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मिट्टी-स्वास्थ्य, मिट्टी संरक्षण एवं उर्वरक

मिट्टी-स्वास्थ्य, मिट्टी संरक्षण एवं उर्वरक

क्या करें?

  • मिट्टी की जाँच के आधार पर सही उर्वरक उचित मात्रा में ही डालें
  • मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बरकरार रखने के लिए जैविक खाद जरुर डालें
  • उर्वरक छिड़कने की बजाए जड़ों के पास डाले ताकि उर्वरक का पूरा असर रहें|
  • फास्फेटिक उर्वरकों का विवेकपूर्ण और प्रभावी प्रयोग सुनिश्चित करें ताकि जड़ों/तनों का समुचित विकास हो तथा फसल समय पर पके, विशेष रूप से फलीदार फासले, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए वायुमंडलीय नाइट्रोजन का उपयोग करती है|
  • अम्लीय भूमि के सुधार के लिए चूना और क्षारीय/उसर भूमि के लिए जिप्सम का प्रयोग करें|
  • भारत  के लिए सहभागी जैविक गारंटी व्यवस्था (पी.जी.एस. इंडिया प्रमाणीकरण) अपनाने के इच्छुक किसान अपने अथवा पास के गाँव से, कम से कम पांच किसानों का एक समूह बना कर इसका पंजीकरण पास के जैविक कृषि के क्षेत्रीय परिषद अथवा क्षेत्रीय केंद्र में करायें|

क्या पायें?

क्रम स.

सहायता का प्रकार

सहायता का पैमाना/अधिकतम सीमा

स्कीम घटक

1

जिप्सम/पाईराइट की आपूर्ति

खर्च का 50% रु० 750 प्रति हेक्टेयर  अधिकतम

एच०एम० ओ०पी०

2

सूक्ष्म पोषक तत्वों को कमी वाले क्षेत्रों में इन तत्वों की आपूर्ति

खर्च का 50% रु० 500 प्रति हेक्टेयर  अधिकतम

एच०एम०एम०

3

जैविक खेती अपनाने के लिए

रु० 10, 000 प्रति हेक्टेयर

एच०एम०एम०

4

वर्मी कम्पोस्ट इकाई

रु० 50,000 प्रति इकाई (30x8x2.5 600  घनफीट)

एच०एम०एम०

5

पोलिथीन वर्मी बेड

रु० 8,000 प्रति इकाई

एच०एम०एम०

6.

समेकित पोषक तत्व प्रबधन के लिए प्रोत्साहन

रु० 12,00 प्रति हेक्टेयर  हेक्टेयर

एच०एम०एम०

7

जिप्सम, फोस्फ़ो जिप्सम गंधक (गेहूं दलहन में)

खर्च का 50% रु० 750 प्रति हेक्टेयर  अधिकतम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन

8

सूक्ष्म पोषक तत्व को बढ़ावा देने और वितरण हेतु (गेहूं दलहन, धान में)

खर्च का 50% रु० 500 प्रति हेक्टेयर  अधिकतम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन

9

अम्लीय मिट्टी सुधार हेतु चूना/बेसिक स्लैग के लिए

खर्च का 50% रु० 1,000 प्रति हेक्टेयर  अधिकतम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन

10

जैविक खाद (राइजोबियम/पी० वी० )

खर्च का 50% रु० 750 प्रति हेक्टेयर  अधिकतम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन

11

नया चलंत/स्थिर मिट्टी जाँच प्रयोगशाला स्थापना/प्रशिक्षण

खर्च का 75% रु० 56 अधिकतम

एच०एम०एम०

12

सूक्ष्म पोषक तत्वों को बढ़ावा देना/वितरण

खर्च का 50% रु० 500 प्रति हेक्टेयर, रु० 1,000 प्रति लाभुक

एच०एम०एम०

13

तरल जैविक, जैविक कीटनाशक तथा जैविक खाद

खर्च का 50% रु० 40 लाख प्रति ईकाई व्यक्तिगत एवं निजी संख्या के लिए नबार्ड मारफत

एच०एम०एम०

14

यांत्रिक फल, सब्जी, तथा कचरा द्वारा कम्पोस्ट उपलब्ध ईकाई बनाना

खर्च का 50% रु० 63 लाख प्रति ईकाई व्यक्तिगत एवं निजी संख्या के लिए नबार्ड मारफत

एच०एम०एम०

15

जैविक उत्पादन (खाद, जैविक उर्वरक, कम्पोस्ट. वर्मी कम्पोस्ट हरवल एक्सट्रेक्टर

खर्च का 50% रु० 5,000 प्रति हेक्टेयर,

अधिकतम रु० 1,000 प्रति लाभुक

एच०एम०एम०

16

जैविक खेती समूह में प्रमाण पत्र के साथ

रु० 20,000 प्रति हेक्टेयर, रु० 40,000 प्रति लाभुक अधिकतम तीन वर्षों

एच०एम०एम०

17

ऑन्लाइन डाटा प्रबंधन तथा अवशेष विशलेषण

रु० 200 प्रति किसान , रु० 5,000 प्रति समूह  अधिकतम 1 लाख प्रति परिषद अवशेष जाँच 10,000 प्रति नमूना

एच०एम०एम०

18

जैविक खाद का प्रबंधन/जैविक गाँव

10 लाख प्रति गाँव समन्वित खाद्य प्रबंधन समूह में/स्वयंसेवी संस्था द्वारा अधिकतम 10 गाँव प्रति वर्ष राज्य

एच०एम०एम०

19

जैविक खेती पर प्रत्यक्षण

रु० 20,000 प्रति प्रयत्क्ष्ण 50 किसानों समूह के लिए

एच०एम०एम०

20

समस्या वाली मिट्टी का सुधार

क्षारिय मिट्टी सुधार  खर्च का 50% अधिकतम रु० 25,000 प्रति हेक्टेयर,

रु० 50,000 प्रति लाभुक

अम्लिक मिट्टी सुधार  खर्च का 50% अधिकतम रु० 3,000 प्रति हेक्टेयर,

रु० 6,000 प्रति लाभुक

एच०एम०एम०

किससे सम्पर्क करें?

जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी आत्मा|

 

स्रोत: - कृषि एवं गन्ना विकास विभाग, झारखण्ड सरकार|

अंतिम बार संशोधित : 1/28/2020



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