लोहरदगा जिले में कुल भौगोलिक क्षेत्र का 52.6 प्रतिशत भूमि अल्फिसोल्स, 26.3 प्रतिशत इन्सप्तिसोल्स तथा 21.1 प्रतिशत एन्तिसोल्स मृदा श्रेणी के अंतर्गत पाया गया है। इस जिले की भूमि में पोषक तत्वों की स्थिति संतोषप्रद नहीं पाई गई है। अत: ऐसी भूमि में सफल खेती के लिए समेकित पोषक तत्व प्रबंधन तकनीक को अपनाना अति आवश्यक है।
जिले में मिट्टी का पी.एच. मान 4.5 से 6.6 तक पाया गया है। इस क्षेत्र को शतप्रतिशत मिट्टी अम्लीय पाई गई है। इनमें से करीब 73.6 प्रतिशत मिट्टी अम्लीय (पी.एच. मान 5.5 से कम) से ग्रस्त पाया गया है और इसका उपचार किया जाना जरूरी है।
तालिका 1: जिले के भूमि में विभिन्न मृदा-क्रिया का वर्गीकरण
मृदा-क्रिया |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
ज्यादा प्रबल अम्लीय (पी.एच. 4.5-5.0) |
209 |
14.0 |
प्रबल अम्लीय (पी.एच.5.1-5.5) |
859 |
57.6 |
मध्य अम्लीय (पी. एच. 5.6-6.0) |
381 |
25.6 |
कम अम्लीय (पी.एच. 6.1-6.5) |
23 |
1.5 |
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
कुल |
1491 |
100.00 |
जिले की मिट्टी में 0.25 से 1.75 प्रतिशत तक जैविक कार्बन की मात्रा पाई गई है। कुल भौगोलिक क्षेत्र का 65.8 प्रतिशत भूमि में जैविक कार्बन का स्तर निम्न से मध्यम तथा 32.9 प्रतिशत भूमि में अधिक पाया गया है।
तालिका 2: जिले के भूमि में जैविक कार्बन का स्तर
जैविक कार्बन (प्रतिशत) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (0.50 प्रतिशत से कम) |
561 |
37.6 |
मध्यम (0.50-0.75 प्रतिशत) |
421 |
28.2 |
अधिक (0.75 प्रतिशत से अधिक) |
490 |
32.9 |
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
कुल |
1491 |
100.00 |
जिले की मिट्टी में उपलब्ध नेत्रजन की मात्रा 112 से 565 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है। क्षेत्र की अधिकाधिक भूमि में उपलब्ध नेत्रजन के स्तर में कमी (72.6 प्रतिशत) तथा 25.7 प्रतिशत मध्यम पाई गई है।
तालिका 3: जिले के भूमि में उपलब्ध नेत्रजन का स्तर
उपलब्ध नेत्रजन (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (280 से कम) |
1083 |
72.6 |
मध्यम (280-560) |
383 |
25.7 |
अधिक (560 से अधिक) |
6 |
0.4 |
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
कुल |
1491 |
100.00 |
क्षेत्र की भूमि में उपलब्ध स्फूर की मात्रा 6.0 से 326.2 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाई गई हैं। इनमें बहुतायत 63.8 प्रतिशत भूमि में अधिक तथा 34.9 प्रतिशत भूमि में उपलब्ध स्फूर निम्न मध्यम स्तर का पाया गया है।
तालिका 4: जिले के भूमि में उपलब्ध स्फूर का स्तर
उपलब्ध स्फूर (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (10 से कम) |
232 |
15.6 |
मध्यम (10-15) |
288 |
19.3 |
अधिक (15 से अधिक) |
952 |
63.8 |
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
कुल |
1491 |
100.00 |
इस क्षेत्र की मिट्टी में उपलब्ध पोटाश की मात्रा 56 से 672 किलो प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है। बहुतायत मिट्टी में उपलब्ध पोटाश का स्तर मध्यम (47.1 प्रतिशत) त्तथा क्रमश: 25.8 प्रतिशत भूमि में निम्न तथा अधिक पाई गई है।
तालिका 5: जिले के ऊपरी सतह भूमि में उपलब्ध पोटाश का स्तर
उपलब्ध पोटाश (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (108 से कम) |
384 |
25.8 |
मध्यम (108-280) |
702 |
47.1 |
अधिक (280 से अधिक) |
386 |
25.8 |
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
कुल |
1491 |
100.00 |
यहाँ की मिट्टी में 0.71 से 20.61 मि.ग्रा. प्रति किलो तक उपलब्ध सल्फर विद्यमान पाया गया है, जिनमें जिले की 77.9 प्रतिशत भूमि निम्न, 20.4 प्रतिशत मध्यम तथा 0.4 प्रतिशत भूमि में अधिक उपलब्ध सल्फर का स्तर पाया गया है।
तालिका 6: जिले के भूमि में उपलब्ध सल्फर का स्तर
उपलब्ध सल्फर (मि.ग्रा./किलो) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
निम्न (10 से कम) |
1161 |
77.9 |
मध्यम (10-20) |
305 |
20.4 |
अधिक (20 से अधिक) |
6 |
0.4 |
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
कुल |
1491 |
100.00 |
लोहरदगा जिले के मृदा सर्वेक्षण जाँच में कुल भौगोलिक क्षेत्र की सूक्ष्म पोषक तत्वों की क्रिटिकल लिमिट के अनुसार उपलब्ध लोहा (98.7 प्रतिशत), उपलब्ध मैंगनीज (98.7 प्रतिशत) एवं उपलब्ध कॉपर (81.9 प्रतिशत) एवं उपलब्ध जिंक (85.1 प्रतिशत) की स्थिति पर्याप्त पाई गई है। क्षेत्र की बहुतायत भूमि में उपलब्ध बोरॉन की कमी (71.5 प्रतिशत) तथा 27.2 प्रतिशत भूमि में पर्याप्त पाई गई है।
तालिका 7: जिले के भूमि में उपलब्ध बोरॉन का स्तर
उपलब्ध पोटाश (किलो/हें.) |
क्षेत्र (’00 हें.) |
कुल भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत |
मूल्य-निर्धारण |
0.25 से कम |
423 |
28.4 |
अपर्याप्त |
0.25-0.50 |
643 |
43.1 |
|
0.5-0.75 |
291 |
19.5 |
पर्याप्त |
0.75 से अधिक |
115 |
7.7 |
|
अन्यान्य |
19 |
1.3 |
|
कुल |
1491 |
100.00 |
|
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार
अंतिम बार संशोधित : 9/30/2019
इस पृष्ठ में अनुसूचित जाति कल्याण से सम्बंधित अनुस...
इस पृष्ठ में अदरक की वैज्ञानिक खेती की विस्तृत जान...
इस भाग में अस्पताल जाने की स्थितियों में किन बातों...
इस भाग में वैशाली जिले की राजापाकड़ प्रखंड की महिल...