অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

फसल बीमा

क्या करें?

  • फसल बीमा अपनाकर अपने आप को अनजाने प्राकृतिक जोखिम जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं, कीट-जीव एवं बीमारियां तथा प्रतिकूल मौसम अवस्थाओं आदि से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करें।
  • अपने क्षेत्र में लागू उचित फसल बीमा योजना का लाभ उठायें। राष्ट्रीय फसल बीमा कार्यक्रम के अन्तर्गत इस समय देश में तीन बीमा योजनांए संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना तथा काकोनेट पाम बीमा योजना से क्रियान्वित की जा रही है।
  • यदि आप अधिसूचित फसलों के लिए ऋण ले रहे हैं तो आपके लिए संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना/मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाना अनिवार्य है तथा गैर-ऋणी किसानों के किए बीमा करवाना स्वैच्छिक है।

फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निकटतम बैंक शाखा/फसल बीमा कम्पनी से सम्पर्क करें।

आप क्या पा सकते हैं?

क्र.सं.

योजना

सहायता

1

संशोधित राष्ट्रीय फसल बीमा योजना

अधिसूचित खाद्य फसलों, तिलहन एवं वार्षिक बागवानी एवं वाणिज्य फसलों के लिए बीमा सुरक्षा

अधिसूचित फसलों के लिए (खाद्य एवं तिलहन की फसलें रबी एवं खरीफ मौसम) के लिए वास्तविक अधिकतम प्रीमियम दर 11 प्रतिशत तथा 9 प्रतिशत है। वास्तविक बागवानी एवं वाणिज्यक फसलों के लिए 13 प्रतिशत है।

प्रीमियम स्लैब पर निर्भर करने वाले सभी किसानों को प्रीमियम का 75 प्रतिशत तक अनुदान के मद में प्रदान किया जाता है

(क) 2 प्रतिशत तक शून्य

(ख) 2 से 5 प्रतिशत तक 40 प्रतिशत न्यूनतम 2 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम के साथ

(ग) 5 से 10 प्रतिशत तक 50 प्रतिशत न्यूनतम 3 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम के साथ

(घ) 10 से 15 प्रतिशत तक 60 प्रतिशत न्यूनतम 5 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम के साथ

(ड) 15 से ज्यादा प्रतिशत 75 प्रतिशत न्यूनतम 6 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम के साथ

  • यदि प्रतिकूल मौसम अवस्था के कारण बीजाई नहीं की गई है तो बीमित राशि का बीजाई/रोपाई की सुरक्षा के लिए 25 प्रतिशत तक दिया जाएगा।
  • अधिसूचित फसलों की उपज यदि गारण्टी उपज से कम है तो उपज में हुई कमी के बराबर अधिसूचित क्षेत्रों में सभी किसानों को बीमित राशि दी जाएगी।
  • जिन अधिसूचित क्षेत्रों में उपज को कम से कम 50 प्रतिशत से अधिक हानि होगी उनको 25 प्रतिशत राशि तुरन्त राहत के रूप में अदा की जाएगी।

 

इसके साथ-साथ कटाई के बाद चक्रवात के कारण हुई हानि को भी इसके अधीन लिया जाता है (2 सप्ताह तक)।

ओलावृष्टि एवं भूस्खलन जैसे स्थानीय जोखिमों के कारण हुई हानि का आकलन व्यक्तिगत आधार पर किया जात है तथा प्रभावित बीमित किसानों को तदानुसार मुआवजा दिया जाता है।

2 मौसम आधारित फसल बीमा योजना

अधिसूचित खाद्य फसलों, तिलहनों एवं बागवानी/वाणिज्यिक फसलों के लिए वास्तविक प्रीमियम दर 12 प्रतिशत है।

(क) 2 प्रतिशत तक शून्य अनुदान

(ख) 2 से 5 प्रतिशत तक 25 प्रतिशत अनुदान न्यूनतम 2 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम

(ग) 2 से 5 प्रतिशत तक 40 प्रतिशत अनुदान न्यूनतम 3.75 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम

(घ) 8 से 50 प्रतिशत तक अनुदान न्यूनतम 4.8 प्रतिशत शुद्ध प्रीमियम तथा 6 प्रतिशत

अधिकतम प्रीमियम किसानों द्वारा।

किससे सम्पर्क करें?

बैंक की निकटतम शाखा/सामान्य फसल बीमा निगम,ऋण एवं सहकारी समितियां/उप कृषि निदेशक(संबंधित जिला)/खण्ड विकास अधिकारी

स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate