অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

सिंचाई: प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं अन्य योजनाएँ

सिंचाई: प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं अन्य योजनाएँ

परिचय (क्या करें ?)

  • अच्छी कृषि पद्धतियों के माध्यम से मिट्टी और पानी का संरक्षण करें।
  • चेक बांधों और तालाबों के निर्माण द्वारा वर्षा के पानी का संचयन करें।
  • जल भराव वाले क्षेत्रों में फसल विविधिकरण अपनाएं एवं उसमें बीज उत्पादन करें और पौधशाला लगाएँ।
  • सूक्ष्म सिंचाई, प्रणाली, बूँद - बूँद (टपका) व फव्वारा से सिंचाई विधि  अपनाएं। यह 30-37% पानी बचाती है और इससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता भी बढ़ जाती है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को  वित्तीय मंत्रिमंडलीय समिति ने 1 जुलाई 2015 को 5 वर्ष (20-15-16 से 2019-20) के इए 50.000 करोड़ की राशि अनुमोदित किये हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के परिदृश्य में देश के कृषि भूमि को सिंचाई को संरक्षित स्रोत उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है ताकि पानी के प्रत्येक बूँद से अधिक से अधिक फसल उत्पादन किया जा सके तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि लाई जा सके। प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना की नीति के तहत जल स्रोतों वितरण प्रणाली (नेटवर्क) खेत स्तर पर बेहतर नीति का उपयोग और नई तकनीकी पर आधारित कृषि प्रसार एवं सूचना का व्यापक रूप से संपूर्ण सिंचाई आपूर्ति करने के लिए जिला व राज्य स्तर पर प्रयोग।

क्या पायें ?

मिट्टी सुधार के लिए सहायता

क्र. सं.

सहायता के प्रकार

सहायता का माप दंड/अधिकतम सीमा

स्कीम

1.

सिंचाई की पाइपें

लागत का 50%, रू. 50/- पति मीटर एचडीपीई पाईप के लिए,  रू. 35/- प्रति मीटर पीवीसी पाईप के लिए तथा रू. तथा रू. 20/- प्रति मीटर एचडीपीई लेमिनेटिड  ओपन समतल ट्यूब के लिए सीमित हैं।

बीजीआरईआई/एमएमओओपी

2.

ऑइलपाम के लिए बूँद –बूँद (टपका) सिंचाई प्रणाली

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के दशा निर्देश के अनुसार

एनएमओओपी

3.

प्लास्टिक/आरसीसी आधारित जल Sसंचयन रचना/खेत तालाब/ सामुदायिक टैंक निर्माण (100 X X Xमीटर  X X100 X X Xमीटर  X  3 मीटर) छोटे आकार के तालाब/टैंक के लिए अनुपातिक आधार पर जो कमांड  एरिया पर निर्भर होगी, की लागत स्वीकार्य होगी।

10 हेक्टेयर कमांड एरिया के लिए 500 माइक्रोन प्लास्टिक लाइनिंग/आरसीसी लाइनिंग के लिए मैदानी क्षेत्रों में रू. 20.00 लाख प्रति इकाई और पहाड़ी क्षेत्रों में रू. 25.00 लाख प्रति इकाई

एनएचएम/एचएमएनईएच एम्आईडीएच की एक उपयोजना

4.

व्यक्तिगत आधार पर खेत तालाब/कूएँ में जल संचयन (20 मी. X 20 मी. X  3 मी. परिमाप) छोटे आकार के खेत तालाब/कूएँ के लिए लागत अनुपातिक आधार पर स्वीकार्य होगी।

02 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र के लिए 300 माइक्रोन प्लास्टिक लाइनिंग/आरसीसी लाइनिंग के लिए मैदानी क्षेत्र में रू. 1.50 लाख प्रति लाभार्थी और पहाड़ी क्षेत्रों में रू. 1.80 लाख प्रति लाभार्थी

एनएचएम/एचएमएनईएच एम्आईडीएच की एक उपयोजना

5.

दलहनों एवं गेहूं के लिए फब्बारा सिंचाई सेट

रू. 10,000/हे. अथवा लागत का 50% जो भी कम हो

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन

6.

क) ऑइल पाम के खेत

में बोर वेल का निर्माण

ख) जल संचयन संरचना/तालाब

एनएमएमए दिशानिर्देशों के अनुसार सयता अर्थात लागत का 50% इस शर्त पर कि ये गंभीर, अर्द्ध गंभीर एवं अधिक शोषित भूजल क्षेत्र में स्थापित नहीं किए जाएंगे, अधिकतम सीमा रू. 25,000/- प्रति बोरवेल/नलकूप लागत का 50% (निर्माण लागत मैदानी क्षेत्रों के लिए रू. 125/- एवं पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 150/- प्रति घन मीटर) जो लाइनिंग सहित मैदानी क्षेत्र के लिए रू. 75,000/- और पहाड़ी क्षेत्र के लिए रू. 90,000/- तक सीमित होगा

एनएमओओपी

7.

पंप सेट

रू. 10,000/- प्रति मशीन या लागत का 50% जो भी कम हो

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा  एवं बीजीआरईआई

8.

बीजीआरईआई के  तहत कुओं/वोरवेलों  का निर्माण

लागत का 100%, जो रू. 30,000/- तक सीमित है।

पूर्वी भारत में हरित क्रांति लाना (बीजीआरईआई)

9.

उथले नलकूप

लागत का 100% जो रू. 12,000/- तक सीमित है।

बीजीआरईआई

10.

10 हार्सपावर तक के पंप सेट

रू. 10,000/- प्रति पंप सेट या  लागत का 50%, जो भी कम हो

बीजीआरईआई

11.

मोबाइल रेन गन

रू. 15,000/- प्रति मोबाइल रेन गन या  लागत का 50%, जो भी कम हो

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा  एवं बीजीआरईआई

 

राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) के अंतर्गत जल प्रबंधन

क्र. सं.

सहायता के प्रकार

सहायता का मापदंड/अधिकतम सीमा

स्कीम

1.

जल संचयन एवं प्रबंधन

 

1.1क.

व्यक्तिगत स्तर पर जल संचयन पद्धति

लागत का 50% (मैदानी क्षेत्र में निर्माण लागत रू. 125/- प्रति घन मीटर और पहाड़ी क्षेत्र में रू. 150/- प्रति घन मीटर) जो लाइनिंग सहित मैदानी क्षेत्र के लिए रू. 75000/- और पहाड़ी क्षेत्र के लिए रू. 90,000/- तक सीमित होगी। छोटे आकार के तालाब/कुओं खोदने के लिए लागत अनुपातिक आधार पर स्वीकार्य होगी। बिना लाइनिंग के तालाब/कुओं की लागत 30% कम होगी।

एनएम्एसए

2.1 ख.

मनरेगा/डब्ल्यू एसडीपी आदि के अंतर्गत निर्मित तालाब/टैंकों की लाइनिंग

प्लास्टिक/आरसीसी लाइनिंग लागत का 50% प्रति तालाब/टैंक/कुओं जो 25.000/- तक सीमित।

तदैव

1.2

सामुदायिक जल संचयन निर्माण समुदायिक टैंको/खेत तालाब/चेक डेम/कूंडों का सार्वजनिक भूमि पर प्लास्टिक/आरसीसी लाइनिंग के प्रयोग से निर्माण

10 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र के लिए अथवा किसी अन्य छोटे आकार के लिए कमांड क्षेत्र के अनुसार अनुपातिक आधार पर लागत का 100, जो मैदानी क्षेत्र में रू. 20 लाख प्रति यूनिट और पहाड़ी क्षेत्र में रू. 25 लाख प्रति यूनिक तक सीमित होगा बिना लाइन वाले तालाब टैंक की लागत 30% कम होगी।

तदैव

1.3

ट्यूब वेल/बोरवेल (उथला/माध्यम) का निर्माण

कुल लागत का 50% जो रू. 25,000/- प्रति इकाई तक सीमित होगा।

तदैव

1.4

छोटे तालाब की मरम्मत/नवीनीकरण

नवीनीकरण लागत का 50% जो रू. 15,000/- प्रति इकाई तक सीमित होगा।

तदैव

1.5

पाइप/प्रीकॉस्ट वितरण प्रणाली

इस प्रणाली की कुल लागत का 50% जो रू. 10.000/- प्रति हेक्टेयर और प्रति लाभार्थी अथवा समूह अधिकतम 4 हेक्टेयर के प्लाट तक सीमित होगा।

तदैव

1.6

जल उत्थापन यंत्र (विद्युत, डीजल, वायु सौर ऊर्जा से चलने वाले)

स्थापना लागत का 50% जो रू. 15,000/- प्रति विधुत/ डीजल इकाई तथा रू. 50,000/- प्रति सौर/ वायु इकाई तक सीमित होगा

 

1.7

पाली लाइनिंग तथा सुरक्षात्मक बाड़ द्वितीय भण्डारण संरचना हेतु

लागत का 50% जो रू. 100/- घन मीटर की भण्डारण क्षमता तक और अधिकतम अनुदान अनुदान सहायता रू. 2 लाख प्रति लाभार्थी तक सीमित।

तदैव

1.8

सुरक्षित बाढ़ युक्त ईंट/सीमेंट/कंक्रीट द्वारा निर्मित द्वितीयक भंडारण संरचना

लागत का 50% जो रू. 350/- घन मीटर की भण्डारण क्षमता तक और अधिकतम अनुदान अनुदान सहायता रू. 2 लाख प्रति लाभार्थी तक सीमित।

तदैव

2.

बूँद – बूँद (टपका) सिंचाई

गैर डीपीएपी/डीडीपी क्षेत्रों के अंतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए स्थापना लागत का 45% एवं अन्य कृषकों के लिए 35% की सहायता दी जाएगी। डीपीएपी/डीडीपी/ उत्तर पूर्वी एवं हिमालयीन राज्यों के अंतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए कुल स्थापना लागत का 60% एवं अन्य कृषकों के लिए  45% की सहायता राशि दी जाएगी। (डीपीएपी – सूखाग्रस्त क्षेत्र कार्यक्रम, डीडीपी- मरूस्थल विकास कार्यक्रम उत्तर पूर्व एवं हिमालयी राज्य) सहायता की अधिकतम सीमा मानक स्थापना लागत के पैटर्न के अनुसार सीमित होगी। अधिक अन्तराल वली फसलों के लिए लिए मानक स्थापना लागत का रू. 23,500 से रू. 58,400 प्रति हेक्टेयर और कम अन्तराल वाली फसलों के लिए रू. 85,400 से रू. 1,00,000 प्रति हेक्टेयर होगी। फिर भी, फसल के फासले और भूमि के आकार के अनुसार लागत भिन्न-भिन्न रहेगी। अधिकतम सहायता प्रति लाभार्थी/समूह 5 हेक्टेयर तक सीमित होगी।

प्रति बूँद ज्यादा फसल घटक प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना

3.

फव्वारा (स्प्रिंकलर) सिंचाई

विभिन्न श्रेणी के किसानों के लिए विभिन्न क्षेत्र में सहायता का प्रकार स्प्रिंकलर सिंचाई के अनुरूप है।

सहायता की अधिकतम सीमा मानक स्थापना लागत का पैटर्न के अनुसार सीमित होगी। माइक्रो स्प्रिंकलर के लिए मानक स्थापना लागत रू. 59,900/- प्रति हेक्टेयर, मिनी स्प्रिंकलर के लिए रू. 85.200/- प्रति हेक्टेयर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर के लिए रू. 19,600/- प्रति हेक्टेयर और अधिक आयतन वाले स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम (रेन गन) के लिए रू. 31,600/- प्रति हेक्टेयर होगी। अधिकतम सहायता प्रति लाभार्थी/ समूह 5 हेक्टेयर तक होगी।

तदैव

किससे संपर्क करें?

जिला कृषि अधिकारी/जिला मृदा संरक्षण अधिकारी/परियोजना निदेशक (आत्मा) जिला फलोत्पादन अधिकारी

 

स्त्रोत: कृषि,सहकारिता और किसान कल्याण विभाग,भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 3/15/2023



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate