फल, फूलों की खेती करना, अपने लाभ को दूना करना
क्र.सं. |
सहायता का प्रकार |
सहायता का पैमाना/अधिकतम सीमा |
स्कीम/घटक |
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अनुदान (सब्सिडी) |
अधिकतम प्रति यूनिट अनुदान (सब्सिडी) क्षेत्र |
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क - बागवानी के अंतर्गत सहायता |
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1. |
सब्जी बीज उत्पादन (अधिकतम 5 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी) |
सामान्य क्षेत्र में 35% पूर्वोत्तर राज्यों, टीएसपी, अंडमान एवं निकोबार एवं लक्षद्वीप समूह के लिए 50% |
सामान्य बीजों के लिए 35,000/- रुपये और संकर बीजों के लिए रुपये1,50,000/- रुपये |
- तदैव - |
2. |
उच्च तकनीकी पौधशाला (2-4 |
क्रेडिट लिंक्ड एंडेड सब्सिडी के रुप में लागत का 40% |
25.00 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
3. |
छोटी पौधशाला (1 हेक्टेयर इकाई) |
क्रेडिट लिंक्ड एंडेड सब्सिडी के रुप में लागत का 50% |
15.00 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
4. |
नये बाग की स्थापना (अधिकतम ४ हेक्टेयर प्रति लाभार्थी) (क) फल (टपक सिंचाई से युक्त) |
सामान्य क्षेत्र में 40% पूर्वोत्तरी राज्यों, टीएसपी, अंडमान एवं निकोबार एवं लक्षद्वीप समूह में 50% (60:20:20) की 3 किश्तों में। दूसरे वर्ष में 75% एवं तीसरे वर्ष में 90% की जीवित दर की शर्त पर |
0.40 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से 2.20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
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(ख) फल (टपक सिंचाई के बिना) |
सामान्य क्षेत्र में 40% पूर्वोत्तर राज्यों, टीएसपी, अंडमान एवं निकोबार एवं लक्षद्वीप समूह में 50%(60:20:20) की 3 किश्तों में दूसरे वर्ष में 75% एवं तीसरे वर्ष में 90% की जीवित दर की शर्त पर। |
0.40 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर से 2.20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
5. |
मसाले की फसलें (अधिकतम 4 हे.प्रति लाभार्थी |
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क) बीज और प्रकन्द वाले मसाले |
सामान्य क्षेत्र में 40% पूर्वोत्तर राज्यों एवं टीएसपी क्षेत्रों में 50% |
12,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर 15,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
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(ख) बहुवर्षीय मसाले (काली मिर्च, |
सामान्य क्षेत्र में 40% पूर्वोत्तर राज्यों एवं टीएसपी क्षेत्रों में 50% |
20,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर 25,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
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फूल (लूज शल्क कन्दीय एवं कट्फ्लावर) (अधिकतम 2 हे. प्रति लाभार्थी) |
40% (छोटे और सीमांत किसानों के लिए) 25% अन्य किसानों के लिए (50% पूर्वोत्तर और टीएसपी क्षेत्र में) |
16,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर 60,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर |
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सुगन्धित पौधे (अधिकतम 4 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी) |
सामान्य क्षेत्र में 40% पूर्वोत्तर राज्यों एवं टीएसपी क्षेत्रों में 50% |
16,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर 40,000/- रुपयेप्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
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रोपण (प्लांटेशन) फसलें (पुनः रोपण सहित काजू, कोको (अधिकतम 4 हेक्टेयर. प्रति लाभार्थी) |
पूर्वोत्तर राज्यों और टीएसपी क्षेत्र में 50% (60%20%20 की 3 किश्तों में।दूसरे वर्ष में 75% एवं तीसरे वर्ष में 90%) की जीवित दर की शर्त पर |
40,000/- रुपये हेक्टेयर समाकलन के साथ, 20,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर बिना समाकलन के. |
- तदैव - |
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पुराने बाग का जीर्णोद्धार (अधिकतम 2 हे. प्रति लाभार्थी) |
लागत का 50% |
रुपये 20,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर |
- तदैव - |
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परागण समर्थक मधुमक्खी पालन के लिए (अधिकतम 50 कालोनी प्रति लाभार्थी) (क) मधुमक्खी कालोनी (ख) मधुमक्खी के छत्ते |
लागत का 50% लागत का 50% |
800/- रुपये प्रति कालोनी 800/- रुपये प्रति छत्ता |
- तदैव - |
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संरक्षित खेती (क) ग्रीन हाउस फैन एवं पैड हाउस (अधिकतम 4000 वर्ग मी. प्रति लाभार्थी तक सीमित) |
लागत का 50%, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15% अधिक) |
700/- रुपये से 825/- रुपये प्रति वर्ग मीटर |
- तदैव - |
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प्राकृतिक हवादार संरचना (अधिकतम 4000 वर्ग मी. प्रति लाभार्थी) |
लागत का 50%, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15%अधिक) |
(i)नलिका आकार ढ़ांचे के लिए रुपये 422/- रुपये से 530/- रुपये प्रति वर्ग मी. (ii) लकड़ी के ढ़ांचे के लिए 270/- रुपये प्रति वर्ग मी. (iii) बांस के ढ़ांचे के लिए 225/- रुपये प्रति वर्ग मी. |
- तदैव - |
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(ख)शेड नेट हाउस ट्यूब आकार की संरचना (अधिकतम 1000 वर्ग मी. प्रति लाभार्थी) |
लागत का 50% (पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15%अधिक) |
355/- रुपये प्रति वर्ग मी. |
- तदैव - |
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बाँस व लकड़ी से बनी संरचना (अधिकतम 200 वर्ग मी. प्रति लाभार्थी 5 यूनिट तक सीमित) |
लागत का 50% (पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15%अधिक) |
बाँस और लकड़ी से बनी संरचना (ढ़ांचे) के लिए क्रमश: 180/- रुपये और 246/- रुपये प्रति वर्ग मी. |
- तदैव - |
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(ग) प्लास्टिक पलवार |
लागत का 50% (पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15%अधिक) |
16,000/- रुपये प्रति हक्टेयर |
- तदैव - |
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(घ) प्लास्टिक टनल (अधिकतम 1000 वर्ग मी. प्रति लाभार्थी) |
लागत का 50% (पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 15%अधिक) |
300/- रुपये प्रति वर्ग मीटर |
- तदैव - |
12 |
एकीकृत कटाई उपरांत प्रबंधन |
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क) पैक हाउस/खेत पर संग्रह एवं भंण्डारण इकाई |
लागत का 50% |
9मी.×6मी. के परिमाप की प्रति इकाई के लिए 2.०० लाख रुपये |
- तदैव - |
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(ख) ग्रेडिंग और छंटाई इत्यादि की सुविधा के साथ एकीकृत पैक हाऊस |
ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड सब्सिडी के रुप में सामान्य क्षेत्र में 35% एवं पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में 50% |
9मी. ×18मी. के परिमाप की प्रति इकाई के लिए 17.50 लाख रुपये |
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(ग) पूर्व शीतलन इकाई |
ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड सब्सिडी के रुप में सामान्य क्षेत्र में 35% एवं पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में 50% |
- तदैव - |
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घ) चलित पूर्व शीतलन इकाई |
- तदैव - |
- तदैव - |
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(ड) शीतगृह भंडारण इकाई (निर्माण/ विस्तार और आधुनिकीकरण) (अधिकतम ५००० मी. टन क्षमता) |
- तदैव - |
(i) टाइप-1 के लिए 2,800/- रुपये प्रति मी. टन (ii) टाइप-2 के लिए 3,500/- रुपये प्रति मी. टन (iii) नियंत्रित वातावरण तकनीक के घटक सहित टाइप- 2 के लिए र3,500/- रुपये मी. टन |
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(च) पक्वन कक्ष (अधिकतम 300 मी. टन) |
- तदैव - |
0.35 लाख प्रति मी. टन |
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(ख) एमआईडीएच के अंतर्गत राष्ट्रीय बाँस (बांबू) मिशन |
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13. |
(क) पौध सामग्री का उत्पादन (i) हाई-टेक पौधशाला (2हे.) (ii) छोटी पौधशाला (0.5हे.) |
ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड सब्सिडी के रुप में 40% |
(i)16.00 लाख रुपये प्रति यूनिट (ii) 5.00 लाख रुपये प्रति यूनिट |
एमआईडीएच के अंतर्गत राष्ट्रीय बांबू मिशन (एनबीएम) |
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(ख) बाँस का क्षेत्र विस्तार (प)जंगल क्षेत्र/सार्वजनिक भूमि (जेएफएमसी, पंचायती राज संस्थानों/स्वयं सहायता समूह, महिला समूहों इत्यादि के माध्यम से) |
(i) तीन वर्षों में लागत का 100% तीन किस्त (50:25:25) में (ii) गैर जंगल क्षेत्र |
(i)42,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर (ii) तीन वर्षों की अवधि में तीन किस्तों में लागत का 35%, 4 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी तक सीमित |
(i)10,500/- हेक्टेयर 14,700/- रुपये हेक्टेयर टपक सिंचाई के साथ |
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(ग) जंगल क्षेत्र में मौजूदास्टाक/जंगल का सुधार |
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(घ) कटाई पश्चात समेकित प्रबंधन कटाई के बाद बाँस का भण्डारण एवं उपचार |
लागत का 40% अधिकतम 2 हे. प्रति लाभार्थी ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड सब्सिडी के रुप में लागत का 40% |
8,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर 10.00 लाख रुपये |
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(ग) राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) |
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१४. |
क) वाणिज्यिक बागवानी का विकास (i) खुले क्षेत्र के लिए |
ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड सब्सिडी के रुप में सामान्य क्षेत्रों के लिए लागत का 40% और पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों के लिए परियोजना लागत का 50% |
2 हे. कवर क्षेत्र की परियोजना के लिए 30.00 लाख रुपये प्रति परियोजना (खजूर पेड़, केसर, जैतून (वसपअम) के लिए 37.50 लाख रुपये) |
एमआईडीएच के अंतर्गत राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की उपस्कीम |
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(ii) संरक्षित कवर |
ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड अनुदान (सब्सिडी) के रुप में परियोजना लागत का 50% |
56.00 लाख रुपये प्रति परियोजना |
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(iii) कटाई पश्चात एकीकृत प्रबंधन पकाई चैंबर, परिवहन वैन, खुदरा बिक्री केन्द्र, पूर्व- वातानुकूलित इकाई इत्यादि. |
सामान्य क्षेत्रों में परियोजना के लागत का 35% और पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय और अनुसूचित क्षेत्रों में लागत का 50% |
50.75 लाख रुपये प्रति परियोजना |
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(ख) शीत भंडारण इकाई |
ऋण संबद्ध बॅक एन्डेड सब्सिडी के रुप में 5000 मैट्रिक टन क्षमता से अधिक के लिए परियोजना लागत का 35% (पूर्वोत्तर राज्यों, पर्वतीय क्षेत्र और अनुसूचित क्षेत्रों में लागत का 50%) |
टाइप-1 के लिए 2,660/- रुपये प्रति मैट्रिक टन टाइप-2 के लिए 3,525/- रुपये प्रति मैट्रिक टन नियंत्रित वातावरण तकनीक के घटक सहित टाइप-2 के लिए 3,500/- रुपये प्रति मैट्रिक टन |
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(घ) नारियल विकास बोर्ड |
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(घ) गुणवान रोपाई सामग्री का उत्पादन एवं वितरण |
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एमआईडीएच के अंतर्गत नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी) की उपस्कीम |
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(i)सरकारी/निजी क्षेत्र में संकर/बौनी पौध का वितरण |
लागत का 25% अधिकतम 25,000 पौध प्रति एकड़ के लिए |
9/- रुपये प्रति पौध |
- तदैव - |
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(ii) न्यूक्लियस नारियल बाग की स्थापना |
लागत का 25% अधिकतम 4 हे. क्षेत्र के लिए |
1.5 लाख रुपये प्रति |
- तदैव - |
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(iii) नारियल की छोटी नर्सरी की स्थापना के लिए |
सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में लागत का 100% |
2.00 लाख रुपये 0.4 हे.इकाई के लिए |
- तदैव - |
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(ख) नारियल का क्षेत्र विस्तार |
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क) सामान्य क्षेत्र |
लागत का 25% दो बराबर किस्तों में प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हे. क्षेत्र के लिए |
7,500/- रुपये प्रति हे. |
- तदैव - |
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ख) पर्वतीय और अनुसूचित क्षेत्र |
लागत का 25% दो बराबर किस्तों में प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हे. क्षेत्र के लिए |
15,000/- रुपये प्रति हे. |
- तदैव - |
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(ग) नारियल प्रौद्योगिकी मिशन |
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(क) कीट, पीड़क जन्तुओं और रोगग्रस्त बागानों के प्रबंधन के लिए तकनीकी विकास एवं अंगीकरण |
विकास और खेत प्रदर्शन के लिए लागत का 50% और अंगीकरण के लिए लागत का 25% |
25.00 लाख रुपये विकास के लिए 12.50 लाख रुपये खेत प्रदर्शन के लिए और 6.25 लाख रुपये अंगीकरण के लिए |
- तदैव - |
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(ख) प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरण के लिए प्रौद्योगिकी का विकास और अंगीकरण |
विकास के लिए लागत का 75% खेत प्रदर्शन के लिए लागत का 50% और अंगीकरण के लिए लागत का 25% |
26.25 लाख रुपये विकास के लिए12.50 लाख रुपये खेत प्रदर्शन के लिए और 6.25 लाख रुपये अंगीकरण के लिए |
- तदैव - |
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घ) पुराने नारियल बगीचों में पुनः रोपाई एवं जीर्णोद्धार |
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(क) पुराने/जीर्ण पाम पेड़ों की छंटाई/ कटाई |
1000/- रुपये रु. प्रति पाम, अधिकतम ३२ पाम वृक्ष प्रति हे. |
32,000/- रुपये प्रति हे. |
- तदैव - |
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(ख) पुनः रोपाई के लिए सहायता |
लागत का 50% अधिकतम 4000/- रुपये प्रति हे. |
40/- रुपये प्रति पादप |
- तदैव - |
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(ग) एकीकृत प्रबंधन पद्धति के अनुसार मौजूदा नारियल बगीचों का सुधार |
बागान के 25% समान दो किस्तों में |
17,500/- रुपये प्रति हे. |
- तदैव - |
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(च) नारियल पाम बीमा स्कीम |
प्रीमियम की लागत का 75% जिसमें से सीडीबी द्वारा बीमा प्रीमियम का 50% और राज्य सरकार द्वारा 25% |
4-15 वर्ष आयु के पाम पेड़ों के लिए 3.52 प्रति पाम और 16-60 वर्ष के पाम पेड़ के लिए रुपये 4.76 |
- तदैव - |
एनएचएम, एचएमएनईएच, राष्ट्रीय बांस (बांबू) मिशन, नारियल विकास बोर्ड और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड उपस्कीमों के साथ एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच)
जिला बागवानी अधिकारी, जिला स्तर पर उपनिदेशक (बागवानी) और राज्य स्तर पर निदेशक (बागवानी)
स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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