उद्देश्य
किसानों को उनकी ऋण की आवश्यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों) की पूर्ति के लिए पर्याप्त एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना साथ ही आकस्मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चों की पूर्ति करना। यह ऋण सुविधा एक सरलीकृत कार्यविधि के माध्यम से यथा आवश्यकता आधार पर प्रदान की जाती है।
पात्रता
- सभी किसानों–एकल/ संयुक्त उधारकर्ता जो कि स्वामित्वधारी कृषक हैं।
- किराए के काश्तकार, जुबानी पट्टाधारी एवं साझा किसान इत्यादि
- स्व सहायता समूह या संयुक्त दायित्व समूह के किसान जिसमें किराए के काश्तकार, साझा किसान आदि शामिल हैं।
- किसान, शाखा के परिचालन क्षेत्र के अंतर्गत आना चाहिए।
तकनीकी व्यवहार्यता
- मिट्टी की उपयुक्तता, मौसम और पर्याप्त सिंचाई की सुविधा की उपलब्धता
- उत्पाद के भंडारण की उपयुक्तता
- भण्डारण ईकाई की उपयुक्तता
कार्ड जारी होना
- इस योजना के अंतर्गत अविरत आधार पर संव्यवहारों के रिकार्ड को आसानी से रखने के लिए किसान को एक क्रेडिट कार्ड-सह-पासबुक दिया जाएगा जिसमें नाम, पता, भूमि-धारक का ब्यौरा, उधार सीमा/उप-सीमा वैधता अवधि आदि दिया रहेगा। पासबुक में अन्य बातों के साथ हिताधिकारी का पासपोर्ट आकार का फोटो दिया जाएगा।
- खाता परिचालन करते वक्त हिताधिकारी को पासबुक देना होगा।
ऋण की राशि
- पहले वर्ष के लिए अल्पावधि ऋण सीमा प्रदान की गई है जो कि प्रस्तावित फसल पद्धति एवं वित्त के मान के अनुसार उगाई गई फसलों पर आधारित होगी।
- फसलोत्तर / घरेलू / उपभोग की आवश्यकताओं एवं कृषि आस्तियों,फसल बीमा, वैयक्तिक दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस) एवं आस्ति बीमा के रखरखाव संबंधी खर्चों।
- प्रत्येक अगले वर्षों (दूसरे, तीसरे, चौथे वर्ष) में यह सीमा10%की दर से बढा दी जाएगी (पॉंचवे वर्ष के लिए किसानों को अल्पावधि ऋण की सीमा पहले वर्ष से लगभग 150%अधिक की स्वीकृति दी जाएगी)
- केसीसी की सीमा का निर्धारण करते समय कृषि यंत्रों /उपकरणों आदि के रूप में छोटी राशियों की निवेश की आवश्यकताएं (जैसे स्प्रेयर, हल आदि) जो कि एक वर्ष की अवधि में देय होगी को शामिल किया जाएगा। ( ऋण के इस हिससे को दूसरे से पॉंचवे वर्ष के दौरान स्वत: आधार पर शामिल नहीं किया जाएगा परन्तु संबंधित वर्ष के लिए अधिकतम आहरण सीमा की गणना करते समय प्रत्येक वर्ष में इस अंश के लिए ऋण की आवश्यकता को शामिल किया जाएगा।
- चौथे बिंदु में बताए अनुसार पॉंचवे वर्ष के लिए अल्पावधि ऋण सीमा की गणना साथ्ा ही ऊपर पांचवे बिंदु में बताए अनुसार दी गई निवेश ऋण अपेक्षाएं (पाँच वर्षों में सर्वाधिक) को अधिकतमअनुमत्त सीमा (एमपीएल) होगी एवं उसे किसान क्रेडिट कार्ड सीमा के रूप में संस्वीकृत किया जाएगा।
- पहले वर्ष के लिए आंकी गई अल्पावधि ऋण सीमा के साथ अपेक्षित अनुमानित निवेश ऋण सीमा जैसा कि ऊपर बताया गया है।
विशेषताएं
- केसीसी के उधारकर्ता को एक एटीएम सह डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा (स्टेट बैंक किसान डेबिट कार्ड) ताकि वे एटीएमों एवं पीओएस टर्मिनलों से आहरण कर सकें।
- केसीसी एक विविध खाते के स्वरूप का होगा। इस खाते में कोई जमा शेष रहने की स्थिति में उस पर बचत खाते के समान ब्याज मिलेगा ।
- केसीसी में 3 लाख रु तक की राशि पर प्रसंस्करण शुल्क नहीं लगाया जाता है।
निम्नलिखित के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति में छूट दी गई है:
- 1 लाख रूपये तक की सीमा पर
- 3 लाख रूपये तक के ऋणों की सीमाओं के लिए जिनके संबंध में वसूली के लिए गठबंधन व्यवस्था की गई है।
- केसीसी खातों का वार्षिक आधार पर नवीकरण करना आवश्यक है जो कि उपर्युक्त देय तारीखों से काफी पहले किया जाना आवश्यक है ताकि 5 वर्षों के लिए सतत आधार पर इसकी ऋण सीमा को जारी रखा जा सके। अत: शाखाओं को सुनिश्चित करना होगा कि वे यथा आवश्यकता परिसीमन अधिनियम के तहत 3 वर्षों की समाप्ति के पूर्व नवीकरण पत्र प्राप्त कर ले ।
- इस नवीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वर्तमान अनुदेशों के अनुसार शाखाएं (उगाई गई फसलों/ प्रस्तावित फसलों के संबंध में) संबंधित उधारकर्ताओं से एक साधारण-सा घोषणा-पत्र प्राप्त कर लें। केसीसी उधारकर्ताओं की संशोधित एमडीएल आवश्यकताओं का निर्धारण प्रस्तावित फसल की पद्धति एवं उनके द्वारा घोषित क्षेत्रफल के आधार पर किया जाएगा।
- पात्र फसलों को फसल बीमा योजना- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- सीमा तय करते समय शाखाएं किसान के पूरे वर्ष के लिए संपूर्ण उत्पादन की ऋण आवश्यकताओं को लें जिसमें फसल उत्पादन से संबंधित सहायक गतिविधियां जैसे कृषि संबंधी मशीनरी/उपकरण के रखरखाव, बिजली प्रभार आदि की ऋण जरूरतें भी शामिल हैं।
- क्रेडिट सीमा के अंदर उधारकर्ता के सम्बद्ध गतिविधियां और फसलोत्तर क्रेडिट जरूरतें भी मुहैया करवाई जा सकती है।
- कार्ड के अंतर्गत ऋण सीमा जिला स्तरीय तकनीकी समिति (डीएलटीसी)/राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) की सिफारिशों के अनुसार परिचालन जोत, फसल पद्धति तथा वित्त की मात्रा के आधार पर नियत की जा सकती है। यदि डीएलटीसी/एसएलटीसी ने जहां किसी भी फसल के लिए वित्त की मात्रा की सिफारिश नहीं की है अथवा शाखा के विचार के अनुसार आवश्यक राशि से कम की सिफारिश की गई है तो शाखाएं आंचलिक कार्यालय के विधिवत अनुमोदन के बाद फसल के लिए उचित वित्त की मात्रा तय कर सकते हैं।
- क्रेडिट कार्ड की सीमा तय करने के लिए परिचालन जोत में पट्टा लिए गए जमीन को शामिल किया जाएगा और पट्टा दिए गए जमीन को छोड़ दिया जाएगा।
- शाखाएं अपने विवेक के अनुसार स्वीकृत किए गए संपूर्ण क्रेडिट सीमा के अंदर, क्रेडिट आवश्यकताओं पर, मौसम तत्व को लेते हुए, उप-सीमा तय कर सकती है।
ऋणों का संवितरण
फसलों की कटाई संबंधी जरूरतों के अनुसार ऋणों का नकदी संवितरण किया जाएगा।
चुकौती
खरीफ(एकल)-(1 अप्रैल से 30 सितम्बर ) - 31 जनवरी
रबी(एकल)-(1 अक्तूबर से 31 अक्तूबर) - 31 जुलाई
दोहरी/विविध फसलों (खरीफ एवं रबी फसलों) - 31 जुलाई
दीर्घावधि फसलों(वर्ष भर)-12 माह (पहले संवितरण की तारीख से)
साधारण दस्तावेज
- क. मांग वचन पत्र
- ख. संमिश्र दृष्टिबंधक करार का विलेख (सीएचए-1)
- ग. प्राधिकार पत्र (एचजी-15)
- घ. कृषि-ऋण अधिनियम अथवा साम्यिक बंधक अथवा जमीन का कानूनी बंधक के अनुसार जमीन का ङ. चार्ज (सीएचए-4)
- च. गिरवी पत्र (ओडी-159)
- छ. विविधवत डिस्चार्ज किया हुआ स्टोरेज रसीद की गिरवी
- ज. 12 महीने के अंदर अथवा उत्पाद की बिक्री पर अग्रिम की चुकौती का वचन
- झ. स्टोरेज ईकाई को बैंक के ग्रहणाधिकार की सूचना
- ञ.गोदाम/कोल्ड स्टोरेज के मालिक से गिरवी रखे गए स्टोरेज रसीद के प्रस्तुति के बगैर माल सुपुर्द न किए जाने से संबंधित वचन ) एल-515
- त. एल-516 (यदि जरूरत हो)
नोट :
- उपरोक्त ड) से झ) तक के दस्तावेज केवल स्टोरेज रसीद पर स्वीकृत उप-सीमा के लिए ही लागू होंगे।
- यदि किसान के परिसर में स्टोर किए गए उत्पाद पर उत्पाद विपणन सीमा का विस्तार किया जाता है तो स्टोर किए गए उत्पाद पर दृष्टिबंधक प्रभार को कवर करने के लिए दृष्टिबंधक विलेख (सीएचए-1) पर्याप्त होगा।
ऋण के लिए कैसे आवेदन करें
आवेदक किसी नजदीक की किसी एसबीआई या किसी राष्ट्रीय बैक की शाखा से संपर्क करें जो कि कृषि अग्रिम का कार्य करती हो या वे ग्रामों में विजिट करने वाले किसी विपणन अधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है।
स्त्रोत : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया।
अंतिम बार संशोधित : 1/23/2023
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