অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

पशु पालन एवं दाना व्यवसाय

परिचय

श्री जय प्रकाश,  सपुत्र श्री बीर सिंह निवासी तरावडी, किले के पास जिला करनाल ने सन 2002 में, कृषि विज्ञान केंद्र रा.डे.अनु.सं., करनाल के वैज्ञानिकों/तकनीशियनों से सम्पर्क स्थापित किया व डेरी फार्मिंग में लघु प्रशिक्षण प्राप्त करके 15 होलस्टीन फिजियन शंकर व 10 मुर्राह भैसों से अपने खेतों के बीच में पशुओं का घर बनाकर पशु पालने का कार्य किया।श्री जय प्रकाश की मेहनत व कृषि विज्ञान केन्र के स्टाफ की मदद से अब उनके पास  पशुओं की संख्या निम्न प्रकार हैं -

शंकर  नस्ल की गायें

30

शंकर नस्ल की बछड़िया, एक वर्ष से ऊपर

20

शंकर नस्ल की बछड़िया, एक वर्ष से कम

15

मुर्राह नस्ल की भैसें

7

मुर्राह नस्ल की कटडियां, एक वर्ष से ऊपर

7

मुर्राह क नस्ल की टडियां, एक वर्ष से ऊपर

3


पशु प्रबंध

श्री जय प्रकाश  के पास 60 पशुओं के लिए आवास व्यवस्था है साथ ही पशुओं को काफी खुला स्थान भी दिया गया। गायों के दूध निकालने के मशीने लगाईं हुई हैं। भैसों का दूध वे हाथ से ही निकालते हैं। पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए खुर पका मुहँ पका वैक्सीन प्रति वर्ष दो बार व गोलगोटू वैक्सीन प्रति वर्ष एक बार लगाई जाती है।

पशुओं की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। पशुओं के लिए साफ पानी की व्यवस्था है। श्री जय प्रकाश अपने पशुओं का अधिक से अधिक हरा चारा उपलब्ध कराते हैं व स्वयं बनाकर दाना उपलब्ध कराते हैं। उनका मानना है कि यदि पशुओं की उचित सफाई रखी जाये और उचित मात्रा में संतुलित आहार उपलब्ध कराया जाए तो पशुओं में बीमारियों स्वयं ही कम हो जाती है।

पशु प्रजनन

वे डेरी के सभी गायों व भैसों को कृत्रिम गर्भाधान से गाभिन कराते हैं। वह अपने पशुओं के किए मुर्राह व होलस्टीन फीजियन शंकर वीर्य रा.डे.अनु.सं. करनाल, प्राप्त करते हैं। गायों के लिए विदेशों से आयातित हालस्टीन फीजियन वीर्य, रा. डे.अ. सं. करनाल, पशुपालन विभाग पंजाब व वीर्य बैंक-हैसर गट्टा आदि स्थानों से प्राप्त करते हैं। डेरी फार्म पर गायों में 75% व 87.5% तक विदेशी नस्ल का स्तर रखा जाता है। डेरी फार्म पर पशुओं का उचित ध्यान रखा जाता है इसी कारण इनके फार्म पर पशुओं का गर्मी में न आना व बार-बार गभित होना जैसी समस्याएं बहुत कम है।

दूध उत्पादन एवं इससे आर्थिक लाभ

सन जनवरी 2006 माह में 300 किलो गाय का दूध व् 70 किलो भैसों का दूध उत्पादन प्रतिदिन हो रहा था। वे गायों का दूध 10.00 रू. प्रति किलो व भैसों का दूध 14.00 रु. प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं। श्री जय प्रकाश अपने पशुओं का दूध बेचकर प्रतिमाह रु. 1,50,000/- प्राप्त करते हैं जिसमें से वह लगभग रु. 30 -40 हजार रूपये शुद्ध लाभ कमाते हैं। श्री जय प्रकाश  राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं व अनेक पुरस्कार प्राप्त करते हैं।

 

स्त्रोत:  कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार

 

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate