किसी भी डेरी फार्म की सफलता बहुत हद तक वहां की सांड प्रबंधन पर निर्भर करता है। बहुत मोटे और भारी सांडों का बीर्य उत्पादन क्षमता के लिए असर्तोषजनक होता है। साथ ही साथ इन सांडों को गायों के साथ प्रजनन क्रिया करना भी आसान नहीं होता है। प्रजनन संबंधित सांडों को नियमित रूप से व्यायाम करवाने से वीर्य की गुणवत्ता तथा उत्पादन में सुधार होता है। हल्का व्यायाम सांडों को काफी भारी होने से रोकता है। साड़ों को अलग से निर्मित सांड घर में ही रखना चाहिए। इन सांडो के लिए घरों में खुले तथा ढ़के क्षेत्र होने चाहिए। सांड घर ठंडा तथा वहां पानी पीने की व्यवस्था होनी चाहिए। सांडों को संतुलित आहार देना चाहिए जिसमें समुचित ऊर्जा, प्रौटीन, खनिज तत्व और विटामिन होना चाहिए। सांडों को उसके प्रजनन काल मे तथा उससे पहले भरपूर हरा चारा देना चाहिए। अधिकतर सांड हिंसक प्रवृति के होते हैं अतः उसे नाक में धातु के रिंग से नियंत्रित करना चाहिए अपितु सांडों को अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा करके राशन देना चाहिए।
सांड के लिए चयनित बछड़ो को अलग बाड़े में ही रखना चाहिए। इन बाड़ों में बछड़ों के खान-पान तथा अन्य देख-भाल संबधी बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। बछड़ों के शारीरिक भार को देखते हुए अलग-अलग आहार देना चाहिए। बछड़ों को उसके जन्म से दो घंटे के अन्दर खीस देना चाहिए। बछड़ों को खीस देना कई रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। बछड़ों के लिए पानी पीने की व्यवस्था होनी चाहिए। बछड़ों को 7 से 10 दिनों के अन्दर संघनित आहार (काल्फ स्टार्टर) देना शुरू करना चाहिए। बछड़ों के संघनित आहार में लगभग 20 प्रतिशत प्रोटीन होनी चाहिए। बछड़ों के आहार में रेशेदार चारा भी देना चाहिए। बछड़ों के सात महीने का होते होते उसे 1 कि.ग्रा. संघनित आहार देना चाहिए। सात महीनो के उपरांत बछड़ों को धीरे-धीरे हरा चारा देना चाहिए। बछड़ों को पर्याप्त मात्रा में रकानड़ा मिश्रण और विटामिन ए देना चाहिए। बछड़ों को सांड घर में भेजने से पहले मुहखुर, रिंडरपेस्ट और अन्य बिमारीयों से बचाव के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए।
सांडप्रबंधन मुख्यतः तीन अवधियों में किया जाता है।
1. प्रजनन पूर्व प्रबंधनः
व्यायाम, ब्रिडिंग पूर्व प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आनुवांशिक काल में सांडों में काफी दम होना चाहिए साथ ही साथ सांडों को इस अवस्था में मील चलना पड़ता है। सांडों का एकाएक ही प्राप्त नहीं किया जा सकता है, इसलिए फार्म प्रबंधक को चाहिए की सांडों के समुचित व्यायाम का प्रबंध करे। शारीरिक रूप से बेहतर सांडों में काम भावना अच्छी पाई जाता है। रोशनी और पानी की व्यवस्था सांड बाड़ा के विपरीत छोड़ो पर करने से सांडों का स्वतः ही काफी व्यायाम हो जाता है। प्रजनन पूर्वं प्रबंधन की अवधि 2 महीनो का होना चाहिए।
2.प्रजनन काल प्रबंधनः
युवा सांडो का प्रजनन अवधि अधिक से अधिक 60 दिन होना चाहिए। इससे सांडों का अति उपयोग, वजन घटना, काम भावना कम होना जैसे समस्याओं से निदान होता है। अत्यधिक कम वजन युवा सांडों के विकास को रोकता है और ऐसे दुर्बल सांड भविष्य में भी उपयोग के नहीं रहते हैं। प्रजनन मे उपयोग किए जाने वाले सांडू को अतिरिक्त दाना मिश्रण देना चाहिए।
सांडों को रखने वाले फार्म का एक आसान नियम यह है कि सांड को उतने ही गायों के साथ रखना चाहिए जितने माह की उस सांड़ की आयु हो। एक से अधिक सोड़ रखने वाले फार्म को एक बाड़े में समान आयु और शारीरिक संरचना वाले सांडों को ही रखना चाहिए। एक ही बाड़े में युवा सांड को पूर्ण विकसित अनुभवी सांडों के तुलना में गायों के साथ प्रजनन क्रिया में भाग लेने का अवसर नही मिलता है। गायों के बाड़ों में 21 से 28 दिनो के अंतराल पर सांडू को बदल-बदल कर उपयोग करना चाहिए। इससे सांडो पर से अत्यधिक प्रजनन क्रिया में भाग लेने के दबाव से राहत मिलता है।
3. प्रजनन काल उपरांत प्रबंधनः
ब्रिडिंग अवधि के बाद 8 महीनों तक ब्रिडिंग काल उपरांत प्रबंधन में युवा सांडों के उच्च पोषण का ध्यान रखना चाहिए ताकि उसके शरीर का सतत् विकास हो पाए। सांड के पोषण का स्तर उसके वर्तमान शारीरिक संरचना तथा भविष्य के परिपक्व शारीरिक संरचना को ध्यान में रखकर करना चाहिए। इस अवधि में सांडों को गायों से अलग रखना चाहिए। ठंड के महीनों में सांडों को शीतलहर से बचा कर रखना चाहिए अन्यथा अत्यधिक ठंड सांडों के प्रजनन क्षमता को कम करती है।
आवास स्थान
सांडो को आरामदेह और हवादार सांड शेड़ में रखना चाहिए। सांड शेड साफ एवं स्वास्थ्यकर ढंग से प्रबंधित होना चाहिए। सांड को अलग से 15' X 10' आकार के बाड़ा में रखना चाहिए। बाड़ा का सतह ठोस और फिसलन रहित होना चाहिए। ठंड तथा गर्मी के महीनों में बचाव की व्यवस्था होनी चाहिए। पानी है। पीने की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। सांड आवास स्थान के पास घने पेड़ ठंडक के लिए लगे होने चाहिए। सांडो के आवास में इस ढंग से प्रबंधन करें कि वो आपस में लड़ना सके। सांड शैड बीर्य संग्रहवं व्यायाम स्थल के पास होने चाहिए।
अण्डकोष मापः
युवा सांडों के जनन क्षमता का निर्धारण बहुत हद तक अण्डकोष परिधि से हो जाता है। वांछनीय अण्डकोष परिधि । बेहतर जनन क्षमता जैसे सांडों में यौन परिपक्वता का जल्दी आना, सांडों के बड़ियों में यौवन का जल्दी आना और सांडों से प्राप्त गायों में जल्दी गर्भावस्था में आना।
लिंगमुंड़च्छद की सफाई
सांडो की सफाई वीर्य को बाल और गोबर से संदूषित होने से बचाता है। लिंगमुंड़च्छद के पास बड़े बालों को 1-2 सेंटी मीटर तक छोटा कर देना चाहिए।
सांडो का संगरोध
नए सांडों को बाहर से खरीद के उपरांत फार्म पर पुराने सांडों के साथ मिलाना नहीं चाहिए। नए सांडो को 2 महीनो तक सबसे अलग जगह पर रखना चाहिए। इस अवधि मे सांडो में विभिन्न संकामक रोगो के जॉच और उसके रोग मुक्त पाए जाने पर ही पुराने सांडो के साथ रखना चाहिए।
स्त्रोत: पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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