जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण विचार हो रहा है। जलवायु परिवर्तन से हमारा अभिप्राय है कि लाखों वर्षों के अनुसार पृथ्वी को वैश्विक जलवायु या क्षेत्रीय जलवायु में सामान्य बदलाव का आना।
सभी जीव जन्तु इस जलवायु परिवर्तन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते जा रहे हैं। पशुओं में गर्मी के तनाव नमक मुख्य समस्या पाई जाती है। गर्मी का तनाव एक ऐसा समय होता है। जब पशु वातावरण की भीषण गर्मी में अपने शरीर के तापमान को सामान्य करने में असमर्थ होता है।
जलवायु परिवर्तन से पशुओं पर निम्नलिखित मनोवैज्ञानिक प्रभाव होते है
गर्मी के तनाव से पशुओं में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं
शरीर का तापमान 102.5 डिग्री हो जाता है जबकि सामान्य तापमान 1010.5 डिग्री होता है।
डेयरी गायों को गर्मी कम करने के लिए 20-30 अधिक ज्यादा ताकत की आवश्यकता होती है। श्वसन दर में बढ़ोतरी होना इसका एक उदाहरण है। इसके कारण फ्री दूध उत्पादन में जरूरत उर्जा का दर कम हो जाता है।
गर्मी के तनाव से सोडियम और पोटेशियम के बड़ा नुकसान आमतौर पर होता है श्वसन दर की वृद्धि के साथ जुड़े नुकसान की वजह से है। इसके कारण पशुओं में एसिड आधार संतुलन बिगड़ जाता है और चयापचय क्षारमता को परिणाम में ला सकता है। इसके कारण पोषक तत्व उपयोग की दक्षता कम हो सकती है।
गर्मी के तनाव से पशुओं में शुष्क पदार्थ का सेवन 10-20% कम हो जाता है।
दूध उत्पादन
गर्मी के तनाव के कारण दूध उत्पादन में 10-25 कमी आ जाती है।
प्रजनन
गर्मी के तनाव से गायों में प्रजनन प्रदर्शन में भी कमी आ जाती है। सूचना के अनुसार प्रजनन प्रदर्शन में अधिक बदलाव पाए गये हैं। प्रजनन का प्रभाव गर्मी के तनाव के काफी समय पश्चात भी पशुओं में बना रहता है।
जैसे कि:
अनुकूलन रणनीतियां
डेयरी पशुओं पर जलवायु प्रवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए किसानों को कुछ अनुकूलन रणनीतियों को अपनाना चाहिए।
जैसा कि-
- गर्मियों में छाया की व्यवस्था
- दो से तीन बार गर्मियों में पशुओं को स्नान करवाएं।
- एक ही स्थान पर अधिक पशुओं को न रखे।
- आवास और सुविधा का समायोजन
- पशुओं के लिए स्वच्छ और नियमित रूप से पीने के पानी की व्यवस्था करें।
- जल संसाधनों को बेहतर प्रबन्धन
- चराई सुबह जल्दी और देर शाम में होनी चाहिए।
- सर्दियों में गुड़, सरसों का तेल अदरक खिलाएं।
- जलवायु तनाव में सोडियम और पोटेशियम पूरकता 30ग्राम प्रति सप्ताह में दे।
लेखन : शिल्पा राणा एवं परमेश्वर नायक
स्त्रोत: कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 3/2/2020
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