प्राप्त करना, जो मूल्य, ब्रोकरेज, सर्विस टैक्स तथा एसटीटी को अलग-अलग दर्शाता हो।
  • पे-आउट के 24 घंटे के भीतर खरीदे हुए शेयरों/ बेचे गए शेयरों की आपूर्ति की अपेक्षा रखना।
  • भौगोलिक न्यायाधिकार की पुष्टि द्वारा बीएसई के रीजनल आर्ब्रिट्रेशन सेंटर से संपर्क करना।
  • विनिमय के ट्रेडिंग मेम्बर के विरुद्ध शिकायत या आर्ब्रिट्रेशन (मध्यस्थता) के लिए आवेदन संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर में दायर करना चाहिए, जो नीचे दी गई तालिका में वर्णित है, जहां कॉलम 1 राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों से संबद्ध है वहीं कॉलम 2 क्षेत्र (कॉन्सटिचुएंट) के नए पते/ रजिस्टर्ड ऑफिस पते से संबद्ध है, जो ट्रेडिंग मेम्बर के वैध पते से जुड़े हैं। अप्रवासी भारतीय क्षेत्र की स्थिति में मध्यस्थता (आर्बिट्रेशन) रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर होगा, जो कॉलम 2 में दिए राज्य तथा केंद्र शासित प्रदशों को कवर करता है, जिसमें रजिस्टर्ड ऑफिस पते या पते स्थित हैं। यह ट्रेडिंग मेम्बर के कॉरपोरेट या गैर-कॉरपोरेट सदस्यता पर निर्भर करता है। सुनवाई संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर पर की जाएगी, जहां आवेदक ने आर्बिट्रेशन के लिए बाकायदा आवेदन भरा हो।

निवेशकों के लिए पालन करने तथा छोड़ने योग्य सामान्य बातें

अब पहले की तुलना में अधिक से अधिक निवेशक निवेश कर रहे हैं अथवा ट्रेडिंग कर रहे हैं। इसलिए स्टॉक मार्केट में व्यवसाय करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है।
नीचे निवेशकों द्वारा अनुपालन करने और छोड़ने योग्य कुछ सामान्य बातें दी गई हैं:
अनुपालन करें

  • हमेशा सेबी/स्टॉक एक्सचेंज के साथ रजिस्टर्ड मार्केट मध्यस्थों के साथ ही कारोबार करें।
  • क्लाइंट बनने के बाद, तत्काल अपने सभी डॉक्युमेंटों की फोटो प्रतियां प्राप्त कर लें। यह सुनिश्चित कर लें कि डॉक्युमेंट तथा रजिस्ट्रेशन फॉर्म अच्छी तरह से भरे हुए हों।
  • अपने ब्रोकर/एजेंट/डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट को साफ-साफ तथा स्पष्ट निर्देश दें।
  • अपने ब्रोकर पर हमेशा कॉन्ट्रैक्ट नोट देने के लिए जोर दें। ट्रांजैक्शन के संदर्भ में संदेह की स्थिति में उसकी जांच बीएसई की वेबसाइट पर कर लें।
  • हमेशा बकाया राशि का भुगतान मार्केट मध्यस्थों के साथ सामान्य बैंकिग विधि से करें।
  • मार्केट मध्यस्थों को कोई ऑर्डर देने से पहले, कृपया कंपनी की विश्वसनीयता, उसके प्रबंधन तथा हालिया घोषणाओं की जांच कर लें, साथ ही विभिन्न नियमनों के अंतर्गत आने वाले अन्य घोषणाओं की भी जांच-पड़ताल कर लें। जानकारी के स्रोत हैं, एक्सचेज तथा कंपनियों की वेबसाइट, डेटा वेंडर का डेटाबेस, बिजनेस पत्रिका इत्यादि।
  • ट्रेडिंग/निवेश की रणनीतियों के जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के साथ मेल बनाए रखें, क्योंकि सभी निवेशों में कुछ न कुछ जोखिम होते हैं, जिसकी मात्रा निवेश रणनीति पर निर्भर करती है।
  • किसी मध्यस्थ के साथ क्लाइंट के रूप में रजिस्टर्ड होने से पहले सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लें। रिस्क डिस्क्लोजर डॉक्युमेंट में उल्लिखित बातों को अच्छी तरह से पढ़ें तथा समझ लें, ब्रोकर के जरिए कारोबार करने के लिए निवेशक के रजिस्ट्रेशन हेतु यह जरूरी होता है।
  • ऐसे स्टॉक के प्रति सावधान रहें जिनके मूल्य या ट्रेडिंग क्रियाकलाप में अचानक उछाल आती हो।
  • स्टॉक मार्केट में निवेश पर वापसी की कोई गारंटी नहीं होती।
  • सभी निवेश डॉक्युमेंटों की प्रतियां अपने पास रखें (जैसे, आवेदन फॉर्म, पावती वाली पर्ची, कॉन्ट्रैक्ट नोट)
  • कंपनी, ट्रेडिंग मेम्बर, रजिस्ट्रार तथा ट्रांसफर एजेंट इत्यादि को भेजे जाने वाले सभी डॉक्युमेंटों की प्रतियां अपने पास रखें।
  • महत्वपूर्ण डॉक्युमेंटों को भरोसेमंद विधि (रजिस्टर्ड पोस्ट) से भेजें, ताकि उसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
  • खरीदने से पहले यह तय कर लें कि आपके पास रुपए हों।
  • बेचने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके पास प्रतिभूतियां हैं।
  • बाद के चरणों को तत्परता से पूरा करें, जैसे एक निश्चित समय में प्राप्त होने वाले डॉक्युमेंट आपको न मिले हों तो तुरंत संबंधित व्यक्ति से संपर्क करें, जैसे किसी ट्रेडिंग मेम्बर से।
  • इस बात का स्पष्ट उल्लेख करें कि ट्रेड आप फ़िज़िकल मोड या डीमैट मोड में करना चाहते हैं।
  • ट्रेडिंग मेम्बर के खिलाफ शिकायत या आर्बिट्रेशन आवेदन को आप संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर में दायर करें। इसके लिए आपको पुष्टि कर लेनी होगी। कृपया इस उद्देश्य के लिए अपने उस पते का उपयोग करें, जो ट्रेडिंग मेम्बर को भेजा गया हो। प्रत्येक रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर के भौगोलिक न्यायाधिकार के विवरण कॉन्ट्रेक्ट नोट में भी उपलब्ध रहेंगे।
    IGRC सेवाओं के जरिए शिकायत की फिर से की गई कार्रवाई में खर्च हुए समय पर आर्बिट्रेशन आवेदन में ‘समय-सीमा’ के निर्धारण के लिए विचार नहीं किया जाएगा, बशर्ते कि शिकायत तथा/ या आर्बिट्रेशन आवेदन संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर पर अच्छी तरह से भरे हुए हों।
  • बीएसई में सूचीबद्ध किसी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के लिए आप भौगोलिक न्यायाधिकार की पुष्टि कर संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर में जाएं। भौगोलिक न्यायाधिकार की पुष्टि हेतु अपने पते का उपयोग करें। इससे आपकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने में आसानी होगी।

ऐसा न करें

  • गैर-रजिस्टर्ड ब्रोकर/सब-ब्रोकर या गैर-रजिस्टर्ड मध्यस्थों के साथ कारोबार न करें।
  • किसी मध्यस्थ के साथ किसी भी डॉक्युमेंट के नियम-शर्तों को बिना समझे तय न करें।
  • ट्रेडिंग मेम्बर के खिलाफ अपनी शिकायतों/ आर्बिट्रेशन आवेदन को उस रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर में न दायर करें, जिनके पास उस मामले का भौगोलिक न्यायाधिकार न हो। इसके लिए आप अपने उस पते का उपयोग करें, जो आपके ट्रेडिंग मेम्बर को वैध रूप से भेजा गया हो।

एक्सचेंज किसी निवेश की शिकायतों का आर्बिट्रेशन तथा IGRC प्रणाली के जरिए निपटारा करता है, जो अर्ध-न्यायिक प्रवृत्ति के होते हैं। IGRC के जरिए शिकायत के पुनर्निपटारे में लगे समय पर आर्बिट्रेशन आवेदन भरते समय ‘समय-सीमा’ के निर्धारण के लिए विचार नहीं किया जाएगा, बशर्ते कि शिकायत संबंधित रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर में दायर की गई हो।

  • बीएसई में सूचीबद्ध किसी कंपनी के खिलाफ अपनी शिकायतों/ आर्बिट्रेशन आवेदन को उस रीजनल आर्बिट्रेशन सेंटर में न दायर करें, जिनके पास उस मामले का भौगोलिक न्यायाधिकार न हो। भौगोलिक न्यायाधिकार की पुष्टि के लिए आप अपने उस पते का उपयोग करें।
  • अफवाहों या संकेतों के आधार पर कारोबार न करें।
  • किसी गारंटीड वापसी के वादे के शिकार न हों।
  • कंपनी द्वारा प्रदर्शित सरकारी स्वीकृतियों/रजिस्ट्रेशनों से भ्रमित न हों, क्योंकि ये स्वीकृतियां आप जिस प्रतिभूतियों को खरीद रहे हैं, उनके लिए न होकर किसी अन्य उद्देश्यों के लिए हो सकती हैं।
  • अपने डीमैट ट्रांजैक्शन स्लिप बुक को किसी मध्यस्थ को न दें।
  • प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाए गए कंपनियों के प्रदर्शन से भ्रमित न हों।
  • कॉरपोरेट प्रगति पर मीडिया की खबरों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, क्योंकि ये गुमराह करने वाली हो सकती हैं।
  • दूसरों के उन निवेश निर्णयों का, जिनसे उन्हें लाभ हुआ हो, आंख मूंदकर अनुपालन न करें
  • भरोसेमंद व्यक्तियों से, यहां तक कि परिचितों से भी ट्रांजैक्शन के डॉक्युमेंटों को प्राप्त करना न भूलें।
  • किसी निवेश से जुड़े रिस्क नोट को प्राप्त करना न भूलें।
  • आपके निवेश पर पोस्ट-डेटेड चेक के जरिए पुनर्भुगतान के वादे से भ्रमित न हों।
  • संबंधित व्यक्ति और तत्पश्चात उपयुक्त अधिकारी से संपर्क करने में संकोच न करें।
  • हाइ रिटर्न के झांसे में न आएं।

स्त्रोत : मुंबई स्टॉक एक्सचेंज,भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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