অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

बीमा के प्रकार

जीवन बीमा

जीवन बीमा, बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के कारण होने वाली आर्थिक क्षति के विरुद्ध एक सुरक्षा है। बीमा कम्पनी एक निश्चित अवधि के अंत में अथवा बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर एक निश्चित धनराशि के भुगतान का वचन देती है। कोई व्यक्ति जो जीवन बीमा की सुरक्षा चाहता है उसे बीमा प्रदाता को प्रीमियम का भुगतान करना होता है।

वित्तीय सुरक्षा

आप और आपके परिवार को आपकी मृत्यु, बीमारी अथवा शारीरिक अक्षमता के कारण जीविका नहीं अर्जन कर सकने की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध होती है। इसके अतिरिक्त, आप जीवन बीमा का उपयोग अपने बुढ़ापे के आर्थिक सहारे, बच्चों की शिक्षा में निवेश तथा कर-बचत निवेश के रूप में कर सकते हैं। अच्छा हो यदि आप जीवन बीमा छोटी उम्र में ही करा लें। अधिक उम्र में जीवन बीमा कराने पर प्रीमियम की राशि बढ़ जाती है।

सही बीमा योजना का चयन करें

अपनी आवश्यकताओं का विश्लेषण कर आपको सही बीमा योजना का चयन करना चाहिए। आपकी प्राथमिकता मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा, आपके धन की दीर्घकालीन वृद्धि, बचत अथवा रिटायरमेन्ट के बाद के पेंशन के आधार पर हो सकती है। आप किसी वित्त सलाहकार से भी परामर्श ले सकते हैं जो जीवन बीमा योजना के सही चयन में आपका मार्गदर्शन करेगा। कोई निश्चित नियम नहीं है, किंतु आमतौर पर जीवन बीमा की राशि आपकी वार्षिक आय का 15 से 20 गुणा हो सकती है।

मनोनयन

मनोनयन का अर्थ है आपकी मृत्यु की स्थिति में जीवन बीमा के लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति को नामजद करना। जीवन बीमा पॉलिसी लेते समय आपको मनोनीत व्यक्ति के बारे में पूर्ण विवरण देना पड़ता है। पॉलिसी धारक अपने जीवनकाल में मनोनीत व्यक्ति को बदल सकता है। दूसरी ओर, बीमा पॉलिसी के असाइनमेंट (अधिन्यास) का अर्थ है बीमा पॉलिसी के सभी अधिकारों तथा देयताओं को असाइनी (अधिन्यासी) के नाम पर हस्तांतरित कर देना।

आईआरडीए द्वारा पॉलिसी धारक के हितों की सुरक्षा

बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना पॉलिसी धारकों के हितों की सुरक्षा तथा बीमा उद्योग के नियमन एवं उसकी वृद्धि को प्रोत्साहित करने हेतु की गई। आईआरडीए के अनुसार बीमा कम्पनी को किसी दावे का निपटारा, इस हेतु दावाकर्ता की ओर से सभी आवश्यक शर्तें पूरी कर देने के, 30 दिनों के अन्दर कर देना चाहिए। यदि दावे के निपटारे हेतु आगे किसी सत्यापन की आवश्यकता होती है तो कम्पनी द्वारा दावे के लिखित ज्ञापन मिलने के 6 महीने के अन्दर सारी प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए। ऐसे किसी भी निपटारे के लिए, जिसमें 6 महीने से अधिक का समय लगता है, कम्पनी को दावे की राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा।

राहत अवधि के अन्दर बीमा प्रीमियम अदा नहीं किए जाने पर आपकी जीवन बीमा पॉलिसी रद्द हो जाएगी। पॉलिसी रद्द हो जाने पर, आपको मिलने वाले सभी लाभ रद्द हो जाएंगे।

ऑटो मोबाइल बीमा

सभी मोटर वाहन का बीमा कराना पड़ता है। मोटर-वाहन बीमा वाहन अथवा इसके एसेसरीज को पहुंचने वाली किसी प्रकार की क्षति या किसी प्रकार के नुकसान के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है। क्षति या नुकसान किसी प्राकृतिक आपदा जैसे आग, बाढ़ अथवा गैर-प्राकृतिक आपदा जैसे चोरी और दंगा के कारण हो सकता है। ऑटो मोबाइल बीमा आपको तीसरे पक्ष की वैधानिक देयता से भी सुरक्षित रखता है जो दुर्घटना से होने वाले नुकसान की स्थिति में होती है।

नो-क्लेम बोनस

नो-क्लेम बोनस का अर्थ है यदि पॉलिसी धारक किसी वर्ष कोई दावा प्रस्तुत न करे तो इस कारण मिलने वाली छूट। पॉलिसी धारक नो-क्लेम बोनस (NCB) का हकदार पॉलिसी के नवीकरण के समय होता है। NCB की दर वही रहती है, बशर्ते आप यह दिखाने में सफल हों कि आप पहले वाले ऑटो मोबाइल बीमा प्रदाता से NCB प्राप्त करने के हकदार हैं।

खुद को या तीसरे पक्ष को होने वाले सभी संपत्ति अथवा शारीरिक क्षति या नुकसान की जानकारी उपयुक्त अधिकार क्षेत्र वाले पुलिस थाने में देनी चाहिए। यदि बीमा कम्पनी ने गैर-नगदी सुविधा दे रखी है तो आपको नगद रूप में क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी बल्कि आपके वाहन की मरम्मत करवाई जाएगी। यद्यपि बीमा कम्पनियों के कुछ वाहन विक्रेताओं के साथ समझौते हुए रहते हैं, और आप केवल वहीं से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

यदि आपके वाहन की चोरी हो जाती है तो आपको सबसे पहले उपयुक्त अधिकार क्षेत्र वाले पुलिस थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। बीमा कम्पनी को ज्ञापन देना चाहिए और बीमा का दावा प्रस्तुत करना चाहिए।

स्वास्थ्य बीमा

स्वास्थ्य बीमा आपके चिकित्सकीय उपचार पर होने वाले व्यय के विरुद्ध सुरक्षा है। बीमा सुरक्षा की सीमा बीमाकृत राशि तक ही होती है। स्वास्थ्य उपचार अत्यंत महंगा हो सकता है। स्वास्थ्य बीमा स्वास्थ्य उपचार के व्यय की क्षतिपूर्ति प्रदान करता है यदि उपचार बीमा की अवधि के दौरान किया गया हो। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां कर में छूट भी दिलाती हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80D के अनुसार अधिकतम 10,000 रु. की छूट प्राप्त होती है। वरिष्ठ नागरिक अपनी कर योग्य आय पर अधिकतम 15,000 रु. की छूट प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य बीमा कम्पनियां 50 वर्ष की उम्र तक के व्यक्ति को बीमा सुरक्षा प्रदान करती हैं।

बिना नगद भुगतान के अस्पताल में उपचार

इन दिनों स्वास्थ्य बीमा कम्पनियां अपनी सेवाओं में अनोखी धारणाएं शामिल कर रही हैं। उनमें से एक है ‘बिना नगद भुगतान के अस्पताल में उपचार’। इस सुविधा के अंतर्गत व्यक्ति को अस्पताल के बिल का भुगतान नहीं करना पड़ता है; बीमा कम्पनी द्वारा बिल का सीधा भुगतान कर दिया जाता है। यद्यपि, यह सुविधा केवल उन्हीं अस्पतालों में उपलब्ध होती है जिसका बीमा कम्पनी के साथ समझौता रहता है।

छूट

बाजार में ऐसी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं हैं जो आपके परिवार के सभी सदस्यों को बीमा सुरक्षा प्रदान करती हैं। आपको अपने संपूर्ण परिवार के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त होती है। कुछ बैंकों द्वारा अगले साल के लिए प्रीमियम पर 5% की छूट दी जाती है।
इसका अर्थ यह है कि बीमा अवधि के पहले 30 दिन के दौरान होने वाले अस्पताल के खर्चे बीमा सुरक्षा के अंतर्गत नहीं आते। यद्यपि, दुर्घटना के कारण होने वाली क्षति इसके अंतर्गत आती है। जो बीमारियां बीमा कराने से पहले से हैं वह भी इसके अंतर्गत नहीं आतीं।

यात्रा बीमा

यात्रा बीमा एक ऐसी योजना है जो आपकी समुद्रपार (विदेश) यात्रा के दौरान होने वाली वित्तीय क्षति के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है। आप विभिन्न उद्देश्यों हेतु विदेश यात्रा कर सकते हैं जैसे छुट्टियां बिताने, शिक्षा या अपने किसी महत्वपूर्ण बिजनेस मीटिंग के लिए। इस दौरान आपको बीमा सुरक्षा देने हेतु विदेश यात्रा बीमा उपलब्ध है। यह बीमा आपको आपका सामान खो जाने, यात्रा के दौरान चिकित्सकीय आपात स्थिति अथवा दुर्घटना की स्थितियों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।

यात्रा बीमा की सुरक्षा पॉलिसी में उल्लिखित दिन से अथवा जब आप विदेश यात्रा आरंभ करते हैं उस दिन से अथवा पॉलिसी में दिए गए वास्तविक कंट्रैक्टेड डिपार्चर डेट, जो भी बाद का हो, उस दिन से आपको प्राप्त होती है। यात्रा बीमा बीमा अवधि के अंत तक अथवा बीमाकृत व्यक्ति जब वापस आकर भारत में उतरता है, जो भी पहले हो, उस दिन तक वैध रहता है। यद्यपि बहुत सी बीमा कम्पनियां बीमा पॉलिसी के लाभों को कुछ समय के लिए बढ़ा देती है यदि बीमाकृत यात्रा में किसी कारणवश विलम्ब हो जाए।

आप एक यात्रा अथवा अनेक यात्राओं के लिए बीमा करा सकते हैं। यदि आपने एकल यात्रा (single trip) की पॉलिसी ली है तो इसकी सुरक्षा आपको एक निश्चित अवधि तक के लिए ही मिलेगी। यदि आपने बहु-यात्रा पॉलिसी (Multiple Trip policy) ली है तो बीमा की अवधि के दौरान आपको आपकी सभी यात्राओं के लिए इसकी सुरक्षा प्राप्त होगी। TPA थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर है जो बिना नगद भुगतान के चिकित्सा सेवाओं तथा दावों के निपटारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराता है।

यदि विदेश यात्रा के दौरान आप किसी बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं तो आप अपने देश लौट कर भी उस बीमारी का इलाज लगातार प्राप्त कर सकते हैं। यह थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (TPA) द्वारा दी गयी सलाह पर निर्भर करता है। यदि TPA सलाह देता है तो कम्पनी बीमाकृत व्यक्ति के अपने देश लौट आने पर उसके चिकित्सा व्यय का भुगतान करना जारी रखेगी। ऐसी चिकित्सा को जारी रखने के लिए अधिकतम अवधि की सीमा अलग-अलग कम्पनियों के लिए अलग-अलग होगी। कुछ योजनाएं उन छात्रों के लिए होती हैं जो बिना मेडिकल कवर (चिकित्सा बीमा) के विदेश अध्ययन के लिए जाते हैं।

गृह बीमा

गृह बीमा एक सुरक्षा है जो आपको आपके घर को प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित आपदा से होने वाले नुकसान की स्थिति में प्राप्त होती है। घर का ढांचा और उसके अन्दर के आपके सामान- दोनों बीमा योग्य होते हैं। गृह बीमा पॉलिसी के अंतर्गत सभी प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाएं जैसे आग, भूकम्प, आकाशी बिजली, बाढ़, दंगा, हड़ताल, दुर्भावनावश की गई क्षति, चोरी, आतंकवाद इत्यादि आती हैं।

घर के ढ़ांचे के लिए बीमाकृत राशि की गणना आपके घर के निर्माण क्षेत्रफल को प्रचलित निर्माण दर (कंसट्रक्शन रेट) से गुणा कर की जा सकती है।

घर के अन्दर की वस्तुओं के लिए घर के अन्दर की आपकी सभी वस्तुएं जैसे फर्नीचर, कपड़े, बरतन, गहने इत्यादि के मूल्य बाजार मूल्य पर तय किए जाते हैं। आमतौर पर आपका घर बीमाकृत होता है न कि उसके अन्दर की वस्तुएं। आप अपने घर की वस्तुओं के लिए बीमा की पूर्ण सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। गृह बीमा के अंतर्गत व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने वाले भवनों का बीमा नहीं होता।
आपको नुकसान की प्रकृति और उसके विस्तार को दर्शाते हुए बीमा कम्पनी का दावा प्रपत्र (क्लेम फॉर्म) भरकर अन्य दस्तावेजों के साथ जमा करना पड़ता है। दस्तावेजों में एफआईआर रिपोर्ट फायर ब्रिगेड रिपोर्ट, नुकसान की स्थिति में मरम्मत व्यय का आकलन इत्यादि होते हैं। मकान मालिक की गृह बीमा पॉलिसी के अंतर्गत वास्तविक भवन आता है न कि घर के अन्दर की वस्तुएं।

स्त्रोत : पोर्टल विषय सामग्री टीम

अंतिम बार संशोधित : 3/16/2023



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate