केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित किये गये कई उत्पादों में से एक फ़िश कटलेट है। इस उत्पाद को बनाने के लिए जिस मौलिक कच्चे माल की आवश्यकता होती है वह है कुक्ड फ़िश या 'फ़िश खीमा' (माँस पकड़ने वाले मशीन के द्वारा पूरी मछली में से प्राप्त किए गए माँस)।
सामग्री
बनाने की विधि
स्रोत : केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचीन
कुछ मछलियाँ ऐसी होती हैं जो ताजा मछली के रूप में बाजार में अपना प्रभाव नहीं रखती हैं लेकिन इसके पोषक मूल्य और अन्य गुणों के कारण टेबल मछलियों (खाई जाने वाली मछलियों) में इसकी तुलना की जाती है। ऐसे मछलियों का उपयोग प्रभावी तरीका से हो, यह सुनिश्चित करने की एक विधि यह है कि परोसे जाने के लिए तैयार या पकाये जाने के लिए तैयार गुण से संपन्न 'सुगम' उत्पादों का प्रसंस्करण किया जाए जिसके लिए देश और विदेश, दोनों स्थानों से बहुत ही अधिक माँग की जाती है। फ़िश बॉल ऐसा ही एक उत्पाद है जिसके लिए मछलियों के छोटे-छोटे टुकड़ों और स्टार्च का प्रयोग किया जाता है। उपयुक्त तरल माध्यम में इसका प्रसंस्करण आवृत उत्पाद या ताप-प्रसंस्कृत उत्पाद के रूप में किया जाता है।
तैयार करने की विधि
फ़िश बॉल के प्रसंस्करण के लिए यद्यपि मछली के विभिन्न जातियों के टुकड़ों का प्रयोग किया जाता है तथापि थ्रेडफिन ब्रीम (नेमिप्टेरस जैपोनिकस), पालिकोरा (ओटोलिथस अर्जेन्टुस) और बैरैक्युडा (स्फाइरैना एसपीपी) संतोषप्रद उत्पाद प्रदान करते हैं। ताजा पानी की मछलियाँ, जैसे रोहु (लैबियो रोहिता) और कतला के टुकड़ों का प्रयोग भी किया जा सकता है। हालांकि ऐसे मामलों में इंटरस्टाइटियल स्पाइन को निकालने के लिए टुकड़ों को मेकैनिकल स्ट्रेनर से होकर गुजारना होता है।
स्रोत : केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचीन
पारंपरिक रूप से नींबू, गूजबेरी, अदरख, लहसुन आदि से बने अचार का प्रयोग खाना के समय महत्वपूर्ण साइड डिश (पूरक भोजन) के रूप में किया जाता है। यद्यपि पूर्व में मछली या माँस से इस प्रकार के आचार नहीं बनाये जाते थे, तथापि आजकल इस प्रकार के उत्पाद बहुत प्रसिद्ध हो गए हैं और बाजार में आजकल कई ब्राण्ड नाम से ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं।
सामग्री
बनाने की विधि
मछली को इसके भार के 3% नमक के साथ एक समान रूप से मिला दें और 2 घंटे तक छोड़ दें। हल्का नमक वाले और आंशिक रूप से सूखे मछली का प्रयोग भी किया जा सकता है। मछली को कम से कम तेल में तलें। तली हुई मछली को अलग रखें।
बचे हुए तेल में सामग्री (सरसों, हरी मिर्च, लहसुन, अदरख) को तलें और उसमें मिर्ची पाउडर, मरीच पाउडर और हल्दी पाउडर मिला कर कम लौ पर कुछ मिनटों के लिए ठीक से मिलाएँ। उसे आग पर से हटा दें। तली हुई मछली डालकर ठीक से मिलाएं। ठंडा हो जाने पर सिरका, इलायची पाउडर, लौंग, दालचीनी, चीनी और बाकी बचे नमक डालकर सभी को ठीक से मिलाएँ। सामग्री को ठीक से मिलाने के लिए उबला और ठंडा किया हुआ पानी का उपयुक्त मात्रा में प्रयोग कर सकते हैं। इसे अब साफ व स्टेराइल ग्लास बोतल में रख दें और एसिड प्रूफ कैप (ढक्कन) से सील कर दें। यह ध्यान रखें कि बोतल में सामग्री के ऊपर तेल की एक परत बनी हुई है।
अचार को पैक करने के लिए 12 माइक्रोन पॉलिस्टर से बने और 118 माइक्रोन एलडी-एचडी को-एक्ट्रूडेड फिल्म से लैमिनेटेड किये गये मुलायम पाउचों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
सामग्री
बनाने की विधि
छिलका निकाले हुए प्रॉन को नमक (प्रॉन के वजन के अनुसार 3%) के साथ मिलाएँ और 1-2 घंटो तक धूप में सूखने के लिए छोड़ दें। बहुत ही कम तेल में प्रॉन को तलें और अलग कर लें। लहसुन, अदरख और हरी मिर्ची को बाकी बचे तेल में तलें। जब इसका रंग भूरा हो जाए तो मिर्ची पाउडर, हल्दी पाउडर डालें और कम लौ पर मिलाएं। लौ से हटा दें। प्रॉन डालें और ठीक से मिलाएँ। ठंडा होने दें और सिरका, चीनी और बाकी बचे नमक डाल दें। यदि आवश्यक हो तो 1% एसिटिक एसिड डालें ताकि सब घुल जाए। इसे अब साफ व सूखे बोतल में रख दें और ध्यान रखें कि बोतल में सामग्री के ऊपर तेल की एक परत बनी हुई है।
आचार पैक करने के लिए 12 माइक्रोन पॉलिस्टर से बने और 118 माइक्रोन एलडी-एचडी को-एक्ट्रूडेड फिल्म से लैमिनेटेड किये गए मुलायम पाउचों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
स्रोत : केंद्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचीन
कार्बोहाइड्रेट को मुख्य आधार बनाकर और मशालायुक्त या बिना मशाले के नमक व कई अन्य अवयवों से समाहित शुष्क, तलकर तुरंत खाने के लिए तैयार वेफ़र्स देश के अधिकतर भाग में प्रसिद्ध है। ऐसे उत्पादों को विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे- मलयालम में 'कोंदत्तार्ण', तमिल में 'वाठल', कन्नड़ी में 'सैंडिंग्स', तेलुगु में 'ओडियालू' और बंगाली में 'टिकिया'। फ़िश प्रोटीन से भरे ऐसे उत्पादों का रेसिपि और उसे बनाने की विधि नीचे दी गई है:
सामग्री
बनाने की विधि
इस उत्पाद को 2 वर्षों तक अच्छी स्थिति में रखा जा सकता है।
यदि आवश्यक हो तो प्रसंस्कृत मछली के माँस में अन्य सामग्री के मिश्रण के समय अपेक्षित रंग प्राप्त करने के लिए अनुमति प्राप्त भोज्य रंग (भोजन में प्रयोग किये जाने वाले रंग) का प्रयोग किया जा सकता है।
सामान्यतः इस प्रकार के उत्पाद को तेल में तलने के बाद साइड डिश के रूप में उपयोग किया जाता है।
स्रोत : केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिक संस्थान, कोचीन
मुलायम पाउचों में प्रसंस्कृत फ़िश कढ़ी का उपलब्ध होना आजकल बहुत ही अधिक मूल्य का उत्पाद माना जाता है। वर्तमान में कंटेनर के रूप में मेटल (धातु से बने) केन का उपयोग किया जाता है।
परोसे जाने के लिए तैयार फ़िश कढ़ी हेतु वर्तमान में प्रचलित भंडारण कंटेनर से हानि
परोसे जाने के लिए तैयार फ़िश कढ़ी पैक करने के लिए उन्नत विधि
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निदेशक,
केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर),
सी.आई.एफ.टी जंक्शन, मत्स्यपुरी, पी.ओ.
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अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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