অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

कम वर्षा वाले क्षेत्र में काली मिर्च की सफलतापूर्वक खेती- एक सफ़ल कहानी

कम वर्षा वाले क्षेत्र में काली मिर्च की सफलतापूर्वक खेती- एक सफ़ल कहानी

परिचय

विभिन्न देशों में काली मिर्च उत्पादकों में से, भारत के सर्वोत्तम किसान के लिए अंतर्राष्ट्रीय पेपर समुदाय (आईपीसी) ने वर्ष 2016 के लिए पुरस्कार घोषित किया और इसके लिए भारत के श्री बी. एच. श्रीकंठा, विजय श्री बागान, चिकमंगलूरू, कर्नाटक को सम्मानित किया गया।

श्रीकंठा का काली मिर्च का बागान तेरीकेरे तालुक के येम्मेदोदडी गाँव में स्थित है, जिसे चिकमंगलूरू जिले के शुष्क बेल्ट के रूप में माना जाता है। जहाँ अधिकतम तापमान 41 डिग्री के रूप में माना जाता है। जहाँ अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक जाता है और वार्षिक वर्षा केवल 635  मिमी होती है। यहाँ अकेले काली मिर्च की खेती को छोड़ दें तो किसी अन्य फसल की खेती करना बहुत मुश्किल है। काली मिर्च के लिए पर्याप्त वर्षा और उच्च नमी की आवश्यकता होती है लेकिन कम वर्षा वाले क्षेत्र में इसकी सफल खेती, एक सुखद आश्चर्य है। 15 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस बागान में पन्नीयुर – 1 की लगभग 6444 काली मिर्च की बेले (7 वर्षीय) हैं।

भा. कृ. अनु. प. – भारतीय मसाला फसल अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, अप्पंगला के वैज्ञानिक द्वारा बताई गई वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल करके ही श्रीकंठा और उनके बच्चे डॉ. विवेक, डॉ. विनय और डॉ. वैद्य ने काली मिर्च कृषि विज्ञान, पोषण और जल संरक्षण पर अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भारतीय मसाला फसल अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, अप्पंगला का नियमित रूप से दौरा करते हैं और फोन कॉल करते हैं।

कैसे हो रही कम वर्षा में कालीमिर्च की खेती

चूंकि कम वर्षा के चलते पानी एक सीमित कारक है, इसलिए उथले खाइयों को खोदकर, कंपोस्ट और सूखे पत्ते द्वारा पलवार करके और बोरवेल और एक तालाब से पानी का उपयोग करके ड्रिप सिंचाई के द्वारा मिट्टी की नमी का संरक्षण करना है।

डॉ. विवेक का मानना है कि अच्छी उपज के लिए पौधों को बेहतर पोषक तत्व उचित समय पर देना आवश्यक है। समेकित पोषक तत्व प्रबंधन इस बागान की एक प्रमुख बानगी है जिसमें रासायनिक और जैविक पदार्थों का एक सही कॉकटेल इस्तेमाल किया जाता है। वे वर्षा में तीन बार 300 ग्राम/बेल 19 : 19 : 19 और कार्बनिक खाद जैसे खेतों की खाद को ट्रायकोडर्मा (15 किग्रा./ बेल/वर्ष), नीम केक (2 किग्रा./ बेल और कंपोस्ट (10 कि. ग्रा./बेल) के साथ मिलाकर हर साल प्रयोग करते हैं। बेलों को इसके अलावा खेत में तैयार किये जाने वाले सुपारी की भूसी और कोकोआ छाल कंपोस्ट के साथ पूरक किया जाता है। वे कहते हैं, सूक्ष्म पोषक तत्वों का पर्ण छिड़काव महत्वपूर्ण है।

रोग प्रबंधन महत्वपूर्ण है और पोटेशियम फॉस्फेट का उपयोग करके फयटोप्थोरा  का प्रबंधन किया जाता है। हालाँकि, बोर्डों मिश्रण का 0.66 प्रतिशत रोगाणुरोधक छिड़काव और निर्धारित अन्य कवकनाशकों और कीटनाशकों का प्रयोग आवश्यकतानुसार किया जाता है। जिसकी सलाह उन्हें डॉ. एम. एन. वेणुगोपाल, वैज्ञानिक (सेवानिवृत्त) भा. कृ. अनु. प. – भारतीय मसाला फसल अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, अप्पंगला द्वारा दी गई।

वर्ष 2016 – 17 के लिए काली मिर्च की कुल पैदावार 59.284 टन आश्चर्यजनक थी। जिसकी औसत उपज 9.2 किलोग्राम शुष्क प्रति बेल और प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 12.207  टन था।

डॉ. विवेक ने वैज्ञानिक जल प्रबंधन समय पर उर्वरक और खाद को अपनी सफलता का राज बताया। पोषक तत्वों की कमी और बीमारी की घटनाओं के लिए प्रत्येक बेल का लगातार निरिक्षण, बेहतर परिधि प्राप्त करने के इए एक से अधिक मार्गदर्शक तनों को प्रोत्साहित करना, निपिंग और बांधना ताकि प्लागियोट्रोपिक शाखाओं को बढ़ावा मिल सके, ने काली मिर्च की वृद्धि और उपज बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ. विवेक वर्तमान में ब्लैक गोल्ड लीग, मुंडीगेरे के निदेशक हैं और भा. कृ. अनु. प. – भारतीय मसाला फसल अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, अप्पंगला ब्लैक गोल्ड लीग मुडीगेरे द्वारा द्वारा काली मिर्च पर आयोजित सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं।

लेखन: अंकेगोउडा, एस. जे., नरेंद्र चौधरी, अक्षिता, एच., जे., दिनेश,आर., और निर्मल बाबू, के.

स्त्रोत: कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग,भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/27/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate