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राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना

रूपांतरित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने रूपांतरित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) को मंजूरी प्रदान कर दी है। कमियों को दूर करने और इसे अधिक समग्र एवं किसानोन्मुखी बनाने के लिए राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यक परिवर्तनों/रूपांतरणों का समावेश कर रूपांतरित NAIS का निर्माण हुआ है।

रूपांतरित योजना के आरंभ होने पर यह उम्मीद की जाती है कि बड़ी संख्या में किसान कृषि उत्पादन में होने वाले जोखिम का प्रबन्धन बेहतर तरीके से कर पाएंगे और कृषि से होने वाली आय को स्थिर रखने में, खासकर प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद होने की स्थिति में, सक्षम होंगे।

कृषि उत्पादन में होने वाले विभिन्न जोखिमों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) को, किसानों को इन जोखिमों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 1999-2000 के रबी मौसम से, केन्द्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में लागू कर रहा है। इसके क्रियान्वयन से प्राप्त अनुभवों के आधार पर इसका पुनर्मूल्यांकन किया गया जिसमें योजना में निहित अनेक कमियां पाई गईं।

अनुमोदित योजना की विशेषताएं

अनुमोदित योजना की विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  1. फसलों के बीमा के लिए बीमांकिकीय प्रीमियमों का भुगतान, जिससे दावों के निपटारे का दायित्व बीमाकर्ता का होगा;
  2. मुख्य फसलों के लिए बीमा का इकाई क्षेत्र ग्राम पंचायत है;
  3. क्षतिपूर्ति की राशि फसल की बोआई/रोपण के अवरोधित होने तथा फसल कटाई के बाद चक्रवात से होने वाले नुकसानों की स्थिति में भुगतान योग्य होगी;
  4. किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए दावे के 25% का भुगतान खाते के जरिए अग्रिम किया जाएगा;
  5. ऋणी एवं गैर-ऋणी किसानों के लिए एकसमान मौसमी अनुशासन;
  6. अवसीमा उपज की गणना के लिए अधिक सक्षम आधार और 60% की बजाए 70% का न्यूनतम क्षतिपूर्ति स्तर;
  7. उन्नत विशेषताओं के साथ रूपांतरित NAIS के दो घटक होंगे- अनिवार्य और ऐच्छिक। ऋणी किसानों का बीमा ‘अनिवार्य वर्ग’ के अंतर्गत किया जाएगा जबकि गैर-ऋणी किसानों का बीमा ‘ऐच्छिक वर्ग’ के अंतर्गत किया जाएगा;
  8. पर्याप्त आधारभूत संरचना और अनुभव वाले निजी क्षेत्र के बीमाकर्ताओं को MNAIS के क्रियान्वयन की अनुमति होगी।

कॉफी ऋण राहत पैकेज

कॉफी ऋण राहत पैकेज से अनुमानित 75,000 कॉफी उत्पादक छोटे किसान लाभान्वित ।

सरकार ने कर्ज में दबे छोटे कॉफी उत्पादक किसानों के लिए कुल 241.33 करोड़ रु. के कॉफी ऋण राहत पैकेज 2010 को कार्य रूप देने को मंजूरी दे दी गई थी। कुल मिलाकर 78,665 ऋण धारक कॉफी उत्पादक किसान आकलित किये गये जिनमें से 74,929 (95%) छोटे किसान थे जिन्हें इस पैकेज के तहत छूट और शेष रकम के पुनर्निर्धारण का लाभ प्राप्त होने का अनुमान था और बाकी बचे 3736(5%) मध्यम और बड़े किसानों को ऋण के पुनर्निर्धारण का लाभ प्राप्त होगा ऐसा लक्ष्य निर्धारित किया गया था। पैकेज को कार्य रूप दिया गया और कार्यान्वयन जारी है।

कॉफी वर्षण बीमा में परिवर्तन

कॉफी वर्षण बीमा द्वारा मौसम संबंधी जोखिमों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान की जाती है। वर्षण बीमा योजना द्वारा अबतक केवल मॉनसून अवधि में हानि हुई कली/बैकिंग शॉवर्स तथा भारी वर्षा को कवर किया गया था। इस योजना को अब नवम्बर से फरवरी महीने के बीच फ़सल की कटाई के समय होने वाली गैर-मौसमी बारिश से होने वाले नुकसानों से बचाने के लिए बढ़ाया गया है और इसमें वर्तमान वर्ष 2010-11 के दौरान बेमौसम बारिश की तीव्रता के आधार पर वर्गीकृत धन वापसी होगी। वर्ष 2010 के दौरान मॉनसून तथा मॉनसून बाद के मौसम के लिए कुल 15790 कॉफ़ी उत्पादकों को कवर किया गया, जिस पर कुल 2 करोड़ रु. का प्रीमियम एकत्र हुआ, जिसका 50% सरकार का अनुदान मद होगा। यह पिछ्ले पूरे साल में कवर किए गए लगभग 5200 कॉफ़ी उत्पादकों की संख्या का तीन गुना है।

कॉफी उत्पादकों के लिए वर्षा बीमा योजना

आवश्यक आवेदन प्रपत्र

स्रोत: www.pib.nic.in,
भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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