क्र.सं. |
सहायता के प्रकार |
सहायता का पैमाना |
योजना |
1 |
टपका सिंचाई व फव्वारा सिंचाई |
लागत का 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है व फव्वारा सिंचाई के लिए 50प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। जनवरी 2014 तक राज्य में 142574 फव्वारा संयंत्र लगाये जा चुके है। वर्ष 2013-14 में कपास व गन्ने के करीब 2000 हैक्टेयर क्षेत्र को टपका सिंचाई के अंतर्गत लाया गया है। राज्य में जल स्तर की गहराई एवं गुणवत्ता का आकलन के लिए रोहतक, झज्जर तथा करनाल के 23 खण्डों के डिजीटल वाटर लागर वर्ष 2011-12 में स्थापित किये गये। शेष17 जिलों में भी ये 2012-13 में स्थापित किये जा चुके हैं। |
राज्य सरकार योजना |
2 |
भूमिगत जल संरक्षण अधीन योजना |
लागत का 50 प्रतिशत या 2200 रूपये प्रति क्विंटल जो भी कम से कम हो |
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3 |
पुनर्भरण ढांचों का निर्माण |
लागत का 50 प्रतिशत या 1200 रूपये प्रति क्विंटल जो भी कम से कम हो (अधिसूचित किस्मों के बीज पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है) |
राज्य भूमि जल संरक्षण योजना वआर0के0वी0वाई0। |
4 |
भूमिगत पाईप लाईन प्रणाली |
लागत का 50 प्रतिशत या 500 रूपये प्रति क्विंटल जो भी कम से कम हो |
राज्य सरकार व आर0के0वी0वाई0 |
5 |
पक्के खालों का निर्माण |
बाजार भाव का 25 प्रतिशत (बी.टी कपास व अधिसूचित किस्मों पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है) |
काडा (कमांड एरिया डेवलपमेंट एजेंसी) व आर0के0वी0वाई0 |
6 |
सेमग्रस्त भूमि का जैव-जल निकासी प्रणाली द्वारा सुधार |
इस योजना के अंतर्गत 7आधे एकड़ के लिए 50 प्रतिशत अनुदान के लिए प्रमाणित बीज दिया जाता है। इसके इलावा अपना गुणवता वाला बीज तैयार करने के लिए प्रशिक्षण देने का प्रावधान है। |
-सम- |
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नहरी सिंचाई लघु व सूक्ष्म सिंचाई कार्य पारंपरिक जल निकायों व टैंकों की सफाई का कार्य |
100 प्रतिशत प्रमाणित बीज का उपचार किया जाता है जिसमें 50 प्रतिशत राज्य प्लान स्कीम द्वारा व 50 प्रतिशत आर.की.वाई द्वारा 2014-15 के लिए रखा गया है जबकि बीज उपचार पालिसी के तहत जरूरत अनुसार किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। |
मनरेगा स्कीम |
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समेकित जलाश्य विकास कार्यक्रम |
1000 रूपये प्रति हैक्टेयर की दर से प्रदान किये जाते हैं। यह सहायता अनुसूचित जाति छोटे व सीमांत किसानों व खेतीहर महिलाओं को दी जाती है। |
-सम- |
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राज्य में माइनरों व ड्रेनों का विस्तार व जलमार्गों के आधुनिकीकरण |
गन्ने को बीज को जैव-एजेंटों (ट्राइकोडर्मा और स्यूडोमोनास) से उपचारित करने के लिए 500 रूपये की वितीय सहायता प्रदान की जाती है। |
नाबार्ड |
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कम ऊचांई के तीन बांधों के निर्माण की योजना |
पिछले 15 वर्षों के दौरान अधिसूचित कपास की किस्मों व संकरों का प्रमाणित बीज बाजार मूल्य की 50 प्रतिशत |
हरियाणा राज्य बाढ़ नियंत्रण बोर्ड व भारत सरकार |
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ओटू झील की गाद निकालना |
ओटू झील की गाद 45.23 करोड़ रूपये की लागत से निकाली गयी है। |
नाबार्ड |
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रेणुका बांध निर्माण |
25 करोड़ रूपये हरियाणा का हिस्सा हिमाचल सरकार के पास जमा करवा दिये गये हैं। |
राज्य सरकार |
जिला कृषि विकास अधिकारी/ब्लाक कृषि अधिकारी/जिला भूमि संरक्षण अधिकारी/परियोजना निदेशक (आत्मा)
स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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