टीएनएयू एनएसईसीटी जांच जाल
ट्रैप का इस्तेमाल भंडारित अनाज में शिकार कीड़ों की मोनिटरिंग का एक नया तरीका है। एक टीएनएयू जांच के जाल के मूल घटक तीन महत्वपूर्ण भागों से मिलकर बनते हैं: एक मुख्य ट्यूब, कीट फंसाने वाली ट्यूब और तल में एक अलग हो सकने वाला शंकु। मुख्य ट्यूब में 2 मिमी व्यास के छिद्र सामान दूरी पर बनाए गए हैं।
कीट 'हवा' को पसंद करते हैं और हवा की तरफ घूम जाते हैं। कीटों के इसी व्यवहार का फायदा इस तकनीक में उठाया जाता है।
काम करने का तरीका
कीटों के जाल को चावल, गेहूं आदि जैसे अनाज में रखा जाता है एवं सफेद प्लास्टिक कोन को चावल, गेहूं आदि अनाजों में चित्र में दर्शाए अनुसार नीचे की और रखा जाता है| ऊपरी लाल कैप को अनाज के स्तर तक रखा जाना चाहिए। कीट हवा में मेन ट्यूब की ओर तैरेंगे और छेद से अंदर आ जाएंगे। एक बार कीट के अंदर आने के बाद यह अलग हो सकने वाला सफेद कोन तली में गिर जाता है। तब कीटों के पास बचने का कोई जरिया नहीं रहता और वे फंस जाते हैं। सफेद कोन को एक हफ्ते में एक बार खोल कर साफ किया जा सकता है और कीटों को नष्ट किया जा सकता है।
यह रसायन रहित है, इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं और रखरखाव का कोई खर्चा नहीं है।
कार्यक्षमता
टीएनएयू कीट जाल, अनाज में कीट पहचानने का एक बेहद बेहतरीन तरीका है। इससे भंडारित अनाज से विशेष प्रकार के कीटों राइजोपर्था डोमिनिका (एफ), सीटोफिलस क्राइजा (एल) और ट्रीबोलियम कैस्टेनियम (हरबेस्ट) को पकड़ने के लिए काफी उपयोगी है। इस जाल (ट्रैप: सामान्य नमूना) से स्टैंडर्ड नॉर्मल सैंपलिंग प्रक्रिया (स्पीअर सैंपलिंग द्वारा) की तुलना में अधिक संख्या में इन कीटों को पकड़ा जा सकता है। कीटों को पकड़ने का अनुपात अन्य तरीकों से अधिक है - 2:1 से 31:1 तक। प्रोब ट्रैप में सामान्य तरीकों से अधिक संख्या में कीट पकड़े जाते हैं इसका अनुपात 20:1 से 121:1 तक है।
वे एक बेहतरीन मास ट्रैपिंग यंत्र भी हैं जब इन्हें 2-3 संख्या में या 25 किलो के डब्बे (28 सेमी व्यास और 39 सेमी लंबाई) में प्रयोग किया जाता है। उन्हें अनाज के 6 इंच ऊपर रखना चाहिए जहां पर अनाज के भंडारण के शुरुआती दिनों में कीटों की अधिक प्रतिक्रिया नजर आती है। वे 10 से 20 दिनों के अंदर 80 प्रतिशत कीटों को समाप्त कर सकते हैं।
टीएनएयू पिट फॉल ट्रैप
पिटफॉल ट्रैप्स को अनाज के ऊपर उड़ने वाले कीटों को पकड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है (मॉनिटरिंग एंड मास ट्रैंपिंग टूल)।
स्टैण्डर्ड मॉडल
टीएनयू मॉडल
टीएनएयू टू इन वन मॉडल ट्रैप
प्रोब जाल में पर्फोरेटेड ट्यूब, पिटफ़ॉल मेकैनिज्म, ट्यूब्स का कलेक्शन और एक भाग के रूप में पर्फोरेटेड लिड व बॉटम टेपरिंग कोन के साथ कोन के आकार का पिटफाल ट्रैप इकाई बनाई गयी| प्रोब और पिटफाल के मिलान से कीटों को पकड़ने की क्षमता बढ़ती है। यह दालों के ऊपर मंडराने वाले कीट-पतंगों को पकड़ने के लिए सबसे अधिक प्रभावशाली है। इसमें कीटों को पकड़ने से पहले कोन के भीतरी भाग में चिपकाने वाला पदार्थ लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस जाल में भृंगों को जिंदा पकड़ा जाता है। इस प्रकार उनके द्वारा छोड़े जाने वाले फेरोमोन से दूसरे कीटों को आकर्षित कर उन्हें भी पकड़ा जा सकता है।
इंडिकेटर यंत्र
इसमें एक कोन के आकार का पर्फोरेटेड कप (3 मिमी के छेद वाला) होता है । इसके ऊपर एक ढक्कन लगा होता है। यह कप तली पर एक कंटेनर और गोल तश्तरी के साथ चिपका रहता है, इन्हें वैसलीन जैसे किसी चिपचिपे पदार्थ से चिपचिपा बनाया जाता है।
दालों के भंडारण से पहले किसानों को 200 ग्राम दाल को कप में डालना चाहिए। जब अपने उड़ने के व्यवहार के कारण कीट दालों की सतह पर उड़ना शुरू कर दें तो वे छेद में घुसेंगे और फिसल जाएंगे व जाल वाले हिस्से में फंस जाएंगे। जब वे चिपचिपी सतह पर चिपक जाएं तो किसान उन्हें आसानी से खोल सकते हैं और दालों को धूप में सुखा सकते हैं। 2 मीमी छेद वाले यंत्र को अनाज के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
यह कीटों की शुरुआती संख्या को घटाने में सहायता करता है और आगे भी फायदा देता है। इस प्रकार, समय-समय पर इस प्रकार कीटों को निकालने की प्रक्रिया से किसानों को अपनी दालों को भंडारण के समय बचाने में मदद मिलती है। यह यंत्र काफी लोकप्रिय होता जा रहा है।
टीएनएयू ऑटोमैटिक इंसेक्ट रिमूवल बिन
टीएनयू इंसेक्ट रिमूवल बिन कीटों को खुद ही हटा देता है। इस यंत्र में 4 मुख्य भाग होते हैं जिनमें बाहरी कंटेनर, इनर पर्फोरेटेड कंटेनर, कलेक्शन वेसल और लिड शामिल हैं। यह भंडार किए गए अनाज के ऊपर उड़ते हुए कीटों के उड़ने के व्यवहार का फायदा उठाकर उन्हें पकड़ता है। अनाज को विशेष रूप से डिजाइन किए गए एक पर्फोरेटेड कंटेनर में इनर और बाहरी कंटेनर के बीच की जगह कीटों हवा में उड़ने के लिए उचित रहती है। उड़ते हुए कीट उस जगह में जाने के लिए छेद से अंदर घुसते हैं। ऐसा करने से वे फिसल कर पिटफॉल मेकैनिज्म के माध्यम से क्लेक्शन वेसल में गिर जाते हैं। जैसे ही कीटों को पकड़ा जाता है तो उन्हें जल्दी जमा करने के लिए पर्फोरेटेड (2 मिमी) रॉड्स को इनर कंटेनर में जोड़ दिया जाता है।
कंटेनर को चावल, गेहूं, दलहन, धनिया आदि को रखने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। कंटेनर में अनाजों को शामिल करने से चावल घुन, लेसर ग्रेन बोरर, रेड फ्लोर बीटल, सॉ टूथेड बीटल जैसे कीटों से छुटकारा पाया जा सकता है। 10 दिन की छोटी अवधि में ही लगभग 90 प्रतिशत कीटों को अनाज से निकाला जा सकता है। 2 किलो, 5 किलो, 25 किलो, 100 किलो और 500 किलो की क्षमता वाले कंटेनर उपलब्ध हैं।
यह पाया गया है कि 10 माह के भंडारण में ऑटोमैटिक इनसेक्ट रिमूवल बिन (100 किलो और 500 किलो) में रखे गए अनाज (धान और चारा) को मात्र 1-4 प्रतिशत का नुकसान हुआ है जबकि साधारण भंडारण प्रक्रिया में 33 से 65 प्रतिशत अनाज को नुकसान होता है। 10 माह के भंडारण के बाद कीटों (आर. डोमिनिक, एस ऑरिजी) की संख्या 100 किलो के ऑटोमैटिक इनसेक्ट रिमूवल बिन में 0-2/किग्रा और साधारण बिन में 5-191/किग्रा पाई गयी।
अनाज भंडारण गोदामों के लिए यूवी - लाइट ट्रैप
यूवी लाइट ट्रैप में एक अल्ट्रा-वॉयलेट स्रोत (4 वाट जर्मिसाईडल लैंप) होता है। इस लैंप से 250 नैनो मीटर तक अल्ट्रा वॉयलेट किरणें निकलती हैं। यह लाइट एक फनल पर लगी होती है जो ऊपर से 310 मिमी व्यास का और नीचे से 35 मिमी व्यास का होता है। फनल के नीचे का अंतिम सिरा एक पारदर्शी प्लास्टिक कंटेनर से जुड़ा होता है। यह पकड़े गए कीटों को जमा करने के लिए होता है। इसे उचित स्थान पर टांगने के लिए फनल के बाहरी हिस्से पर तीन हुक उपलब्ध कराए गए हैं। इसे खड़ा करने के लिए यह ट्राईपॉड स्टैंड के साथ भी मिलता है।
UV लाइट ट्रैप को अनाज भंडारण के गोदमों में जमीन से 1.5 मीटर की ऊंचाई पर लगाया जा सकता है। इसे लगाने के लिए गोदाम के कोने अधिक उचित रहते हैं। यह देखा गया है कि कीट इन जगहों पर शाम के वक्त काफी आते हैं। इस जाल को रात के समय प्रयोग किया जा सकता है। यह लाइट ट्रैप लैसर ग्रेन बोरर, रेड फ्लोर बीटल, सॉ टूथेड बीटल, ओर्जाफिलस सर्नामेंसिस जैसे कीटों को बड़ी संख्या में खत्म करता है। गोदामों में बड़ी संख्या में पाए जाने वाले सोसाइड को भी लाइट ट्रैप से समाप्त किया जा सकता है। साधारण तौर पर 5 मीटर की ऊंचाई वाली 2 यूवी लाइट ट्रैप प्रति 60 x20 मीटर (एल xबी) गोदाम में रखी जानी चाहिए।
इस ट्रैप को गोदाम में अधिक समय तक भंडारित अनाज के लिए उपयोगी माना जाता है। जब गोदाम में अनाज आता है तो ट्रैप उसमें से कीटों को निकालता है और उसमें अधिक कीटों की संख्या बढ़ने से रोकता है। जिन गोदामों में अनाज को लगातार लाया ले जाया जाता रहता है वहां पर भी यह ट्रैप मॉनिटरिंग व मॉस ट्रैपिंग यन्त्र के रूप में के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
कार्यक्षमता
यदि साधारण सैंपलिग में एक भी कीट नहीं दिखाई देता तो भी यह पाया गया है कि यदि गोदामों (60मी x20मी x5मी) के कोनों में दो जालों को लगा दिया जाए तो वे प्रतिदिन 200 कीटों को पकड़ सकता है। इससे ही इसके प्रभाव का पता चलता है। केवल एक धान के गोदाम में रखे गए ट्रैप से 3000 तक रायजापर्था डोमनिका पकड़े जा सकते हैं।
दालों का भंडारण करना अनाज से अधिक मुश्किल होता है। इनमें कैलोसोब्रुचस नाम के कीड़े के लगने का डर होता है। यह खेतों से भंडार तक आने की प्रक्रिया में दालों में घुस जाता है। वर्तमान खोज एक यन्त्र का प्रोटोटाइप है जो दालों के कीटों कैलोसोब्रुचस चिंनेसिस और कैलोसोब्रुचस मैक्यूलेट्स को भंडारित दालों पर हमला करने से रोकता है। इस यंत्र में एक बाहरी कंटेनर होता है और एक इनर पर्फोरेटेड कंटेनर होता है जिसमें एक रॉड होती है जिसके दोनों सिरों पर प्लास्टिक के ब्रश लगे होते हैं।
अंडे वाले बीजों को पर्फोरेटेड कंटेनर में रखा जाता है और रॉड को पूरी परिधि में दिन में तीन बार (सुबह, दोपहर, शाम) 10 मिनट के लिए घड़ी की दिशा में और उसके विपरीत घुमाया जाता है। घूमती हुई रॉड के कारण अंडे नष्ट हो जाते हैं इस प्रकार दालों को होने वाला नुकसान बच जाता है। इस प्रक्रिया से बीजों के अंकुरण को नुकसान नहीं होता।
आविष्कार के फायदे
गोदामों में रखे गए सामान की देखभाल करने के लिए ट्रैप
इस प्रयोग में बताए गए आविष्कार का संबंध एक ऐसे उपकरण से है जो बोरों में भंडारित अनाजों में लगे कीड़ों पहचानने के काम आता है। कीटों को पकड़ने के लिए यंत्र में 1.8 से 2.0 के व्यास वाली एक हॉलो ट्यूब होती है। इसके ऊपरी भाग में एक मोड़ होता है और अंतिम सिरे पर एक पारदर्शी भंडारण इकाई होती है जिसमें कीटों को इकट्ठा किया जाता है, और दूसरा सिरा बंद होता है।
आविष्कार के फायदे
टीएनएयू स्टोर्ड इंसेक्ट मैनेजमेंट किट
साल भर सार्वजनिक वितरण के लिए अनाज का भंडारण किया जाता है। इस प्रक्रिया में कीट अनाजों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। वे अनाज व दालों की गुणवत्ता को तो कम करते ही हैं साथ ही उनकी मात्रा को भी कम कर देते हैं। अक्सर गोदामों में कीट-पतंगों की उपस्थिति के बारे में तभी पता चल पाता है जब वे इधर-उधर उड़ते नजर आते हैं तब तक अनाज को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है। इस समस्या दूर करने के लिए कीड़ों को सही समय पर पहचान कर दूर करदिया जाना चाहिए।
टीएनएयू ने ऐसे यंत्र बनाए हैं जो कीड़ों के हवा में इधर-उधर उड़ने के व्यवहार का फायदा उठा कर उन्हें खत्म करते हैं। इनमें टीएनएयू प्रोब ट्रैप, टीएनएयू पिट फॉल ट्रैप, टू इन वन मॉडल ट्रैप, इंडिकेटर मॉडल डिवाइस, ऑटोमैटिक इंसेक्ट रिमूवल बिन, यूवी-लाइट ट्रैप टेक्नोलॉजी, एग रिमूवल डिवाइस और स्टैक ट्रैप शामिल हैं। इन यंत्रों को कई स्थानों पर प्रयोग किया जा रहा है और इन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर काफी सराहना मिली है।
कृषि कीट विज्ञान विभाग, सेंटर फॉर प्लांट प्रोटेक्शन स्टडीज़, टीएनएयू, कोयंबटूर ने टीएनएयू-स्टोर्ड ग्रेन इंसेक्ट पेस्ट मैनेजमेंट किट नाम से एक किट बनाई है। इसमें सभी यंत्रों के प्रोटोटाइप और एक सीडी रोम भी शामिल किया गया है जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि इन यंत्रों का प्रयोग कैसे किया जाता है। इस किट से इन यंत्रों को भारत भर में पहचान दिलाई जा सकती है। यह किट इन यंत्रों को प्रयोग करना सिखाने केलिए आदर्श साबित होगी। इससे शिक्षा, विस्तार केन्द्रों (केवीके, प्लांट क्लीनिक, सेव ग्रेन सेंटर) और निजी गोदामों को काफी सहायता मिलेगी।
स्रोत:ppqs.gov.in
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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