क्रसं.
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सहायता का प्रकार |
सहायता का मापदण्ड/अधिकतम सीमा |
स्कीम/घटक |
मिट्टी सुधार के लिए सहायता |
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जिप्सम/पाईराइट/चूना/डोलोमाइट की आपूर्ति
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लाभ का 50%+परिवहन कुल 750 रुपये प्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा
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तिलहन एवं ऑयल पाम संबंधी राष्ट्रीय मिशन |
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पौध संरक्षण रसायन
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कीटनाशकों, फफूंदीनाशकों, जैव कीटनाशकों, जैव घटकों, सूक्ष्म पोषक तत्वों, जैव उर्वरक आदि। लागत के 50 %की दर से जो 500/- रुपये रुपये प्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा
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तिलहन एवं ऑयल पाम संबंधी राष्ट्रीय मिशन |
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जैविक खेती अपनाने के लिए
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10000/- रुपये रुपये प्रति हेक्टेयर
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राष्ट्रीय पूर्वोत्तर एवं हिमालयन राज्यों के लिए बागवानी मिशन
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वर्मी कम्पोस्ट इकाई
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50000/- रुपयेरुपये प्रति इकाई (जिसका परिमाप 30' ×8' ×2.5' अथवा अनुपातिक आधार पर 600 वर्ग फुट) |
समेकित बागवानी विकास मिशन के अन्तर्गत उप स्कीम।
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अच्छी सघनता वाली पोलीथीन वर्मी बेड |
8000/- रुपयेरुपये प्रति इकाई (जिसका परिमाप 12'×4'×2' अथवा अनुपातिक आधार पर 96 क्यूबिक फुट हो)
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- तदैव - |
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समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन |
1200/- रुपयेरुपये प्रति हेक्टेयर (4 हेक्टेयर तक के क्षेत्र के लिए)
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- तदैव -
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गेहूं एवं दलहनों में जिप्सम फास्फोजिप्सम/बेन्टोनाइट सल्फर की आपूर्ति
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लागत का 50% जो 750/- रुपयेरुपये प्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा
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- तदैव -
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गेहूं, दलहन एवं चावल में सूक्ष्मपोषक तत्व
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लागत का 50% जो 500/- रुपयेरुपये प्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-(एनएफएसएम)
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चावल एवं दलहनों के लिए चूना/चूनायुक्त सामग्री |
सामग्री की लागत का 50% जो रुपये 1000/- रुपयेप्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-(एनएफएसएम)
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जैव उर्वरक (राइजोबियम/पीएसबी) |
लागत का 50% जो रुपये100/- रुपयेप्रति हेक्टेयर तक सीमित होगा |
एनएफएसएम |
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नई मोबाइल/राजकीय मृदा जांच प्रयोगशालाओं (एमएसटीएल/ एसएसटीएल) की स्थापना/प्रशिक्षण |
एसएसटीएल के लिए राज्य सरकारों के कुल परियोजना |
सतत कृषि संबंधी राष्ट्रीय मिशन (एनएफएसए) |
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सूक्ष्म तत्वों को प्रोत्साहन एवं वितरण पोषक |
लागत का 50 % जो रुपये 500/- रुपये प्रति इकाई तक सीमित होगा और/अथवा प्रति लाभार्थी रुपये 1000/- रुपये
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एनएफएसए |
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जैव उर्वरक/जैव कीटनाच्ची आधारित स्टेट ऑफ आर्ट लिक्विड/कैरियर यूनिटों की स्थापना |
200 टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता की पूंजीगत निवेच्च के रुप में नाबार्ड के जरिए व्यक्तिगत/निजी एजेंसियों के लिए लागत का 25 % जो प्रति इकाई रुपये 40 लाख रुपये तक सीमित होगा |
एनएफएसए |
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फल एवं सब्जियों का बाजारी कचरा/कृषि कचरे से कम्पोस्ट उत्पादन इकाई लगाने के लिए |
3000 टन प्रति उत्पादन क्षमता वाले व्यक्तिगत / निजी एजेंसियों हेतु नाबार्ड के माध्यम से लागत का 33%ए परंतु रुपये 63 लाख रुपये प्रति इकाई तक सीमित एसटीएल के लिए अधिकतम रुपये 56 लाख रुपये तक सीमित होगी।
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एनएफएसए |
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किसान-खेत पर जैविका निविष्ठा ;पदचनजद्ध को प्रोत्साहन (खाद, वर्मी कम्पोस्ट, जैव उर्वरक, द्रव/ठोस कचरा कम्पोस्ट, हर्बल सत् इत्यादि) |
लागत का 50 %, जो रुपये 5000/- रुपये प्रति हेक्टेयर और रुपये 10000/- रुपये प्रति लाभार्थी तक सीमित होगा। 01 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र कवर करना प्रस्तावित
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एनएफएसए |
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सहभागिता प्रोत्साहन पद्धति प्रमाणीकरण (पीजीएस) के अन्तर्गत क्लस्टर एप्रोच के जरिए जैविक खेती को अपनाना |
रुपये 20000/- रुपये प्रति हेक्टेयर जो 3 की अवधि के लिए प्रति लाभार्थी अधिकतम रुपये 40000/- रुपये तक सीमित होगा
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एनएफएसए |
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ऑन-लाइन डाटा प्रबंधन और अवच्चेष विच्च्लेषण के पीजीएस पद्धति को सहायता |
रुपये 200/- रुपये प्रति किसान जो प्रति समूह/ अधिकतम रुपये 5000/- रुपये होगा और प्रति क्षेत्रीय परिषद रुपये 1.00 लाख रुपये तक सीमित होगा। अवच्चेष परीक्षण के लिए रुपये 10000/- रुपये प्रति नमूना (अवशेष विश्लेषण एनएबीएल प्रयोगशाला में किया जाएगा)
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एनएफएसए |
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खाद प्रबंधन और जैविक नाइट्रोजन दोहन के लिए कार्बनिक गांव का अंगीकरण |
समेकित खाद प्रबंधन का अंगीकरण,मेड़ों पर उर्वरक पेड़ उगाने और समूहों/ स्वसहायता समूहों इत्यादि के माध्यम से अंतर्फसलीय रुप में फलीदार फसलों को प्रोत्साहन के लिए प्रति गांव 10 लाख रुपये रुपये प्रतिवर्ष /राज्य अधिकतम 10 गांवों का सहायता दी जाएगी । |
एनएफएसए |
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कार्बनिक खेती का प्रदर्शन |
50 अथवा अधिक प्रतिभागियों के समूह के लिए प्रति प्रदर्शन रुपये 20000/- रुपये
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एनएफएसए |
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समस्या ग्रस्त मृदा का सुधार |
क्षारीय/लवणीय मिट्टी लागत का 50 %, जो रुपये 25000/- रुपये. प्रति हेक्टेयर तक होगा और/अथवा रुपये 50000/- रुपये प्रति लाभार्थी तक सीमित होगा अम्लीय मृदा - लागत का 50 %, परन्तु रुपये 3000/- रुपये प्रति |
एनएफएसए |
स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 1/8/2020
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