वर्ष 2007 में सी एम एफ आर आइ द्वारा खुले समुद्रों में पिंजरा मछली पालन शुरू करने के साथ कई चुनौतियाँ सामने आईं। देशी प्रौद्योगिकियों से पिंजरों का निर्माण व जलावतरण अंडशावकों का परिपक्वन और अंडजनन, समुद्री खाद्य मछली संततियो का उत्पादन, नर्सरी में संततियों का पालन-पोषण करके 100-150 ग्राम भार में बढ़ा देना, नर्सरी और समुद्र में अवतरण किए पिंजरों की मछलियों को खिलाने के आहार का प्रबंध, प्रदूषण आदि इन में कुच्छेक है। इन्हीं में से पिंजरों में पालित मछलियों को खिलने का के लिए आवश्यक पड़े खाद्य पर इस लेख में विचार किया गया है।
जलजीवपालन के लिए उपयोग करनेवाले खाद्य को सामान्य रूप से जीवंत गीला और शुष्क में वर्गीकृत किया है। जीवंत खाद्य जैसा पादपप्लवक और जन्तुप्लवक डिंभकों के पालन के लिए अति आवश्यक है। जीवंत और गीला खाद्य का भंडारण कर नहीं सकने के कारण दैनिक आवश्यकता के लिए खेत या हैचरी में संभाल करते हैं। शुष्क खाद्य रूपाइत खाद्य है जिसका निर्माण मशीन में विविध आकार में किया जाता है। खिलने की मछली के आकार के अनुसार इस गुटिकाकार खाद्य भी मि.मी. से 24 मि.मी. या इस से बड़ा होता है जो कि मछली के आकार के अनुसार दिया जाता है। गीले खाद्य की तुलना में शुष्क खाद्य 6 महीने तक रखा जा सकता है।
कई तरह के मिलावटी खाद्य का विकास आजकल हो रहा है।
परीक्षण में दो तरह के संघटक संयोज्यों का प्रयोग किया, ये हैं तेली संघटक संयोज्य या और तेलहीन संघटक संयोज्य। इन में तेली संघटक संयोज्य मछली, चिंगट, सीपी, स्क्विड आदि के मांस और तारली तेल का योग है। इस संयोजित खाद्य का 40% तेली संघटक संयोज्य है जिसकी तैयारी गीले मांस (स्क्विड, सीपी आदि) को 70-100०C में सुखाकर और पीसकर किया जाता है। यह संयोज्य 70० सें भंडार करता है। तेलहीन संघटक संयोज्य सोय आटा, गेहूँ आटा विटमिन सी स्पिरुलिना, मिक्सड करोटिनेड आदि एक योग है जो कि संयोजित खाद्य में 60% होता है। वांछित मात्रा में इन संयोज्यों को मिलाके 5 परीक्षणों में खाद्य का रुपयन किया था।
तेलयुक्त संघटक में आर्द्रता नहीं है ऐसा विचार करते हुए तेलरहित संघटक की आर्द्रता का आकलन नीचे के अनुसार किया गया:
NOIM का आकलित शुष्क मात्रा अंश = 89.76
आर्द्रता का प्रतिशत = 10.24
1500 NOIM में आर्द्रता का प्रतिशत = 1500 X 10.24/100 = 153.6 ml.
अंतिम संघटक में 18% आर्द्रता होने को जोड़ने
के पानी की मात्रा X + 153.6 X + 2500 = 0.18
समीकरण सुलझाने पर X का मूल्य 361.5 मि.ली. अत: 362 मि.ली. पानी है।
खाद्य निर्माण के लिए किए पाँच परीक्षणों में आर्द्रता (पानी) का अंश इस प्रकार आकलित किया: तेलहीन संघटक में पानी छिडककर अच्छी तरह संयोजित करता है, फिर 1 मि.मी. जलाक्षी की छाननी से छानकर 30 मिनट सोखने को रख जाने के बाद निकर्षण करता है।
पहले परीक्षण में तेलहीन संघटक में 18% पानी छिड़काया, सोखने दिया और निकर्षण किया। दूसरे परीक्षण में आटे में 15% पानी छिडकाने के बाद सोया आटा से मिलाया। तीसरे परीक्षण में गेहूँ और सोया आटे में 18% पानी, इसके बाद तेल और तेली संघटक से मिलाकर मिक्स्चर बनाया। पाँचवें परीक्षण में क्लाम व सीपी को छिड़कर संपूरक तेल 5% में जोड़कर 7 मि.मी. व्यास का पानी में डूबनेवाला पल्लेट का निर्माण किया।
खाद्य का निकर्षण सी एम एफ आर आइ के परीक्षणात्मक फीड मिल में ट्विन-स्क्रू एकट्रडर से किया।
संघटकों का संयोजन, निकर्षण स्थितियां, मूल्य और उत्पाद नीचे की सारणी में दिए गए हैं।
पहले परीक्षण में 18% आर्द्रता जोड़कर डूबनेवाला पेल्लेट बनाया गया है। यह सोया आटा द्वारा अधिकांश सारडीन तेल का अवशोषण से हुआ है। ऐसे होने पर गेहूँ आटा में पानी का कम अवशोषण से उसमें निहित स्टार्च का कुकिंग न हो पाने से घनत्व बढ़कर पेल्लेट नीचे डूब गया है।
दूसरे परीक्षण में गेहूँ आटे से पानी मिलाने के बाद ही सोय आटा से मिलाया। डाई का साइज़ भी 4 से 1.5 मि.मी. घटाया जिससे निकर्षण दाब से स्पेसिफिक मेकानिकल एनर्जी बढ़ गया। परिणामस्वरूप पहले से भी अच्छा व पानी में धीमी चाल में डूबने वाला भी अच्छा पेल्लेट प्राप्त हुआ।
तीसरे परीक्षण में सिर्फ साया आटा से वसा मिलाने से दूसरे से भी धीमी चाल में डूबनेवाला और अच्छा पेल्लेट प्राप्त हुआ।
पेल्लेटों को डुबाने में वसा की भूमिका ध्यान में आने पर पहले परीक्षण में वसा को छोड़ दिया जिस से प्लवकी पेल्लेट प्राप्त हुआ। डाई के जरिए 3 मि.मी. और 6 मि.मी. के पेल्लेट तैयार किया।
पाँचवें परीक्षण में संसाधन प्रक्रिया का ताप 60-70०C में करके 6 मि.मी. डयमीटर का पेल्लेट तैयार किया।
परीक्षणों से व्यक्त हुआ कि डूबनेवाला धीमी चाल में डूबनेवाला और प्लवकी पेल्लेटों का निर्माण साध्य है। पानी के निचले तल में जीनेवाले समुद्री जीव जैसे श्रिंप महाचिंगट को खिलाने के लिए डूबनेवाला पेल्लेट और ग्रूपर मछलियों को खिलाने के लिए धीरे-धीरे डूबनेवाले पेल्लेटों का उपयोग किया जा सकता है। कोबिया और शुद्ध जल कार्प मछली के लिए प्लवकी पेल्लेट अनुयोज्य है।
परीक्षणों से यह भी व्यक्त हुआ है कि प्लवकी पेल्लेटों के निर्माण के लिए 5% वसा नहीं चाहिए। इसलिए इससे कम प्रतिशत याने 4,3,2 व 1% तेल जोड़कर परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। पेल्लेट बनाने के बाद तेल ओढ़ने की रीति पर भी परीक्षण-निरीक्षण किया जाना है।
परीक्षण |
|||||
संघटक % |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
तेली संघटक संयोज्य % |
|||||
मछली मील |
15.00 |
15.00 |
15.00 |
10.00 |
25.00 |
श्रिंप मील |
10.00 |
10.00 |
10.00 |
10.00 |
10.00 |
स्क्विड मील |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
14.40 |
0.00 |
सीपी मील |
10.00 |
10.00 |
10.00 |
9.60 |
0.00 |
तारली तेल + |
5.00 |
5.00 |
5.00 |
0.00 |
5.00 |
तेलहीन संघटक संयोज्य |
|
|
|
|
|
सोया आटा |
15.00 |
15.00 |
15.00 |
15.00 |
15.00 |
गेहूँ आटा |
41.08 |
41.09 |
41.08 |
41.08 |
41.08 |
विटमिन मिक्स्चर |
0.20 |
0.20 |
0.20 |
0.20 |
0.20 |
मिनरल मिक्स्चर |
3.00 |
3.00 |
3.00 |
3.00 |
3.00 |
बी.एच.टी सोडियम मेटा |
0.10 |
0.10 |
0.10 |
0.10 |
0.10 |
बैसल्फेट |
0.10 |
0.10 |
0.10 |
0.10 |
0.10 |
विटमिन सी |
0.20 |
0.20 |
0.20 |
0.20 |
0.20 |
स्पिरूलिना |
0.30 |
0.30 |
0.30 |
0.30 |
0.30 |
मिक्सड करोटिनेड |
0.02 |
0.00 |
0.02 |
0.01 |
0.02 |
कुल |
100.00 |
100.00 |
100.00 |
100.00 |
100.00 |
निकर्षण स्थितियाँ |
|
|
|
|
|
जोड़ी गई आर्द्रता की प्रतिशत |
18 |
15 |
18 |
15 |
18 |
डाई का साइज़ (मि.मी. में) |
4 |
1.5 |
1.5 |
1.5 |
6 |
तापमान ०C |
60-80 |
80-96 |
80-90 |
80-90 |
72 |
निकर्षण किए |
540 |
520 |
426 |
450 |
420 |
खाद्य प्रकार |
डूबनेवाला |
धीमी गति में डूबने वाला |
धीमी गति में डूबने वाला |
प्लवकी |
डूबने वाला |
INR में मूल्य |
40-45 |
40-45 |
40-45 |
45-50 |
40 |
निकर्षण प्रक्रिया के जरिए खेती के लिए आवश्यक प्रकार के खाद्य चाहे पानी की गहराई स्तंभ के अनुसार प्लवकी हो या डूबनेवाले का निर्माण साध्य है।
स्रोत: केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्ची, केरल
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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