অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

पंगेसियस मछली : एक परिचय

परिचय

पंगेसियस सूचि जिसका लोकप्रिय नाम “पंगास” है, वास्तव में वियतनाम देश के मेकांग नदी डेल्टा का मूल निवासी है तथा मुख्य रूप से वियतनाम, चीन थाईलैंड, कम्बोडिया, म्यांमार इत्यादि देशों में बड़े पैमाने पर पालन किया जाता है | पंगेसियस सूचि तथा पंगेसियस हेपोथेलमिस विशेष रूप से तालाबों या केज में पाली जा रही है |

भारत में पंगेसियस सर्वप्रथम पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के रस्ते थाईलैंड से 1995-96 में लायी गयी | आज यह मछली मीठे पानी में पाली जानेवाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्रजाति है | वियतनाम पंगेसियस उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान रखता है | भारत में “आंध्र-प्रदेश” पंगेसियस उत्पादन में सबसे अग्रणी राज्य है | वायुश्वासी होने के कारण पंगास कम घुलित आक्सीजन में जिन्दा रहने में सक्षम है |

पंगास मछली की बनावट

पंगास एक कैट फिश है जो आडर सीलुरीफ़ोरमीस के अंतर्गत पंगेसिडी परिवार का सदस्य है | यह प्रजाति सर्वभक्षी है, जिसका प्राकृतिक भोजन प्लवक, जलीय कीट, शैवाल, छोटी मछलियाँ इत्यादि है | इसका शरीर शल्क रहित, सिर छोटा, मुहं बड़ा, शरीर पर काले लकीर एवं आँख बड़ी होती है | बार्वेल्स (मूछें) दो जोड़ी होती है जिसमें उपरी बार्वेल्स निचली से बड़ी होती है | गिल रेकर्स विकसित अवस्था में होती है | इसका स्वीम ब्लाडर तथा त्वचा वायुश्वासी अंग का कार्य करती है |

पंगेसियस मछली की विशेषताएं

  • एस मछली का वृद्धि दर अधिक है |
  • इसकी मांग घरेलू एवं विदेशी बाजारों में है |
  • इसकी रोग निरोधक क्षमता अपेक्षाकृत ज्यादा है |
  • वयुश्वासी होने के कारण कम घुलित आक्सीजन वाले पानी में भी जिन्दा रहने में सक्षम है |
  • इसके शरीर में कांटे कम है, अत: इसे प्रसंस्करण के लिए बहुत अच्छा माना जाता है |
  • अधिक घनत्व में पालन कारन आसान है |
  • कृत्रिम भोजन बहुत आसानी से ग्रहण करती है |
  • कार्प मछलियों साथ भी पंगास का पालन किया जा सकता है |
  • जलाशयों में केज के लिए बहुत ही उपयुक्त माना गया है |

 

स्त्रोत: मत्स्य निदेशालय, झारखण्ड सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate