उद्देश्य : नर्सरी विकास के लिए, बागानों एवं वानिकी पौधों को लगाने के लिए मियादी ऋण प्रदान किया जाएगा, उगायी जाने वाली फसलों पर निर्भर करते हुए इंटर क्रापिंग के लिए भी उगायी जाने वाली फसल को आवश्यकतानुसार ऋण दिया जा सकता है ।
पात्रता : निजी स्वामित्व / पट्टेदारों / स्थाई काश्तकारी का अधिकार रखने वाले किसान, कम्पनियाँ, राज्य उपक्रम का अधिकार रखने वाले इस योजना के अंतर्गत ऋण के लिए पात्र होंगें ।
ऋण की सीमा : आवश्यकता पर आधारित ।
ऋण की चुकौती :
(i) वानिकी प्लांटेशन - इस योजना के तहत ऋण जहां पेड़ उगाए गए हैं अधिक 15 वर्षों, अंतराल अवधि सहित में चुकाया जाएगा ।
(ii) नर्सरी - चूंकि नर्सरी से आय शीघ्र प्रारंभ हो जाती है अत: समग्र मियादी ऋण की चुकौती 5 वर्षों के भीतर निर्धारित की जाएगी ।
उद्देश्य :
(i) सरकार विस्तार प्रणाली के प्रयासों को अनुपूरित करना ।
(ii) इनपुट सप्लाई एवं सेवाएं ज़रूरतमंद किसानों को उपलब्ध कराना ।
(iii) कृषि क्षेत्र में कृषि स्नातकों को लाभदायक रोज़गार उपलब्ध कराना ।
संकल्पना :
(i) एग्री क्लिनिक्स : किसानों को दक्ष सेवाएं प्रदान करना तथा फसल पध्दति, टैक्नोलोजी, प्रचार करना, कीड़ों तथा बीमारियों से फसलों की रक्षा करना, मार्केट का रूझान तथा विभिन्न फसलों का बाजार मूल्य आदि विषयों पर, किसानों को सलाह देना एवं पशुओं के लिए क्लिनिक सेवाएं इत्यादि, जिससे फसलों/पशुओं के लिए लाभ हो ।
(ii) एग्री क्लिनिक केन्द्र : कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाले इनपुट्स की आपूर्ति, कृषि उपकरणों को किराये पर लेने तथा अन्य सेवाओं के लिए परिकल्पना की गई है ।
उद्देश्य : कृषि स्नातकों द्वारा चुने गये, आर्थिक रूप से व्यवहार्य कार्य, जो बैंक को स्वीकार हों, के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है :-
(i) भूमि तथा जल क्वालिटी-कम-इनपुट टैस्टिंग लेबोरेट्रीज (ऑटोमैटिक एबसोर्पशन सपैक्ट्रोफोटो मीटर्स) ।
(ii) कीड़ों से देखभाल, रोग संबंधीद्न निदान एवं नियंत्रण सेवाएं
(iii) कृषि मशीनरी/उपकरणों को किराये पर लेने, रखरखाव तथा मरम्मत लघु/सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली सहित।
(iv) ऊपर उल्लिखित तीन गतिविधियों (समूह गतिविधियों) सहित एग्री क्लिनिक केन्द्र ।
(v) बीज संसाधन यूनिट ।
(vi) प्लांट टिशू कल्चर प्रयोगशाला तथादृढ़ यूनिट के माध्यम से माइक्रो प्रोपागेशन ।
(vii) वर्मीकल्चर यूनिटों, बायो-फर्टीलाइजर्स, बायो-पेस्टी साईड्स, बायो कंट्रोल एजेण्टों की स्थापना ।
(viii) मधुवाटिका (मधुमक्खी पालन हेतु) की स्थापना और शहद तथा शहद उत्पादन प्रोसैसिंग यूनिट ।
(ix) परामर्शदात्री सेवाओं के विस्तार का प्रावधान ।
(x) कृषि एजेंसी / बीमा सेवाओं की सुविधा ।
(xi) हैचरी तथा एक्वाकल्चर आंगुलिक मछलियों का उत्पादन ।
(xii) पशुधन स्वास्थ्य का प्रावधान, पशु चिकित्सा हेतु डिस्पैंसरी तथा फ्रोजन सीमेन बैंक एवं तरल नाट्रोजन सप्लाई से संबंधित सेवाएं ।
(xiii) पोर्टल से सम्बध्द विभिन्न तरह की कृषि तक पहुंच के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी स्टाल की स्थापना ताकि कृषि से संबंधित विभिन्न पोर्टल तक पहुंच हो सके ।
(xiv) फीड प्रोसैसिंग एवं टैस्टिंग यूनिट ।
(xv) मूल्य वर्ध्दन केन्द्र ।
(xvi) फार्म लेवल से कूल-चेन की स्थापना (समूह गतिविधि)
(xvii) सोर्टिंग, ग्रेडिंग, स्टैण्ड्रडाईजेशन, स्टोरेज, पैकेजिंग के लिए पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट केन्द्र ।
(xviii) मैटालिक/नॉन मैटालिक स्टोरेज स्ट्रक्चर (समूह गतिविधि) की स्थापना के लिए ।
(xix) संसाधित कृषि उत्पादों के लिए रिटेल मार्केटिंग आऊटलैट
(xx) कृषि इनपुट एवं आऊटपुट की ग्रामीण विपणन डीलरशिप ।
(xxi) इंटरनैट किओस्क अलग से या उद्यमियों द्वारा चुने गए किसी पात्र प्रोजैक्ट कार्यकलापों के साथ ।
पात्रता :
(i) आवेदक को कृषि स्नातक / कृषि से सम्बध्द विषयों जैसे कि बागवानी, कृषि खेती, वानिकी, डेयरी, पशु चिकित्सा, मुर्गीपालन, मछली पालन तथा अन्य कृषि कार्यकलापों के साथ स्नातक होना चाहिए।
(ii) व्यक्तियों या अधिकतम 5 व्यक्तियों का समूह, जिनमें से एक को मैनेजमेंट स्नातक होना चाहिए और उसे कारोबार विकास तथा प्रबंधन का अनुभव भी हो ।
ऋण की सीमा : परियोजना आवश्यकता आधारित; निम्नानुसार :-
(i) व्यक्ति को : 10 लाख रुपये
(ii) समूह को : 50 लाख रुपये
ऋण की चुकौती : प्रोजैक्ट से प्राप्त आय के आधार पर या बैंक की सम्बध्द ऋण योजना में निर्धारित चुकौती अवधि अनुसार ऋण को बैंक की विभिन्न ऋण योजनाओं के अनुसार मासिक/तिमाही/ छमाही/ वार्षिक आधार पर चुकाया जायेगा ।
उद्देश्य : मिट्टी सुधार, मिट्टी संरक्षण उपाय, भूमि अनुकूल बनाने के लिए आरंभिक एक-दो वर्षों के लिए मौसमी फसलें उगाने के लिए बेकार पड़ी भूमि पर या विद्यमान बंजर भूमि में वानिकी पेड़ लगाना/चरागाह बनाने, बंजर भूमि में सिंचाई संभावना उत्पन्न करने, बंजर भूमि का योजनाबध्द वनीनीकरण, पेड़ पट्टा योजना के अंतर्गत पेड़ पट्टा धारक को ऋण प्रदान करने, निवेश प्रोन्नति योजना के अंतर्गत गैर-वानिकी बंजर भूमि का विकास, नर्सरी की स्थापना इत्यादि ।
पात्रता : भूमि जोत वाले व्यक्तिगत किसान, पंचायते/अन्य एकक जिनके पास इस तरह की भूमि है ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
II . बंजर भूमि विकास के लिए मार्जिन मनी सहायता योजना :
पात्रता : राज्य सरकार कारपोरेशन, शहरी विकास प्राधिकारी, सार्वजनिक उपक्रम तथा अर्ध्दशहरी संगठन ।
मार्जिन मनी सहायता की सीमा : प्रोजैक्ट तथा नकदी प्रवाह के आधार पर मार्जिन मनी की मात्रा की सीमा का निर्णय होगा । राष्ट्रीय बंजर भूमि विकास बोर्ड (एनडब्ल्यूडीबी) प्रोजैक्ट लागत की 25% राशि देगा ।
पात्रता : व्यक्तिगत उद्यमियों एवं किसान/किसानों का समूह केन्द्र तथा राज्य सरकारें, उपक्रम, सहकारी संस्थाएं, पब्लिक ट्रस्ट तथा सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत सोसायटी तथा कंपनी अधिनियम के अंतर्गत रजिस्टर्ड निगमित निकाय ।
योजना के अंतर्गत एरिया कवरेज : प्रारम्भ में केन्द्र तथा राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले गैर वानिकी बंजर भूमि तक प्रतिबंधित ।
उद्देश्य : योजना का उद्देश्य खेती के लिए कार्य योग्य या बंजर भूमि के क्रय व विकास कार्य हेतु किसानों को वित्तपोषित करना ।
पात्रता : छोटे और सीमांत किसान तथा बटाईदार काश्तकार/किराए पर ली गई भूमि पर खेती करने वाले ।
ऋण की सीमा : यह खरीदी जाने वाली भूमि के क्षेत्र इसके मूल्य तथा विकास लागत पर निर्भर करेगी । तथापि, योजना के अंतर्गत अधिकतम ऋण सीमा 5 लाख रुपए तक प्रतिबंधित होगी ।
ऋण की चुकौती : ऋण 7 - 10 वर्षों में छमाही / वार्षिक किश्तों में अदा किया जाएगा, 24 माह की अधिकतम अधिस्थगत अवधि सहित ।
उद्देश्य : भूमि की खरीद, भूमि विकास, फसल ऋण/अन्य कृषि कार्यकलापों के लिए ऋण।
पात्रता : आवेदक कृषि परिवार से सम्बध्द हो जिसके पास कोई भूमि नहीं है और जो कृषि, पशु चिकित्सा या कृषि इंजीनियरिंग में स्नातक हो और वर्तमान में बेरोजगार हो ।
ऋण की सीमा : आवश्यकतानुसार । ऋण राशि का निर्धारण आवेदक द्वारा खरीदी जाने वाली भूमि पर, क्षेत्र के आधार पर तथा लिए जाने वाले प्रोजैक्ट पर निर्भर करेगा परंतु लिमिटेशन के अंतर्गत अधिकतम 2.5 एकड़ सिंचित अथवा 5 एकड़ असिंचित ।
ऋण की चुकौती : भूमि की खरीद के लिए दिया गया ऋण 8 वर्ष अधिस्थगन अवधि सहित, में चुकाया जाएगा।
उद्देश्य : निवेश ऋण तथा कार्यशील पूंजी ( केवल प्रारंभिक एक फसल के लिए ऋण देने पर विचार किया जाना)।
पात्रता : व्यक्तियों के लिए तथा बडे आकार के यूनिटों में मशरुम खेती में पर्याप्त अनुभव ।
ऋण की सीमा : आवश्यकता पर आधारित ।
ऋण की चुकौती : प्रारंभिक अवधि अधिकतम 7 वर्ष ,ऋण की चुकौती क्षमता पर निर्भर करते हुए ।
उद्देश्य : निवेश उद्देश्यों के लिए तथा आवर्ती व्ययों के लिए स्पॉन उत्पादन हेतु वित्तीय सहायता ।
पात्रता : व्यक्तिगत और पादप रोग विज्ञान (प्लांट पैथोलोजी) में योग्यता रखने वाले अथवा स्पॉन उत्पादन में पर्याप्त अनुभव व उचित पृष्ठिभूमि वाले व्यक्ति या बड़े आकार के यूनिट, मशरूम उत्पादन में पर्याप्त अनुभव प्राप्त व्यक्ति या बड़े यूनिट ।
ऋण की सीमा : आवश्यकता पर आधारित ।
ऋण की चुकौती : अधिकतम 7 वर्ष ।
पात्रता : ऋण लेने वाले उधारकर्ताओं के पास पर्याप्त संख्या में पशु होने चाहिए तथा उनके अनुसार ही स्थापित किए जाने वाले प्रस्तावित प्लांट का आकार होना चाहिए ।
ऋण की सीमा : बायो-गैस प्लांट के माडल तथा क्षमताओं के आधार पर आवश्यकता के अनुसार ।
ऋण की चुकौती : 5-7 वर्ष
कमीशन एजेण्टों/आढ़तियों/ डीलरों को कृषि निविष्टियों के वितरण के लिए योजना के विवरण भाग-I तथा भाग-II में दिये गये हैं ।
भाग-I :
बीजों, उर्वरकों, कीटनाशक दवाओं इत्यादि के वितरण के लिए प्रदत्त स्टॉक की एवज में एजेंटों/डीलरों को उनके कृषि निविष्टियों (स्टॉक) की खरीद तथा खेती के लिए किसानों को सप्लाई बीजों के बही ऋण (बुक वैल्यू) के विरुध्द एजेंटाें/डीलरों को ऋण दिया जा सकता है । उन्हें केवल कृषि निविष्टियों की खरीद के लिए जो इन निविष्टियों (इनपुट्स) के एक्सक्लुसिव डीलर नहीं हैं तथा उन कमीशन एजेंण्टों/आढ़तियों को जो किसानों को इनपुट्स की खरीद के लिए ऋण प्रदान करते हैं, परंतु इनपुट्स के डीलर नहीं हैं तथा व्यष्टि किसानों/स्वयं सहायता समूहों/संयुक्त देयता समूहों से उत्पादन खरीदने के लिए कमीशन एजेंटों/आढ़तियों को वित्तपोषित करना ।
पात्रता : व्यक्तियों/फर्मों/प्राईवेट या पब्लिक लिमिटेड/कारपोरेट निकाय या किसी भी कोऑपरेटिव सोसायटी नियम के अंतर्गत पंजीकृत कोऑपरेटिव सोसायटी जो आढ़तियों/कमीशन एजेण्ट/डीलर के रूप में कार्य करने वाले, क्षेत्र में अच्छी साख रखने वाले, अच्छी वित्तीय स्थिति वाले कृषि इनपुट्स के वितरण में लगे पर्याप्त अनुभव रखने वाले तथा संतोषजनक टर्न-ओवर वाले हैं, ऋण के पात्र हैं ।
सुविधा की किस्म :
(i) नकद ऋण (दृष्टिबंधक)
(ii) नकद ऋण (गिरवी)
(iii )नकद ऋण (बही-ऋण)
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
ऋण की अवधि : चालू फसलों (खरीफ/रबी) के उत्पाद की मार्केटिंग के साथ ऋण अवधि को संबध्द किया जाएगा। खाते को वर्ष में कम-से-कम एक बार क्रेडिट बैलेंस में लाना चाहिए । खाते को वार्षिक आधार पर समीक्षा की जायेगी ।
भाग-II :
पशु चारा, मुर्गी दाना, डेयरी फीड, मछली दाना इत्यादि के वितरण में लगे डीलरों को उनके प्रदत्त स्टॉक के विरुध्द अधिकतक 40 लाख रुपये
पात्रता : व्यक्तियों/फर्मों/प्राईवेट या पब्लिक लिमिटेड/कारपोरेट निकाय या किसी भी कोऑपरेटिव सोसायटी नियम के अंतर्गत पंजीकृत कोऑपरेटिव सोसायटी जो आढ़तियों/कमीशन एजेण्ट/डीलर के रूप में कार्य करने वाले, क्षेत्र में अच्छी रेपुटेशन रखने वाले, अच्छी वित्तीय स्थिति तथाकृषि इनपुट्स के वितरण में लगे पर्याप्त अनुभव रखने वाले तथा संतोषजनक टर्न-ओवर वाले इसके लिए पात्र हैं ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
मुर्गीपालन के लिए वित्तपोषण योजना के अंतर्गत छज्जों के निर्माण के लिए उपकरणों की खरीद तथा एक दिन के चूज़ों की खरीद, मुर्गीदाना, औषधियों इत्यादि की खरीद के लिए ऋण दिया जाता है । उधारकर्ताओं को निम्नानुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी :-
उद्देश्य :
सहायक कार्यकलापों के लिए :स्थाई सम्पत्तियों के अधिग्रहण के लिए मध्यावधि मीयादी ऋण के रूप में निवेश ऋण प्रदान किया जायेगा जबकि उत्पादन ऋण, अल्पावधि मीयादी ऋण के रूप में कार्यकारी पूंजी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए दिया जायेगा।
मुख्य कार्यकलापों के लिए :निवेश ऋण ऊपर उल्लिखित अनुसार प्रदान किया जायेगा जबकि उत्पादन ऋण या तो नकद ऋण सीमा के रूप में या निवेश ऋण के घटक के रूप में ।
पात्रता :
सहायक कार्यकलापों के लिए :ऋणी एक छोटा किसान, भूमि रहित कृषि मजदूर या अन्य व्यक्ति होना चाहिए जो अल्परोजगार प्राप्त हो और मुर्गीपालन के माध्यम से अतिरिक्त आय सृजित करना चाहता हो और जिसके पास शैड निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि हो ।
मुख्य कार्यकलापों के लिए :ऋणी को मुर्गीपालन यूनिट चलाने का अच्छा अनुभव हो और व्यावसायिक आधार पर मुर्गीपालन में व्यस्त हो या मुर्गीपालन को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहता हो, उसके पास पर्याप्त भूमि/शैड हो जहां वह मुर्गीपालन का कार्य करना चाहता है ।
यूनिट का आकार :
सहायक कार्यकलापों के लिए मुर्गी पालन यूनिट के लिए 500 पक्षियों की न्यूनतम साईज होनी चाहिए ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित होगी ।
ऋण की चुकौती : उत्पादन ऋण, यदि अल्पावधि ऋण के रूप में लेयर्स और ब्रायलर्स के मामले में दिया जाता है तो 6/3 महीनों की प्रारम्भिक अवधि सहित 18/12 महीनों में वसूल किया जाना है ।
निवेश ऋण पर्याप्त प्रारम्भिक अवधि (12 महीनों तक लेयर्स के लिए और 3 माह तक ब्रायलर्स के लिए) मासिक/तिमाही/छमाही किश्तों में, छोटे किसानों के मामले में उनकी चुकौती क्षमता पर निर्भर करते हुए, 6-7 वर्षों की अवधि में वसूल किया जाता है ।
डेयरी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्यों हेतु वित्तपोषण किया जाता है :
i. दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं जैसे कि गाय/भैंस या संकर नस्ल की गायों की खरीद के लिए व्यक्तियों को वित्तपोषित करना ।
ii. एक माह तक के बछड़ों के पालन-पोषण के लिए व्यक्तियों को ऋण ।
दूध उत्पादन की प्रथम अवस्था तक के लिए बछियों की खरीद व पालन-पोषण के लिए ऋण|
iii. अन्य पशु पालन के नए कार्य, पशु प्रजनन जैसे दुग्ध उत्पादन की सुविधाएं, दुग्ध गृहों का निर्माण इत्यादि हेतु वित्तपोषण । दुग्ध उत्पादकों के गाय/भैंसों के लिए चारे की व्यवस्था ।
उद्देश्य : बैंक निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए ऋण प्रदान करता है :
· अच्छी नसलों के दुधारू पशुओं गाय/भैंसों की खरीद ।
· पशुओं को रखने के लिए छज्जों(शेड्स) का निर्माण ।
· डेयरी मशीनरी की खरीद अथवा डेयरी कारोबार के अन्य उपकरणों हेतु वित्तपोषण ।
· पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था ।
· पशुओं को बाजार, हाट व मेलों से खरीदने व लाने/ले जाने हेतु परिवहन की लागत ।
· दुधारू पशुओं के चारे की व्यवस्था स्वरूप एक माह तक चारे की खरीद हेतु वित्तपोषण ।
पात्रता :
ऋण सीमा : आवश्यकता-आधारित ऋण प्रदान किया जाता है । दो दुधारू पशुओं की यूनिट, दुग्ध उत्पादन के लिए व्यवहार्य है ।
ऋण की चुकौती : दुधारू पशुओं की खरीद के लिए देय ऋण को निम्न प्रकार से चुकाया जाएगा :
क.सं. |
निवेश का प्रकार
|
चुकौती अवधि (प्रारम्भिक अवधि सहित) |
ऋण किश्त अवधि
|
प्रारम्भिक अवधि
|
1.
|
संकर नस्ल की गायें
|
5 वर्ष
|
मासिक/तिमाही
|
चुकौती लेक्टेशन अवधि के साथ समबध्द होगी
|
2.
|
भैंसें
|
4 - 5 वर्ष
|
.....वही.....
|
.....वही.....
|
3.
|
2 ग्रेडेड मुर्रा भैसें
|
4 - 5 वर्ष
|
.....वही.....
|
.....वही.....
|
4.
|
संकर नस्ल के बछड़ा प्रजनन
|
5 - 6 वर्ष
|
.....वही.....
|
30 माह
|
उद्देश्य : जन्म से चार माह तक के स्वस्थ मादा बछड़ों के पालन हेतु ।
पात्रता : पशुओं को रखने वाले/प्रगतिशील किसान जो दुग्ध उत्पादन के लिए गाय अथवा पहली बछड़ी के प्रजनन के बाद बिक्री का काम करते हो तथा उनके पास चारा उगाने का पर्याप्त स्थान हो ।
ऋण सीमा : ऋण की राशि उधार्रकत्ता के पास रखे जाने वाले दुधारू पशुओं का पालन करने की संख्या पर निर्भर करेगी ।
ऋण की चुकौती : पहली बार ब्याहने के बाद यदि मादा बछड़े को दूध उत्पादन की अवस्था तक रखा जाता है तो ऋण तथा ब्याज को अधिकतम 4 वर्षों में वसूल किया जायेगा । प्रथम किश्त प्रथम बार प्रजनन के बाद प्रारम्भ होगी । यदि मादा बछड़े को जन्मते ही बेच दिया जाता है तो मूल तथा ब्याज को बिक्री के बाद एकमुश्त वसूल किया जायेगा। तदनुसार पहले मामले में अधिकतम चुकौती अवधि 5 - 6 वर्ष होगी जबकि बाद के मामले में 2 वर्ष 6 महीने होगी ।
उद्देश्य : कृत्रिम गर्भाधान द्वारा मवेशियों का प्रजनन, समय के साथ दूध की मात्रा कम हो जाने से गायों को पुन: प्रजनन हेतु खरीदना / बेचना, दूध उत्पादन सुविधाओं के लिए वित्तपोषण, गाँव के दूध को को ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा दूध गृहों का निर्माण, चरागाह खरीद के विकास इत्यादि के लिए वित्तपोषण ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
उद्देश्य : अच्छी नसल के दुधारू पशुओं की खरीद के लिए, पशुओं के रहने के लिए छज्जों के निर्माण, कार्यशील पूंजी मदों की खरीद जैसे कि डेयरी फीड, पशु चिकित्सा औषधियाँ, चारा, डेयरी उपकरण या अन्य उपकरणों की खरीद ।
पात्रता : भूमि रहित कृषि श्रमिक या किसान / कोई भी व्यक्ति जिसे दुधारू पशुओं को रखने का अनुभव हो ।
मार्जिन : शून्य
कार्ड का टाईप : पीएनबी डेयरी विकास कार्ड ।
कार्ड की वैधता : 5 वर्ष
ऋण सीमा : 100,000/- रुपये
ऋण सीमा का निर्धारण
(i) उत्पादन ऋण : कुल सीमा का 25%
(ii) निवेश ऋण : ऋण सीमा का न्यूनतम 75%
ऋण का वितरण : किसान की ज़रूरत के अनुसार ऋण का वितरण विभिन्न चरणों में किया जाएगा । ऋण सुविधा कार्ड जारी करने वाली शाखा से प्राप्त की जाएगीद्न ।
ऋण का पुनर्भुगतान : निवेश ऋण 5 वर्षों में चुकाया जायेगा । निवेश ऋण को वार्षिक आधार पर संमिश्र नकद ऋण सीमा को कम करते हुए 5 वर्षों में चुकाया जायेगा । खाते में किश्तें मासिक/तिमाही आधार पर चुकाई जायेंगी ।
उद्देश्य : आवेदकों को नई भैंसों की खरीद मौजूदा भैंसों को बदलकर नई भैंस खरीदने की अनुमति है बशर्ते खाते का संचालन पिछले एक वर्ष में संतोषजनक हो । यह सुविधा तीसरे वर्ष तक दी जाएगी ।
कार्यक्षेत्र : प्रारम्भिक रूप में यह योजना पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात तथा महाराष्ट्र में लागू है ।
स्वदेशी मछली विकास तथा खारा पानी मछली तथा झींगा मछली विकास वित्तपोषण हेतु योजना
उद्देश्य : ताल/कुण्डों के निर्माण/नवीकरण के लिए, जलद्वार (स्लूस) निर्माण, झींगा मछली की खरीद, फ्राई एवं फिंगर लिंग्स/फिश सीड/झींगा मछली के बीज, ऑयल केक, फर्टीलाइजर्स, आर्गेनिक उर्वरक तथा अन्य भोज्य सामग्री की खरीद प्रथम हार्वेस्ट तक, जालों, बक्सों तथा बास्केट, रस्सियों, बेलचे, हुक तथा अन्य सहायक चीज़ों इत्यादि के लिए वित्तीय सहायता देना ।
पात्रता : किसानों, व्यक्तियों, सहकारी सोसायटियों, कंपनियों, व्यक्तियों के समूह जिनके पास इस योजना के अंतर्गत पर्याप्त अनुभव भी है और आवश्यक आधारभूत सुविधाएं भी ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
ऋण चुकौती : निम्नानुसार निर्धारित अवधि में ऋण की चुकौती की जाएगी :
तालाब मछली कल्चर : प्रारम्भिक अवधि सहित 5 - 8 वर्ष । चुकौती वार्षिक अंतराल पर ।
खारा पानी फिश / झींगा कल्चर : प्रारम्भिक अवधि सहित 5 - 10 वर्ष । भुगतान छमाही अंतराल पर ।
उद्देश्य : मशीनीकृत/गैर मशीनीकृत नावों/गहरे समुद्र में मछली पकड़ने हेतु जलपोत (डीप-सी फिशिंग), ट्रावलर्स, जालों की खरीद - ट्रैवल नैट/पर्स-सियन/ग्रिल नेट, अन्य डैक उपकरणों की खरीद जैसे कि ट्रैवल विंच, वायर रोप, गैलोस, नैट हैण्डलर, नेवीगैशनल लाइट्स, लाईफ जैकेट, पाईप बोट, एकर्स,डायरेक्शन फाइडर्स, फिश फाईर्नड इत्यादि की खरीद, मेरिन इंजन इत्यादि की खरीद हेतु ।
पात्रता : ऋण व्यक्तियों/साझेदार फर्मों, कोऑपरेटिव सोसायटीज, लिमिटेड कंपनियों, जो तकनीकी रूप से सक्षम हैं तथा इस प्रकार के कार्यों का पर्याप्त अनुभव है ।
ऋण सीमा : ऋण की राशि प्रोजैक्ट रिपोर्ट में प्रस्तुत अपेक्षानुसार होगी ।
ऋण की चुकौती :
मध्यम अवधि के ऋण :
गैर-मशीनीकृत नाव/जलपोत : 6 - 7 वर्ष
मशीनीकृत नाव : 8 - 12 वर्ष
नकदी ऋण सीमा : कार्यशील पूंजी के लिए नकद ऋण सीमा प्रत्येक वर्ष नवीकृत की जाएगी ।
उद्देश्य : अच्छी नस्ल की भेड़/बकरी के प्रजनन के लिए खरीद, पालन-पोषण, ऊन, मांस तथा दूध उत्पादन के लिए, भेड़/बकरी के लिए छज्जों का निर्माण, यदि आवश्यक माना जाये तो उपकरणों/उपस्करों की खरीद हेतु तथा उनके लिए चारे हेतु ।
पात्रता : छोटे एवं सीमांत किसान तथा कृषि मजदूर जो भेड़/बकरी पालन को सहायक कार्य के रूप में करने के इच्छुक हैं अथवा अन्य प्रशिक्षित व्यक्ति जो व्यावसायिक स्तर पर इस कार्य को करने के लिए इच्छुक हों, पात्र है।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
ऋण चुकौती : मीयादी ऋण :
कार्य
|
प्रारम्भिक अवधि सहित न्यूनतम तथा अधिकतम चुकौती अवधि
|
भुगतान का तरीका (किश्तें)
|
भेड़ पालन
|
5 - 6 वर्ष
|
तिमाही/छमाही/वार्षिक
|
बकरी पालन
|
5 - 6 वर्ष
|
तिमाही/छमाही/वार्षिक
|
कार्यशील पूँजी : अग्रिम की तारीख से 1.5वर्ष की अवधि में कार्यशील पूंजी की अदायगी की जायेगी । यदि नकद ऋण सीमा दी जाती है तो सुविधाओं का नवीकरण प्रत्येक वर्ष होगा ।
उद्देश्य : अच्छी नसल के सूअरों के प्रजनन के लिए अथवा सूअरों के पालन पोषण के लिए ।
पात्रता : किसान / कृषीय मजदूर तथा वे व्यक्ति जो सूअर पालन को सहायक कार्यकलाप के रूप में करने के इच्छुक हैं तथा वे जो इस प्रकार के कार्यों को मुख्य व्यवसाय के रूप में करना चाहते हैं ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
ऋण की चुकौती :
उत्पादन ऋण :कार्यशील पूंजी ऋण अग्रिम की तारीख से 18 महीनों की अधिकतम अवधि में चुकाया जाये ।
निवेश ऋण : मध्यम मीयादी ऋण छमाही किश्तों में 5 - 6 वर्षों की अवधि में, प्रारम्भिक तैयारी अवधि को शामिल करते हुए चुकाया जाये ।
उद्देश्य : भार ढोने वाले पशुओं, कृषि परिवहन, पशु गाड़ी की खरीद के लिए ऋण दिया जाता है ।
पात्रता : 2 एकड़ भूमि रखने वाले किसान या 2 एकड़ भूमि पर खेती करने का परम्परागत अधिकार रखने वाले किसान ।
''भूमिहीन खेतीहर मज़दूर'' की श्रेणी से सम्बध्द व्यक्तियों को भी रोज़गार प्रदान करने के लिए गाड़ी एवं भार ढ़ोने वाले पशुओं की खरीद के लिए वित्तपोषित किया जाता है ।
ऋण सीमा : आवश्यकता आधारित ।
ऋण की चुकौती :
चुकौती अवधि मासिक/तिमाही/छमाही अंतरालों पर निम्नानुसार है :
सृजित सम्पत्ति
|
सृजित सम्पत्ति
|
केवल बैल
|
4 वर्ष
|
भैंसा तथा झोटा बग्गी
|
4 - 5 वर्ष
|
केवल ऊँट |
5 वर्ष
|
बैल गाड़ी तथा छकड़ा
|
5 - 7 वर्ष
|
पशु द्वारा खींची जाने वाली गाड़ी
|
5 - 7 वर्ष
|
ऊँट एवं छकड़ा गाड़ी
|
5 - 7 वर्ष
|
उद्देश्य : निम्नलिखित कार्यों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है ।
निश्चित लागत: जैसे कि शहद के छत्तों के निर्माण के लिए, कोलोनीज की खरीद, मधुमक्खी रखने के लिए बक्सों तथा उपकरणों की खरीद, शहद निकालने के लिए स्मोकर्स तथा बीवेल, बी नाइफ, हाईव टूल, क्वीन गेट, फीडर, सोलरवैक्स, एक्सट्रक्टर, शहद रखने के लिए प्लास्टिक ड्रम्स, रबड़ दस्ताने इत्यादि ।
आवर्ती मूल्यों के रूप में : जैसे कि फाउन्डेशन शीट, शुगर, औषधियां, दस्ताने इत्यादि ।
पात्रता : छोटे तथा सीमान्त किसान/मजदूर(कृषि), मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षित व्यक्ति/समूह/कम्पनी, जिन्हें मधुमक्खी पालन का पर्याप्त अनुभव है तथा जो व्यावसायिक आधार पर मधुमक्खी पालन के इच्छुक हैं ।
ऋण की सीमा तथा प्रकृति : आवश्यकता-आधारित मीयादी ऋण । प्रारम्भिक आवर्ती लागतों के लिए प्रावधान केवल मीयादी ऋण के भाग के रूप में रहेगा ।
चुकौती : प्रारम्भिक अवधि सहित अधिकतम 5 वर्षों में ।
उद्देश्य : शहतूत की खेती, रेशम के कीड़ों के पालन तथा रेशम की खेती से संबंधित गैर-कृषि संबंधी कार्य-कलाप ।
पात्रता : रेशम की खेती से संबंधित कार्यकलापों में व्यस्त व्यष्टिगत किसान, स्वयं सहायता समूह, फर्म, कम्पनियाँ।
ऋण की सीमा : आवश्यकता के आधार पर ।
चुकौती : कार्यकलाप के स्वरूप के आधार पर 4-9 वर्ष ।
उद्देश्य : बाड़ा लगाने, निविष्टियों की खरीद जैसे बीज , उत्पादक पौधे के रक्षक रसायन, भूमि विकास, छोटी बागवानी, उपकरणों की खरीद पर ऋण दिया जाता है ।
पात्रता : आवेदक सरकारी/अर्ध सरकारी या शहरी यूनिट अथवा को-ऑपरेटिव या प्राइवेट उपक्रम/संगठन में कर्मचारी तथा वह तदर्थ आधार पर कार्य न करता हो, व्यावसायिक और स्वरोजगार व्यक्ति तथा फाइनेंसिंग शाखा के साथ पिछला कोई लेन-देन न हो, केन्द्र / राज्य सरकार अथवा अन्य सरकारी उपक्रमों के पेंशनधारक तथा उनका फाइनेंसिंग शाखा में पेंशन खाता भी हो तथा ऊपर बताए अनुसार संगठनों के कर्मचारियों की पत्नियां भी पात्र हैं बशर्ते उनके पतियों द्वारा यह ऋण न लिया गया हो, स्टाफ सदस्य भी इसके पात्र हैं, बशर्ते इस प्रकार के कार्यकलापों के लिए पर्याप्त स्थान हो । आवेदक के पास निवास-स्थान के आसपास खाली भूमि हो जिसका प्रयोग करने का अधिकार उसके पास हो, कम से कम छह माह से बैंक के पास जमा खाता हो पास में ऋण चुकौती की पर्याप्त आय हो ।
ऋण सीमा : 5 हजार रुपये तक अल्पकालीन ऋण ।
ऋण चुकौती : 1 वर्ष में ।
उद्देश्य :
(i) कृषि कार्यकलापों के लिए अल्पावधि कार्यशील पूंजी यथा खाद, बीज, कीटनाशक, दवाइयाँ इत्यादि एवं सम्बध्द कृषि कार्यकलापों के लिए कार्यशील पूँजी के साथ-साथ शिक्षा, घरेलू वस्तुओं की खरीद, चिकित्सा व्यय आदि घरेलू जरूरतों के लिए (ii) कृषकों की मीयादी ऋण आवश्यकताओं एवं गैर संस्थागत ऋण प्रदान करने वालों से किसानों द्वारा लिए गए ऋण के भुगतान हेतु ऋण प्रदान करना ।
पात्रता :प्रगतिशील शिक्षित एवं अशिक्षित किसान, जो स्वामी काश्तकार, भूमि किराएदार, पट्टेदार अथवा अलॉटी किसान हैं तथा जिनके पास लिखित में भूमि जोतने का अधिकार है, कार्ड लेने के पात्र हैं । मौखिक भूमि किराएदार भी ऋण के पात्र हैं यदि भूमि के स्वामी सहऋणी बनने के लिए सहमत हों एवं स्वयं सहायता समूह बनाकर कार्ड प्राप्त कर सकते हैं ।
ऋण सीमा : अधिकतम 10 लाख रुपये ।
सीमा निर्धारण :ऋण सीमा मीयादी ऋण के लिए और कृषि तथा अन्य सहायक कार्यकलापों के लिए,फसल उत्पादन के लिए, उपभोक्ता जरूरतों के लिए तथा सहायक गतिविधियों के लिए इत्यादि । अधिकतम 5 लाख रुपये फसल उत्पादन/उपभोग आवश्यकताएं एवं संबध्द कार्यकलापों, कार्यशील पूंजी हेतु । गैर संस्थागत ऋण देने वालों से ऋणग्रस्तता से राहत दिलाने के लिए 50,000/- रुपये की राहत सहित अधिकतम 10 लाख रुपये की अधिकतम ऋण सीमा के अंतर्गत आवश्यकता आधारित मीयादी ऋण । विभिन्न कार्डों के लिए ऋण सीमा निम्नानुसार है :
कार्ड का प्रकार अधिकतम ऋण सीमा
(i) विकास कार्ड (नीला) 50,000/- रु. तक
(ii) भाग्यवान कार्ड (लाल) 50,000/- रु. से अधिक एवं 3 लाख रु. तक
(iii) सर्वोत्तम कार्ड (हरा) 3 लाख रु. से अधिक एवं 5 लाख रु. तक
(iv) स्वर्ण कार्ड (भूरा) 5 लाख रु. से अधिक एवं 10 लाख रु. तक
ऋण सीमा 1000/- रुपये के गुणकों में निर्धारित की जाती है ।
मार्जिन :
ऋण की राशि मार्जिन
(i) 2 लाख रु. तक कुछ नहीं
(ii) 2 लाख रु. से अधिक एवं 5 लाख रु. तक 10%
(iii) 5 लाख रु. से अधिक 25%
प्रतिभूति :
(i) 50,000/- रु. की ऋण सीमा के लिए फसलों/चल संपत्ति का दृष्टिबंधन ।
(ii) 50,000/- रु. से अधिक के ऋण पर फसलों/चल संपत्ति का दृष्टिबंधन एवं भूमि पर प्रभार/बंधक, अथवा मीयादी जमाराशियां/राष्ट्रीय बचत पत्र/किसान विकास पत्र आदि तरल प्रतिभूतियों का प्रभार/गृहणाधिकार ताकि ऋण सीमा पर्याप्त सुरक्षित रहे अथवा तृतीय पार्टी गारंटी ।
ब्याज दर :भारतीय रिज़र्व बैंक/बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित ब्याज दर लागू होगी ।
कार्ड जारी करना :ऋण सीमा के निर्धारण एवं दस्तावेजों से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद किसानों को पीएनबी कृषि कार्ड जारी किया जाएगा जो पांच वर्षों के लिए वैध होगा । ऋण सीमा तथा लेनदेन का हिसाब रखने के लिए पासबुक जारी की जाती है ।
कार्डों का उपयोग :कार्ड जारी करने वाली शाखा के अलावा, उसी जिले में स्थित हमारे बैंक की अन्य शाखाएं भी कार्ड को स्वीकार कर 3,00,000/- रु. तक नकद भुगतान करेगी (फसल ऋण/उपभोक्ता ऋण के लिए स्वीकृत सीमा) ।
कार्ड जारी करने के लिए सेवा प्रभार :कृषि कार्ड जारी करने और कार्ड बदलने के लिए मात्र 50/- रु. प्रति कार्ड लिया जाता है ।
खाता खोलना :किसानों का संयुक्त नाम से खाता खोलने की अनुमति दे दी गई है । यद्यपि, दूसरे सहऋणी के द्वारा दिए गए अधिकार पत्र के आधार पर पहले उधारकर्ता को कार्ड जारी किया जा सकता है ।
वितरण : सम्पूर्ण(भुगतान) नकदी ऋण सीमा नकद वितरित की जायेगी ।
पुनर्भुगतान :
(i) फसल उत्पादन और उपभोक्ता ऋण के लिए नकदी ऋण सीमा 'फसल उगने' की हार्वेस्टिंग/मार्केटिंग अवधि के अनुसार 12/18 महीने में चुकाई जायेगी ।
(ii) सम्बध्द कार्यकलापों के लिए कार्यशील पूंजी सीमा 12 माह में समायोजित की जायेगी ।
(iii) मीयादी ऋण का 5 वर्षों में भुगतान किया जाना है । यह 5 वर्षों से अधिक भी हो सकती है, यदि सम्बध्द योजना में लम्बी चुकौती अवधि प्रदान की गई है ।
व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा :70 वर्ष तक की आयु के सभी कार्डधारक किसान व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा पालिसी के अंतर्गत शामिल किये जाते हैं। दुर्घटना की वजह से मृत्यु/सम्पूर्ण अपंगता/दो हाथ/पाँव अथवा दो ऑंखों की क्षति होने पर 50,000/- रु. तक का जोखिम एवं एक हाथ/पांव अथवा एक आंख की क्षति होने पर 25,000/- रु. तक का जोखिम शामिल किया जाएगा। वार्षिक प्रीमियम 15/- रु. प्रति कार्डधारक है । इस योजना के तहत दावा प्रक्रिया काफी सरल है।
उद्देश्य :पादपगृहों के निर्माण, उपस्करों/मशीनरी/निविष्टयों की खरीद तथा अन्य अपेक्षाओं, जिसमें फसलोत्तर परिचालन तथा मार्केटिंग भी शामिल है, की पूर्ति हेतु ।
पात्रता :प्रगतिशील किसान जिनकी अपनी अपेक्षित कृषियोग्य भूमि है तथा जिन्हें पादप गृहों का किंचित अनुभव / प्रशिक्षण है तथा आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाया है ।
ऋण का स्वरूप तथा सीमा :आवश्यकता आधारित, पादप गृहों के निर्माण, उपस्करों, मशीनरी अवधि की खरीद, के लिए मध्यावधि ऋण निविष्टियों की खरीद, श्रम आदि के लिए लघु अवधि ऋण तथा फसलोत्तर परिचालन के लिए बैंक की केसीसी स्कीम के अंतर्गत ऋण दिए जा सकते हैं ।
ऋण की चुकौती :5-7 वर्ष, लघु अवधि ऋण के लिए चुकौती अवधि 1 वर्ष अथवा केसीसी स्कीम के अनुसार रखी गई है ।
उद्देश्य :कृषि/सहायक कृषि/कृषि इतर कार्यों के लिए कार्यशील पूँजी संबंधी जरूरतों को पूरा करना ।
पात्रता :ग्रामीण/अर्धशहरी क्षेत्रों में रहने वाली निरक्षर/साक्षर महिलाएं जो व्यस्क हो चुकी हैं ।
ऋण का स्वरूप तथा सीमा :नकद ऋण सीमा रू. 50,000/-
ऋण की चुकौती :12 माह ।
उद्देश्य :योजना का उद्देश्य नकद प्रवाह के आधार पर बैंक के ग्राहकों को बिना किसी झंझट के ऋण उपलब्ध करवाना है, ऋण व्यवस्था के लिए प्रतिभूति, ऋण के प्रयोजनपरक उपयोग अथवा उट्ठेश्य पर बल नहीं दिया जाता है । यह नकद ऋण की भाँति है जिसमें ऋण के अंतिम उपयोग का बंधन नहीं है ।
पात्रता :ग्रामीण तथा अर्धशहरी क्षेत्रों में पर्याप्त आय युक्त बैंक के वैयक्तिक ग्राहकगण ।
ऋण का स्वरूप तथा सीमा :अधिकतम रू. 25,000/-
ऋण की चुकौती :जीसीसी लिमिट निम्नानुसार 12 महीने में चुकौती योग्य होगी -· 12 महीनों के दौरान खाते में कुल जमा रकम कम से कम खाते में अधिकतम बकाया राशि के समकक्ष रहनी चाहिए ।
· 12 माह के दौरान खाते में जमा, खाते में अधिकतम बकाया के समकक्ष रहनी चाहिए ।
उद्देश्य :साहूकारों से लिए गए ऋण की बकाया राशि को चुकाने के लिए कृषकों को वित्तपोषित करना ।
पात्रता :समस्त किसान, छोटे तथा सीमांत किसान, काश्तकार किसान, मौखिक पट्टेदार, बंटाईदार शामिल हैं ।
ऋण का स्वरूप तथा सीमा :अधिकतम रू. 50,000/-
ऋण की चुकौती :किसान 5-7 वर्षों की अवधि में ऋण की चुकौती करेंगे जिसमें 12 महीने की अधिकतम अधिस्थगन अवधि शािमल है तथा छमाही/वार्षिक आधार पर किस्तें चुकाई जाएंगी ।
उद्देश्य :ग्रामीण / अर्ध-नगरीय क्षेत्रों में सौर उर्जा के प्रयोग द्वारा नवीकरणीय उर्जा स्त्रोत उपलब्ध करवाना ।
प्रयोजन :कृषि तथा सम्बध्द कार्यकलापों में व्यस्त किसानों को विख्यात विनिर्माताओं / आपूर्तिकर्ताओं / प्राधिकृत डीलरों से सौर उर्जा प्रकाश प्रणाली, आवश्यक उपकरणों सहित, संस्थापित करने के लिए वित्तपोषित करना ।
पात्रता :
(क) ग्रामीण / अर्ध-नगरीय केन्द्रों से कृषक व्यक्ति । यद्यपि इस योजना के तहत मौजूदा अच्छे किसान क्रेडिट धारक ऋणियों को शामिल करने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा । तथापि नए किसानों को वित्तपोषित करने पर कोई रोक नहीं होगी । मामले के गुणदोषों के आधार पर वित्तपोषित किया जाएगा । स्वीकृतिदाता प्राधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसान ने आय के साधन / पर्याप्त नकद प्रवाह का भरोसा दिलाया हो जो बैंक के ऋण को चुकाने में पर्याप्त सिध्द होगी ।
(ख) इसके अतिरिक्त, यदि कृषक आय तथा भूमि जोत मानदण्ड को पूरा करता है तथा अन्यथा विभेदक ब्याज दर योजना के अंतर्गत वित्त सहायता पाने के पात्र हैं वे भी सौर उर्जा प्रकाश प्रणाली के तहत वित्तपोषण करवा सकते हैं । उन्हें डीआरआई योजना पर लागू ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होगा ।
ऋण सीमा :आवश्यकता पर आधारित परंतु अधिकतम रू. 50,000/-
ऋण चुकौती :ऋण वार्षिक / छमाही किस्तों में 5 से 7 वर्ष की अवधि में चुकाया जाएगा ।
(क) उत्पादन और/अथवा निवेश ऋण के लिए:
ऋण की राशि
|
मार्जिन
|
(i) एक लाख रूपए तक (अल्पावधि और मध्यावधि ऋणों के लिए)
|
कोई मार्जिन नहीं
|
(ii) 1 लाख रू. से अधिक 2 लाख रू. तक |
5%
|
(iii) 2 लाख रू. से अधिक 5 लाख रू. तक |
10%
|
(iv) 5 लाख रू. से अधिक |
25%
|
(ख) पीएनबी कृषि कार्ड योजना के अंतर्गत
ऋण की राशि |
मार्जिन
|
(i) 2 लाख रू. तक |
कोई मार्जिन नही |
(ii) 2 लाख रू. से अधिक 5 लाख रू. तक |
10%
|
(iii) 5 लाख रू. से अधिक 10 लाख रू. तक |
25%
|
(ग) कृषि क्लीनिकों/कृषि कारोबार केन्द्रों की योजना के अंतर्गत
ऋण की राशि |
मार्जिन |
(i) 5 लाख रू. तक |
कोई मार्जिन नही
|
(ii) 5 लाख रू. से अधिक |
25%
|
प्रतिभूति संबंधी मानदण्ड :
(अ) उपज ऋण / निवेश ऋण :
(i) रू.1,00,000/- तक
बैंक ऋण से उपजायी गई फ़सलों/सृजित आस्तियों का दृष्टिबंधक ;
(ii) रू.1,00,000/- से अधिक
(क) बैंक ऋण से उपजायी गई फसलों/सृजित आस्तियों का दृष्टिबंधक ;
और
(ख) सम्बध्द राज्य के कृषि परिचालन एवं विविध (प्रावधान) अधिनियम के अनुसार भूमि पर ऋण भार का सृजन/कृषीय भूमि का बंधक जो कि अन्य किसानों के लिए ऋण की राशि के 100% के बराबर तथा छोटे किसानों/सीमांत किसानों के लिए यह ऋण की राशि के 75% के बराबर होगा ।
अथवा
वैकल्पिक प्रतिभूति, उदाहरणार्थ मियादी जमा राशियों/राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्रों/किसान विकास पत्रों आदि जैसी अर्थसुलभ प्रतिभूतियों पर ऋण भार/ग्रहणाधिकार जिसे पर्याप्त माना जा सकता है ।
अथवा
तृतीय पक्ष की उपयुक्त गारंटी
(आ) कृषि क्लीनिकों और कृषि कारोबार केन्द्रों की योजना के अंतर्गत :
(i) रू.5 लाख तक
बैंक ऋण से उपजायी गई फ़सलों/सृजित आस्तियों का दृष्टिबंधक ;
(ii) रू.5 लाख से अधिक
(क) बैंक ऋण से सृजित आस्तियों का दृष्टिबंधक ;
और
(ख) सम्बध्द राज्य के कृषि और परिचालन एवं विविध (प्रावधान ) अधिनियम के अनुसार भूमि पर ऋण भार का सृजन जो कि कृषि भूमि / किसी अन्य उपयुक्त सम्पत्ति का बंधक / साम्यमूलक बंधक अन्य किसानों के लिए ऋण की राशि के 150% के बराबर तथा छोटे किसानों / सीमांत किसानों के लिए यह ऋण की राशि के 100% के बराबर होगा ।
अथवा
वैकल्पिक प्रतिभूति, उदाहरणार्थ मियादी जमा राशियों/राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्रों/ किसान विकास पत्रों आदि जैसी अर्थसुलभ प्रतिभूतियों पर ऋण भार/ग्रहणाधिकार जिसे उपयुक्त माना जाएगा ।
अथवा
तृतीय पक्ष की उपयुक्त गारंटी
स्त्रोत: पंजाब नेशनल बैंक, इन्टरनेट
अंतिम बार संशोधित : 2/11/2020
इस पृष्ठ में कृषि वानिकी सम्बंधित वृक्षों से प्राप...
इस भाग में शिशु के जन्म से एक माह तक विकास की गति ...
इस भाग में राष्ट्रीय विद्युत निधि से सम्बन्धित व...
इस भाग में भारत में चलाए जा रहे भारत सरकार द्वारा ...