অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

पशुओं में बांझपन-कारण और उपचार

पशुओं में बांझपन - कारण और उपचार

भारत में डेयरी फार्मिंग और डेयरी उद्योग में बड़े नुकसान के लिए पशुओं का बांझपन ज़िम्मेदार है. बांझ पशु को पालना एक आर्थिक बोझ होता है और ज्यादातर देशों में ऐसे जानवरों को बूचड़खानों में भेज दिया जाता है.

पशुओं में, दूध देने के 10-30 प्रतिशत मामले बांझपन और प्रजनन विकारों से प्रभावित हो सकते हैं. अच्छा प्रजनन या बछड़े प्राप्त होने की उच्च दर हासिल करने के लिए नर और मादा दोनों पशुओं को अच्छी तरह से खिलाया-पिलाया जाना चाहिए और रोगों से मुक्त रखा जाना चाहिए.

बांझपन के कारण

बांझपन के कारण कई हैं और वे जटिल हो सकते हैं. बांझपन या गर्भ धारण कर एक बच्चे को जन्म देने में विफलता, मादा में कुपोषण, संक्रमण, जन्मजात दोषों, प्रबंधन त्रुटियों और अंडाणुओं या हार्मोनों के असंतुलन के कारण हो सकती है.

यौन चक्र

गायों और भैंसों दोनों का  यौन (कामोत्तेजना) 18-21 दिन में एक बार 18-24 घंटे के लिए होता है. लेकिन भैंस में, चक्र गुपचुप तरीके से होता है और  किसानों के लिए एक बड़ी समस्या प्रस्तुत करता है. किसानों के अल-सुबह से देर रात तक 4-5 बार जानवरों  की सघन निगरानी करनी चाहिए. उत्तेजना का गलत अनुमान बांझपन के स्तर में वृद्धि कर सकता है. उत्तेजित पशुओं में दृश्य लक्षणों का अनुमान लगाना  काफी कौशलपूर्ण  बात है. जो किसान अच्छा रिकॉर्ड बनाए रखते हैं और जानवरों के हरकतें देखने में अधिक समय बिताते हैं, बेहतर परिणाम प्राप्त करते हैं.

बांझपन से बचने के लिए युक्तियाँ

  • ब्रीडिंग कामोत्तेजना अवधि के दौरान की जानी चाहिए.
  • जो पशु कामोत्तेजना नहीं दिखाते हैं या जिन्हें चक्र नहीं आ रहा हो, उनकी जाँच कर इलाज किया जाना चाहिए.
  • कीड़ों से प्रभावित होने पर छः महीने में एक बार पशुओं का डीवर्मिंग के उनका स्वास्थ्य ठीक रखा जाना चाहिए. सर्वाधिक डीवर्मिंग में एक छोटा सा निवेश, डेरी उत्पाद प्राप्त करने में अधिक लाभ ला सकता है.
  • पशुओं को  ऊर्जा के साथ प्रोटीन, खनिज और विटामिन की आपूर्ति करने वाला एक अच्छी तरह से संतुलित आहार दिया जाना चाहिए. यह  गर्भाधान की दर में  वृद्धि  करता है, स्वस्थ गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करता है, संक्रमण की घटनाओं को कम और एक स्वस्थ बछड़ा होने में मदद करता है.
  • अच्छे पोषण के साथ युवा मादा बछड़ों की देखभाल उन्हें 230-250 किलोग्राम इष्टतम शरीर के वजन के साथ सही समय में यौवन प्राप्त करने में मदद करता है, जो प्रजनन और इस तरह बेहतर गर्भाधान के लिए उपयुक्त होता है.
  • गर्भावस्था के दौरान हरे चारे की पर्याप्त मात्रा  देने से नवजात बछड़ों को अंधेपन से बचाया जा सकता है और (जन्म के बाद)  नाल को बरकरार रखा जा सकता है.
  • बछड़े के जन्मजात दोष और संक्रमण से बचने के लिए सामान्य रूप से सेवा लेते समय सांड के प्रजनन इतिहास की जानकारी  बहुत महत्वपूर्ण है.
  • स्वास्थ्यकर परिस्थितियों में गायों की सेवा करने और बछड़े पैदा करने से गर्भाशय के संक्रमण से बड़े पैमाने पर  बचा जा सकता है.
  • गर्भाधान के 60-90 दिनों के बाद गर्भावस्था की पुष्टि के लिए जानवरों की जाँच योग्य पशु चिकित्सकों द्वारा  कराई जानी चाहिए.
  • जब गर्भाधान होता है, तो गर्भावस्था के दौरान मादा यौन उदासीनता की अवधि में प्रवेश करती है (नियमित कामोत्तेजना का प्रदर्शन नहीं करती). गाय के लिए गर्भावस्था  अवधि लगभग 285 दिनों की होती है और भैंसों के लिए, 300 दिनों की.
  • गर्भावस्था के अंतिम चरण के दौरान अनुचित तनाव और परिवहन से परहेज किया जाना चाहिए.
  • गर्भवती पशु को  बेहतर खिलाई-पिलाई प्रबंधन और प्रसव देखभाल के लिए सामान्य झुंड से दूर रखना चाहिए.
  • गर्भवती जानवरों का प्रसव से दो महीने पहले पूरी तरह से दूध निकाल लेना चाहिए और उन्हें पर्याप्त पोषण और व्यायाम दिया जाना चाहिए. इससे माँ के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है,  औसत वजन के साथ एक स्वस्थ बछड़े का प्रजनन होता है, रोगों में कमी होती है और यौन चक्र की शीघ्र वापसी होती है.

 पशुओं में बांझपन

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें,
डॉ.टी.सेंथिलकुमार, विस्तार शिक्षा निदेशालय, तनुवास, चेन्नई - 600 051, तमिलनाडु, फोन: 044-25551586, ईमेल: drtskumar@yahoo.com निदेशालय

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate