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गेहूँ : उन्नत किस्म

गेहूँ: डब्ल्यूबी 02 (उन्नत किस्म)

  • उच्च जिंक (42.0 पीपीएम) तथा आयरन (40.0 पीपीएम) युक्त किस्म जिसमें प्रचलित किस्मों की तुलना में जिंक (32.0 पीपीएम) तथा आयरन (28.0-32.0 पीपीएम) की मात्रा अधिक है।
  • पैदावार: 51.6 क्विं./हें.
  • सिंचित अवस्था में समय से बुआई के लिए उपयुक्त
  • पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभागों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी संभाग को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिला, हिमाचल प्रदेश के पाओंटा घाटी तथा ऊना जिला, तथा उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
  • भा.कृ.अनु.प.-भारतीय गेहूँ एवं जौं अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित।

गेहूँ: एचपीबीडब्ल्यू 01 (उन्नत किस्म)

  • यह आयरन (40.0 पीपीएम) तथा जिंक (40.6 पीपीएम) की उच्च मात्रा वाली किस्म है। प्रचलित किस्मों में आयरन 28.0-32.0 पीपीएम तथा जिंक 32.0 पीपीएम होते हैं।
  • पैदावार: 51.7 क्विं./हें.
  • फसल पकने के अवधि: 141 दिन
  • सिंचित अवस्था में समय से बुआई के लिए उपयुक्त
  • पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर संभागों को छोड़कर), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी संभाग को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिला, हिमाचल प्रदेश के पाओंटा घाटी तथा ऊना जिला, तथा उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।
  • भा.कृ.अनु.प.-अखिल भारतीय गेहूँ एवं जौं समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा विकसित

स्त्रोत: भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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